राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा
महिला एवं बालिकाएं
शैक्षिक विकास
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
• शुरूआत:- 22 जनवरी, 2015
• मुख्य उद्देश्य:- लड़कियों को सशक्त करना और उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना, लिंगानुपात में सुधार लाना, लड़की के जन्म से पहले और बाद में होने वाले भेदभाव का विरोध करना।
• 8 मार्च 2018 से यह योजना राजस्थान के सभी जिलों में चलाई जा रही हैं।
आर्थिक विकास
अमृता हाट:-
• उद्देश्य:- महिलाओं का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण करना।
• यह महिला स्वयं सहायता समूहों (SHG) द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित करने एवं विपणन (Marketing) करने का मंच प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना
• उद्देश्य:- महिलाओं का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण करना।
• इसके तहत महिला उद्यमियों के लिए वित्तीय सहायता, कौशल संवर्धन और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है।
• यह योजना महिलाओं को उद्यम स्थापित करने या अपने व्यवसाय का विस्तार करने के लिए प्रेरित करती है जिससे वह आर्थिक आत्मनिर्भरता प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री नारी शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्धन योजना:-
• उद्देश्य:- महिलाओं को कौशल विकास एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण द्वारा सशक्त करना।
• महिलाओं के रोजगार के अवसरों को बढ़ाकर उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने में सहायता करना।
मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम-जॉब वर्क योजना
• उद्देश्य:- महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम कर अपने परिवार की आजीविका मे योगदान के अवसर प्रदान करना।
• जो महिलाएं विभिन्न कार्यक्षेत्रों में रोजगार की संभावनाओं को तलाशना चाहती हैं, वे पोर्टल पर पंजीकरण कर सकती हैं।
• इनमें वस्त्र निर्माण, ऑनलाइन परामर्श, शिक्षण, वेब डिजाइन, डिजिटल मार्केटिंग, लेखा जीएसटी फाइलिंग, आभूषण निर्माण, पैकेजिंग और चिकित्सा परामर्श शामिल हैं।
पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान योजना
• यह योजना महिलाओं की विशिष्ट पहचान स्थापित करने और उनके कल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों को सम्मानित करने हेतु तैयार की गई है।
• लक्ष्य:- महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सक्रिय व्यक्तियों और संगठनों को प्रोत्साहन देना।
• प्रतिवर्ष 8 मार्च को चार श्रेणियां में पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं -
1. बालिका एवं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त व्यक्ति।
2. व्यक्ति और संस्था।
3. श्रेष्ठ महिला और बाल विकास कार्यकर्ता
4. श्रेष्ठ दानदाता/CSR गतिविधि
सामाजिक कल्याण
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
• उद्देश्य:- आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की कन्याओं के विवाह में प्रोत्साहन देना।
• लाभार्थी:- SC/ST/Minority की BPL लड़की
कन्या की शादी (18+) पर:- ₹31,000
कन्या दसवीं पास है तो अतिरिक्त:- ₹10,000
कन्या स्नातक (Graduation) है तो अतिरिक्त:- ₹20,000
• लाभार्थी:- शेष वर्गों की BPL लड़की
कन्या की शादी (18+) पर:- ₹21,000
कन्या दसवीं पास है तो अतिरिक्त:- ₹10,000
कन्या स्नातक पास है तो अतिरिक्त:- ₹20,000
विधवा विवाह उपहार योजना
• यदि कोई विधवा महिला, जो पेंशन योजना की लाभार्थी है, विवाह करती है, तो राज्य सरकार उसके विवाह पर ₹51,000 का उपहार प्रदान करती हैं।
LPG सिलेंडर सब्सिडी योजना:-
• इसके तहत BPL तथा पीएम उज्ज्वला योजना में शामिल निम्न आय वर्ग के परिवारों को वर्ष में 12 गैस सिलेंडर ₹450 में उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।
• अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत आने वाले परिवारों को भी इसमें शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना:-
• इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाती है।
• उद्देश्य:- स्वास्थ्य और पोषण में सुधार करना, संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को घटाना।
• पहले बच्चे के लिए लाभार्थियों को ₹5,000 दो किस्तों में (₹3,000 और ₹2,000) दिए जाते हैं।
• यदि दूसरा बच्चा लड़की हो तो ₹6,000 की एकमुश्त राशि दी जाती है।
• राजस्थान सरकार ने 1 अप्रैल 2024 से पहली संतान के जन्म पर गर्भवती महिलाओं को ₹1,500 अतिरिक्त राशि प्रदान करना शुरू किया है। दिव्यांग गर्भवती महिलाओं के लिए यह राशि 1 सितंबर 2024 से ₹6,500 से बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई है।
किशोरी बालिका योजना (SAG)
• 1 अप्रैल 2022 से राज्य के 5 आकांक्षी जिलों (करौली, धौलपुर, बारां, सिरोही व जैसलमेर) में शुरू।
• 14-18 आयु वर्ग की किशोरी बालिकाओं को शिक्षित और सशक्त बनाना ताकि वे आत्मनिर्भर और जागरूक बन सकें।
• एक सहयोगी वातावरण तैयार किया जाएगा जो उनके आत्मविश्वास को प्रोत्साहित करेगा।
महिला विकास कार्यक्रम
• यह कार्यक्रम महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से साथिनों के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है।
• साथिन महिलाओं के मूल अधिकारों के प्रति भी जागरूकता का प्रचार है।
• साथिन सामाजिक कुरीतियों और अंधविश्वासों के विरूद्ध संघर्ष करती हैं, महिलाओं के उत्पीड़न, शोषण और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करती हैं।
• प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सभा द्वारा एक साथिन का चयन किया जाता है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना
• उद्देश्य:- बाल विवाह, दहेज प्रथा को समाप्त करना और व्यक्तिगत विवाहों पर होने वाले व्यय को कम करना।
• राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जोड़े को ₹25,000 की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती हैं, जिसमें ₹21,000 वधू को और ₹4,000 आयोजन समिति को प्रदान किये जाते हैं।
लाडो प्रोत्साहन योजना
• शुरू:- 1 अगस्त 2024
• उद्देश्य:- कन्या भ्रूण हत्या को रोकना व बालिका के जन्म के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना।
• इस योजना का मुख्य लक्ष्य समाज में लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना, बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार लाना, मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को खत्म करना है।
• इस योजना के तहत ₹1 लाख की वित्तीय सहायता 7 किस्तों में प्रदान की जाती है।
• छह किस्तें अभिभावक को दी जाती है जबकि सातवीं किस्त बालिका के बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है।
पात्रता:- माँ राजस्थान की निवासी हो और बालिका का जन्म जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत किसी सरकारी अस्पताल या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में हुआ हो।
1 अगस्त 2024 के बाद जन्म लेने वाली बेटियां पात्र होंगी।
कालीबाई भील उड़ान योजना
• राज्य में 10 से 45 वर्ष की किशोरियों और महिलाओं को धर्म के संबंध में स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए मुफ्त सैनिटरी नैपकिन प्रदान की जाती है।
• राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (RMSC) और राजीविका सैनिटरी नैपकिन खरीदकर आंगनबाड़ी केंद्रों और विद्यालयों सहित विभिन्न संस्थाओं में वितरित करते हैं।
181 महिला हेल्पलाईन:- महिलाओं को शोषण से सुरक्षा प्रदान करने और सहायता देने के उद्देश्य से 24×7 महिला हेल्पलाइन सेवा की स्थापना की गई है।
महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध एवं सुधार) से संरक्षण अधिनियम 2013
• 10 या उससे अधिक कर्मचारी वाले नियोक्ताओं को "आंतरिक समिति" का गठन करना आवश्यक है तथा प्रत्येक जिले में एक "स्थानीय समिति" का गठन किया जाना चाहिए।
• इस अधिनियम के कार्य क्षेत्र को विस्तृत करते हुए घरेलू कामकाजी महिलाओं को शामिल किया गया है।
त्रि-स्तरीय महिला समाधान समिति
• अनौपचारिक तथा असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं की शिकायतों का निवारण, सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए कार्य करना।
• यह समिति 3 स्तरों पर कार्य करती है।
1. विभागीय स्तर (विभागीय आयुक्त)
2. जिला स्तर (जिला कलेक्टर)
3. उप-जिला स्तर (उप-जिला मजिस्ट्रेट अध्यक्ष)
कालीबाई भील महिला एवं बाल विकास शोध संस्थान
• यह संस्थान महिला एवं बाल कल्याण हेतु शोध कार्य, सशक्तिकरण की रणनीतियां बनाना और सामाजिक आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए कार्यक्रमों का संचालन करता है।
महिला सशक्तिकरण हेतु राज्य हब
• 'एकीकृत महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम' के अंतर्गत महिला और बाल विकास मंत्रालय (भारत सरकार) ने महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षण और सशक्तिकरण के लिए "मिशन शक्ति" नामक अंब्रेला योजना प्रारंभ की है।
• मिशन शक्ति के तहत 'सामर्थ्य' उप-योजना के अंतर्गत राज्य स्तर पर महिला सशक्तिरण केंद्र राज्य हब और जिले स्तर पर महिला सशक्तिकरण केंद्र जिला हब स्थापित किए गए हैं।
सामाजिक सुरक्षा
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना | लाभार्थी:- 40 वर्ष व अधिक आयु की BPL विधवा • 40-75 आयु:- ₹1,150 प्रतिमाह • 75+ आयु:- ₹1,500 प्रतिमाह |
मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना | लाभार्थी:- विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिला • 18-75 आयु:- ₹1,150 प्रतिमाह • 75+ आयु:- ₹1,500 प्रतिमाह |
शक्ति सदन योजना
• उद्देश्य:- संकटग्रस्त महिलाओं को, जिनमें घरेलू हिंसा और शोषण का सामना करने वाली महिलाएं शामिल है, को शरण व सहायता प्रदान करना।
• यह योजना महिलाओं को कानूनी, स्वास्थ्य संबंधी और मानसिक सहायता देने के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान करती है।
• लक्ष्य:- महिलाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाना ताकि वे सम्मानपूर्वक एवं आत्मविश्वास के साथ अपना जीवन यापन कर सकें।
महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र (MSSK)
• पीड़ित महिलाओं को काउंसलिंग, कानूनी, पुलिस और चिकित्सा सहायता प्रदान करते हैं ताकि वे हिंसा, शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ खड़ी हो सके।
• राज्य के 41 पुलिस जिलों में इन केंद्रों की स्थापना की गई है।
वन स्टॉप सेंटर/सखी केंद्र
• हिंसा से पीड़ित महिलाओं को काउंसलिंग, कानूनी, पुलिस और चिकित्सा सहायता और अस्थायी आश्रय सेवाएं एक जगह से उपलब्ध कराई जाती है।
• उद्देश्य:- समय पर राहत, न्याय और पुनर्वास प्रदान करना।
• राजस्थान में 37 सखी केंद्र संचालित है।
पन्नाधाय सुरक्षा एवं सम्मान केंद्र
• सभी जिला मुख्यालयों पर स्थापित।
• महिलाओं को मनोवैज्ञानिक, आर्थिक और सामाजिक समस्याओं पर निःशुल्क परामर्श प्रदान किया जाता है।
बच्चे
शैक्षिक विकास
मुख्यमंत्री हुनर विकास योजना
• पालनहार योजना के लाभार्थी बालकों को समाज की मुख्यधारा में लाना।
• इसके लिए उन्हें व्यावसायिक व तकनीकी प्रशिक्षण या उच्च शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
सामाजिक कल्याण
मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना:-
• उद्देश्य:- कोविड-19 महामारी के कारण राज्य में अनाथ हुए बच्चों, विधवा महिलाओं एवं उनके बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक संबल प्रदान करना।
• बच्चों के लिए प्रावधान:-
प्रत्येक अनाथ बालक/बालिका को तात्कालिक सहायता के रूप में ₹1 लाख की एकमुश्त सहायता, 18 वर्ष की आयु तक ₹2,500 प्रतिमाह एवं ₹2,000 वार्षिक देय है।
18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ₹5 लाख की सहायता राशि देय है।
साथ ही इन बच्चों को कक्षा 12 तक निःशुल्क शिक्षा, छात्रावासों में प्राथमिकता और मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत बेरोजगारी भत्ता भी मिलता है।
• विधवा महिला के लिए प्रावधान:-
विधवा महिला को ₹1 लाख की तात्कालिक सहायता के साथ ही ₹1,500 प्रतिमाह पेंशन देय है, साथ ही विधवा के बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक ₹1,000 प्रतिमाह एवं ₹2,000 वार्षिक देय हैं।
Integrated Child Development Services (ICDS):-
समेकित बाल विकास सेवाएं:-
• शुरूआत:- 2 अक्टूबर 1975
उद्देश्य:-
0-6 वर्ष की आयु के बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य स्थिति में सुधार करना।
बच्चों के मनोवैज्ञानिक, शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए आधार तैयार करना।
मृत्यु दर, बीमारियों, कुपोषण और स्कूल ड्रॉप आउट की दर को घटाना।
• आंगनबाड़ियों के माध्यम से क्रियान्वित।
(राजस्थान में कुल आंगनबाड़ी = 62,020)
आंगनबाड़ी केंद्रों पर उपलब्ध सेवाएं:-
सेवाएं | लाभार्थी |
1. पूरक पोषाहार | 6 माह से अधिक तथा 6 वर्ष तक की आयु के बच्चे, गर्भवती - धात्री महिलाएं एवं 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाएं (विद्यालय नहीं जाने वाली) |
2. बचपन और शाला पूर्व शिक्षा | 3-6 वर्ष तक की आयु के बच्चे |
3. पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा | 15-45 वर्ष की महिलाएं एवं किशोरी बालिकाएं |
4. टीकाकरण | 0-6 वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती महिलाएं |
5. स्वास्थ्य जांच | 0-6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती- धात्री महिलाएं एवं किशोरी बालिकाएं |
6. संदर्भ (रेफरल) सेवाएं | 0-6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती तथा धात्री महिलाएं |
पीएम पोषण योजना (मिड डे मील योजना)
• उद्देश्य:- नामांकन, प्रतिधारण और उपस्थिति को बढ़ाना तथा विद्यार्थियों की पोषण स्थिति में सुधार करना।
• लाभार्थी:- सरकारी विद्यालयों, विशेष प्रशिक्षण केंद्रों (STC) व मदरसों में कक्षा 8 तक पढ़ने वाले विद्यार्थी।
• लाभ:- विद्यार्थियों को न्यूनतम 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन के साथ 100 ग्राम अनाज (गेहूं/चावल) प्रतिदिन प्रदान किया जा रहा है।
पन्नाधाय बाल गोपाल योजना
• उद्देश्य:- विद्यार्थियों को दूध और चीनी प्रदान करके उनका पोषण स्तर सुधारना, जिससे उनके समग्र स्वास्थ्य में सुधार और शैक्षिक विकास हो सके।
• कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 15 ग्राम दूध पाउडर एवं एवं कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को 20 ग्राम दूध पाउडर वितरित किया जाएगा।
• राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फाउंडेशन (RCDF) से पाउडर मिल्क की खरीद की जाएगी।
चीनी | ||
सामाजिक सुरक्षा
पालनहार योजना (2004)
• यह राजस्थान सरकार की एक प्रमुख नकद हस्तांतरण योजना है।
• उद्देश्य:- कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को सहायता प्रदान करना।
• पहले यह अनुसूचित जाति (SC) के बच्चों के लिए प्रारंभ की गई थी लेकिन बाद में इसे सभी श्रेणियों के अनाथ बच्चों के लिए प्रारंभ कर दिया गया।
• इस योजना में बंदी माता-पिता, विधवाओं, पुनर्विवाहित विधवाओं, कुष्ठ रोग/एड्स रोग से पीड़ित माता-पिता, विशेष योग्यजन माता-पिता और अन्य कमजोर समूहों के बच्चे शामिल है।
• 0-6 वर्ष के बच्चों को ₹1,500 प्रतिमाह एवं 6-18 वर्ष के विद्यालय जाने वाले अनाथ बच्चों को ₹2,500 प्रतिमाह दिए जाते हैं।
• अन्य श्रेणियों में 0-6 वर्ष के बच्चों को ₹7,50 प्रतिमाह और 6-18 वर्ष के बच्चों को ₹1,500 प्रतिमाह दिए जाते हैं।
बाल संरक्षण सेवा/मिशन वात्सल्य योजना (Child protection services):-
• उद्देश्य:- अनाथ बच्चों और कठिन परिस्थितियों में रहने वाले कमजोर बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करना।
• यह योजना बच्चों की देखभाल करने वाली संस्थाओं को सशक्त बनाने, परिवार केंद्रित देखभाल को प्रोत्साहित करने एवं बाल तस्करी को रोकने पर केंद्रित है।
SC, ST और OBC कल्याण
शैक्षिक विकास
मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना
• उद्देश्य:- UPSC द्वारा आयोजित IAS, RPSC द्वारा आयोजित RAS तथा रीट, पटवारी, कांस्टेबल और अन्य परीक्षाओं की कोचिंग प्रदान करना।
• इस योजना में SC, ST, OBC, MBC, अल्पसंख्यक समुदाय एवं EWS वर्ग के वे विद्यार्थी पात्र होंगे, जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख प्रतिवर्ष से कम है या जिनके माता-पिता सरकारी सेवा (विशिष्ट वेतन मानदंड के अंतर्गत) में कार्यरत हैं।
अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना
• इस योजना के तहत SC, ST, OBC, MBC तथा EWS वर्ग के विद्यार्थी, जो घर से दूर रहकर सरकारी कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें भोजन एवं आवासीय सुविधा हेतु ₹2,000 प्रतिमाह (प्रतिवर्ष अधिकतम 10 माह हेतु) दिए जाते हैं।
उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति:-
SC/ST/OBC/MBC/EBC के लिए।
पात्रता:- वार्षिक पारिवारिक आय ₹2.5 लाख तक।
मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय ₹5 लाख तक।
छात्रावास सुविधा:-
SC/ST/OBC/MBC/EWS के लिए।
इनमें भोजन, आवास, पोशाक, कोचिंग की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है।
आवासीय विद्यालय:-
SC/ST/OBC/MBC/EBC के लिए 40 आवासीय विद्यालय संचालित।
पात्रता:- पारिवारिक आय ₹8 लाख तक।
सामाजिक कल्याण
डॉ. सविता बेन अम्बेडकर अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना
• उद्देश्य:- अस्पृश्यता निवारण
• अनुसूचित जाति (SC) और सवर्ण हिन्दू के द्वारा शादी करने पर प्रति युगल (Couple) ₹10 लाख दिए जाते हैं।
सहरिया, खैरवा तथा कथौड़ी जनजाति को खाद्य सुरक्षा
• सहरिया (बारां), कथौडी व खैरवा (उदयपुर) जनजाति को प्रतिमाह परिवार के प्रति सदस्य 250 मि.ली. घी, 500 मि.ली. खाद्य तेल तथा 500 ग्राम दाल निःशुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है।
पीएम अजय (PM AJAY)
• वर्ष 2022-23 में केंद्र प्रायोजित विशेष केंद्रीय सहायता योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना कर दिया गया।
• SC के युवाओं को स्वरोजगार के लिए अधिकतम ₹50,000 तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है।
• इस योजना में वार्षिक आय की कोई सीमा नहीं है।
सामाजिक सुरक्षा
SC और ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989
• SC और ST के व्यक्तियों पर हुए अत्याचार के मामलों में पीड़ित या उनके आश्रितों को अपराध के प्रकार के आधार पर ₹85 हजार से ₹8.25 लाख तक की सहायता प्रदान की जाती है।
• FIR, चालान और दोषसिद्धि के दौरान ₹10,000 तक की सहायता प्रदान की जाती है।
• मृतक पीड़ितों की विधवाओं या उनके आश्रितों को ₹5,000 मासिक पेंशन के साथ महंगाई भत्ता प्रदान किया जाता है।
विशेष योग्यजन
शैक्षिक विकास
विशेष योग्यजन छात्रवृत्ति योजना
राजकीय मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में नियमित अध्ययनरत विशेष योग्यजन छात्रों को जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हो, को छात्रवृत्ति दी जाती है।
दो दिव्यांग विश्वविद्यालय
1.बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय:- जामडोली (जयपुर)
2.महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय:- जोधपुर
आर्थिक विकास
मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन स्वरोजगार योजना
ऐसे विशेष योग्यजन जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हैं, को स्वरोजगार ₹5 लाख तक का ऋण दिया जाता हैं।
राज्य सरकार द्वारा ₹50,000 अथवा ऋण राशि का 50%, जो भी कम हो अनुदान दिया जाता हैं।
कृत्रिम अंग/उपकरण हेतु आर्थिक सहायता
• पात्र विशेष योग्यजनों (गैर आयकर दाता) को स्वरोजगार हेतु आर्थिक सहायता एवं शारीरिक कमी को पूरा करने के लिए कृत्रिम अंग/उपकरण प्रदान करने के लिए ₹20,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाती हैं।
• उपकरण:- ट्राइसाइकिल, बैसाखी, व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, ब्लांइड स्टिक, स्मार्टफोन, जयपुर फुट आदि।
पदोन्नति में आरक्षण:- विशेष योग्यजन कार्मिकों को पदोन्नति में 4% आरक्षण एवं सीधी भर्ती में अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट एवं अंकों में 5% अंकों की छूट का प्रावधान किया गया है।
सामाजिक कल्याण
सुखद दाम्पत्य योजना
• विशेष योग्यजन को विवाह पश्चात ₹50,000. की वित्तीय सहायता एवं आयोजक को ₹20,000 की सहायता प्रदान की जाती है।
• 80% दिव्यांगता वाले विशेष योगदान को जीवनसाथी बनाने पर ₹5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
आस्था योजना
• ऐसे परिवार जिनमें दो या दो से अधिक व्यक्ति 40% से अधिक विशेष योग्यजन है, उन परिवारों को आस्था कार्ड जारी किए जाते हैं, जिससे उन्हें BPL के समान सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके।
यूनिक डिसएबिलिटी आई.डी. कार्ड योजना
• विशेष योग्यजनों की सभी 21 श्रेणियों के विशेष योग्यजनों के सशक्तिकरण एवं कल्याण हेतु उन्हें चिन्हित कर निशक्तता प्रमाणीकरण का कार्य किया जा रहा है।
सिलिकोसिस नीति 2019
• इसके अन्तर्गत सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक मदद के साथ-2 ऐसे कार्य स्थल एवं श्रमिकों की पहचान, पुनर्वास, बीमारी की रोकथाम व नियंत्रण के उपाय अपनाए जाएंगे।
• सिलिकोसिस पीड़ित के पुनर्वास के लिए ₹3 लाख जबकि उसकी मृत्यु होने पर उसके आश्रित को ₹2 लाख की सहायता प्रदान की जाती है।
• पीड़ित को ₹1,500 प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जाती है।
• मृतक की विधवा को उसकी आयु वर्ग के अनुसार ₹1,150 से ₹1,500 तक की विधवा पेंशन प्रदान की जाती है।
• पीड़ित परिवार को अंतिम संस्कार के लिए ₹10,000 की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है।
सिलिकोसिस क्या है ?
• सिलिकोसिस फेफड़ों की एक लाइलाज बीमारी है, जो सिलिका के छोटे-2 कणों के साँस के माध्यम से शरीर के भीतर प्रवेश करने से होती है।
• यह प्रायः खनन क्षेत्र, काँच निर्माण, मूर्ति निर्माण, भवन निर्माण उद्योग आदि क्षेत्रों में कार्यरत लोगों में होती हैं।
मांसपेशीय दुर्विकास सहायता योजना
• मांसपेशीय दुर्विकास से पीड़ित विशेष योग्यजन को उनकी ज़रूरत के अनुसार व्हीलचेयर प्रदान की जाती है।
कंपोजिट रीजनल सेंटर:- जामडोली (जयपुर)
वृद्धजन
सामाजिक कल्याण
वृद्धजन एवं निराश्रित कल्याण योजना
• जरुरतमंद वृद्ध निराश्रित व्यक्तियों की समग्र देखभाल के लिए राज्य सरकार विभिन्न वृद्धाश्रमों का संचालन करती है।
• इनमें निःशुल्क आवास, भोजन, वस्त्र, मनोरंजन और चिकित्सा सेवाएं प्रदान की जाती है।
सामाजिक सुरक्षा
लाभार्थी:- 60 वर्ष व अधिक आयु के BPL • ₹1,150 प्रतिमाह | |
लाभार्थी:- 55+ आयु महिला • 58+ आयु पुरुष • दोनों को ₹1,150 प्रतिमाह | |
सर्वजन कल्याण
आर्थिक विकास
गाड़िया लोहार कच्चा माल क्रय अनुदान सहायता योजना
• गाड़िया लोहारों को स्वावलंबी बनाने हेतु उनके व्यवसाय के लिए राज्य सरकार द्वारा कच्चा माल क्रय करने हेतु जीवन में एक बार ₹10,000 का अनुदान दिया जाता है।
सामाजिक कल्याण
गाड़िया लोहार भवन निर्माण अनुदान सहायता योजना
• गाड़िया लोहारों को स्थायी रूप से बसाने हेतु राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में 150 वर्गगज एवं शहरी क्षेत्र में 50 वर्गगज भूमि आवंटन करने का प्रावधान किया है।
• महाराणा प्रताप भवन निर्माण योजना के तहत भवन निर्माण हेतु स्वयं का भूखण्ड होने पर तीन किश्तों में ₹1.20 लाख देने का प्रवधान है।
अंत्येष्टि अनुदान योजना
• लावारिस शवों के अंतिम संस्कार हेतु NGO को ₹5,000 दिए जाते हैं।
नवजीवन योजना (2009)
• उद्देश्य:- अवैध शराब के निर्माण, भंडारण एवं बिक्री से जुड़े समुदायों का पुनर्वास करना।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (2013)
• सार्वजनिक वितरण का उद्देश्य कीमतों में स्थिरता सुनिश्चित करना, आपूर्ति में कमी आने पर आवश्यक वस्तुओं की राशनिंग तथा समाज के गरीब व जरूरतमंद वर्गों को बुनियादी वस्तुओं की सस्ती दरों पर आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
• उचित मूल्य की दुकानों का नेटवर्क स्थापित करना, खाद्यान्नों का आवंटन व वितरण, राशन कार्ड जारी करना तथा वितरण प्रणाली के सुचारू संचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।
• उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से खाद्यान्न गेहूं का मासिक वितरण किया जाता है।
सामाजिक सुरक्षा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना
• प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत जनवरी 2024 से अआगामी 5 वर्षों तक अंत्योदय राशन कार्ड धारी परिवारों को प्रति राशन कार्ड पर 35 किग्रा गेहूं और अन्य पात्र लाभार्थियों को प्रति इकाई प्रतिमाह 5 किग्रा गेहूं प्रति यूनिट प्रति माह नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना
• इसके तहत लाभार्थी देश में किसी भी उचित मूल्य की दुकान से रियायती दर पर खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं।
स्मार्ट एफ.पी.एस. योजना
• उद्देश्य:- उचित मूल्य दुकानों को स्मार्ट दुकानों तथा सार्वजनिक जागरूकता केंद्रों में परिवर्तित करना, जिससे आधारभूत संरचनाओं का सुधार और दुकानदारों की आर्थिक स्थिति में सुधार संभव हो सके।
Rajasthan State Food and Civil Supplies Corporation Ltd. (RSFCSCL):-
राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम लि.
• उद्देश्य:- वस्तुओं और दैनिक आवश्यकताओं का उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से प्रभावी वितरण सुनिश्चित करना।
• मुख्य कार्य:- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गेहूं का परिवहन करना।
अल्पसंख्यक कल्याण
उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति:-
• अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
• पात्रता:- माता-पिता की वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हो।
मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति योजना:-
• निम्न-आय वाले विद्यार्थियों को स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करना।
• पात्रता:- माता-पिता की वार्षिक आय ₹2.50 लाख से कम हो और अभ्यर्थी ने पिछली परीक्षा में न्यूनतम 50% अंक प्राप्त किए हो।
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम
• अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में विकास के क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए 16 जिलों में आर्थिक, चिकित्सा, शैक्षणिक एवं कौशल विकास के कार्य करवाये जाते हैं।
• 1 अप्रैल 2022 से इस योजना को राज्य के सभी जिलों में विस्तारित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री मदरसा आधुनिकीकरण योजना
• उद्देश्य:- पंजीकृत मदरसों की आधारभूत संरचना का विकास एवं आवश्यकतानुसार भौतिक सामग्री उपलब्ध करवाना।
• प्राथमिक स्तर के मदरसों के लिए अधिकतम राशि ₹15 लाख का प्रावधान।
• उच्च प्राथमिक स्तर के मदरसों के लिए अधिकतम राशि ₹25 लाख का प्रावधान।
• राज्य सरकार (90) : मदरसा (10)
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