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अंतर्राष्ट्रीय संबंध सितंबर 2020

अंतर्राष्ट्रीय संबंध सितंबर 2020






अंतर्राष्ट्रीय संबंध सितंबर 2020


अमेरिका और फिलीपींस के बीच रक्षा संधि कब की गई ? - 1951
हाल ही फिलीपींस ने चेतावनी दी है, कि यदि चीनी सेना ने उसके नौसैनिक जहाजों पर हमला किया तो वह मदद के लिए अमेरिकी सेना बुला लेगा।

31 अगस्त को इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के बीच पहली सीधी उड़ान भरी गई।
गौरतलब है कि 13 अगस्त को अमेरिका की मध्यस्थता में इजराइल और संयुक्त अरब अमीरात ने राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए समझौते का ऐलान किया था।
इजराइल से संबंध स्थापित करने वाला यूएई तीसरा अरब देश बना था।
ईरान, तुर्की और फिलिस्तीन ने इस समझौते की आलोचना की थी।

बिम्सटेक की बैठक 2 सितंबर
2 सितंबर को भारत ने क्षेत्रीय संगठन बिम्सटेक की बैठक में हिस्सा लिया।
बिम्सटेक एक बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग संगठन है। यह बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती या समीपी देशों का एक अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग संगठन है।
सदस्य - बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल।
• पाकिस्तान इसका सदस्य नहीं है।
• बैंकॉक घोषणा के तहत 1997 में इस क्षेत्रीय संगठन की स्थापना की गई।

जर्मनी ने लॉन्च की हिन्द-प्रशांत रणनीति
यूरोपीय संघ के वर्तमान अध्यक्ष जर्मनी ने 2 सितंबर, 2020 को भारत के साथ अपनी हिन्द-प्रशांत रणनीति लॉन्च की।
व्‍यापार मार्गों को आक्रामक चीन से सुरक्षित रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।
फ्रांस के बाद हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए औपचारिक रणनीति तय करने वाला जर्मनी दूसरा देश बन गया है।
इसके तहत उन संस्थानों के साथ संवाद शुरू करने का सुझाव दिया गया है, जहां भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है- जैसे बिम्सटेक और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन।

जर्मनी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भागीदारों के साथ मिलकर नियम-आधारित व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा सुधारों के लिए भारत और जापान के साथ सहयोग करेगा।

हिन्द-प्रशांत रणनीति लॉन्च करने का कारण
विश्व के 90% से अधिक विदेशी व्यापार समुद्र द्वारा संचालित किए जाते हैं, जिसका एक बड़ा हिस्सा हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के माध्यम से होता है। विश्व का 25% समुद्री व्यापार मलक्का जलडमरूमध्य से होकर गुजरता है।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ)
रूस की राजधानी मास्को में शंघाई सहयोग संगठन के देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक आयोजित की जा रही है। भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बैठक में हिस्सा लेंगे‌।
एससीओ के सदस्य - चीन, रुस, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, किर्गिस्तान, भारत, पाकिस्तान।
• भारत और पाकिस्तान वर्ष 2017 में इसके सदस्य बने।
• शंघाई सहयोग संगठन और ब्रिक्स में भारत का सदस्य बनने का उद्देश्य बहु-ध्रुवीय विश्व बनाना है।
• शंघाई सहयोग संगठन में जल्द ही श्रीलंका, ईरान समेत कुछ और देशों को शामिल करने का विचार है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के तीन दिवसीय मॉस्को दौरे के दौरान भारत और रूस ने अत्याधुनिक एके-203 राइफल भारत में बनाने हेतु एक बड़े समझौते को अंतिम रूप दिया।
एके-203 राइफल, एके-47 राइफल का नवीनतम और सर्वाधिक उन्नत संस्करण है। यह अब इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम (इंसास) असॉल्ट राइफल की जगह लेगा।
क्वॉड क्या है ?
द क्वॉड्रिलैटरल सिक्‍यॉरिटी डायलॉग (Quad) 
इस समूह की स्थापना का विचार सबसे पहले जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 2007 में रखा था।
• 2011 में इसकी पहली औपचारिक शुरुआत हुई।
• अमेरिका, जापान और भारत इसके संस्थापक सदस्य थे।
वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया को मिलाकर इसके 4 सदस्य है।
• उद्देश्य - एशिया प्रशांत क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के पालन को सुनिश्चित करना।
• इस समूह के द्वारा एक साझा नौसैनिक अभ्यास किया जाता है, जिसे मालाबार नौसैनिक अभ्यास कहा जाता है।
अभी तक इस अभ्यास में अमेरिका, जापान और भारत शामिल होते हैं। जल्द ही ऑस्ट्रेलिया के भी इसमें शामिल होने की उम्मीद है।
• दक्षिण चीन सागर में चीन की विस्तारवादी गतिविधियों के चलते यह समूह महत्वपूर्ण हो गया है।
• क्वॉड समूह में वियतनाम, दक्षिण कोरिया और न्यूजीलैंड को भी शामिल करने का प्रस्ताव है।
• इस समूह में भारत की बढ़ती भागीदारी एशिया के शक्ति संतुलन को चीन के विपरीत कर सकने में सक्षम है।

श्रीलंका में 20वां संविधान संशोधन
श्रीलंका में राष्ट्रपति के अधिकार बढ़ाने के लिए 20वें संविधान संशोधन का मसौदा तैयार किया गया है।
इसके लागू होने पर राष्ट्रपति को कानून से पूरी तरह छूट मिल जाएगी।
गौरतलब है कि 2015 में किए गए 19 संविधान संशोधन द्वारा राष्ट्रपति के अधिकार सीमित कर दिए गए थे।
20वें संविधान संशोधन द्वारा चुनाव आयोग समेत तीन स्वतंत्रत आयोगों को भी खत्म कर दिया जाएगा। इन आयोगों के अध्यक्ष और सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाएंगे।

भारत-बांग्लादेश जलमार्ग
• बांग्लादेश से जलमार्ग के माध्यम से सामान की पहली खेप 5 सितंबर को त्रिपुरा पहुंच गई।
• एक बांग्लादेशी पोत दाउकांडी से 10 टन सीमेंट लेकर 93 किलोमीटर की जल मार्ग से यात्रा कर पश्चिमी त्रिपुरा के सोनामुरा पहुंचा।
• इसी के साथ त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच 93 किलोमीटर लंबे सोनामुरा-दाउकांडी इनलैंड जलमार्ग की औपचारिक शुरुआत हो गई।

नेपाल ने कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा पर अपने अनुचित दावे को उचित ठहराने के लिए नेपाल नीति अनुसंधान आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष विष्णु राज उप्रेती के नेतृत्व में विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
गौरतलब है कि 18 मई 2020 को नेपाल ने नया नक्शा जारी कर इन क्षेत्रों को अपना बताया था।

भारत-ईरान
हाल ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मास्को दौरे से लौटते वक्त  ईरान के तेहरान पहुंचे थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर 10 सितंबर को शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में भाग लेने मास्को जा रहे हैं और वे भी इस दौरान तेहरान में रुकेंगे।

भारत के लिए ईरान का महत्व
• चीन ईरान में अपना निवेश बढ़ा रहा है। साथ ही अमेरिकी प्रतिबंध के बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ईरान अलग-थलग पड़ा हुआ है, जिससे चीन ईरान पाकिस्तान के नेटवर्क के बढ़ने की संभावना है।
• तालिबान के बढ़ते प्रभाव को कम करने के लिए
• ईरान भारतीय उत्पादों का एक प्रमुख बाजार बनने की तरफ बढ़ रहा है।
ईरान भारत को सस्ती दर पर तेल उपलब्ध कराता है।
• इस्लामिक देशों के संगठन में कश्मीर मुद्दे पर भारत की मदद करता रहा है।

मलक्का जलसंधि
यह एक उथला और संकरा समुद्री मार्ग है, जो करीब 800 किलोमीटर लंबा है। यह हिंद महासागर में सिंगापुर, मलेशिया और इंडोनेशिया के मध्य स्थित है।
• यह हिंद महासागर में स्थित अंडमान सागर को दक्षिण चीन सागर से जोड़ता है।
• प्रतिवर्ष यहां से लगभग 75,000 जहाज गुजरते हैं।
• चीन अपने कारोबार और ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए मलक्का जलसंधि पर अतिनिर्भर है।
80% तेल की आपूर्ति मलक्का जलसंधि मार्ग से ही होती है।
• इस मार्ग पर भारत का नियंत्रण चीन को गहरी चोट पहुंचा सकता है।
यदि ऐसा हुआ तो चीन के जहाजों को लंबा रास्ता चुनना होगा और इससे उसका समुद्री यातायात का खर्च भी बढ़ जाएगा। (6.40 करोड़ डॉलर तक)

चीन की नया रास्ता खोजने की कोशिश
• चीन थाईलैंड से एक नया समुद्री व्यापारिक मार्ग बनाने का प्रयास कर रहा है।
बीआरआई परियोजना के तहत वह थाईलैंड को जोड़कर क्रा इस्थमस नहर बनाना चाहता है। इसने नहर को थाई कैनाल भी कहा जाता है।
परंतु चीन की विस्तारवादी नीतियों के मद्देनजर थाईलैंड ने हाल ही में इस परियोजना को लेकर चीन मना कर दिया है।

नोट - 2003 में तत्कालीन चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ ने इसे मलक्का दुविधा के रूप में संदर्भित किया था।

भारत, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया का नया गठबंधन
ऑस्ट्रेलिया, भारत और फ्रांस के विदेश सचिवों ने 9 सितंबर, 2020 को पहली वर्चुअल त्रिपक्षीय वार्ता की सह-अध्यक्षता की।
इस त्रिपक्षीय वार्ता का उद्देश्य एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण, समृद्ध और नियमों पर आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग सुनिश्चित करने के लिए अपनी-अपनी ताकत का समन्वय करना था।

फ्रांस ने 9 सितंबर को भारत को एशिया में अपना अग्रणी सामरिक साझेदार बताया है।

भारत-उत्तर कोरिया
9 सितंबर को उत्तर कोरिया के 72 वें स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बधाई संदेश भेजा।
• हाल ही भारत ने कोरोनावायरस के कारण डब्ल्यूएचओ के अनुरोध के बाद उत्तर कोरिया को 10 लाख डॉलर की मेडिकल सहायता भेजी थी।
• कोरियाई युद्ध के समय भारत के एंबुलेंस यूनिट ने 2 लाख 20 हजार लोगों का इलाज किया था।
• गौरतलब है कि उत्तर कोरिया का झुकाव चीन की ओर है।

एक्विजिशन एंड क्रॉस सर्विसिंग एग्रीमेंट
9 सितंबर को भारत और जापान के बीच यह समझौता हुआ है।
• इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों का इस्तेमाल कर सकेंगे।
• इससे सशस्त्र बलों के बीच आपूर्ति एवं सेवाओं का आदान-प्रदान होगा।
• भारत इससे पहले ऐसा समझौता ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस और सिंगापुर के साथ भी कर चुका है।

अमेरिका-मालदीव रक्षा सहयोग समझौता
10 सितंबर को हिंद महासागर में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अमेरिका ने मालदीव के साथ एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

इजरायल-बहरीन समझौता
यूएई के बाद बहरीन ने भी इजराइल के साथ शांति समझौते को लेकर सहमति दी है।
• इसी के साथ बहरीन, इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला चौथा अरब देश बन गया है।
13 अगस्त 2020 को यूएई, इजरायल के साथ समझौता करने वाला तीसरा अरब देश बना था। जबकि मिस्र (1979) और जॉर्डन (1994) पहले ही इजराइल के साथ संबंध स्थापित कर चुके हैं।
• गौरतलब है कि अरब देश फिलिस्तीन विवाद के कारण
इजरायल का बहिष्कार करते हैं।

पांच सूत्रीय बिंदुओं पर भारत तथा चीन में सहमति
10 सितंबर, 2020 को भारत और चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति के बारे में पांच बिन्दुओं पर सहमति जताई है।
यह सहमति मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन देशों के मंत्रियों के सम्मेलन के अवसर पर विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच द्विपक्षीय बैठक के दौरान हुई।

भारत-अमेरिका टू प्लस टू वार्ता
11 सितंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत और अमेरिका के बीच विदेश और रक्षा मंत्रालयों के सहायक सचिव स्तर की टू प्लस टू वार्ता हुई।
• वार्ता में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर बन रही स्थितियों की चर्चा की गई।
• कोविड-19 से मिलकर लड़ने, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता, हिंद -प्रशांत क्षेत्र के विकास और अच्छे शासन में सहयोग देने के मुद्दों पर चर्चा की गई।
• दोनों देशों के अधिकारी वर्ष 2020 के अंत तक मंत्री स्तर की टू प्लस टू वार्ता की तैयारी कर रहे हैं।

गौरतलब है कि भारत एवं यूएसए  के संबंधों को वैश्विक सामरिक साझेदारी से परिभाषित किया जाता है।
• टू प्लस टू वार्ता में दोनों देशों के विदेश व रक्षा मंत्री भाग लेते हैं।
पहली बार यह 6 सितंबर 2018 को आयोजित की गई थी।

अफगान शांति वार्ता
12 सितंबर को अफगानिस्तान और तालिबान के बीच शुरू हुई अफगान शांति वार्ता में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने डिजिटल माध्यम से भाग लेते हुए कहा कि इस शांति प्रक्रिया में अफगानिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए।
• अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में भारत एक महत्वपूर्ण पक्षकार है।
• भारत ने अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण गतिविधियों में करीब 2 अरब डॉलर का निवेश किया है।
• 29 फरवरी 2020 को अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।

हाल ही विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने भारत की ओर 27 वें आसियान रीजनल प्लेटफार्म में हिस्सा लिया।
• ASEAN, दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय अंतर सरकारी संगठन है।
• यह संगठन अंतर-सरकारी सहयोग को बढ़ावा देता है और अपने सदस्यों और अन्य एशियाई राज्यों के बीच आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा, सैन्य, शैक्षिक और सामाजिक-सांस्कृतिक एकीकरण को प्रोत्साहित करता है।
• इसमें 10 दक्षिणपूर्व एशियाई देश शामिल हैं: इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम, म्यांमार, कंबोडिया, ब्रुनेई और लाओस।

चीन ने भूटान में जमीन कब्जाई
चीनी सेना ने भूटान के पश्चिमी और मध्य भाग में बड़ी संख्या में जमीन पर कब्जा कर अपने सैनिकों को तैनात कर दिया है।
• भूटान, भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह देश सिलीगुड़ी गलियारे के करीब स्थित है।
• चीनी सेना ने भूटान के पश्चिमी क्षेत्र में 318 वर्ग किमी और मध्य क्षेत्र में 495 वर्ग किमी जमीन पर कब्जा कर दावा किया है।
• चीन ने जून में भूटान के साकटेंग वन्यजीव अभयारण्य परियोजना पर भी आपत्ति जाहिर की। यह परियोजना अरुणाचल प्रदेश के नजदीक स्थित है।

भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी निधि
इस संयुक्त कोष की स्थापना 2017 में की गई।
इसका उद्देश्य विकासशील देशों के नेतृत्व वाली सतत विकास परियोजनाओं को सहायता प्रदान करना है।
इसमें भारत सरकार ने 10 करोड़ का योगदान दिया है, जो कई वर्षों में दिया जाएगा।
इसके अलावा 5 करोड डॉलर का एक और फंड राष्ट्रमंडल के सदस्य देशों विशेष रूप से छोटे द्वीप और कम विकसित देशों के लिए कॉमनवेल्थ विंडो के रूप में बनाया गया है।
• गौरतलब है कि दुनिया के विकासशील देशों के 34 छोटे द्वीप और बहुत कम विकसित देश राष्ट्रमंडल के सदस्य हैं।
• हाल ही सितंबर में भारत-संयुक्त राष्ट्र विकास साझेदारी निधि की तीसरी वर्षगांठ मनाई गई।

भारत बतौर पर्यवेक्षक जिबूती आचार संहिता में शामिल
भारत पर्यवेक्षक के तौर पर जिबूती आचार संहिता / जेद्दा संशोधन (DCOC / JA) में शामिल हो गया है। यह फैसला 26 अगस्त को जिबूती आचार संहिता / जेद्दा संशोधन की वर्चुअली आयोजित उच्च स्तरीय बैठक के बाद लिया गया।

जनवरी 2009 में स्थापित जिबूती आचार संहिता समुद्री मामलों पर एक समूह है, जिसमें लाल सागर, अदन की खाड़ी, अफ्रीका के पूर्वी तट से सटे और हिंद महासागर क्षेत्र में द्वीपीय देशों के 18 सदस्य देश शामिल हैं।
जिबूती आचार संहिता का उद्देश्य पश्चिमी हिंद महासागर क्षेत्र, अदन की खाड़ी और लाल सागर में जहाजों के खिलाफ समुद्री डकैती और सशस्त्र डकैती का दमन करना है।

भारत जिबूती आचार संहिता के लिए पर्यवेक्षक के रूप में जापान, नॉर्वे, ब्रिटेन और अमेरिका के साथ शामिल हो गया है।
जिबूती अफ्रीका के पूर्वी तट पर स्थित देश है, इसकी सीमा इरिट्रिया, इथियोपिया और सोमालिया से लगती है।

रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल समूह की दसवीं बैठक
भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के तहत ‘रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल’ समूह की दसवीं बैठक 15 सितंबर, 2020 को वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई।

उद्देश्य: द्विपक्षीय रक्षा व्यापार संबंधों पर निरंतर नेतृत्व का ध्यान बनाए रखना और रक्षा उपकरणों के संयुक्त उत्पादन तथा विकास के लिए अवसर तैयार करना।

इस पहल का गठन 2012 में किया गया था। परस्पर सहमति की परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने के लिए इस पहल के तहत जल, थल, वायु और विमान वाहक पोत से संबंधित प्रौद्योगिकी पर आधारित चार संयुक्त कार्यकारी समूह बनाए गए हैं।
इस समूह की बैठकें वर्ष में दो बार होती हैं। एक बार यह बैठक भारत में और एक बार अमेरिका में होती है।

रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डिफेंस टेक्नोलॉजी एंड ट्रेड इनिशिएटिव - DTTI) 

मालदीव फंसा चीन के कर्ज जाल में
श्रीलंका के बाद मालदीव भी चीन के कर्ज जाल में फंस गया है।
5.7 अरब डॉलर की जीडीपी वाले इस द्वीपीय देश पर 1.4 अरब डॉलर का चीन का कर्ज है। 
• हिंद महासागर के मध्य स्थित मालदीव की आय का एक-तिहाई  हिस्सा पर्यटन पर आधारित है।
• भारत से मालदीव की नजदीकी बढ़ती देखकर चीन ने उस पर ब्याज की दर बढ़ा दी है और कर्ज की मांग भी शुरू कर दी है।
• मालदीव ये सारे कर्ज पूर्व की अब्दुल्ला यामीन सरकार के समय लिए थे।
• भारत ने 20 सितंबर को मालदीव को आर्थिक संकट से उबारने के लिए 25 करोड डॉलर की आर्थिक सहायता दी है।
मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर वार्ता के बाद यह फैसला लिया गया।
भारत ने यह आर्थिक सहायता ट्रेजरी बांड के जरिए दी है, जो मालदीव को 10 साल की अवधि में लौटानी होगी।

भारत और मालदीव के बीच संबंध
भारत और मालदीव के बीच दशकों से अच्छे संबंध रहे हैं। प्राचीन समय में मालदीव पर भारतीय हिंदू संस्कृति का अत्यधिक प्रभाव रहा है। मालदीव को ब्रिटिशों से 26 जुलाई 1965 में आजादी मिली थी। भारत मालदीव को एक सम्प्रभु राष्ट्र के रूप में सबसे पहले मान्यता देने वाले देशों में से एक है। भारत अनेक योजनाओं के तहत मालदीव के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करता है।
भारत और मालदीव ने वर्ष 1981 में एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये थे जो आवश्यक वस्तुओं के निर्यात का प्रावधान करता है। 

भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय आभासी शिखर सम्मेलन
भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय आभासी शिखर सम्मेलन 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के बीच आयोजित किया गया।
• भारत की पड़ोसी पहले नीति और SAGAR सिद्धांत पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने यह कहा कि, हम दोनों देशों के बीच संबंधों को विशेष प्राथमिकता देते हैं।
• प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-श्रीलंका के बीच बौद्ध संबंधों को बढ़ावा देने के लिए 15 मिलियन अमरीकी डॉलर देने की घोषणा की।
• गौरतलब है कि हाल ही भारत ने आर्थिक सुधार में सहायता करने और कोविड 19 से संबंधित व्यवधानों से निपटने के लिए श्रीलंका के सेंट्रल बैंक को 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा प्रदान की थी।
• भारत ने अपनी ‘पड़ोसी देश पहले’ नीति को आगे बढ़ाने के प्रयासों में, अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ परामर्श की एक श्रृंखला की योजना बनाई है।
20 सितंबर, 2020 को मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलीह के अनुरोध करने पर भारत ने मालदीव को 250 मिलियन अमरीकी डालर का ऋण दिया।
भारत ने अफगान सरकार को भी अंतर-अफगान वार्ता की पृष्ठभूमि में अपना समर्थन देने के लिए  पेशकश की है।

श्रीलंका की सरकार ने पशु वध पर रोक लगाने के प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दी है।
2012 की जनगणना के अनुसार दो करोड़ से ज्यादा आबादी वाले श्रीलंका में 70.10% बौध्द, 12.58% हिंदू, 9.66%  और 7.62% ईसाई है।

केरूंग-काठमांडू परियोजना
चीनी राष्ट्रपति ने 2018 में नेपाल दौरे के समय परियोजना पर हस्ताक्षर किए थे।
इस योजना के तहत 80 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग के निर्माण पर 25 हजार करोड रुपए खर्च होने का अनुमान है।
योजना के 2027 तक पूरा होने का अनुमान है।
तिब्बत के केरूंग से नेपाल की राजधानी काठमांडू तक प्रस्तावित इस परियोजना के लिए चीन ने हाल ही में सर्वे शुरू किया है।
• इस परियोजना के बाद चीन की तैयारी 152 किलोमीटर लंबी काठमांडू-पोखरा-लुंबिनी रेल मार्ग निर्माण की है।
काठमांडू-लुंबिनी परियोजना की मदद से चीन नेपाल के मधेश से लगे भारत के सीमावर्ती उत्तर प्रदेश, बिहार और सामरिक रूप से महत्वपूर्ण उत्तराखंड तक पहुंच जाएगा।

SAVE WATER

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