राजस्थान वन रिपोर्ट 2019
• रिपोर्ट का नाम - भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019
• यह रिपोर्ट भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) - देहरादून (1981) द्वारा प्रत्येक 2 वर्ष में तैयार की जाती है।
FSI, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन आता है।
• जारीकर्ता - पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
• पहली रिपोर्ट 1987 में जारी की गई थी।
• 30 दिसंबर 2019 को 16वीं भारत वन स्थिति रिपोर्ट जारी की गई।
• इस रिपोर्ट को जारी करने में भारतीय दूर संवेदी उपग्रह रिसोर्स सैट -2 से प्राप्त आंकड़ों का प्रयोग किया जाता है।
वनावरण या वन क्षेत्र या Forest cover
वह सभी भूमि जिसका क्षेत्रफल 1 हेक्टेयर से अधिक हो और वृक्ष घनत्व 10 % से अधिक हो वनावरण कहलाता है। भूमि का स्वामित्व व कानूनी दर्जा इसे प्रभावित नहीं करता है। यह आवश्यक नहीं है कि इस प्रकार की भूमि अभिलेखित वन में सम्मिलित हो।
वृक्षावरण या वृक्षों से आच्छादित क्षेत्र या Tree cover
इसमें अभिलेखित वन क्षेत्र के बाहर 1 हेक्टेयर से कम आकार के वृक्ष खंड आते हैं।
वृक्ष आवरण में सभी प्रकार के वृक्ष आते हैं, जिनमें छितरे हुए वृक्ष भी सम्मिलित हैं।
राजस्थान में वन
• वन रिपोर्ट 2019 के अनुसार राजस्थान में अभिलेखित वन 32737 वर्ग किलोमीटर है, जो कि इसके कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 9.57% है।
• अभिलेखित वन क्षेत्र के अनुसार राजस्थान का देश में 25वां स्थान है।
वन | क्षेत्र | प्रतिशत |
सर्वाधिक
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आरक्षित वन
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12475 वर्ग किमी
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38.11%
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उदयपुर
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रक्षित वन
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18217 वर्ग किमी
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55.64%
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बारां
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अवर्गीकृत वन
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2045
वर्ग किमी
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6.25%
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बीकानेर
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कुल अभिलेखित वन
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32737 वर्ग किमी
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100 %
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वनावरण में वर्ष 2017 की तुलना में 57.51 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है।
• वन रिपोर्ट 2019 के अनुसार राजस्थान में कुल वृक्षावरण 8112 वर्ग किमी है, जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 2.36% है। वृक्षावरण में वर्ष 2017 की तुलना में 154 वर्ग किमी की कमी हुई है।
• राजस्थान में कुल वनावरण एवं वृक्षावरण 24742 वर्ग किमी है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 7.22% है।
वनावरण
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वृक्षावरण
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कुल वनावरण एवं वृक्षावरण
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जबकि 4 जिलों (करौली, चूरू, दौसा, धौलपुर) में स्थिरता देखी गई।
राज्य में घनत्व के आधार पर वनों की स्थिति
अत्यधिक सघन वन (VDF)
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78 वर्ग किमी
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0.02%
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मध्यम सघन वन (MDF)
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1.27%
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खुले वन (OF)
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3.57%
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कुल वनावरण
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4.86%
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कुल झाड़ी क्षेत्र (Scrub)
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1.39%
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राज्य के कुल वन क्षेत्र में सर्वाधिक एवं न्यूनतम वन क्षेत्र वाले जिले -
जिलों के भौगोलिक क्षेत्रफल के प्रतिशत के अनुसार सर्वाधिक एवं न्यूनतम वन क्षेत्र वाले जिले -
सर्वाधिक एवं न्यूनतम झाड़ी क्षेत्र वाले जिले -
वन स्थिति रिपोर्ट 2017 की तुलना में वनावरण क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि एवं सर्वाधिक कमी वाले जिले -
• राजस्थान में 1874 वर्ग किमी बांस क्षेत्र है।
• स्वतंत्रता से पूर्व राजस्थान में पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध हेतु 1910 में जोधपुर रियासत में वन संरक्षण योजना लागू की गई।
• इसके बाद 1910 में ही टोंक रियासत ने शिकार पर रोक लगाने के लिए शिकार एक्ट लागू किया।
• राजस्थान में 1949-50 में वन विभाग की स्थापना की गई। इसका मुख्यालय जयपुर में है।
• राजस्थान में सर्वप्रथम अलवर रियासत ने वन अधिनियम 1935 बनाया था। जिसे आजादी के बाद 1953 में पारित कर राजस्थान वन अधिनियम बनाया गया।
• 42वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा वनों को समवर्ती सूची में शामिल किया गया। इससे पहले वन राज्य सूची का विषय था।
यह राज्य के पश्चिमी भाग में पाई जाती है, जहां औसत वर्षा 25 सेमी से कम होती है।
यह अत्यंत कंटीली पत्तियों से युक्त एवं कठोर तनों वाली होती है।
उदाहरण - नागफनी (केक्टस), ग्वारपाठा (ऐलोविरा), सेवण घास, धामण, करज, निप्पण घास।
सेवण प्रोटीन युक्त घास है, जिसका वैज्ञानिक नाम लसियारूस सिडीकस है।
जैसलमेर के कुलधरा गांव में कैक्टस गार्डन स्थापित किया गया है।
2. अर्ध शुष्क वन
यह राज्य के सर्वाधिक क्षेत्र में विस्तृत है, जहां औसत वर्षा 25 से 50 सेंटीमीटर होती है।
उदाहरण - खेजड़ी, रोहिडा, खेर
• खेजड़ी का वैदिक नाम शमी है तथा इसे राजस्थानी भाषा में जांटी कहते हैं।
• विजयादशमी के दिन खेजड़ी के वृक्ष की पूजा की जाती है।
• दीर्घायु वनस्पति होने के कारण इसे राजस्थान का कल्पवृक्ष भी कहते हैं।
• खेजड़ी की फली को सांगरी तथा पत्तियों को लूम कहते हैं।
• राजस्थान में सर्वाधिक खेजड़ी वृक्ष की अधिकता जोधपुर जिले में है।
खेजड़ली बलिदान
1730 में जोधपुर रियासत के खेजड़ली गांव में अमृता देवी के नेतृत्व में विश्नोई समाज के 363 व्यक्तियों ने खेजड़ी वृक्षों की रक्षा में प्राणोत्सर्ग किया। इस समय जोधपुर के राजा अभयसिंह थे।
इस घटना की याद में खेजड़ली गांव में भाद्रपद शुक्ल दशमी को मेला लगता है।
पचकूटा - कचरी, कुमट, गुंदा फूल, सांगरी
• रोहिडा को मरुस्थल का सागवान, मरू शोभा, मारवाड़ का टीक भी कहते हैं।
• इस पर केसरिया रंग के फूल आते हैं।
राजस्थान में सर्वाधिक वन किस जिले में है ? - उदयपुर
राजस्थान में न्यूनतम वन किस जिले में है ? - चुरू
भारत में सबसे ज्यादा वन मध्यप्रदेश और सबसे कम हरियाणा में है।
वर्ग किमी
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जिलों के भौगोलिक क्षेत्रफल के प्रतिशत के अनुसार सर्वाधिक एवं न्यूनतम वन क्षेत्र वाले जिले -
सर्वाधिक एवं न्यूनतम झाड़ी क्षेत्र वाले जिले -
वन स्थिति रिपोर्ट 2017 की तुलना में वनावरण क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि एवं सर्वाधिक कमी वाले जिले -
• राजस्थान में 1874 वर्ग किमी बांस क्षेत्र है।
• स्वतंत्रता से पूर्व राजस्थान में पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध हेतु 1910 में जोधपुर रियासत में वन संरक्षण योजना लागू की गई।
• इसके बाद 1910 में ही टोंक रियासत ने शिकार पर रोक लगाने के लिए शिकार एक्ट लागू किया।
• राजस्थान में 1949-50 में वन विभाग की स्थापना की गई। इसका मुख्यालय जयपुर में है।
• राजस्थान में सर्वप्रथम अलवर रियासत ने वन अधिनियम 1935 बनाया था। जिसे आजादी के बाद 1953 में पारित कर राजस्थान वन अधिनियम बनाया गया।
• 42वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा वनों को समवर्ती सूची में शामिल किया गया। इससे पहले वन राज्य सूची का विषय था।
राजस्थान की वनस्पति के विभिन्न प्रकार
1. मरूदभिद वन / कंटीले वनयह राज्य के पश्चिमी भाग में पाई जाती है, जहां औसत वर्षा 25 सेमी से कम होती है।
यह अत्यंत कंटीली पत्तियों से युक्त एवं कठोर तनों वाली होती है।
उदाहरण - नागफनी (केक्टस), ग्वारपाठा (ऐलोविरा), सेवण घास, धामण, करज, निप्पण घास।
सेवण प्रोटीन युक्त घास है, जिसका वैज्ञानिक नाम लसियारूस सिडीकस है।
जैसलमेर के कुलधरा गांव में कैक्टस गार्डन स्थापित किया गया है।
2. अर्ध शुष्क वन
यह राज्य के सर्वाधिक क्षेत्र में विस्तृत है, जहां औसत वर्षा 25 से 50 सेंटीमीटर होती है।
उदाहरण - खेजड़ी, रोहिडा, खेर
खेजड़ी (प्रोसेपिस सिनैरेरिया)
• 1983 में इसे राज्य वृक्ष घोषित किया गया।• खेजड़ी का वैदिक नाम शमी है तथा इसे राजस्थानी भाषा में जांटी कहते हैं।
• विजयादशमी के दिन खेजड़ी के वृक्ष की पूजा की जाती है।
• दीर्घायु वनस्पति होने के कारण इसे राजस्थान का कल्पवृक्ष भी कहते हैं।
• खेजड़ी की फली को सांगरी तथा पत्तियों को लूम कहते हैं।
• राजस्थान में सर्वाधिक खेजड़ी वृक्ष की अधिकता जोधपुर जिले में है।
खेजड़ली बलिदान
1730 में जोधपुर रियासत के खेजड़ली गांव में अमृता देवी के नेतृत्व में विश्नोई समाज के 363 व्यक्तियों ने खेजड़ी वृक्षों की रक्षा में प्राणोत्सर्ग किया। इस समय जोधपुर के राजा अभयसिंह थे।
इस घटना की याद में खेजड़ली गांव में भाद्रपद शुक्ल दशमी को मेला लगता है।
पचकूटा - कचरी, कुमट, गुंदा फूल, सांगरी
रोहिड़ा (टिकोमेला अण्डुलेटा)
• 1983 में से राज्य पुष्प का दर्जा दिया गया।• रोहिडा को मरुस्थल का सागवान, मरू शोभा, मारवाड़ का टीक भी कहते हैं।
• इस पर केसरिया रंग के फूल आते हैं।
राजस्थान में सर्वाधिक वन किस जिले में है ? - उदयपुर
राजस्थान में न्यूनतम वन किस जिले में है ? - चुरू
भारत में सबसे ज्यादा वन मध्यप्रदेश और सबसे कम हरियाणा में है।
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👉 राजस्थान की योजनाएं 2021 |
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2 Comments
Tnx sir
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