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सुशासन से समृद्धि। राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2024-25

 
राजस्थान में सुशासन


राजस्थान में सुशासन 

सुशासन को सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का एक मुख्य घटक माना जाता है, जिसमें 'न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन' पर ध्यान दिया जाता है।
• विश्व बैंक ने सुशासन को राष्ट्रों के आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाला एक निर्णायक घटक बताया है।
• संयुक्त राष्ट्र ने सुशासन की परिभाषा 8 प्रमुख कारकों के माध्यम से दी है।

(A) नागरिक-केंद्रित सेवा प्रदायगी

स्मार्ट (SMART)
Service Management with Artificial intelligence and Real Time system.
• बजट घोषणा:- 2024-25
उद्देश्य:- लाभार्थियों की स्वत: पहचान, स्वत: आवेदन, स्वत: अनुमोदन और लाभों की स्वत: प्रदायगी सुनिश्चित करना।
• इस प्रोजेक्ट के तहत एक 'गोल्डन डेटाबेस ऑफ सिटीजन' तैयार किया जाएगा जिसे 'सिंगल सोर्स ऑफ ट्रूथ' के रूप में प्रयोग किया जाएगा।

राजस्थान जन आधार योजना
• जन कल्याण की विभिन्न योजनाओं के लाभों को सरलता, सुगमता एवं पारदर्शी रूप से आमजन तक पहुंचाने के उद्देश्य से 'एक नम्बर, एक कार्ड और एक पहचान' की विचारधारा के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 'राजस्थान जन आधार योजना' संचालित की जा रही है। 
• राजस्थान जन आधार प्राधिकरण का गठन किया गया है। (चेयरमैन -मुख्य सचिव) (मुख्यालय - जयपुर)
एकल नंबर:- राजस्थान जन आधार प्राधिकरण द्वारा राज्य के प्रत्येक परिवार को जन आधार में नामांकन के बाद 10 अंकों की एक परिवार पहचान संख्या तथा परिवार के सदस्यों को 11 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या प्रदान की जाती है।
एकल पहचान:- यह पहचान प्रमाण, पता प्रमाण एवं परिवार के मुख्य से संबंध के प्रमाण के रूप में वैध है।
महिला सशक्तिकरण:- 18 वर्ष या इससे अधिक आयु वाली महिला परिवार की मुखिया होगी।
महिला नहीं है, तो 21 वर्ष या इससे अधिक आयु का पुरुष मुखिया होगा।
वित्तीय समावेशन:- परिवार के सभी नकद लाभ अनिवार्य रूप से परिवार की महिला मुखिया के बैंक खाते में स्थानांतरित किए जाते हैं।

राजस्थान जन आधार प्राधिकरण के 'एक नंबर, एक कार्ड, एक पहचान' की दिशा में बढ़ते कदम:-
• राज्य में जन आधार कार्ड को राशन कार्ड घोषित किया गया है।
• जन आधार को पहचान पोर्टल (जन्म-मृत्यु और विवाह पंजीकृत करने के लिए राज्य का पोर्टल) के साथ एकीकृत किया गया है।
• जन आधार को मतदाता पहचान कार्ड डेटा के साथ एकीकृत करने से फर्जी मतदाताओं की पहचान, स्वावलंबन पोर्टल के साथ एकीकृत करने से विशेष योग्यजन की पहचान तथा श्रमिक कार्ड डेटा के साथ एकीकृत करने से श्रमिकों की पहचान सुगमता से की जा रही है।

राजस्थान सम्पर्क (181)
• यह एक केंद्रीकृत मंच के रूप में कार्य करता है, जहां राज्य का कोई भी नागरिक टोल फ्री नंबर 181 डायल करके संबंधित विभागों में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।

राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम 2011
• इस अधिनियम के तहत राज्य सरकार द्वारा निर्धारित समय अवधि के भीतर सेवा प्रदायगी सुनिश्चित की जा रही है।
• इस अधिनियम के तहत नागरिक विभिन्न सरकारी विभागों से अलग-2 सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं, सेवा प्रदायगी को समय सीमा के साथ अधिसूचित किया गया है।
• प्रत्येक अधिसूचित सेवा की प्रदायगी के लिए एक नामित अधिकारी है, जिसके पास कोई भी नागरिक आवेदन कर सकता है।
• नामित अधिकारी समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से सेवा प्रदान नहीं करता है तो उसके खिलाफ उचित जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है।

राजस्थान सुनवाई का अधिकार अधिनियम 2012
• राजस्थान सरकार द्वारा शासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने, नागरिकों की समस्याओं का त्वरित निष्पादन करने और प्रशासन में जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु त्रि-स्तरीय जनसुनवाई प्रणाली शुरू की गई है।

 ई-मित्र
• उद्देश्य:- राज्य के नागरिकों खासकर ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को आईटी-सक्षम सेवा वितरण प्रणाली के माध्यम से सूचना और सेवाओं तक पहुंच प्रदान करना।
• राज्य में 78,000 से अधिक ई-मित्र कियोस्क है।
 
ई-मित्र प्लस
• यह दिखने में ATM जैसी मशीन होती है।
• इससे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की जा सकती है। राज्य में 14,891 ई-मित्र प्लस कियोस्क स्थापित हैं।

जन सूचना पोर्टल:- 
• यह एक केंद्रीय प्लेटफार्म है, जो नागरिकों को सरकारी योजनाओं, सेवाओं और सूचनाओं की आसान, पारदर्शी और विश्वसनीय जानकारी उपलब्ध कराता है।
नोट:- आर्थिक समीक्षा के अनुसार 117 विभागों में चल रही 348 योजनाओं के 743 बिन्दुओं की जानकारी जन सूचना पोर्टल पर उपलब्ध है।

आई स्टार्ट 
यह कार्यक्रम राज्य में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स, निवेशकों, इनक्यूबेटर्स के लिए एकल खिड़की मंच की तरह कार्य करता हैं।
• इसके तहत शुरू की गई पहल:-
क्यू-रेट रैंकिंग सिस्टम
इनक्यूबेटर
इनोवेशन चैलेंज एण्ड अवार्ड 
आईस्टार्ट नेस्ट
• सरकार ने स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की पहुंच और प्रभाव को बढ़ाने के लिए स्कूल स्टार्टअप एवं ग्रामीण स्टार्टअप जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं।

ई-बाजार
• यह राजस्थान सरकार का ई-कामर्स प्लेटफॉर्म है, जो विभिन्न विभागों और उनके भागीदारों के उत्पादों को एक ही स्थान पर बिक्री की सुविधा उपलब्ध कराता है।

सिंगल साइन ऑन (SSO) 
• सभी विभागीय एप्लीकेशन SSO से जुड़े हैं।
• एक ही लॉगिन के माध्यम से सभी विभागों के एप्लीकेशन पर कार्य किया जा सकता हैं।

राज ई-वाॅल्ट:-
• यह एक उन्नत दस्तावेज प्रबंधन प्रणाली है, जो विभिन्न सरकारी विभागों व नागरिकों को अपने दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से Store रखने की सुविधा देता है। 
• इसे डिजिलॉकर के साथ भी एकीकृत किया गया है। 

कृषि तकनीकी
• कृषि में तकनीकी प्रगति ने उत्पादकता, स्थिरता और दक्षता में सुधार करते हुए कृषि पद्धतियों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं।
1. राज-AIMS
• डिजिटल कृषि मिशन के तहत 'राजस्थान एग्रीकल्चर इनफॉरमेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम' परियोजना को स्वीकृति प्रदान की गई है।

2. राज किसान साथी पोर्टल 
• 'ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग' दृष्टिकोण को अपनाते हुए किसानों के लिए क्रियान्वित की जा रही विभिन्न सेवाएं एकल खिड़की के रूप में एक जगह ऑनलाइन उपलब्ध करवाई गई है।

3. राज किसान पोर्टल
• सहकारी विभाग की योजनाओं के लिए एकीकृत मंच।

4. नेशनल फिशरीज डिजिटल प्लेटफॉर्म (NFDP)
• यह एक एकीकृत मंच है, जिसका उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र को डिजिटल रूप में परिवर्तित करके पारदर्शिता, दक्षता और विकास को बढ़ावा देना है।
• यह प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का एक महत्वपूर्ण घटक है।

(B) सुशासन के लिए प्रशासनिक तंत्र
• राजस्थान सरकार का केंद्र-बिंदु सुशासन है, जिससे प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार कर एक समावेशी, पारदर्शी और जवाबदेह प्रणाली विकसित कर सभी नागरिकों को लाभ प्रदान किया जा सके।

राज वाई-फाई सेवाएं 
• सभी विभागीय और जिला मुख्यालयों पर प्रदान की गई है।

राजनेट
• राजस्थान सरकार ने एकीकृत नेटवर्क समाधान के रूप में राजस्थान स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क (राजस्वान) को लागू किया है, जो ग्राम पंचायतों तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करता है।
• इस पहल के तहत जिला और ब्लॉक स्तर के कार्यालयों में वीडियो कांफ्रेंसिंग सुविधाएं (वीसी रूम) स्थापित की गई हैं।

स्टेट पोर्टल
• नागरिकों, सरकारी उपयोगकर्त्ताओं, व्यवसायों और विदेशी नागरिकों के लिए सूचना और लेन-देन आधारित सरकारी सेवाओं का एकल स्रोत है।

स्टेट मास्टर सेंट्रलाइज्ड डेटा हब
• यह हब विभिन्न विभागों के क्लाइंट एप्लीकेशन के लिए आवश्यक सभी प्रकार के मास्टर डेटा का केंद्रीय शकृत स्रोत है।

स्टेट डेटा सेंटर
• यह सेवाओं/एप्लिकेशन को बुनियादी ढांचा प्रदान करता है।

राज-काज:- 
• इसके तहत राजस्थान सरकार की विभिन्न विभागीय प्रक्रियाओं को ऑनलाइन संचालित किया जा रहा है।
 • ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, राज्य ने सभी विभागों में भौतिक फाइलों और पत्रों को स्थान पर राज-काज पोर्टल पर ई-फाइलिंग प्रणाली लागू की है। यह कागज रहित संचालन को सुनिश्चित करता है, समय और संसाधनों की बचत करता है और साथ ही डेटा सुरक्षा, पारदर्शिता, तत्परता और जवाबदेही को बढ़ाता है।

राज ई-साइन
• इसके माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों पर डिजिटल हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।

राजमेल
• स्थानीय भाषाओं में नि: शुल्क ई-मेल सेवा।

कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर (अभय) - 
• यह एकीकृत सुरक्षा समाधान प्रदान करता है, जो GPS तथा CCTV तकनीक पर आधारित है।
• 7 सम्भागीय मुख्यालयों और 26 जिलों में यह सेंटर स्थापित किए गए हैं।
उद्देश्य:- शहर में कानून व्यवस्था बनाए रखना।
अपराध की जांच पड़ताल में मदद करना।

राजस्थान अनुप्रयोग विकास केंद्र (राजकैड):-
• यह बिजनेस एनालिसिस, जावा, मोबाइल एप्लीकेशन डेवलपमेंट, सुरक्षा ऑडिट आदि क्षेत्रों में काम करता है। 

भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS)
• भौगोलिक स्थानों से डेटा का प्रबंधन और विश्लेषण करने के लिए एक GIS-आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली विकसित की गई है।

ई-प्रोक्योरमेंट
• पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, राज्य ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) सहित सभी सरकारी संगठनों के लिए इस प्रणाली को लागू किया है।

राजस्थान नॉलेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (RKCL)
• उद्देश्य:- राज्य के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में IT शिक्षा उपलब्ध कराना, ताकि डिजिटल साक्षरता के अंतर को कम किया जा सके। (RAS Pre 2023)

(C) सुशासन के लिए वित्तीय प्रबंधन
• वित्तीय प्रशासन वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से सरकार वित्तीय जानकारी को एकत्रित, प्रबंधित, निगरानी और नियंत्रण करती है, ताकि जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (IFMS)
• यह एक स्वचालित (Automatic) मंच है जो वित्तीय संचालन को सुव्यवस्थित करने में सहायता करता है।

SAVE WATER

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