राजस्थान में पर्यटन, कला, संस्कृति एवं सेवा क्षेत्र
Service sector in Rajasthan.
राजस्थान में पर्यटन• राजस्थान पर्यटन की टैगलाइन:- 'भारत का अतुल्य राज्य' (The incredible state of India !)• राजस्थान पर्यटन का स्लोगन:- पधारो म्हारो देस• विश्व पर्यटन दिवस:- 27 सितंबर• वर्ष 2024 के दौरान राजस्थान में कुल 2300.84 लाख घरेलू पर्यटक आए।• वर्ष 2024 के दौरान राजस्थान में कुल 20.72 लाख अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आए।सर्वाधिक:- 1.जयपुर 2.उदयपुर में आए।सर्वाधिक पर्यटक अमेरिका से आए।• राज्य में घरेलू पर्यटकों को और अधिक आकर्षित करने के लिए राजस्थान डॉमेस्टिक ट्रैवल मार्ट का आयोजन सितंबर 2024 को जयपुर में किया गया।
थीमैटिक पर्यटन
• विरासत पर्यटन ऐतिहासिक, सांस्कृतिक या प्राकृतिक महत्व के स्थानों की यात्रा पर केंद्रित है। राजस्थान में 9 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।• सांस्कृतिक पर्यटन:- राजस्थान अपने रंगीन मेलों और त्योहारों के लिए जाना जाता है। ये आयोजन जीवंत संस्कृति, पारंपरिक व्यंजनों, रीति-रिवाज और वेशभूषा को प्रदर्शित करते हैं, जो लाखों घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। जैसे:- तीज मेला, पुष्कर ऊँट मेला, जयपुर साहित्य महोत्सव।• एडवेंचर टूरिज्म:- इसमें ट्रैकिंग, सफारी, बोटिंग, पैराशूटिंग, पैराग्लाइडिंग, हॉट एयर बैलूनिंग, क्वाड बाइकिंग, साइकिलिंग, कैंपिंग जैसी गतिविधियां शामिल हैं।रेगिस्तान रोमांच के लिए जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर और पुष्कर में कैंपिंग, साइकलिंग और ऊँट सफारी जैसी गतिविधियां आयोजित की जाती है।उदयपुर, घाणेराव और कुंभलगढ़ जैसे स्थानों पर ट्रैकिंग के शौकीन लोगों को आकर्षित किया जाता है।• आध्यात्मिक पर्यटन:- नाथद्वारा, खाटूश्याम, सालासर, मेहंदीपुर, चित्तौड़गढ़, करौली आदि आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन स्थल तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।• वन्य जीव और पर्यावरण पर्यटन:- राजस्थान में 3 राष्ट्रीय उद्यान और 26 वन्यजीव अभयारण्य है।• मरूस्थल पर्यटन:- डेजर्ट नेशनल पार्क यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल है।वर्तमान में रेगिस्तानी शिविर, ऊंट सफारी, जीप सफारी, पैरामोटरिंग, क्वाड बाइकिंग, स्काइडाइविंग जैसी गतिविधियां शुरू की जा रही है।रेगिस्तान खूबसूरत रेत के टीलों के लिए प्रसिद्ध है।• मीटिंग प्रोत्साहन सम्मेलन और प्रदर्शनी (MICE) पर्यटन:- राजस्थान में कई प्रमुख MICE के आयोजन होते हैं, जिनमें स्टोन मार्ट, वस्त्र, अंतर्राष्ट्रीय रत्न और आभूषण शो, जयपुर ज्वैलरी शो, राजस्थान इंटरनेशनल एक्सपो-जोधपुर शामिल हैं।दिल्ली के भारत मंडपम की तर्ज पर जयपुर में राजस्थान मंडपम बनाने का प्रस्ताव है।
राजस्थान पर्यटन इकाई नीति 2024• 4 दिसंबर 2024 को लागू।• उद्देश्य:- राजस्थान पर्यटन से जुड़े निवेशकों एवं उद्यमियों को देय लाभों में वृद्धि करने तथा निजी क्षेत्र में नई पर्यटन इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित कर इसके माध्यम से रोजगार एवं उद्यमिता के अवसर उपलब्ध कराना।• राजस्थान को पर्यटन निवेश के लिए प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करना।• होटल, रेस्तरां और अन्य पर्यटन-संबंधित प्रतिष्ठानों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा।
राजस्थान की प्रसिद्ध कला एवं शिल्प
जवाहर कला केंद्र (जेकेके)• इसमें विभिन्न कला, संस्कृति और विरासत संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
रवींद्र मंच (जयपुर)• नृत्य, नाटक और संगीत कला को बढ़ावा देने के लिए स्थापित।
पर्यटक सहायता बल अभियान • राजस्थान में पर्यटकों (विशेष रूप से महिला पर्यटकों) के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने 15 फरवरी 2024 से पर्यटक सहायता बल अभियान शुरू किया।
नागरिकों के लिए सरकार की योजनाएं 1. वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना• इस योजना के तहत राज्य के वरिष्ठ नागरिकों को देश के विभिन्न धार्मिक स्थानों की रेलमार्ग द्वारा तथा पशुपतिनाथ, कांठमांडू (नेपाल) की हवाई मार्ग के माध्यम से फ्री यात्रा और दर्शन की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।2. सिंधु दर्शन योजना:-• कुल यात्रा व्यय के अधिकतम 50% की प्रतिपूर्ति की जाती है। प्रति तीर्थयात्री ₹15,000 प्रदान किए जाते हैं।
राजस्थान में सेवा क्षेत्रसेवा क्षेत्र:- सेवा क्षेत्र के अंतर्गत व्यापार, होटल, पर्यटन, जलपान गृह, परिवहन, भंडारण, संचार, वित्तीय सेवाएं, लोक प्रशासन एवं पेशेवर सेवाएं आदि को शामिल किया जाता है।
2024-25 में सेवा क्षेत्र का राजस्थान के सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA) में योगदान:-• स्थिर मूल्य (2011-12) पर:- ₹3.70 लाख करोड़वृद्धि दर:- 7.38%• प्रचलित मूल्य पर:- ₹7.21 लाख करोड़वृद्धि दर:- 12.29%
प्रचलित कीमतों पर राजस्थान के सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA) में सेवा क्षेत्र का योगदान:- 45.92%
सेवा क्षेत्र का प्रचलित मूल्य पर उप-क्षेत्रवार वितरण:-• व्यापार, होटल, जलपान गृह = 27.83%• स्थावर संपदा (Real estate), आवासीय गृहों का स्वामित्व तथा पेशेवर सेवाएं = 23.11%• अन्य सेवाएं = 20.61%• वित्तीय सेवाएं = 10.96%• परिवहन, भंडारण एवं संचार = 10.39%• लोक प्रशासन सेवाएं = 7.10%
SAVE WATER
राजस्थान में पर्यटन
• राजस्थान पर्यटन की टैगलाइन:- 'भारत का अतुल्य राज्य' (The incredible state of India !)
• राजस्थान पर्यटन का स्लोगन:- पधारो म्हारो देस
• विश्व पर्यटन दिवस:- 27 सितंबर
• वर्ष 2024 के दौरान राजस्थान में कुल 2300.84 लाख घरेलू पर्यटक आए।
• वर्ष 2024 के दौरान राजस्थान में कुल 20.72 लाख अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक आए।
सर्वाधिक:- 1.जयपुर 2.उदयपुर में आए।
सर्वाधिक पर्यटक अमेरिका से आए।
• राज्य में घरेलू पर्यटकों को और अधिक आकर्षित करने के लिए राजस्थान डॉमेस्टिक ट्रैवल मार्ट का आयोजन सितंबर 2024 को जयपुर में किया गया।
थीमैटिक पर्यटन
• विरासत पर्यटन ऐतिहासिक, सांस्कृतिक या प्राकृतिक महत्व के स्थानों की यात्रा पर केंद्रित है। राजस्थान में 9 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
• सांस्कृतिक पर्यटन:- राजस्थान अपने रंगीन मेलों और त्योहारों के लिए जाना जाता है। ये आयोजन जीवंत संस्कृति, पारंपरिक व्यंजनों, रीति-रिवाज और वेशभूषा को प्रदर्शित करते हैं, जो लाखों घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। जैसे:- तीज मेला, पुष्कर ऊँट मेला, जयपुर साहित्य महोत्सव।
• एडवेंचर टूरिज्म:- इसमें ट्रैकिंग, सफारी, बोटिंग, पैराशूटिंग, पैराग्लाइडिंग, हॉट एयर बैलूनिंग, क्वाड बाइकिंग, साइकिलिंग, कैंपिंग जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
रेगिस्तान रोमांच के लिए जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर और पुष्कर में कैंपिंग, साइकलिंग और ऊँट सफारी जैसी गतिविधियां आयोजित की जाती है।
उदयपुर, घाणेराव और कुंभलगढ़ जैसे स्थानों पर ट्रैकिंग के शौकीन लोगों को आकर्षित किया जाता है।
• आध्यात्मिक पर्यटन:- नाथद्वारा, खाटूश्याम, सालासर, मेहंदीपुर, चित्तौड़गढ़, करौली आदि आध्यात्मिक और धार्मिक पर्यटन स्थल तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
• वन्य जीव और पर्यावरण पर्यटन:- राजस्थान में 3 राष्ट्रीय उद्यान और 26 वन्यजीव अभयारण्य है।
• मरूस्थल पर्यटन:- डेजर्ट नेशनल पार्क यूनेस्को की विश्व धरोहर की सूची में शामिल है।
वर्तमान में रेगिस्तानी शिविर, ऊंट सफारी, जीप सफारी, पैरामोटरिंग, क्वाड बाइकिंग, स्काइडाइविंग जैसी गतिविधियां शुरू की जा रही है।
रेगिस्तान खूबसूरत रेत के टीलों के लिए प्रसिद्ध है।
• मीटिंग प्रोत्साहन सम्मेलन और प्रदर्शनी (MICE) पर्यटन:- राजस्थान में कई प्रमुख MICE के आयोजन होते हैं, जिनमें स्टोन मार्ट, वस्त्र, अंतर्राष्ट्रीय रत्न और आभूषण शो, जयपुर ज्वैलरी शो, राजस्थान इंटरनेशनल एक्सपो-जोधपुर शामिल हैं।
दिल्ली के भारत मंडपम की तर्ज पर जयपुर में राजस्थान मंडपम बनाने का प्रस्ताव है।
राजस्थान पर्यटन इकाई नीति 2024
• 4 दिसंबर 2024 को लागू।
• उद्देश्य:- राजस्थान पर्यटन से जुड़े निवेशकों एवं उद्यमियों को देय लाभों में वृद्धि करने तथा निजी क्षेत्र में नई पर्यटन इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित कर इसके माध्यम से रोजगार एवं उद्यमिता के अवसर उपलब्ध कराना।
• राजस्थान को पर्यटन निवेश के लिए प्रमुख गंतव्य के रूप में स्थापित करना।
• होटल, रेस्तरां और अन्य पर्यटन-संबंधित प्रतिष्ठानों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा।
राजस्थान की प्रसिद्ध कला एवं शिल्प
जवाहर कला केंद्र (जेकेके)
• इसमें विभिन्न कला, संस्कृति और विरासत संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
रवींद्र मंच (जयपुर)
• नृत्य, नाटक और संगीत कला को बढ़ावा देने के लिए स्थापित।
पर्यटक सहायता बल अभियान
• राजस्थान में पर्यटकों (विशेष रूप से महिला पर्यटकों) के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने 15 फरवरी 2024 से पर्यटक सहायता बल अभियान शुरू किया।
नागरिकों के लिए सरकार की योजनाएं
1. वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा योजना
• इस योजना के तहत राज्य के वरिष्ठ नागरिकों को देश के विभिन्न धार्मिक स्थानों की रेलमार्ग द्वारा तथा पशुपतिनाथ, कांठमांडू (नेपाल) की हवाई मार्ग के माध्यम से फ्री यात्रा और दर्शन की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
2. सिंधु दर्शन योजना:-
• कुल यात्रा व्यय के अधिकतम 50% की प्रतिपूर्ति की जाती है। प्रति तीर्थयात्री ₹15,000 प्रदान किए जाते हैं।
राजस्थान में सेवा क्षेत्र
सेवा क्षेत्र:- सेवा क्षेत्र के अंतर्गत व्यापार, होटल, पर्यटन, जलपान गृह, परिवहन, भंडारण, संचार, वित्तीय सेवाएं, लोक प्रशासन एवं पेशेवर सेवाएं आदि को शामिल किया जाता है।
2024-25 में सेवा क्षेत्र का राजस्थान के सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA) में योगदान:-
• स्थिर मूल्य (2011-12) पर:- ₹3.70 लाख करोड़
वृद्धि दर:- 7.38%
• प्रचलित मूल्य पर:- ₹7.21 लाख करोड़
वृद्धि दर:- 12.29%
प्रचलित कीमतों पर राजस्थान के सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA) में सेवा क्षेत्र का योगदान:- 45.92%
सेवा क्षेत्र का प्रचलित मूल्य पर उप-क्षेत्रवार वितरण:-
• व्यापार, होटल, जलपान गृह = 27.83%
• स्थावर संपदा (Real estate), आवासीय गृहों का स्वामित्व तथा पेशेवर सेवाएं = 23.11%
• अन्य सेवाएं = 20.61%
• वित्तीय सेवाएं = 10.96%
• परिवहन, भंडारण एवं संचार = 10.39%
• लोक प्रशासन सेवाएं = 7.10%
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1 Comments
Thank you so much sir aapke economic survey ke notes bahut shandar ha
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