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राजस्थान में उद्योग। कच्चा माल आधारित उद्योग

Industry in Rajasthan


राजस्थान में उद्योग

उद्योगों के प्रकार

(A) स्वामित्व के आधार पर:-
1. निजी क्षेत्र के उद्योग:- स्वामित्व और संचालन एक व्यक्ति या व्यकितयों के समूह द्वारा।

2. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग:- इनका स्वामित्व और संचालन सरकार द्वारा होता है।
(A) केंद्र सरकार के उपक्रम
• हिंदुस्तान मशीन टूल्स (HMT)
• हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड - देबारी (उदयपुर)
• हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड - खेतड़ी (झुंझुनू)
• हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड - जयपुर।
• मॉर्डन बेकरी - जयपुर।
• ड्रग्स व फार्मास्युटिकल्स - जयपुर।
• इंस्ट्रुमेंटेशन - कोटा।

(B) राज्य सरकार के उपक्रम
• राजस्थान वित्त निगम (RFC) - 1955
• कृषि भण्डारण निगम - 1957
• राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) - 1964
• राजस्थान हाउसिंग बोर्ड निगम (RHB) - 1970
• राज्य कृषि विपणन बोर्ड - 1974
• राज्य भूमि विकास निगम - 1975

• राजस्थान स्टेट माइंस एंड मिनरल्स लिमिटेड (RSMML) - उदयपुर।
• Rajasthan Electronics and Instruments Ltd. (REIL) - कनकपुर (जयपुर)

3. संयुक्त क्षेत्र के उद्योग:- निजी + सार्वजनिक

4. सहकारी क्षेत्र के उद्योग:- इनका स्वामित्व और संचालन कच्चे माल के उत्पादकों या पूर्तिकारो, कामगारों अथवा दोनों द्वारा होता हैं।
जैसे:- आनंद मिल्क यूनियन लिमिटेड।

(B) आकार के आधार पर:- MSME
1. वृहद उद्योग
2. मध्यम उद्योग
3. लघु उद्योग
4. अतिलघु/सूक्ष्म उद्योग।
 
 MSME
 सूक्ष्म
 लघु
 मध्यम
 निवेश
 < 1 करोड़
 < 10 करोड़
 < 50 करोड़
 टर्नओवर
 < 5 करोड़
 < 50 करोड़
 < 250 करोड़
 
(C) कच्ची सामग्री पर आधारित उद्योग:-

 उद्योग
 उदाहरण
1. कृषि आधारित
खाद्य संसाधन, वनस्पति तेल, सूती वस्त्र, डेयरी उद्योग, चीनी उद्योग, बायोडीजल, जैतून तेल।
2. खनिज आधरित
लौह इस्पात, रत्न व आभूषण, सीमेंट उद्योग, चीनी मिट्टी के बर्तन, मार्बल, ग्रेनाइट, अभ्रक।
3. वन आधारित
इमारती लकड़ी, कागज, लाख।
4. पशु आधारित
चमड़ा, ऊन, मांस, डेयरी उद्योग।
5. समुद्र आधारित
नमक उद्योग, मत्स्य उद्योग, समुद्री सीपियों से सजावटी सामान का निर्माण। 
6. रसायन आधारित
 पेट्रो रसायन, नमक, प्लास्टिक, कृत्रिम रेशा। 
7. इंजीनियरिंग उद्योग
 

उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक:-
कच्चे माल की उपलब्धता, संचार, परिवहन, भूमि, विद्युत, श्रम, पूँजी, बाजार, जल।

राजस्थान में सूती वस्त्र उद्योग
• सूती वस्त्र उद्योग राजस्थान का परम्परागत व पारम्परिक उद्योग है। राज्य में ग्रामीण जनसंख्या को रोजगार उपलब्ध करवाने वाला यह प्रमुख निर्माण उद्योग है। 
राजस्थान की प्रथम सूती वस्त्र मिल 'दी कृष्णा मिल्स लिमिटेड' ब्यावर में 1889 में सेठ दामोदर दास व्यास द्वारा निजी क्षेत्र में स्थापित की गयी थी। 
मेवाड़ टेक्सटाइल्स मिल्स - 1938 (भीलवाड़ा)
महाराजा उम्मेद सिंह मिल्स - 1942 (पाली)
राजस्थान की सबसे बड़ी सूती वस्त्र मिल महाराजा उम्मेद सिंह मिल्स है।
सार्दुल टेक्सटाईल लिमिटेड -1946 (श्रीगंगानगर)

सार्वजनिक क्षेत्र की सूती मिले:- 
1. एडवर्ड मिल्स - 1906 (ब्यावर)
2. श्री महालक्ष्मी मिल्स - 1925 (ब्यावर)
3. श्री विजय कॉटन मिल्स (विजयनगर, अजमेर)

सहकारी क्षेत्र की सूती मिले:-
1. गुलाबपुरा सहकारी मिल‌ (भीलवाड़ा)
2. गंगापुर सहकारी मिल‌ (भीलवाड़ा)
3. श्री गंगानगर सहकारी कताई मिल‌ (हनुमानगढ़)

• भीलवाड़ा को वस्त्र उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का मेनचेस्टर व वस्त्र नगरी कहा जाता है। 
भीलवाड़ा में सर्वाधिक सूती वस्त्र मिले स्थापित की गई है।

• आजादी के बाद किशनगढ़, विजयनगर, गुलाबपुरा, जयपुर, भवानीमण्डी, कोटा, उदयपुर, भीलवाड़ा व बांसवाड़ा आदि केन्द्रों पर सूती वस्त्र मिले स्थापित की गई। 
आदित्य मिल्स लिमिटेड - किशनगढ़, (अजमेर)।
राजस्थान टेक्सटाईल्स मिल्स - भवानीमण्डी।
बांसवाड़ा सिन्टेक्स - (बांसवाड़ा)
मयूर मिल्स लिमिटेड - (बांसवाड़ा)
राजस्थान स्पिनिंग एण्ड विविंग मिल्स लिमिटेड, ऋषभदेव आदि।

राजस्थान में सूती वस्त्र उद्योग की समस्याएं:-
राजस्थान में सूती वस्त्रों के उत्पादन में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन फिर भी इस उद्योग की कुछ समस्याएं है, जो इस प्रकार है -
कच्चे माल की आपूर्ति, शुष्क जलवायु, ऊर्जा की कमी, पुरानी व छोटे आकार की मशीनें, पूंजी की कमी, अप्रशिक्षित एवं अकुशल श्रमिक, यातायात एवं परिवहन के साधनों का अभाव आदि।

राजस्थान में सीमेंट उद्योग
• राज्य में सीमेंट उद्योग के लिए सबसे अनुकूल स्थितियां चितौड़गढ़ एवं सवाई माधोपुर जिलों में है। 
• राजस्थान में सीमेंट उत्पादन में प्रथम स्थान:- चित्तौड़गढ़
• चूना पत्थर, कोयला, जिप्सम का प्रयोग सीमेंट उत्पादन में किया जाता है।
• राजस्थान के दक्षिणी-पश्चिमी जिलों में सीमेंट उद्योग का विकास हुआ है, जिसके कारण निम्नलिखित है -
कच्चे माल की उपलब्धता, नहरी जल की उपलब्धता, वैकल्पिक ऊर्जा के स्रोतों से उर्जा की प्राप्ति।

• राजस्थान में सर्वप्रथम सीमेंट कारखाने की शुरुआत 1915 में ACC कंपनी द्वारा लाखेरी (बूंदी) में की गई।

सर्वाधिक सीमेंट उत्पादन:- J.K. सीमेंट, निम्बाहेड़ा (चित्तौड़गढ़)
सबसे कम सीमेंट उत्पादन:- श्रीराम सीमेंट, श्री रामनगर (कोटा)
दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा सीमेंट का कारखाना:- जयपुर सीमेंट उद्योग लिमिटेड (सवाईमाधोपुर)
आदित्य सीमेंट - चित्तौड़गढ़
बिनानी सीमेंट - पिंडवाडा‌ (सिरोही) BPS
अंबुजा सीमेंट - पाली
बांगड सीमेंट - पाली
हिंदुस्तान सीमेंट - डबोक (उदयपुर)
मंगलम सीमेंट - मोड़क (कोटा) MMK
श्री सीमेंट - ब्यावर (अजमेर)

सफेद सीमेंट कारखाना:-
• JK white सीमेंट - गोटन (नागौर) - प्रथम कारखाना
• Birla white सीमेंट - खारिया खंगार, भोपालगढ़ (जोधपुर)
यह सफेद सीमेंट का सबसे बड़ा कारखाना है।
• लाफार्ज इंडिया सीमेंट - मांगरोल (चित्तौड़गढ़)

राजस्थान में छोटे सीमेंट कारखाने अधिक स्थापित किए गए हैं, जिसके कारण निम्नलिखित है -
लागत कम आना, राज्य में चूना पत्थर के भंडार, बिजली की कम खपत।

सीमेंट उद्योग के विकास में बाधाएं:-
पुरानी उत्पादन तकनीक, कोयले की कमी, ब्रॉडगेज की कमी, विद्युत की अनियमित आपूर्ति व अपर्याप्त मांग।

इससे आगे के नोट्स
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• कृषि आधारित उद्योग
• कच्ची सामग्री पर आधारित उद्योग
• खनिज आधारित उद्योग
• निर्यात सामग्री
• लघु उद्यम एवं विकास संस्थायें
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2 Comments

  1. आर्थिक समीक्षा सहित अपडेट है क्या इस पीडीएफ में? जब मैं दोस्तों को शेयर करूँ वरना किसी का कोई सवाल गलत हुआ तो मुझे दोष मिलेगा

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