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निवेश में वृद्धि: खनन एवं औद्योगिक क्षेत्र का त्वरित विकास। राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2024-25

 
राजस्थान में औद्योगिक विकास


राजस्थान में औद्योगिक विकास 2024-25

Industrial development in Rajasthan.

उद्योग क्षेत्र का सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA) में योगदान 2024-25:-
1. स्थिर कीमतों पर (आधार वर्ष 2011-12):-
• ₹2.33 लाख करोड़ (4.22% वृद्धि)
2. प्रचलित कीमतों पर:-
• ₹4.26 लाख करोड़ (9.17% वृद्धि)
उद्योग क्षेत्र का योगदान प्रचलित मूल्य पर 27.16%

उद्योग क्षेत्र में उप-क्षेत्रों का योगदान (प्रचलित कीमत)

 उप-क्षेत्र
प्रचलित कीमतों पर योगदान 
 स्थिर कीमतों (2011-12) पर वृद्धि दर 
 विनिर्माण
 42.62%
     4.68%
 निर्माण
 34.88%
     8.60%
 खनन-उत्खनन
 12.15%
     3.59%
 अन्य 
 10.35% विद्युत, गैस, जलापूर्ति व अन्य
     5.51%

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP)
• यह सूचकांक एक निश्चित अवधि के दौरान चयनित आधार वर्ष पर औद्योगिक उत्पादों की उत्पादन मात्रा में अल्पकालिक परिवर्तनों को मापता है।
• प्रतिमाह जारी किया जाता है।
• आधार वर्ष:- 2011-12
• जारीकर्ता:- केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO)
• 3 आधार:- विनिर्माण, खनन, विद्युत

भारत में 8 मुख्य उद्योग है (Core Industry):-
भारांश के घटते क्रम में -
1. रिफाइनरी उत्पाद 2. विद्युत Electricity 3. स्टील
Trick - RES
4. कोयला    5. कच्चा तेल  6. प्राकृतिक गैस
7. सीमेंट      8. उवर्रक

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाईयां (MSME):-
MSME:- micro, small and medium enterprises.

 MSME
 सूक्ष्म
 लघु
 मध्यम
 निवेश
 < 2.5 करोड़
 < 25 करोड़
 < 125 करोड़
 टर्नओवर
 < 10 करोड़
 < 100 करोड़
 < 500 करोड़
 
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS) 2024
• 8 अक्टूबर 2024 को लॉन्च।
उद्देश्य:- राज्य में सतत् आर्थिक विकास और रोजगार को बढ़ावा देना।
औद्योगिक विकास नवाचार, पर्यावरणीय स्थिरता और हरित विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित।
विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों के अंतर्गत संपत्ति सृजन हेतु प्रोत्साहन:-
• विनिर्माण क्षेत्र में ₹50 करोड़ से अधिक तथा सेवा क्षेत्र में ₹25 करोड़ से अधिक निवेश पर 7 वर्षों तक राज्य करों पर 75% निवेश सब्सिडी दी जाएगी।
• वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने के 10 वर्ष पश्चात पूंजीगत सब्सिडी अथवा टर्नओवर से जुड़े प्रोत्साहन दिए जाते हैं।
अतिरिक्त प्रोत्साहनों में विनिर्माण के लिए नियोक्ता बूस्टर (1-15%) और थ्रस्ट बूस्टर (10%) तथा रीजनल/सेक्टोरल एंकर इकाइयों हेतु एंकर बूस्टर (20%) शामिल है।
छूट:- विद्युत शुल्क, मंडी शुल्क, भूमि कर में 7 वर्षों के लिए 100% छूट।
क्षेत्र संचालित प्रोत्साहन
• 7 मानक पैकेज (विनिर्माण, सेवाएं, MSME, स्टार्ट-अप, R&D, ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर्स (GCC), औद्योगिक अवसंरचना और परीक्षण प्रयोगशालाएं)
• 3 राज्य प्राथमिकताएं (हरित विकास, निर्यात संवर्द्धन और क्षमतावर्द्धन) 
मानक विनिर्माण और सेवा प्रोत्साहन
• इसमें 7 वर्षों के लिए राज्य करों  का 75% प्रतिपूर्ति या 10 वर्षों के लिए पूंजीगत सब्सिडी और टर्नओवर लिंक्ड इंसेंटिव (TLI) शामिल हैं।
MSME हेतु प्रोत्साहन
• इसमें न्यूनतम निवेश आवश्यक नहीं है।
• इसमें 7 वर्षों हेतु 3-6% ब्याज अनुदान, 10 वर्षों के लिए 75% SGST प्रतिपूर्ति तथा रोजगार सृजन और पूंजी जुटाने के लिए विशेष सब्सिडी शामिल है।
औद्योगिक अवसंरचना प्रोत्साहन
• इसमें वेयरहाउस, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क और कंटेनर फ्रेट स्टेशनों को शामिल किया गया है।
स्टार्ट-अप प्रोत्साहन
• व्यवसाय इनक्यूबेशन और महिला-नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप हेतु 2 वर्षों तक 100% SGST प्रतिपूर्ति।
नवीन क्षेत्र
• एयरो एंड स्पेस, रक्षा, ड्रोन, सेमीकंडक्टर, कृषि-तकनीक, अपशिष्ट पुनर्चक्रण तथा उच्च शिक्षा एवं कौशल जैसे प्रमुख क्षेत्र हेतु प्रोत्साहन।
नई पहल
• पर्यटन, सूचना प्रौद्योगिकी, महिला-नेतृत्व वाले स्टार्ट-अप, रुग्ण इकाइयों, क्लस्टरों और विद्युत गहन क्षेत्रों हेतु अतिरिक्त प्रोत्साहन।

राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024
• आयोजन:- 9-11 दिसंबर 2024
• इस शिखर सम्मेलन में 32 देशों ने भाग लिया, जिनमें से 17 देश भागीदार देश के रूप में शामिल हुए।
₹35 लाख करोड़ मूल्य के एमओयू किए गए।
• 10 दिसंबर 2024 को प्रवासी राजस्थानी कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रवासी राजस्थानियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक नया विभाग बनाने, प्रवासी राजस्थानी सम्मान पुरस्कार प्रदान करने, प्रति वर्ष 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थानी दिवस के रूप में मनाने और प्रवासी राजस्थानियों के परिवारों से संबंधित मुद्दों के समाधान हेतु प्रत्येक जिले में एकल संपर्क केंद्र (सिंगल पॉइंट कॉन्टैक्ट) बनाने की घोषणा की।

वर्ष 2024-25 (दिसंबर 2024 तक) रीको द्वारा 5 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए हैं:-
1. चडुआल (आबूरोड) सिरोही
2. बोरानाडा (जोधपुर)
3. माथासुला (जयपुर)
4. गणेश्वर (सीकर)
5. मूरडा (राजसमंद)

राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम
• 26 अप्रैल 2016 को अधिसूचित।
• राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र बोर्ड का गठन किया गया।
• 'भिवाड़ी इंटीग्रेटेड टाउनशिप' (BIT) को पहला विशेष निवेश क्षेत्र (SIR) घोषित किया गया। 
BIT में अलवर जिले के 363 गांव शामिल है।
22 फरवरी 2018 को भिवाड़ी एकीकृत विकास प्राधिकरण (BIDA) की स्थापना की गई।
• दूसरा SIR:- जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र।
(SIR - Special Investment Region) 

जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area):-
• 154 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल।
• 9 गांव शामिल।
• इसे विशेष निवेश क्षेत्र (SIR) घोषित किया गया।

खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र (Investment Region):-
• 165 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल।
• अलवर के 43 गांव शामिल।

औद्योगिक पार्क एवं विशेष निवेश क्षेत्र
• निर्माण/विकास:- निर्माण द्वारा।
• मेड टेक मेडिकल डिवाइस पार्क:- बोरानाडा (जोधपुर)
• हस्तशिल्प एवं फर्नीचर पार्क:- बोरानाडा (जोधपुर)
• सोलर निर्माण पार्क:- काकाणी (जोधपुर)
4 एग्रो फूड पार्क:-
बोरानाडा (जोधपुर), कोटा, अलवर एवं श्रीगंगानगर
(Trick:- BKASg)
 एग्रो एवं फूड प्रोसेसिंग जोन:- तिंवरी (जोधपुर) 
• स्पोर्ट्स गुड्स और टॉयज जोन:- खुशखेड़ा (भिवाड़ी)
• रत्न एवं आभूषण हेतु जेम्स बोर्स:- सीतापुरा (जयपुर)
•  प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए जयपुर जिले के जमवारामगढ़ में थौलाई औद्योगिक क्षेत्र में इंटीग्रेटेड रिसोर्स रिकवरी पार्क स्थापित किया गया है।
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत इनलैंड कंटेनर डिपो बासनी औद्योगिक क्षेत्र (जोधपुर) के विस्तार की स्वीकृति दी गई है।
• एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स:- मानसरोवर (जयपुर)
• यूनिटी मॉल:- जयपुर
• रीको ने औद्योगिक इकाइयों को आगजनी की घटनाओं से बचाने के लिए 6 अग्निशमन केंद्र स्थापित किए हैं:- 
1. केशवाना (नीमराना) 2. खैरथल (अलवर)
3. खारा (बीकानेर) 4. कालड़वास (उदयपुर)
5. बगरू (जयपुर)  6.रतनगढ़ (चूरू)

कनेक्टिविटी:- 

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC):-
• उद्देश्य:- भारत के दो प्रमुख शहरों - दिल्ली (राजधानी) और मुंबई (वित्तीय राजधानी) के मध्य एक आधुनिक औद्योगिक केंद्र बनाना।
• इससे आर्थिक विकास तीव्र होगा, लाखों रोजगार सृजित होंगे और भारतीय की विनिर्माण एवं निर्यात क्षमता में वृद्धि होगी।
• फ्रेट कॉरिडोर के दोनों तरफ 150 किमी क्षेत्र में DMIC का प्रभाव रहेगा।
प्रथम चरण:-
1. खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र
2. जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र
इन दोनों के विकास हेतु राजस्थान इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (RIDCO) की स्थापना की गई।

वैस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC)
उद्देश्य:- देश के पश्चिमी हिस्से में माल परिवहन को बेहतर बनाना।
कुल लंबाई:- 1,504 किलोमीटर
• इसका 38% हिस्सा राजस्थान से होकर गुजरता है।
• यह भारत की अपने रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाने तथा दादरी (उत्तर प्रदेश) एवं जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (मुंबई) के मध्य माल-परिवहन (लॉजिस्टिक्स) दक्षता बढ़ाने हेतु समर्पित माल ढुलाई गलियारा बनाने की व्यापक योजना का हिस्सा है।

MSME
राजस्थान MSME नीति 2024
• 31 मार्च 2029 तक लागू।
उद्देश्य:- MSME क्षेत्र के संतुलित और समावेशी विकास के माध्यम से राजस्थान में आर्थिक और सामाजिक सुदृढ़ीकरण बढ़ावा देना।
लक्ष्य:- वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी और स्थानीय रूप से प्रासंगिक MSME पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण में सहयोग करना।
मुख्य प्रावधान:-
• नई MSME की स्थापना और मौजूदा MSME इकाइयों के विस्तार के लिए RIPS 2024 के तहत ₹50 करोड़ तक की ऋण राशि पर ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
• लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों द्वारा NSE/BSE माध्यम से इक्विटी पूंजी जुटाने हेतु ₹15 लाख तक की एकमुश्त सहायता।
• सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए सरकार द्वारा स्थापित प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों से उन्नत प्रौद्योगिकी/सॉफ्टवेयर प्राप्त करने के लिए किए गए व्यय का 50% (₹5 लाख तक) राशि सहायता के रूप में प्रदान की जाएगी।
• राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मानक प्रमाणन और बौद्धिक संपदा अधिकार प्राप्त करने के लिए किए गए व्यय का 50% (अधिकतम ₹ 3लाख) की सहायता प्रतिपूर्ति के रूप में प्रदान की जाएगी।
• राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में भाग लेकर MSME उत्पादों के विपणन के लिए, स्टॉल किराए और दो व्यक्तियों की यात्रा व्यय के लिए 75% (अधिकतम ₹1.5 लाख) सहायता प्रदान की जाएगी।
• उद्यमों के डिजिटलीकरण के लिए किए गए व्यय का 75% (अधिकतम ₹50,000) प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।
• ई-कॉमर्स के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्लेटफाॉर्म शुल्क का 75% (अधिकतम ₹50,000) प्रतिपूर्ति प्रदान की जाएगी।

राजस्थान सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेंट एंड ऑपरेशन) अधिनियम 2019
• 17 जुलाई 2019 को लागू।
• उद्देश्य:- एमएसएमई की बाधारहित स्थापना को प्रोत्साहित करना।
राज उद्योग मित्र पोर्टल की शुरूआत की गई है।
• इंटेंट की घोषणा (डिक्लेरेशन ऑफ इंटेंट) प्रस्तुत करने पर नोडल एजेंसी MSME को 'पावती प्रमाण पत्र' जारी करती है।
यह प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से 5 साल तक MSME को राज्य के सभी कानूनों के तहत अनुमोदन (Approval) और निरीक्षण (Inspection) से छूट प्रदान करता है।

उद्यम पंजीकरण पोर्टल (URP)
• 1 जुलाई 2020 को लॉन्च।
• MSME पंजीकरण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना। करने हेतु 1 जुलाई 2020 से शुरू किया गया।

एकीकृत क्लस्टर विकास योजना
• 8 दिसंबर 2024 को प्रारंभ।
• 31 मार्च 2029 तक लागू।
उद्देश्य:- राजस्थान में हस्तशिल्प, हथकरघा और MSME क्लस्टरों की उत्पादकता, गुणवत्ता और दक्षता को बढ़ाना।
• प्रारंभिक लक्ष्य 15 क्लस्टर विकसित करना।
मुख्य घटक:-
1.कारीगर/शिल्पकार/बुनकर क्लस्टरों को सहायता
सॉफ्ट इंटरवेंशन:- कौशल विकास, डिजाइन, पैकेजिंग, विपणन आदि हेतु प्रशिक्षण, गुणवत्ता, प्रमाणन जैसी क्षमता निर्माण पहलों हेतु ₹50 लाख तक की सहायता।
• कच्चे माल के डिपो का संचालन।
• ई-कॉमर्स के माध्यम से विपणन प्रोत्साहन।
2.कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स की स्थापना हेतु 
• ₹10 करोड़ तक की परियोजना लागत का अधिकतम 90% तक की सहायता।
3.आधारभूत संरचना के विकास हेतु सहायता।

लघु विकास केंद्र और सूक्ष्म लघु उद्यम - क्लस्टर विकास कार्यक्रम (MSE - CDP) योजना:-
• उद्देश्य:- ग्रामीण और अविकसित क्षेत्रों में लघु उद्योगों, लघु विकास केंद्र और सूक्ष्म लघु उद्यमों के विकास के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचा प्रदान करना।

मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना (MLUPY)
• उद्देश्य:- MSME को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाना। (₹10 करोड़ तक)
• ₹25 लाख तक के ऋण पर 8%, ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 6% तथा ₹10 करोड़ तक के ऋण पर 5% ब्याज सब्सिडी सरकार दे रही है।

सुविधा केंद्र का निर्माण:-
• सभी जिला उद्योग केंद्रों पर MSME निवेशक सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है। 

डॉ. भीमराव अंबडेकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना-2022
• उद्देश्य:- राज्य के गैर-कृषि क्षेत्रों (विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार) में SC-ST वर्गों की भागीदारी को बढ़ावा देना।
• इस योजना के तहत ब्याज अनुदान:-
1. ₹25 लाख तक के ऋण पर 9%, 
2. ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 7% 
3. ₹10 करोड़ तक के ऋण पर 6%  
 परियोजना लागत का 25% अथवा ₹25 लाख तक की मार्जिन मनी अनुदान प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री युवा उद्यम प्रोत्साहन योजना:-
• उद्देश्य:- युवा उद्यमियों (18 से 35 वर्ष) में उद्यमिता प्रोत्साहन।
इस योजना के तहत ब्याज अनुदान:-
1. ₹25 लाख तक के ऋण पर 8%, 
2. ₹1 करोड़ तक के ऋण पर 6% 
• इसके साथ ही, पुरुष उद्यमियों को 10% व महिला उद्यमियों को 15% (₹5 लाख तक) एकमुश्त मार्जिन मनी अनुदान प्रदान किया जाएगा।

पीएम विश्वकर्मा योजना
उद्देश्य:- कारीगरों के कौशल, आय, वित्तीय सुरक्षा में सुधार करना और डिजिटल व्यापार वृद्धि को प्रोत्साहित करना।
• इस योजना में बढ़ईगीरी, लोहार, मिट्टी के बर्तन, सिलाई और अन्य सहित 18 ट्रेड शामिल है।
• पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र:- कौशल प्राप्त पेशेवरों के रूप में मान्यता प्राप्त करने हेतु।
• कौशल संवर्धन प्रशिक्षण:- प्रतिदिन ₹500 के स्टाइपेंड के साथ 5-7 दिवस का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिवस का उन्नत प्रशिक्षण।
टूलकिट सहायता:- उपकरण खरीदने हेतु ₹15,000
बिना गारंटी ऋण:- 5% ब्याज पर ऋण दो किस्तों में ₹1 लाख (18 माह) और ₹2 लाख (30 माह) तक।
नोट:- राजस्थान में कुल 20 लाख आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं।

राजस्थान में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग:-
• 36 जिला उद्योग केंद्र
• 8 उप-केंद्र
• सूक्ष्म एवं लघु उद्यम के विलंबित भुगतान के मामलों के निराकरण के लिए 17 सुविधा परिषदों का गठन किया गया है।

वित्तीय सहायता
युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना (YUPY):-
• उद्देश्य:- औद्योगिकीरण में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
• युवाओं (अधिकतम 45 वर्ष की आयु) को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना।
• 1,000 इकाइयों को वित्तपोषित किया जाएगा।
• राज्य सरकार द्वारा ₹2 करोड़ तक के ऋण पर 6% ब्याज अनुदान दिया जा रहा है।

विपणन सहायता
• राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड (राजसिको) जयपुर, उदयपुर, दिल्ली और कोलकाता में राजस्थली आउटलेट्स के माध्यम से हस्तशिल्प वस्तुओं का विपणन करता है।
• खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड ने 2 अक्टूबर 2024 से 30 जनवरी 2025 तक खादी वस्त्रों पर 50% की छूट दी‌।
• राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद अनुमोदित विदेशी व्यापार मेलों में इकाइयों के लिए किराए का 50% (₹1 लाख तक) प्रतिपूर्ति करती है। 

ईज ऑफ डूईंग बिजनेस
• इसका उद्देश्य विकास दर को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना और अधिक प्रतिस्पर्धी एवं पारदर्शी व्यवसाय वातावरण तैयार करना है।
• सिंगल विंडो योजना के तहत राज निवेश पोर्टल लॉन्च किया गया है जो राजस्थान में ₹10 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों के लिए अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाता है।
• इसे 2 मई 2024 को सिंगल विंडो क्लीयरेंस के साथ मिलाकर अनुमोदन हेतु एकीकृत प्लेटफार्म बनाया गया है।
• रीको ने एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया है जिसमें GST एवं TDS जैसी कर संबंधी प्रक्रियाओं के लिए मॉड्यल शामिल है।
• नए उद्यमों कैसा मुंह खाने वाली समस्याओं के समाधान और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव और जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक विवाद और निवारण तंत्र स्थापित किया गया है।
नोट:- उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग राज्यों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग जारी करता है।

राजस्थान में निर्यात:-

राजस्थान द्वारा निर्यात (Export):-
• राजस्थान में मुख्यतः 16 उत्पादों का निर्यात किया जाता है।
• राजस्थान के निर्यात में 65% से अधिक योगदान देने वाली शीर्ष पांच वस्तुएं निम्नलिखित हैं:-
1. इंजीनियरिंग वस्तुएं > 2. जवाहरात एवं आभूषण > 3. मेटल (धातु) > 4. टेक्सटाइल (वस्त्र) > 5. हैंडीक्राफ्ट (हस्तशिल्प)  

निर्यात प्रोत्साहन हेतु किए गए प्रयास:-
1. निर्यात संवर्धन, प्रक्रिया एवं दस्तावेजीकरण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना (2012)
• उद्देश्य:- राज्य के ऐसे उद्यमियों को जानकारी प्रदान करना जो निर्यात प्रक्रिया दस्तावेजों एवं बाजार की जानकारी के अभाव में अपनी वस्तुओं का प्रत्यक्ष रूप से निर्यात करने में असमर्थ हैं और बिचौलियों के माध्यम से अपने वस्तुओं का निर्यात कर रहे हैं।

2. राजस्थान निर्यात प्रोत्साहन नीति 2024
उद्देश्य:- सतत् एवं समावेशी निर्यात वृद्धि को बढ़ावा देकर लघु एवं मध्यम उद्यमों, स्थानीय हस्तशिल्प और निर्यात उत्पादों में विविधीकरण कारण लाने पर ध्यान केंद्रित करना।
• माल ढुलाई अनुदान, विपणन सहायता, निर्यात दस्तावेजीकरण और प्रमाणन हेतु सहायता, उत्पाद परीक्षण अनुदान, ई-कॉमर्स निर्यात सुविधा और निर्यात क्रेडिट बीमा प्रदान करना प्रमुख उपायों में शामिल है।
• निर्यातको की प्रतिस्पर्धात्मकता को रणनीतिक, वित्तीय और अवसंरचनात्मक सहायता के माध्यम से बढ़ाना।
• कनेक्टिविटी में सुधार, निर्यात उन्मुख क्लस्टर विकसित करने और MSME को लक्षित सहायता प्रदान करना।
• अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से कौशल विकास, तकनीकी को अपनाने और बाजार तक पहुंच बढ़ाने को प्रोत्साहित करना।
• निर्यात प्रक्रियाओं को सरल बनाना, नवाचारों को प्रोत्साहित करना और रोजगार के अवसर सृजित करना।

3. एक जिला एक उत्पाद (ODOP) नीति 2024
• 8 दिसंबर 2024 को घोषित।
उद्देश्य:- प्रत्येक जिले से निर्यात क्षमता वाले उत्पादों एवं सेवाओं की पहचान करना और उन्हें प्रोत्साहित करना तथा प्रत्येक जिले को संभावित निर्यात केंद्र के रूप में परिवर्तित करना।
• नए उद्योगों हेतु वित्तीय सहायता, तकनीकी अपनाना, गुणवत्ता प्रमाणन, नवीकरणीय ऊर्जा पहल, अवसंरचना विकास, विपणन सहायता, ई-कॉमर्स को बढ़ावा और ODOP में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों की सराहना मुख्य उपायों में शामिल है।

4. आयात-निर्यात के लिए राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड (राजसिको) द्वारा जयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा में शुष्क बंदरगाह (इनलैण्ड कंटेनर डिपो) बनाए गए हैं।
• हवाई मार्ग से आयात-निर्यात के लिए सांगानेर एयरपोर्ट, जयपुर पर एयर कार्गो कॉम्पलेक्स बनाया गया है।

5. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)
उद्देश्य:- ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक सेवा एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर उत्पन्न करना।

राजस्थान में खनन

• राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहा जाता है।
यहां 81 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, इनमें से 58 प्रकार के खनिजों का खनन किया जा रहा है।
• खनन की अनुमति ई-नीलामी द्वारा दी जाती है।

राजस्थान की खनिज उत्पादन में स्थिति:-

एकमात्र उत्पादक (Sole Producer)
• सीसा • जस्ता • सेलेनाईट • वॉलेस्टोनाईट

Trick - सीसा जैसी वॉल

लगभग पूरा उत्पादन (90-95%)
• चांदी  • केल्साइट • जिप्सम

उत्पादन में अच्छी स्थिति (Prominent Position)
• मार्बल      M
• सेंड स्टोन  S
• ग्रेनाइट     G
प्रमुख उत्पादक (Leading Producer)
अर्थात निम्नलिखित का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता है -
• बॉल क्ले Ball Clay
• फॉस्फोराइट Phosphorite
• हरमच/गेरु Ochre 
Trick - बी पी 0
• फेल्सपार Felspar
• फायर क्ले Fire Clay
Trick - फेल होने के बाद फायर
• स्टेटाइट Steatite
• सीमेंट ग्रेड व स्टील ग्रेड चूना पत्थर 

राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण न्यास:- जयपुर 

राजस्थान राज्य खनिज लिमिटेड (RSML):-
• स्थापना - 30 अक्टूबर 1974
• राज्य सरकार का उपक्रम (PSU)
• उद्देश्य:- 
खनिजों का वैज्ञानिक रूप से अन्वेषण/उत्खनन करना।
खनिज विपणन (Marketing) का कार्य।
लागत प्रभावी (Cost effective) तकनीक का प्रयोग करना।
खनन क्षेत्रों के निकट स्थान का विकास करना।
• चार केंद्र:-
1. रॉक फास्फेट - झामरकोटडा (उदयपुर)
2. जिप्सम - बीकानेर
3. लाइमस्टोन (चूना पत्थर) - जोधपुर
4. लिग्नाईट - जयपुर

डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाऊंडेशन ट्रस्ट (DMFT):-
• भारत सरकार द्वारा 2015 में स्थापित।
• खनन कार्यों से प्रभावित जिलों के विकास हेतु।
• राज्य सरकार द्वारा 31 मई 2016 को डीएफएमटी नियम 2016 अधिनियमित किया गया।

राजस्थान खनिज नीति 2024
उद्देश्य:- पर्यावरण संरक्षण एवं सामुदायिक कल्याण सुनिश्चित करते हुए आर्थिक विकास के लिए राज्य के प्रचुर खनिज संसाधनों का लाभ उठाते हुए टिकाऊ, पारदर्शी और जिम्मेदार खनिज विकास को बढ़ावा देना।
मुख्य विशेषताएं:-
1. आर्थिक विकास और निवेश:- खनिज आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना, निवेश आकर्षित करना और राज्य की जीडीपी में खनिज क्षेत्र के योगदान को बढ़ाना।
2. रोजगार सृजन:- वर्ष 2047 तक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 1 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
3. स्थिरता और ई.एस.जी. अनुपालन:- शून्य-अपशिष्ट खनन, पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों और अपशिष्ट प्रबंधन रणनीतियों को लागू करना।
4. प्रौद्योगिकी एकीकरण:- उन्नत अन्वेषण तकनीक, AI आधारित निगरानी और डिजिटल प्रशासन अपनाकर पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
5. अवैध खनन शमन:- GPS आधारित ट्रैकिंग, जियो-फेंसिंग और रीयल-टाइम निगरानी का उपयोग कर अवैध गतिविधियों को रोकना।
प्रमुख पहल:-
• 2047 तक खनिज निष्कर्षण को 58 से बढ़ाकर 70 तक करना।
• 50 प्रमुख खनिज ब्लॉकों की नीलामी।
• खनन रियायत क्षेत्र को 2047 तक राज्य की कुल भूमि के 2% तक बढ़ाना।
• स्वच्छ ऊर्जा के समर्थन में रणनीतिक और महत्वपूर्ण खनिजों (जैसे लिथियम, दुर्लभ पृथ्वी तत्त्व) को बढ़ावा देना।
• खनिज संसाधनों में मूल्य संवर्धन और अनुसंधान हेतु एक राज्य खनन कंपनी की स्थापना करना।

राजस्थान एम-सैंड नीति 2024
• यह एक रणनीतिक पहल है, जिसका उद्देश्य निर्माण कार्यों में नदी रेत (बजरी) के स्थान पर एक स्थायी विकल्प के रूप में निर्मित रेत (एम-सैंड) के उत्पादन और उपयोग को प्रोत्साहन देना है।
मुख्य विशेषताएं:-
1. एम-सैंड इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जायेगा।
2. एम-सैंड इकाइयों के लिए प्रोत्साहन:-
• वित्तीय लाभ:- रॉयल्टी में छूट (50%)
• निवेश सब्सिडी:- 10 वर्षों के लिए 75% राज्य कर प्रतिपूर्ति।
• बिजली शुल्क छूट:- 7 वर्षों के लिए 100%
• स्टाम्प शुल्क में छूट।
3.एम-सैंड इकाइयों में ऑन-साइट गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं को प्रोत्साहन।
4. अपशिष्ट प्रबंधन:-
• जल पुन: उपयोग के लिए जीरो डिस्चार्ज प्रणालियों को बढ़ावा देना।
• अपशिष्ट पुनर्चक्रण को प्रोत्साहित करना।
• अपशिष्ट निपटान तंत्र विकसित करना।
5. कार्यान्वयन रणनीति:-
• इस नीति के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु खान और भूविज्ञान विभाग के अंतर्गत एक एम-सैंड सेल की स्थापना करना।
• सरकारी परियोजनाओं में एम-सैंड के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाना। (2028-29 तक 50% का लक्ष्य)

तेल एवं प्राकृतिक गैस (Oil and natural gas)
• अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। 
• भारत के कुल कच्चे तेल उत्पादन 29.36 MMTPA  (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) में राजस्थान का योगदान 4.39 MMTPA (14.95%) है।
• राजस्थान में हाइड्रोकार्बन का उत्पादन 4 बेसिन से किया जाता है, जो कि राज्य के 1.5 लाख वर्ग किमी क्षेत्र (14 जिलों) में विस्तृत है:-
1. जैसलमेर बेसिन (जैसलमेर जिला)
2. बाड़मेर-सांचोर बेसिन (बाड़मेर, जालौर)
3. बीकानेर-नागौर बेसिन (5 जिले)
Trick- हजन सिंह चेन्नई वाला + नागौर
हनुमानगढ़, बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू + नागौर
4. विंध्यन बेसिन (6 जिले)
• हाड़ौती - कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़
 BC - भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़

बाड़मेर के 15 क्षेत्रों (मंगला, भाग्यम, ऐश्वर्या, सरस्वती, रागेश्वरी, कामेश्वरी आदि) से 66,000-67,000 बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन किया जा रहा है।

जैसलमेर के बाघेवाला क्षेत्र से 2024-25 में लगभग 1,55,713 बैरल भारी तेल का उत्पादन किया जा रहा है।

राजस्थान रिफाइनरी प्रोजेक्ट:-
• क्षमता:- 9 MMTPA
• यह पचपदरा (बालोतरा) में स्थित देश का पहला पेट्रोकेमिकल कॉन्प्लेक्स है जिसकी शुरुआत 16 जनवरी 2018 को की गई।
• हिस्सेदारी:- राज्य सरकार (26%) और HPCL (74%)
• लागत:- ₹72,937 करोड़
• ऋण इक्विटी अनुपात:- 2:1 (2 भाग ऋण लिया जाएगा 1 भाग सरकार लगाएगी)
• यह रिफाइनरी बीएस-6 मानक के उत्पादों का उत्पादन करेगी।

SAVE WATER

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