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राजस्थान की प्रमुख हवेलियां। राजस्थान के महल

 
Rajasthan ki Pramukh Haveliya




राजस्थान की प्रमुख हवेलियां

Rajasthan ki Pramukh Haveliya

राजस्थान में अनेक सामंतों और सेठ लोगों ने भव्य व सुंदर हवेलियों का निर्माण करवाया।
विशेषताएं:- 
प्रमुख द्वार के अगल बगल कलात्मक गवाक्ष, द्वार के बाद लंबी पोल, चौड़ा चौक, चौक के अगल बगल में भव्य कमरे आदि इन हवेलियों की मुख्य स्थापत्य विशेषताएं थीं। 

जयपुर की हवेलियां
• नाटाणियों की हवेली
• रत्नाकार पुण्डरीक की हवेली
• पुरोहित प्रतापनारायण जी की हवेली
• प्यारे मियां की हवेली
• सलीम मंजिल हवेली
जयपुर की हवेली परंपरा से प्रभावित होकर शेखावाटी के सेठों ने अपने-2 गांव में विशाल हवेलियां बनाने की परंपरा शुरू की।

जैसलमेर की हवेलियां
• पटवों की हवेली
निर्माण:- गुमानचन्द बाफना
• नथमल की हवेली
वास्तुकारः- हाथी व लालू
• सालिमसिंह की हवेली
जैसलमेर की हवेलियां पत्थर की जाली एवं कटाई के कारण विश्व प्रसिद्ध है।

शेखावाटी की हवेलियां
शेखावाटी की हवेलियां अपने भित्तिचित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं। 
झुंझुनू:-
शेखावाटी की स्वर्ण नगरी नवलगढ़ (झुंझुनू) में सर्वाधिक 100 से भी ज्यादा हवेलियां है। नवलगढ़ की हवेलियों में रूपनिवास, भगत, जालान, पोद्दार और भगेरियां की हवेलियां प्रसिद्ध हैं। 
भगतों की हवेली - नवलगढ़ (झुंझुनू)

ऊंचा खुर्रा, ऊंचे दरवाजे, विशाल चौक एवं भित्ति चित्रण इन हवेलियों की प्रमुख विशेषता है।

• बिसाऊ (झुंझुनूं) में नाथूराम पोद्दार की हवेली, सेठ जयदयाल केड़िया की तथा सीताराम सिंगतिया की हवेली प्रसिद्ध है।
• सेठ लालचन्द गोयनका की हवेली - डूंडलोद (झुंझुनूं)
• सेठ राधाकृष्ण एवं केसरदेव कानोड़िया की हवेलियां - मुकुन्दगढ़ (झुझुनूं) 
• बागड़ियां की हवेली - चिड़ावा (झुंझुनूं)
• सोने-चांदी की हवेली- महनसर (झुंझुनू)
• तोलाराम जी का कमरा - महनसर (झुंझुनू)
• रामनाथ गोयनका की हवेली - मंडावा (झुंझुनू)
• ईसरदास मोदी की हवेली - झुंझुनू
• टीबडेवाला की हवेली - झुंझुनू
• मंडावा की हवेली - मंडावा (झुंझुनू)

सीकर:-
• पंसारी की हवेली - श्रीमाधोपुर (सीकर)
• लक्ष्मणगढ़ (सीकर) की चार-चौक की हवेलीचेतराम की हवेली भी दर्शनीय है।
• गौरीलाल बियाणी की हवेली - सीकर
बिनाणियों की हवेली - लक्ष्मणगढ (सीकर)
रामगढ़ (सीकर) में ताराचन्द रूइया, रामगोपाल व घनश्याम पोद्दार तथा रामनारायण खेमका की हवेली।
• नन्दलाल देवड़ा की हवेली - फतेहपुर (सीकर) 

चूरू:-
• चुरू की हवेलियों में मालजी का कमरा, रामविलास गोयनका की हवेली, मंत्रियों की हवेली, सुराणों की हवामहल हवेली आदि प्रसिद्ध है।

बीकानेर की हवेलियां
बीकानेर की हवेलियां लाल पत्थर से बनी है‌। 
इनकी सजावट में मुगल, किशनगढ़ एवं यूरोपीय चित्रशैली प्रयुक्त की गई है।
• बीकानेर की प्रसिद्ध 'बच्छावतों की हवेली' 16वीं सदी के उत्तरार्द्ध में कर्णसिंह बच्छावत द्वारा बनवाई गयी।
• इसके अलावा बीकानेर में मोहता, मूंदड़ा, रामपुरिया, डागा, कोठारी आदि की हवेलियां अपने शिल्प वैभव के कारण विख्यात है।

बंसी पत्थर की बनी करौली, भरतपुर, कोटा की हवेलियां भी अपनी कलात्मक संगतराशी के कारण अद्भुत हैं।
बाद के वैष्णव मंदिर भी हवेली शैली के आधार पर ही बने, इसलिए विशाल हवेलियां मंदिरों के रूप में आज जगह-2 दिखाई देती है।

जोधपुर की हवेलियां
• बड़े मियां की हवेली
• राखी हवेली
• पोकरण हवेली 
• पुष्य हवेली:- यह विश्व की एकमात्र ऐसी हवेली है जिसे एक ही नक्षत्र पुष्य नक्षत्र में बनाया गया है।
• लालचंद ढड्डा की हवेली - फलौदी (जोधपुर)

• सुनहरी कोठी हवेली - टोंक 

• बागौर की हवेली - उदयपुर
यहां पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र का कार्यालय है।
इसमें विश्व की सबसे लंबी पगड़ी रखी हुई है।
• पीपलिया की हवेली - उदयपुर

प्रश्न.राजस्थान के हवेली स्थापत्य पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए ? (100 शब्द)


राजस्थान के प्रमुख महल (राजप्रसाद)

स्थापत्य का एक विशिष्ट रूप राजप्रासाद है।
राजस्थान के शासकों ने सुरक्षा की दृष्टि से किलों का निर्माण एवं किलों में राजभवनों का निर्माण करवाया।
राजप्रासादों का निर्माण पहाड़ों पर स्थित नगरों में ऊंचे स्थान पर तथा समतल भागों में नगर के मध्य किया जाता था।

• पूर्व मध्य काल के महलों की प्रमुख विशेषताएं छोटे-छोटे कमरे, छोटे-छोटे दरवाजे, खिड़कियों का अभाव एवं दो किनारों के कमरों को बरामदे से जोड़ना।
उदाहरण:- नागदा, मेनाल, आमेल के महल।

• मध्यकाल में आर्थिक समृद्धि के कारण राजप्रासाद विशाल, भव्य एवं सुसज्जित बनने लगे।
कुम्भाकालीन राजप्रासाद सादे थे किन्तु बाद के काल में महलों की बनावट एवं शिल्प में परिवर्तन दिखाई देता है। 
• 15वीं सदी के बाद मुगल सम्पर्क का प्रभाव महलों के स्थापत्य पर भी दिखाई दिया।
विशेषताएं:- फव्वारे, छोटे बाग-बगीचे, संगमरमर का प्रयोग,
मेहराब, गुम्बज आदि  
उदाहरण:- 
उदयपुर:-  अमरसिंह के महल, कर्णसिंह का जगमंदिर जगतसिंह द्वितीय के काल का प्रीतम निवास महल
जगनिवास महल।
आमेर:- दीवाने आम, दीवाने खास
बीकानेर:- कर्णमहल, शीशमहल, अनूप महल, रंगमहल जोधपुर:- फूल महल आदि

• 17वीं सदी के बाद कोटा, बूंदी, जयपुर आदि में महलों में स्पष्टत: मुगल प्रभाव दिखाई देता है।
मुगल प्रभाव के कारण राजप्रासादों में दीवाने आम, दीवाने खास, चित्रशालाएं, बारहदरियां, गवाक्ष-झरोखे, रंग महल  आदि को जगह मिलने लगी।
उदाहरण:- जयपुर का सिटी पैलेस तथा उदयपुर का सिटी पैलेस।

भरतपुर:-
• गोपाल महल
• डीग के जल महल (बदनसिंह)
डीग के महलों के चारों ओर छज्जे (कार्निस) हैं, जो अलग ही प्रभाव उत्पन्न करते हैं।
• डीग को जल महलों की नगरी कहते है। 

उदयपुर
• जग निवास महल - उदयपुर (जगतसिंह-II)
• जग मंदिर - उदयपुर (कर्णसिंह)
• कर्ण विलास - उदयपुर (कर्णसिंह)
• दिलखुश महल - उदयपुर (कर्णसिंह)
• खुश महल - उदयपुर

जयपुर
• जलमहल - जयपुर (सवाई जयसिंह)
• बादल महल - जयपुर
• सिटी पैलेस - चंद्रमहल:- जयपुर (सवाई जयसिंह)
वास्तुकार - विद्याधर
यह 7 मंजिला है। 
अंतिम मंजिल को मुकुट मंदिर कहा जाता है।

• हवामहल - जयपुर (प्रतापसिंह)
1799 ई में वास्तुकार लालचंद की देखरेख में।
इसकी पांच मंजिले शरद मंदिर, रतन मंदिर, विचित्र मंदिर, प्रकाश मंदिर और हवा मंदिर है।
• मुबारक महल - जयपुर (माधोसिंह -II)
इस पर यूरोपियन शैली का प्रभाव है।

अलवर
• विनय विलास - अलवर
• विजय मंदिर पैलेस - अलवर
• सिटी पैलेस - अलवर
• हवा बंगला - अलवर 

बीकानेर
गजनेर पैलेस  
लालगढ़ पैलेस 
शीश महल

जैसलमेर
सर्वोत्तम विलास पैलेस
जवाहर विलास पैलेस

जोधपुर
• एक थम्भा महल - मण्डोर (अजीतसिंह)
• अजीत भवन पैलेस - राजस्थान का पहला हेरिटेज होटल
• उम्मेद भवन/छीतर पैलैस (उम्मेदसिंह)
निर्माण:- अकाल राहत कार्यों के दौरान
विश्व का सबसे बड़ा रिहायशी महल
• राई का बाग पैलेस (जसवंत दे) 
(जसवंतसिंह प्रथम की रानी)
• बीजोलाई के महल
• फूलमहल (अभयसिंह) - नक्काशी के लिए प्रसिद्ध
• सूरसागर महल

डंगरपुरः-
• एक थम्बा/खंभिया महल
• जूना महल

कोटा:-
अभेड़ा महल
गुलाब महल
अबली मीणी का महल
किशोर सागर में जग मंदिर
कोटा का हवामहल (रामसिंह II)

• खेतड़ी महल - झुंझुनू (शेखावाटी का हवा महल)
• झाली रानी का मालिया - कुंभलगढ़ (कुंभा)
• गोरा-बादल महल - चित्तौड़
• राजमहल - टोंक

झालावाड़ के राजा राजेंद्र सिंह ने काष्ठ प्रासाद का निर्माण करवाया। (लकड़ी से निर्मित) 

SAVE WATER

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2 Comments

  1. Replies
    1. Join our Telegram Group 👉 DevEduNotes2

      Website pr b join ka option h.

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