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यूनेस्को की भू-पार्क एवं भू-धरोहर स्थल संकल्पना : राजस्थान में संभावनाएं

राजस्थान में भू-धरोहर स्थल


यूनेस्को की भू-पार्क एवं भू-धरोहर स्थल संकल्पना : राजस्थान में संभावनाएं

भू-पार्क (Geo-Park)
यूनेस्को ग्लोबल जियोपार्क एकल, एकीकृत भौगोलिक क्षेत्र हैं जहां संरक्षण, शिक्षा और सतत विकास की समग्र अवधारणा के साथ अंतरराष्ट्रीय भूवैज्ञानिक महत्व के स्थलों और परिदृश्यों का प्रबंधन किया जाता है।
• यह Bottom-up View है, जिसमें स्थानीय समुदायों को शामिल करते हुए सतत विकास किया जाता है।

विशेषताएं:-
1. उस क्षेत्र के स्थानीय लोगों को अपने क्षेत्र पर गर्व करने का मौका मिलता है और विश्व स्तर पर पहचान दिलाता है।
2. सतत भू-पर्यटन (Sustainable geo-tourism) को बढ़ावा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है।
3. सतत विकास की प्रक्रिया में स्थानीय लोग शामिल

Geo-diversity
पृथ्वी की सामग्रियों एवं रूपों (खनिज, चट्टान, जीवाश्म, स्थलाकृति, अवसाद, जल और मिट्टी) में पाई जाने वाली विविधता को भू-विविधता कहते हैं।
• यह पृथ्वी की उत्पत्ति एवं निर्माण की प्रक्रिया को समझने में सहायक होती है।

भू-पर्यटन (Geo-tourism)
भूवैज्ञानिक आकर्षणों और स्थलों से जुड़ा पर्यटन, भू-पर्यटन कहलाता है।
• भू-पर्यटन एक ऐसा पर्यटन है, जो किसी स्थान की भौगोलिक विशेषताओं (जैसे- उसका पर्यावरण, संस्कृति, सौंदर्यशास्त्र, विरासत और उसके निवासियों की भलाई आदि) को बढ़ावा देने में मदद करता है।

Geo-heritage sites
वैज्ञानिक, शैक्षिक एवं प्राकृतिक सौंदर्य की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों को यूनेस्को द्वारा जियो हेरिटेज साइट घोषित किया जाता है।
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) भारत में जियो हेरिटेज साइट की पहचान और संरक्षण का कार्य करता है।

• GSI द्वारा राजस्थान की 12 साइटों को जियो हेरिटेज साइट घोषित किया गया है।

1. जावर (उदयपुर)
2. रामगढ़ क्रेटर (बारां)
यह दोनों राजस्थान की नवीनतम जियो हेरिटेज साइट है, जिन्हें 2016 में घोषित किया गया।
3. ऑकल फॉसिल वुड पार्क (जैसलमेर)
4. जोधपुर ग्रुप मालाणी आग्नेय चट्टानें (जोधपुर)
5. Welded tuff (जोधपुर)
6. Stromatolite park (झामरकोटडा, उदयपुर)
7. Stromatolite park (भोजुंडा, चित्तौड़गढ़)
8. Great Boundary Fault (सातूर, बूंदी)
9. गोसाण राजपुरा दरीबा (राजसमंद)
10. सैंड्रा ग्रेनाइट (पाली)
11. Bar Conglomerate (पाली)
12. नेफेलाइन साइनाइट (किशनगढ़, अजमेर)

अन्य संभावनाएं
• चंबल के बीहड़ स्थलाकृतियां
• बैथोलिथ संरचना (आबू पर्वत)
• जल पट्टी (सरस्वती नदी के भूगर्भिक अवशेष)
• माईकाशिष्ट चट्टाने

निष्कर्ष:-
निर्माण गतिविधि, खुदाई, अपशिष्ट निपटान तथा मानव हस्तक्षेप के कारण इन भू-स्थलों की स्थिरता प्रभावित हो रही है। यद्यपि INTACH वर्तमान में इस क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण भू-वैज्ञानिक और सांस्कृतिक स्थलों की सुरक्षा के प्रति सार्वजनिक जागरूकता अभियान चला रहा है।
(INTACH - Indian National Trust for Art and Cultural Heritage)

बारां का रामगढ़ क्रेटर बना विश्व भू विरासत
2021 में विश्व के क्रेटर को मान्यता देने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था अर्थ इंपैक्ट डाटाबेस सोसाइटी ऑफ़ कनाडा ने बारां के रामगढ़ क्रेटर को विश्व भू विरासत के 200वें क्रेटर के रूप में मान्यता दी है।
• यह देश का तीसरा और राजस्थान का पहला क्रेटर बना है।
• रामगढ़ क्रेटर का व्यास 3.2 किमी और यह 200 मीटर ऊंची अंगूठीनुमा संरचना में फैला है।

प्रश्न.भू-धरोहर स्थल की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए तथा राजस्थान में इसकी संभाव्यता पर प्रकाश डालिए ?
Explain the concept of Geo-heritage and highlight its potentialities in Rajasthan.

प्रश्न.राजस्थान में भू-पर्यटन संभावनाओं पर लेख लिखिए ?

विश्व धरोहर स्थल
कोई भी स्थल जो मानवता के लिए जरूरी हो और अपना सांस्कृतिक और भौतिक महत्व रखता हो उसे यूनेस्को संस्था द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी जाती है।
• यूनेस्को द्वारा भारत के 40 स्थल विश्व धरोहर स्थल घोषित किए गए है
इनमें 32 सांस्कृतिक7 प्राकृतिक और एक मिश्रित धरोहर शामिल है।


राजस्थान के विश्व धरोहर स्थल

1985 में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।

2010 में जंतर मंतर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया।
जयपुर का जंतर-मंतर खगोलीय प्रेक्षण स्थल है 
यहां वृत सम्राट यंत्र, लघु सम्राट यंत्र, रामयंत्र, जयप्रकाश यंत्र, सम्राट यंत्र, दिशा यंत्र, ध्रुवदर्शक यंत्र, क्रांति वृत जैसे खगोल विज्ञान से संबंधित यंत्र मौजूद है।

2013 में राजस्थान के 6 पहाड़ी किलें विश्व विरासत सूची में शामिल किए गए -
1.गागरोण का किला
2.आमेर किला
3.चित्तौड़ का किला
4.कुंभलगढ़ का किला
5.रणथंभौर का किला
6.जैसलमेर का किला

6 जुलाई 2019 को यूनेस्को द्वारा राजस्थान की राजधानी जयपुर के परकोटे को विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया।
अहमदाबाद के बाद जयपुर भारत का दूसरा शहर बना, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा दिया।

नोट:- इसकी PDF टेलीग्राम ग्रुप DevEduNotes2 पर उपलब्ध है।

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