1939 से 1945 तक मित्र राष्ट्रों और धुरी राष्ट्रों के मध्य द्वितीय विश्व युद्ध लड़ा गया।
इसके बाद भविष्य में - 1. युद्ध पर विराम लगाने 2. विश्वव्यापी खतरों (ग्लोबल वार्मिंग, महामारी) से निपटने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संघ की मांग उठी।
नोट - प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) के बाद लीग ऑफ नेशंस का जन्म हुआ परंतु शुरुआत में सफलता के बावजूद यह द्वितीय विश्व युद्ध नहीं रोक सका इसलिए लीग ऑफ नेशंस के उत्तराधिकारी के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना की गई।
अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट को संयुक्त राष्ट्र संघ का जनक कहा जाता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ
14 अगस्त 1941 को अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट और ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल द्वारा अटलांटिक चार्टर पर हस्ताक्षर किए गए।26 जून 1945 को सेन फ्रांसिस्को सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर पर 50 देशों ने हस्ताक्षर किए।
15 अक्टूबर 1945 को पोलैंड ने हस्ताक्षर किए।
अतः संयुक्त राष्ट्र संघ में मूल संस्थापक सदस्य - 51
स्थापना - 24 अक्टूबर 1945
संयुक्त राष्ट्र संघ की पहली बैठक 10 फरवरी 1946 को लंदन के वेटमिनस्टर हॉल में हुई थी।
मुख्यालय - न्यूयॉर्क (अमेरिका)
वर्तमान सदस्य - 193
193वां सदस्य - दक्षिण सूडान
30 अक्टूबर 1945 को भारत संयुक्त राष्ट्र संघ में शामिल हुआ था।
भारत संयुक्त राष्ट्र संघ के मूल सदस्य देशों में शामिल है।
स्वतंत्र और संप्रभु देश होने के बावजूद ताइवान और वेटिकन सिटी (सबसे छोटा देश) को संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता नहीं मिली है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रमुख 6 कार्यकारी भाषाएं हैं -
1.स्पेनिश 2.अरबी 3.अंग्रेजी
4. रूसी 5.फ्रेंच 6.चीनी
प्रतिवर्ष 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख को महासचिव कहते है।
प्रथम महासचिव - ट्राइग्वली (1946-52)
द्वितीय महासचिव - डेगहेमरशोल्ड
वर्तमान महासचिव - एंटोनियो गुतेरस (पुर्तगाल)
एंटोनियो गुतेरस 1 जनवरी 2017 से संयुक्त राष्ट्र के महासचिव है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतीक चिन्ह में संसार के मानचित्र के चारों और जैतून की पत्तियां हैं, जो विश्व शांति की प्रतीक है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के उद्देश्य
- अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा व शांति को कायम रखना।- अंतर्राष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान निकालना।
- राष्ट्रों में आत्मनिर्भरता और उपनिवेशवाद के अंत को बढ़ावा देना।
- राष्ट्रों के मध्य सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा मानवीय क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देना।
संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता
किसी भी शांतिप्रिय देश को संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता महासभा के दो-तिहाई बहुमत तथा सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से 9 सदस्यों की सहमति होने पर मिलती है अर्थात सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा द्वारा सदस्यता दी जाती है।
सदस्यता से निलंबन
यदि कोई राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र संघ चार्टर के सिद्धांतों का लगातार उल्लंघन करें तो सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा द्वारा उसे सदस्यता से निलंबित किया जा सकता है।
सदस्यता का प्रत्याहरण - स्वेच्छा से सदस्यता छोड़ना
1965 में इंडोनेशिया ने सबसे पहले सदस्यता का प्रत्याहरण किया था।
संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंग
अनुच्छेद 7 के तहत संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 प्रमुख अंग है -1.महासभा 2.सुरक्षा परिषद 3.न्यास परिषद
4.आर्थिक एवं सामाजिक परिषद 5.सचिवालय 6.अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
महासभा/आमसभा/सामान्य सभा
महासभा संयुक्त राष्ट्र का सबसे बड़ा अंग है।संयुक्त राष्ट्र संघ के सभी सदस्य देश महासभा के भी सदस्य होते है।
बैठक - प्रतिवर्ष एक बार
महासभा की बैठक प्रतिवर्ष एक बार सितंबर के तीसरे मंगलवार से मध्य दिसंबर के बीच होती है।
प्रत्येक सदस्य देश अधिकतम 5 प्रतिनिधि महासभा में भेज सकता है, लेकिन मतदान के समय प्रत्येक राष्ट्र का एक ही मत गिना जाएगा।
वान्डेग वर्ग ने महासभा को विश्व की लघु संसद कहा।
सुमा ने महासभा को संसार की नगरसभा कहा।
महासभा के कार्य
संयुक्त राष्ट्र संघ का बजट तैयार करना।
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों का निर्वाचन करना।
सुरक्षा परिषद के 10 अस्थाई सदस्यों का निर्वाचन करना।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
महासभा के प्रथम अधिवेशन के अध्यक्ष - पॉल हेनरी स्पोक (बेल्जियम)
NOTE - भारत की विजय लक्ष्मी पंडित महासभा के 8वें अधिवेशन की अध्यक्षता कर चुकी हैं।
17 जून 2020 को तुर्की के राजनयिक वोल्कान बोजकिर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा के नए अध्यक्ष चुने गए है। उन्होंने सितंबर 2020 में नाइजीरिया के तिजानी मुहम्मद बंदे का स्थान लिया।
वोल्कान बोजकिर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष चुने गए है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद
यह राजनीतिक विषयों में संयुक्त राष्ट्र संघ का कार्यपालिकीय अंग है।सुरक्षा परिषद विश्व शांति और सुरक्षा का पहरेदार है।
सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य देश होते हैं।
5 स्थायी सदस्य - अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन, इंग्लैंड
10 अस्थायी सदस्य
सुरक्षा परिषद के 10 अस्थायी सदस्यों का निर्वाचन महासभा के दो-तिहाई बहुमत से 2 वर्ष के लिए किया जाता है।
कार्यकाल समाप्त होने पर तुरंत उसी वर्ष पुनः निर्वाचन का अधिकार प्राप्त नहीं है।
सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र संघ का निरंतर कार्य करने वाला अंग है।
इसकी बैठक सामान्यतः 14 दिन में एक बार होती है।
पी5 देश क्या है?
संयुक्त
राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पाँचों स्थायी सदस्य देशों अमेरिका,चीन, रूस,ब्रिटेन
और फ्रांस को P5 देश (Permanent five) कहते
हैं।
इन
देशों को Big
five भी
कहते है।
जी-4 देश
क्या है?
संयुक्त
राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 4 अस्थाई सदस्य जो
सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के लिए एक दूसरे का समर्थन करते हैं।
1.ब्राज़ील
2.भारत 3.जर्मनी
4.जापान
वीटो शक्ति
सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों को वीटो की शक्ति प्राप्त है।
वीटो एक प्रकार का निषेधाधिकार है, जिससे पांचों स्थायी सदस्य किसी भी प्रस्ताव को पारित होने से रोक सकते हैं।यदि स्थायी सदस्यों में से एक सदस्य किसी प्रस्ताव के विरुद्ध वीटो का उपयोग कर दे तो वह प्रस्ताव पारित नहीं होता है।प्रश्न. सर्वप्रथम वीटो का उपयोग किस देश ने किया ?
उत्तर - सोवियत संघ (रूस) ने 1946 में
प्रश्न. अब तक सर्वाधिक बार वीटो का उपयोग किस देश ने किया है ?
उत्तर - रुस ने।
न्यास परिषद
यह संयुक्त राष्ट्र संघ से पहले स्थापित संस्था है। राष्ट्र संघ में स्थापित मैंडेट व्यवस्था ही संयुक्त राष्ट्र संघ में न्यास परिषद बनी।बैठक - वर्ष में दो बार।
19 जून 2006 को मानव अधिकार परिषद की स्थापना होने के बाद वर्तमान में न्यास परिषद का कार्य लगभग समाप्त हो चुका है।
आर्थिक एवं सामाजिक परिषद
इसका कार्यकाल 3 वर्ष होता है।आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में 54 देश सदस्य है।
आर्थिक सामाजिक परिषद के एक-तिहाई सदस्य प्रतिवर्ष पद मुक्त होते हैं। अत: यह संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थायी संस्था है।
सदस्यों को तुरंत पुनः निर्वाचन का अधिकार है।
कार्य - आर्थिक एवं सामाजिक परिषद का कार्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक सामाजिक संबंधों की स्थापना करना है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न अभिकरण (एजेंसी) अपनी रिपोर्ट आर्थिक सामाजिक परिषद को ही देते हैं।
सचिवालय
यह संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रशासनिक अंग है, जिसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है।अंतर्राष्ट्रीय लोक सेवा इसकी प्रमुख विशेषता है।
सचिवालय संयुक्त राष्ट्र संघ के दैनिक कार्यो का संचालन करता है।
सचिवालय की कार्यकारी भाषा अंग्रेजी और फ्रेंच है।
इसके प्रमुख महासचिव की नियुक्ति 5 वर्ष के लिए सुरक्षा परिषद की सलाह पर महासभा करती है।
सचिवालय के महासचिव को दुनिया का सबसे बड़ा लोकसेवक कहते हैं।
वर्तमान महासचिव - एंटोनियो गुतेरस
NOTE :- वास्तव में सचिवालय का महासचिव ही संयुक्त राष्ट्र का महासचिव होता है।
डेगहेमरशोल्ड एकमात्र महासचिव हैं, जिनकी प्लेन दुर्घटना में मृत्यु हुई।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय
इसका मुख्यालय नीदरलैंड की राजधानी हेग में है।अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में सिर्फ कानून से संबंधित विवादों पर ही विचार किया जाता है देशों के आपसी राजनीतिक झगड़ों से इसका कोई संबंध नहीं है।
18 अप्रैल 1946 को इसकी स्थापना हुई।
कार्यकारी भाषा - अंग्रेजी व फ्रेंच
न्यायाधीश - 15
निर्वाचन - सुरक्षा परिषद की सिफारिश पर महासभा द्वारा
कार्यकाल - 9 वर्ष
सभी न्यायाधीशों में से एक सभापति व उपसभापति चुना जाता है।
सभापति व उपसभापति का कार्यकाल 3 वर्ष होता है।
न्यायालय की गणपूर्ति दो-तिहाई या 9 न्यायाधीश होते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत मुकदमों में वादी और प्रतिवादी राष्ट्र होते है ना कि व्यक्ति होते है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय बाध्यकारी नहीं होते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का उद्देश्य 2 देशों के बीच होने वाले अंतर्राष्ट्रीय विवादों को निपटाना है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में कोई भी 2 न्यायाधीश किसी एक देश के नहीं हो सकते हैं। और किसी न्यायाधीश की मृत्यु पर उसकी जगह उसके किसी समदेशी को दी जाती है।
अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का निर्णय अंतिम होता है, उसकी अपील नहीं हो सकती है परंतु कुछ मामलों में पुनर्विचार हो सकता है।
भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ
भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का मूल सदस्य देश है।भारत के बी एन राव, नागेंद्र सिंह (डूंगरपुर, राजस्थान) आर एस पाठक, दलबीर भंडारी (जोधपुर, राजस्थान) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में न्यायाधीश रह चुके है।
नागेंद्र सिंह अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।
1953 में विजय लक्ष्मी पंडित महासभा की प्रथम महिला सभापति रह चुकी है।
विजय लक्ष्मी पंडित ने महासभा के 8वें अधिवेशन की अध्यक्षता की थी।
भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन यूनेस्को के सर्वोच्च पद पर रह चुके हैं।
भारत ने अंतर्राष्ट्रीय शांति स्थापित करने में अब तक संयुक्त राष्ट्र संघ के लगभग सभी अभियानों में अपने सैनिक भेजे हैं।
संकट महासचिव
स्वेज संकट (1956) डेगहेमरशोल्ड
कांगो संकट (1960) डेगहेमरशोल्ड
कोरियाई संकट (1970) यू थांट
सुमानिया संकट (1993) बुतरस घाली
संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न अभिकरण/एजेंसी
अभिकरण मुख्यालयअंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) जिनेवा
खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) रोम (इटली)
यूनेस्को पेरिस (फ्रांस)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जिनेवा
विश्व बैंक वाशिंगटन
यूनिसेफ (बाल कोष) न्यूयॉर्क
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) वाशिंगटन
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) नेरोबी (केन्या)
अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO) जिनेवा
अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) जिनेवा
व्यापार एवं विकास सम्मेलन (UNCTAD) जिनेवा
शरणार्थी उच्चायोग (UNHCR) जिनेवा
विकास कार्यक्रम (UNDP) न्यूयॉर्क
जनसंख्या कोष (UNFPA) न्यूयॉर्क
UNHCR = United Nations High Commissioner for Refugees.
नोट - 26 सितंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र के 75वें अधिवेशन को संबोधित किया।
मोदी ने यूएन में सुधार की बात दोहराते हुए कहा कि भारत को सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के लिए आखिर कब तक इंतजार करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि यूएन अपने स्थापना के बाद तीसरे विश्व युद्ध को तो रोक पाया है, परंतु युद्ध, ग्रह युद्ध और आतंकी हमलों को नहीं रोक पाया।
कोरोनावायरस से लड़ाई में भी यूएन प्रभावशाली भूमिका नहीं निभा पाया है।
SAVE WATER
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