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राजस्थान लोक सेवा आयोग

Rajasthan Public Service Commission


राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC)

यह एक संवैधानिक निकाय है।
संविधान के अनुच्छेद 315 से 323 तक यूपीएससी व आरपीएससी से संबंधित प्रावधान है।

स्थापना - 16 अगस्त 1949 को जयपुर में स्थापना की गई।
1956 में सत्यनारायण राव समिति की सिफारिश पर इसका मुख्यालय अजमेर स्थानांतरित कर दिया गया।

प्रथम चेयरमैन -  एस के घोष (अस्थायी)
प्रथम स्थायी चेयरमैन - एस सी त्रिपाठी

अध्यक्ष व सदस्य - 1 अध्यक्ष + 7 सदस्य

प्रारंभ में आरपीएससी में एक अध्यक्ष व दो सदस्य थे।
2013 से आरपीएससी में 1 अध्यक्ष + 7 सदस्य वाली व्यवस्था का प्रावधान लागू किया गया।

सदस्य किन्हें बनाया जाता है ?
1. आधे सदस्य ऐसे होते हैं जिन्हें राज्य अथवा भारत सरकार के साथ 10 वर्ष कार्य करने का अनुभव हो।
2. आधे सदस्य समाजसेवी, शिक्षाविद्, वकील हो सकते हैं।

कार्यकाल - 6 वर्ष या 62 वर्ष की आयु में जो भी पहले हो।

कार्यकाल समाप्ति के बाद ये किसी भी अन्य दूसरे लाभ के पद को ग्रहण नहीं कर सकते हैं।
यद्यपि आरपीएससी के सदस्य - आरपीएससी का अध्यक्ष, अन्य आयोगों का अध्यक्ष तथा यूपीएससी में सदस्य बन सकते हैं।

आरपीएससी का अध्यक्ष - अन्य आयोगों का चेयरमैन अथवा यूपीएससी का सदस्य या चेयरमैन बन सकता है।

नियुक्ति - राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की सिफारिश पर।

हटाने की प्रक्रिया - सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर राष्ट्रपति हटाता है। (क्योंकि राष्ट्रपति के लिए सुप्रीम कोर्ट की सलाह बाध्यकारी होती है)

हटाने के आधार - 1. दिवालिया या मानसिक स्थिति विकृत होने पर।
2. अपराधी, कदाचारी साबित होने पर
3. अन्य कोई लाभकारी पद ग्रहण करने पर

कार्य - आरपीएससी के कार्यों का उल्लेख अनुच्छेद 320 में है।

1. भर्ती करवाना (विज्ञापन, परीक्षा, साक्षात्कार)
यह राज्य की सर्वोच्च भर्ती एजेंसी है।

2. अनुशंसा करना - चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने के लिए राज्य सरकार से सिफारिश करती है।

3. पदोन्नति संबंधी कार्य - आरपीएससी पदोन्नति का कार्य दो प्रकार से करती है- A. लिखित परीक्षा द्वारा  B. विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) द्वारा।
विभागीय पदोन्नति समिति का चेयरमैन आरपीएससी का सदस्य अथवा अध्यक्ष होता है।

4. अनुशासनात्मक कार्यवाही संबंधी कार्य -  राज्य सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के खिलाफ की जाने वाली अनुशासनात्मक कार्यवाही में मांगे जाने पर सलाह देना।
आरपीएससी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 में आरपीएससी ने 86 मामलों में राज्य सरकार को सलाह दी।

5. परामर्श संबंधी कार्य - राज्य सरकार को भर्ती, पदोन्नति स्थानांतरण आदि से संबंधित नीति निर्माण में सलाह देना।

6. पाठ्यक्रम की समीक्षा करना।

7. अनुच्छेद 323 के तहत राज्यपाल को वार्षिक प्रतिवेदन देना।

आरपीएससी की आलोचनाएं/कमियां -

1. धीमी भर्ती प्रक्रिया।
2. भ्रष्टाचार के आरोप।
3. सरकार का अत्यधिक हस्तक्षेप।
4. कुछ विशेष जिलों से अधिक चयन।
5. मोडरेशन प्रोसेस।
6. वार्षिक कैलेंडर ना होना।
7. जातीय संतुष्टि का माध्यम।
8. सदस्यों व अध्यक्ष का पद लंबे समय तक रिक्त रहना।
9. सपोर्टिंग स्टाफ के पद रिक्त होना।

सुधार के सुझाव -

1. सदस्यों के पदों में वृद्धि की जाए।
2. सदस्यों का चयन मेरिट आधारित हो।
3. भर्ती संबंधी याचिकाओं की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाना।
4. कैलेंडर बनाकर उसके अनुरूप कार्य किया जाना चाहिए।
5. सरकार द्वारा कम हस्तक्षेप किया जाना चाहिए।

आरपीएससी के नवाचार -

1. OSM (On Screen Marking System)
भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए 2013 के बाद इस प्रक्रिया को अपनाया गया।

2. OTR (One Time Registration System)
10 जनवरी 2022 को RPSC अध्यक्ष डॉ. शिव सिंह राठौड़ ने वन टाइम रजिस्ट्रेशन का शुभारंभ किया।

3. OTV (One Time Vault System)
अभी इस प्रक्रिया को अपनाया नहीं गया है।

4. MEMORY - My Exam My Online  Review.

5. दिसम्बर 2021 में अभ्यर्थी परिवेदना पोर्टल लॉन्च किया गया।

आरपीएससी अपना वार्षिक प्रतिवेदन राज्यपाल को सौंपती है ? - अनुच्छेद 323 के तहत

आरपीएससी के कार्यों का उल्लेख संविधान के किस अनुच्छेद में है ? - अनुच्छेद 320

आरपीएससी के अध्यक्ष एवं सदस्यों का कार्यकाल होता है ? - 6 वर्ष 62 वर्ष की आयु जो भी पहले हो

आरपीएससी के अध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्ति किसकी सिफारिश पर की जाती है ? - मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल द्वारा

आरपीएससी के अध्यक्ष एवं सदस्यों को हटाया जाता है ? - राष्ट्रपति द्वारा

आरपीएससी के वर्तमान अध्यक्ष कौन है ? - 

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1 Comments

  1. Bhupendra Singh k baad ab kon honge 🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔🤔

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