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जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि। राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2024-25

जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि


राजस्थान में शहरीकरण 2024-25

शहर:- ऐसा कस्बा जिसकी जनसंख्या 5,000 से अधिक हो तथा 75% से अधिक आबादी गैर-कृषि कार्यों में संलग्न हो, शहर कहलाता है।

शहरीकरण:- जनसंख्या का ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर स्थानान्तरण।

संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास रिपोर्ट 2023
• विश्व की आधी से अधिक आबादी शहरों में निवास कर रही है और इसकी हिस्सेदारी वर्ष 2050 तक 66.66% तक होने का अनुमान है।
• शहरों और महानगरीय क्षेत्रों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 80% योगदान है।

जनगणना 2011 के अनुसार राजस्थान की जनसंख्या में शहरी आबादी 24.87% जबकि ग्रामीण आबादी 75.13% है।

विश्व में शहरी आबादी:- 52.10%
भारत में शहरी आबादी:- 31.14%
• शहरीकरण लगातार बढ़ रहा है।

राजस्थान में शहरी जनसंख्या - 1.7 करोड़
इसमें 52.26% पुरुष (प्रतिशत बढ़ रहा है)
47.74% महिला है। (प्रतिशत घट रहा है)

0-6 आयु वर्ग के बच्चों की जनसंख्या
• वर्ष 2011 में शहरी क्षेत्रों में बच्चों की जनसंख्या 22.35 लाख थी, जिसमें 53.37% लड़के और 46.63%  लड़कियां थी।

साक्षरता:-
• भारत में साक्षरता - 73%
• राजस्थान में साक्षरता - 66.10%
शहरी साक्षरता -  79.70%   
ग्रामीण साक्षरता - 61.4%
पुरुष साक्षरता -   79.20%   
महिला साक्षरता - 52.10%
लिंगानुपात:- प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या लिंगानुपात कहलाती है।
• भारत में लिंगानुपात - 943

• राजस्थान में लिंगानुपात - 928
शहरी लिंगानुपात - 914 (बढ़ रहा है)
ग्रामीण लिंगानुपात - 933 (बढ़ रहा है)


बाल लिंगानुपात (0-6 वर्ष):- 
शहरी बाल लिंगानुपात - 874 (घट रहा है)
ग्रामीण बाल लिंगानुपात - 892 (घट रहा है)


 
 
 सर्वाधिक शहरी लिंगानुपात
 न्यूनतम शहरी लिंगानुपात
 1
 टोंक             985
 जैसलमेर    807
 2
 बांसवाड़ा      964
 धौलपुर       864

 3

 प्रतापगढ़      963
 अलवर       872

 4

 डूंगरपुर        951
 गंगानगर     878

 5

 राजसमंद      948
 भरतपुर      887

 

 

 

 

सर्वाधिक शहरी बाल लिंगानुपात
न्यूनतम शहरी बाल लिंगानुपात

 1

 नागौर           907
 धौलपुर           841

 2

 बीकानेर        906
 गंगानगर         842

 3

 भीलवाड़ा      904
 दौसा               847

 4

 बारां              901
 अलवर            851

 5

 चुरू              899
 भरतपुर           852

 

 

 

 

 सर्वाधिक शहरी साक्षरता
 न्यूनतम शहरी साक्षरता

 1

 उदयपुर         87.5
 नागौर       70.6

 2

 बांसवाड़ा       85.2
 जालौर      71.1

 3

 प्रतापगढ़       84.8
 चुरू         72.6

 4

 डूंगरपुर         84.4
 धौलपुर     72.7

 5

 अजमेर         83.9
 करौली      72.8

Urban cities (शहरी शहर):-
राजस्थान में 30 ऐसे शहर हैं, जिनकी आबादी 1 लाख से अधिक है।
• सबसे बड़ा शहर:- जयपुर (30 लाख से अधिक आबादी)
• सबसे छोटा शहर:- बांसवाड़ा
शीर्ष तीन शहर:- 1.जयपुर  2.जोधपुर  3.कोटा
अंतिम तीन शहर:- 28.बूंदी 29.सुजानगढ़ 30.बांसवाड़ा

Urban district (शहरी जिला):-
• सबसे ज्यादा शहरी आबादी वाला जिला:- कोटा (60.31%)
• सबसे कम शहरी आबादी वाला जिला:- डूंगरपुर (6.39%)
शीर्ष शहरीकृत जिलें:- 
कोटा>जयपुर>अजमेर> जोधपुर> बीकानेर
सबसे कम शहरीकृत जिलें:- 
जालौर> प्रतापगढ़> बांसवाड़ा> बाड़मेर> डूंगरपुर

प्रवासन (Migration) (ग्रामीण से शहरी)
अपने मूल निवास को छोड़कर दूसरी जगह पर रहना प्रवासन कहलाता है।
सबसे ज्यादा प्रवासन महिलाओं द्वारा होता है। (कारण - शादी)
• भारतीय स्तर पर प्रवासन:- 794 लाख व्यक्ति
• राजस्थान से प्रवासन - 32 लाख व्यक्ति (भारत का 4%)
पुरुषों में 49% प्रवासन का कारण रोजगार जबकि महिलाओं में 59% प्रवासन का कारण शादी है।

शहरों में घरों की स्थिति:-
69% घर अच्छी स्थिति में है, 29% रहने योग्य हैं जबकि 2% घर जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं।

राजस्थान में झुग्गी-झोपड़ी/कच्ची बस्ती के निवासी (शहरी)
• 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में झुग्गियों में रहने वालों की आबादी 20.68 लाख है, जो कुल शहरी आबादी का 12.13% है।
• कच्ची बस्ती में रहने वाले निवासियों की सबसे अधिक जनसंख्या 3.23 लाख जयपुर नगर निगम की सीमा में हैं।

राजस्थान में शहरी विकास

विकास प्राधिकरण (Development authority):-
राजस्थान में 7 विकास प्राधिकरण बनाए गए हैं -
जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, भरतपुर, बीकानेर

शहरी न्यास (Urban trust):- 10
अलवर, आबू, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, पाली, श्रीगंगानगर, सीकर, सवाई माधोपुर

जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन
• फेज-1ए (मानसरोवर से चांदपोल तक)
3 जून 2015 से शुरू।
• फेज-1बी (चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक)
एशियाई विकास बैंक (ADB) से वित्त पोषित।
23 सितंबर 2020 से शुरू। (2.01 किमी लंबाई)
• फेज-1सी (बड़ी चौपड़ से ट्रांसपोर्ट नगर तक) 
• फेज-1डी (मानसरोवर से 200 फीट बाईपास अजमेर रोड)
• फेज-2 (सीतापुर से विधाधर मार्ग)

रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी, राजस्थान (रेरा):-
• 1 मई 2017 को राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डवलपमेंट) नियम-2017 अधिसूचित किया गया।
• इन नियमों के तहत आवंटियों, प्रमोटरों और रियल एस्टेट एजेंटों के हितों की रक्षा करते हुए एक स्वस्थ, पारदर्शी, कुशल और प्रतिस्पर्धी रियल एस्टेट सेक्टर के विकास और संवर्धन हेतु राजस्थान सरकार द्वारा 6 मार्च 2019 को राजस्थान रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (रेरा) एवं रियल एस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन किया गया।

राजस्थान आवासन मंडल (RHB - Rajasthan housing board):-
• स्थापना:- 24 फरवरी 1970 
• यह एक स्वायत्तशासी निकाय है। 
• उद्देश्य:- राज्य में आवास की आवश्यकताओं को पूरा करना।
• यह समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए वहन योग्य लागत पर आवास सुविधा प्रदान करता है।

नगर नियोजन विभाग:-
• अगले 20 वर्षों के लिए शहरी भूमि के उपयोग हेतु मास्टर प्लान तैयार करना।
• 300 नगरपालिका शहरों में से 194 नगरपालिका शहरों/कस्बों के मास्टर प्लान तैयार किए जा चुके हैं।
• भरतपुर, डीग, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपुतल-बहरोड़ जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR - National Capital Region) में शामिल हैं।

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM)
• राज्य के 213 शहरी निकायों में लागू।
• शहरी क्षेत्र में क्षमता निर्माण, कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से रोजगार और सामाजिक जुड़ाव सुनिश्चित करना।
• शहरी बेघरों के लिए आश्रय प्रदान करना।

छोटे एवं मध्यम कस्बों में शहरी आधारभूत ढांचे की विकास योजना:-
• शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शुरू।
• उद्देश्य:- शहरी गरीबों को आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना।
• यह योजना जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन में चयनित शहरों/कस्बों में लागू नहीं होगी।
• केंद्र (60) : राज्य (20) : शहरी स्थानीय निकाय (20)
• नोडल एजेंसी:- राजस्थान शहरी पेयजल, सीवरेज एवं आधारभूत निगम।

राजस्थान शहरी विकास कोष -II (Rajasthan Urban Development Fund):-
• राज्य में शहरी क्षेत्र के विकास के लिए।
• 25 अगस्त 2021 को गठन किया गया।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी):-
• 2015 में शुरू।
• उद्देश्य:- शहरी बेघर लोगों को सस्ते घर उपलब्ध करवाना।
• लाभार्थी:- 
आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग (वार्षिक आय ₹3 लाख)
अल्प आय वर्ग (3-6 लाख)
• केंद्र (60) : राज्य (40)

स्मार्ट सिटीज मिशन
• भारत सरकार द्वारा जून 2015 में शुरू।
• उद्देश्य:- 5 वर्षों की अवधि में भारत के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाना।
• भारत सरकार द्वारा प्रत्येक शहर को ₹100 करोड़ प्रतिवर्ष एवं इसके समान ही राशि राज्य सरकार/नगरीय निकाय द्वारा 5 वर्ष के लिए दी जाएगी।
• गौरतलब है कि राजस्थान के 4 शहर कोटा, अजमेर, जयपुर एवं उदयपुर को स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल किया गया है। (Trick - KAJU)

अमृत 2.0
• शुरू:- 1 अक्टूबर 2021
• उद्देश्य:- सीवरेज, जल निकायों का जीर्णोद्धार एवं जलापूर्ति के कार्य करवाना।
• लक्ष्य:- सभी शहरी निकायों में सभी घरों को वर्ष 2025-26 तक "हर घर नल" द्वारा पेयजल उपलब्ध कराना।

LED लाइट प्रोजेक्ट:-
• स्ट्रीट लाइट में एलईडी का उपयोग करना।
• यह राज्य सरकार का ऊर्जा बचत प्रोजेक्ट है।

स्वच्छ भारत मिशन 2.0 (शहरी)
• 2 अक्टूबर 2021 को लॉन्च।
• केंद्र सरकार द्वारा शुरू
• प्रमुख घटक:- शौचालय निर्माण, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, उपयोग किए गए जल का प्रबंधन के माध्यम से पूरे भारत में स्वच्छता के बेहतर स्तर को प्राप्त करना।
• इस मिशन के तहत राजस्थान के सभी शहरी स्थानीय निकायों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जा चुका है।

श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना:-
• शुरू - 20 अगस्त 2020
• पुराना नाम:- इंदिरा रसोई योजना
• लक्ष्य अंत्योदय-प्रण अंत्योदय-पथ अंत्योदय की संकल्पना को साकार करने के लिए शुरू। 
• योजना की टैगलाइन:- कोई भूखा ना सोये
• प्रदेश के 240 नगरीय निकायों में 1,000 रसोईयों के माध्यम से संचालित।
• इस योजना के तहत ₹8 प्रति थाली दोपहर व रात्रि भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है तथा राज्य सरकार द्वारा ₹22 प्रति थाली अनुदान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री शहरी रोजगार गारंटी योजना
• पुराना नाम:- इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना
• मनरेगा की तर्ज पर 9 सितंबर 2022 को शुरू।
उद्देश्य:- शहरी क्षेत्र में निवास करने वाले जरूरतमंद परिवारों के 18 से 60 वर्ष आयु के व्यक्तियों को प्रतिवर्ष 125 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराना।

राजस्थान परिवहन आधारभूत विकास निधि
• वर्ष 2011-12 में गठित।

SAVE WATER

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज 
1 अप्रैल 1999 को राजस्थान में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की स्थापना की गई।

राजीविका:- राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (RGAVP)
RAJEEVIKA - Rajasthan Grameen Aajeevika Vikas Parishad.
• ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजस्थान सरकार द्वारा अक्टूबर 2010 में स्थापित।
• अध्यक्ष - मुख्यमंत्री**
• उद्देश्य - ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ाकर निर्धन ग्रामीणों की आय में वृद्धि करना।

वर्तमान में भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित राजीविका द्वारा निम्नलिखित आजीविका योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है -

1. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (2011)
• ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा लागू।
• उद्देश्य:- 2024-25 तक 10-12 करोड़ परिवारों को स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जोड़ना।
• पूरे राज्य भर में लागू है।
• केंद्र (60) : राज्य (40)

2. राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक परिवर्तन परियोजना:-
• 19 फरवरी 2019 को शुरू की गई।
• वित्त पोषण:- विश्व बैंक द्वारा
• 9 जिलों के 36 ब्लाकों में संचालित।
• केंद्र (60) : राज्य (40)

वन धन विकास योजना के तहत 8 जिलों (बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सिरोही, उदयपुर, कोटा, बारां, झालावाड़) में वन धन विकास केंद्रों का गठन किया गया है

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA):-
• सितंबर 2005 में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी  अधिनियम पारित किया गया।
• फरवरी 2006 में इसे योजनागत रुप दिया गया।
• उद्देश्य - ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन करना।
• इसके तहत ग्राम पंचायत के वयस्क एवं अकुशल सदस्यों को 100 दिन का रोजगार दिया जाता है।
• लाभार्थियों में कम से कम एक-तिहाई महिलाएं होंगी।
• प्रत्येक परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार दिया जाएगा।
• लाभार्थियों का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) किया जाता है और जॉब कार्ड प्रदान किए जाते हैं।
• रजिस्ट्रेशन के 15 दिन के अंदर तथा 5 किलोमीटर के दायरे में रोजगार दिया जायेगा।
(5 किलोमीटर क्षेत्र से बाहर होने पर 10% अतिरिक्त मजदूरी दी जायेगी)
• 15 दिन के अंदर रोजगार उपलब्ध नहीं होने पर राज्य सरकार बेरोजगारी भत्ता देगी।
• कार्य का निर्धारण ग्राम पंचायत करेगी।
• ठेकेदारों व मशीनों से कार्य की अनुमति नहीं है।
• प्रभावी जन अभाव अभियोग निराकरण प्रणाली।
• मजदूरी : सामग्री = 60:40
• ग्राम सभा:-
1. सामाजिक अंकेक्षण करेगी।
2. कार्य की गुणवत्ता एवं योजना की प्रगति का पर्यवेक्षण करना।

केंद्र सरकार:-
1. ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित।
2. मजदूरी का 100% वित्त पोषण केंद्र सरकार द्वारा
3. सामग्री का 75% वित्त पोषण केंद्र सरकार द्वारा

मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना:-
• इसके अंतर्गत मनरेगा के तहत 100 दिवस का रोजगार पूर्ण करने पर अतिरिक्त 25 दिवस का रोजगार राज्य मद से दिया जा रहा है।
• साथ ही बारां जिले की सहरिया व खैरूआ तथा उदयपुर की कथौडी जनजाति परिवारों तथा राज्य के विशेष योग्यजन श्रमिकों को 100 दिवस का अतिरिक्त रोजगार दिया जायेगा।

मिशन अमृत सरोवर
• 24 अप्रैल 2022 को शुरू
• उद्देश्य:- देश के प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर (तालाबों) का निर्माण/विकास करना।

प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन):-
• विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों (PVTG GROUP) की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए  प्रधानमंत्री PVTG विकास मिशन शुरू किया गया है। 
• उद्देश्य:- देश में 75 PVTG समूहों का विकास करना।
• राजस्थान में एकमात्र जिला बारां है जहां PVTG समूह है। 
बारां जिले की सभी 8 पंचायत समितियां में निवासरत आवासहीन PVTG परिवारों को ₹2 लाख आवास निर्माण हेतु एवं ₹12,000 शौचालय निर्माण हेतु एवं मनरेगा से अकुशल मानव दिवस का देय अनुमानित पारिश्रमिक राशि ₹22,950 सहित कुल राशि ₹2.35 लाख का प्रावधान है। 

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
• 2016 में ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू।
• लाभार्थी का चयन:- सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 के आधार पर। (SECC)
• इसके तहत लाभार्थियों को घर बनाने के लिए ₹1,20,000 दिये जाते है।
• स्वच्छ भारत मिशन के तहत अतिरिक्त ₹12000 शौचालय निर्माण हेतु दिए जाते हैं।
• लाभार्थी मनरेगा के तहत 90 कार्यदिवसों का उपयोग घर निर्माण हेतु कर सकता है।
• वित्त पोषण:- केंद्र (60) : राज्य (40)

विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MLA-LAD)
Member of legislative Assembly local area development scheme:-
उद्देश्य:- स्थानीय आवश्यकतानुसार आधारभूत संरचना का विकास, जनोपयोगी परिसंपत्तियों का निर्माण करना।
• विधायक को अपने निर्वाचन क्षेत्र (ग्रामीण या शहरी) में प्रतिवर्ष विकास कार्यों के लिए 5 करोड रुपये की राशि दी जाती है।
• इसमें से कम से कम 20% राशि SC-ST के विकास हेतु खर्च करनी होगी।

सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम:-
(MPLAD - member of Parliament local area development programme):-
शुरू - सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 23 दिसंबर 1993 से।
उद्देश्य:- स्थानीय आवश्यकतानुसार आधारभूत संरचना का विकास, जनोपयोगी परिसंपत्तियों का निर्माण करना।
• प्रत्येक सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपये तक की राशि के विकास कार्यों हेतु जिला कलेक्टर को अनुशंसा कर सकता है।
लोकसभा के निर्वाचित सांसद अपने क्षेत्र में ही राशि खर्च कर सकते हैं।
राज्यसभा के निर्वाचित सांसद राज्य के किसी भी जिले में राशि खर्च कर सकते हैं।
मनोनीत सांसद (लोकसभा या राज्यसभा) संपूर्ण भारत में कहीं भी राशि खर्च कर सकते हैं।
• देश के किसी भी हिस्से में गंभीर प्राकृतिक आपदा की स्थिति में एक सांसद प्रभावित क्षेत्र में अधिकतम 1 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर सकता है।

मेवात क्षेत्र विकास कार्यक्रम:-
• 1986-87 में आधारभूत सुविधाओं एवं रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु शुरू किया गया।
• अलवर, खैरथल-तिजारा एवं डीग के मेव बाहुल्य 14 खंडों के 807 गांवों में संचालित।

डांग क्षेत्र विकास कार्यक्रम:-
• 2005-06 से राजस्थान सरकार द्वारा पुनः प्रारंभ
• पूर्वी राजस्थान के 8 जिलों की 21,92 गांवों में लागू।
जिलें:- भरतपुर, करौली, धौलपुर (BCD), सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ (हाड़ौती)

मगरा क्षेत्र विकास कार्यक्रम:-
• 2005-06 से राजस्थान सरकार द्वारा लागू।
दक्षिणी मध्य अरावली के 5 जिलों के 17,46 गांवों में लागू।
जिलें:- ब्यावर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, पाली (BBCRP)

महात्मा गांधी जन-भागीदारी विकास योजना:-
• पुराना नाम:- गुरु गोलवलकर जनभागीदारी विकास योजना।
• नाम परिवर्तन:- फरवरी 2020 में।
• वित्त पोषण:- राज्य सरकार द्वारा।
• उद्देश्य:- ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक संपत्तियों के निर्माण व रखरखाव में जन भागीदारी सुनिश्चित करना।

 संपत्ति
 सरकारी योगदान
 जनभागीदारी
 श्मशान/कब्रिस्तान
 90%
 10%
 अन्य सामुदायिक संपत्ति 
 70%
 30%
अन्य संपत्ति परंतु TSP क्षेत्र में
 80%
 20%

बायोफ्यूल (जैव ईंधन)
• 2005 में राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बायोफ्यूल मिशन लाया गया।
• 2007 में राजस्थान सरकार द्वारा बायोफ्यूल नीति जारी कर बायोफ्यूल प्राधिकरण का गठन किया गया।
(ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधीन)
• 10 अगस्त 2019 - राजस्थान बायोडीजल नियम लागू किए गए।

बायोफ्यूल प्राधिकरण की उपलब्धियां:-
1. राजस्थान बायोडीजल नियम 2019 लागू किए गए।
राजस्थान बायोडीजल नियम लागू करने वाला देश का पहला राज्य है।
2. राजस्थान जैव ईंधन नियम 2019 के अंतर्गत राज्य में परिवहन प्रयोजन हेतु हाई स्पीड डीजल के साथ सम्मिश्रण के लिए बायोडीजल (B-100) की खुदरा बिक्री हेतु उत्पादकों,  आपूर्तिकर्ताओं एवं खुदरा विक्रेताओं के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया का क्रियान्वयन किया गया है। 
3. मनरेगा के अंतर्गत गैर खाद्य तेलीय फसलों (रतनजोत, करंज, महुआ व नीम) का पौधारोपण किया गया।
4. पौधारोपण की तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया।

वर्ल्ड बायोफ्यूल डे:- 10 अगस्त
बायोफ्यूल के निर्माण में उपयोगी पौधे - रतनजोत (जेट्रोफा) और करंज।

राजस्थान बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड 
• गठन:- 2016 में। 
• पुनर्गठन:- 11 फरवरी 2022

सांसद आदर्श ग्राम योजना:-
• ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा।
• इसके अंतर्गत प्रतिवर्ष एक सांसद द्वारा एक गांव गोद लिया जाता है।
लोकसभा सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र का कोई भी गांव।
राज्यसभा सांसद राज्य में कोई भी गांव।
मनोनीत सांसद संपूर्ण भारत में कोई भी गांव को गोद ले सकता है।
उद्देश्य:-चयनित गांव के निवासियों के जीवन स्तर और जीवन गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार लाना।

पंचायती राज

• अनुच्छेद 243 में पंचायती राज का प्रावधान।
• पंडित जवाहरलाल नेहरू ने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत 2 अक्टूबर 1959 को बगदरी गांव (नागौर) से की।

वित्त आयोग:- प्रावधान अनुच्छेद 280 में।
गठन - राष्ट्रपति द्वारा।

15वां वित्त आयोग
• अवधि:- 2021-22 से 2025-26
• अध्यक्ष:- एनके सिंह
• सिफारिशें:- 15वें वित्त आयोग ने केंद्र द्वारा राजस्व कर में से 41% राज्यों को देने की सिफारिश की।

नोट:- 15वें वित्त आयोग ने कुल अनुदान के 40% अनटाईड अनुदान तथा 60% टाईड अनुदान की सिफारिश की।

Untide अनुदान:- स्थानीय निकायों की स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
जैसे स्ट्रीट लाइट, अन्य सार्वजनिक भवनों/परिसंपत्तियों जैसे - प्राथमिक/उच्च प्राथमिक स्कूल, स्वास्थ्य उपकेंद्र, सहकारी बीज और उर्वरक भंडारण केंद्र, सड़कों, पार्को, खेल मैदान, शमशान स्थलों की मरम्मत और रखरखाव हेतु‌
Tide (बंधे) अनुदान:- केवल निश्चित क्षेत्र में उपयोग।
जैसे:- स्वच्छता (खुले में शौच) एवं जल संचयन

राज्य वित्त आयोग:-
73वें संविधान संशोधन के तहत इसका प्रावधान किया गया।
अब तक राजस्थान में 6 राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया है।

आयोग - अध्यक्ष
गठन
कार्यकाल
प्रथम - के के गोयल***
24 अप्रैल 1994
1 अप्रैल 1995 से 31 मार्च 2000
दूसरा - हीरालाल देवपुरा
7 मई 1999
1 अप्रैल 2000 से 31 मार्च 2005
तीसरा - माणिक चंद सुराणा
मई 2004
1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2010
चौथा - डॉ बी डी कल्ला
13 अप्रैल 20111 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2015
पांचवा - डॉ ज्योति करण
जुलाई 2014
1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2020
छठा - प्रद्युम्न सिंह**
सदस्य - अशोक लाहोटी, लक्ष्मण सिंह रावत
अप्रैल 2021
1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2025

षष्टम राज्य वित्त आयोग (2020-21 से 2024-25)
• आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्य के शुद्ध कर राजस्व में से 6.75%  स्थानीय स्वशासन को दिया जाए।
इसका 75.10% पंचायतों को जबकि 24.90% नगरपालिकाओं को दिया जाए।
• इस राशि का 5% जिला परिषद को, 20%  पंचायत समिति को तथा 75% ग्राम पंचायतों को दिया जाए।
• वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 की सिफारिशों के अनुसार -
अनुदान की 55% राशि का उपयोग मूलभूत एवं विकास कार्यों के लिए, 
40% राशि का उपयोग राष्ट्रीय और राज्य प्राथमिकता योजनाओं को लागू करने के लिए एवं 
शेष 5% राशि विभिन्‍न कार्यों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के प्रोत्साहन के लिए है।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण):-
• 2 अक्टूबर 2014 को शुरू।
• वर्तमान में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संचालित।
• प्रथम चरण:- 2014-2019 तक।
• उद्देश्य:- भारत को खुले में शौच से मुक्त करना।
• राजस्थान मार्च 2018 में खुले में शौच से मुक्त हो गया। 
• दूसरा चरण:- 2020-21 से 2024-25 तक।
• उद्देश्य:- गांवों में ODF की स्थिति बनाए रखना तथा ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन करना।
• प्रावधान:-
1. व्यक्तिगत शौचालय:- बीपीएल एवं एपीएल परिवारों को शौचालय निर्माण एवं उपयोग करने पर ₹12000 प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
• केंद्र (60) : राज्य (40)

2. सामुदायिक स्वच्छता केंद्र:- के निर्माण के लिए ग्राम पंचायत को 3 लाख रुपये।
इसमें 70% राशि - स्वच्छ भारत मिशन के तहत
जबकि 30% राशि - 15वें वित्त आयोग से। (टाईड अनुदान)

3. ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन:-
70% राशि - स्वच्छ भारत मिशन के तहत
जबकि 30% राशि - 15वें वित्त आयोग से। (टाईड अनुदान)

गोबर-धन परियोजना
• यह स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण घटक है।
उद्देश्य:- पशुओं के गोबर और जैविक कचरे से गांवों को साफ करके तथा ऊर्जा और खाद का उत्पादन करके आय के स्रोत विकसित करना।

पंचायत पुरस्कार
• भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पंचायत दिवस 24 अप्रैल को दिए जाते हैं।
1. दीनदयाल उपाध्याय पंचायत सतत विकास पुरस्कार
यह देश की 3 जिला परिषद, 3 पंचायत समिति और 3 ग्राम पंचायतों को दिया जाता है।

2. ग्राम ऊर्जा स्वराज विशेष पंचायत पुरस्कार
यह देश की 3 सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत को ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को अपनाने एवं उपयोग करने में उनके प्रदर्शन के लिए दिया जाता है। 

3. कार्बन न्यूट्रल विशेष पंचायत पुरस्कार
यह देश की 3 सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत जिन्होंने पूर्ण शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने की दिशा में अनुकरणीय कार्य किया है, को दिया जाता है। 

पंचायत विकास योजना (PDP):-
• 2015 में पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शुरू।
• उद्देश्य:- ग्राम पंचायतों में आपसी सहयोग द्वारा विकास कार्यों को बढ़ावा देना।
• इस योजना के तहत भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर से 31 जनवरी तक संपूर्ण भारत में 'सबकी योजना सबका विकास' अभियान चलाया जाता है। (जन योजना अभियान)
इसके लिए 'ई-ग्राम स्वराज पोर्टल' बनाया गया है।

स्वामित्व योजना
• 24 अप्रैल 2020 को शुरू
• उद्देश्य:- गांवों का ड्रोन द्वारा सर्वे करके ग्रामीण भारत के लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिलाना।

श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना (ग्रमीण)
• 6 जनवरी 2024 से शुरू।
• इसका संचालन राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रदेश के सभी चिन्हित ग्रामीण कस्बों में किया जा रहा है।
• 891 रसोईयों के माध्यम से संचालित।
• लाभार्थी से प्रति थाली ₹8 लिए जा रहे हैं तथा प्रति थाली ₹22 राज्य सरकार द्वारा भुगतान किया जा रहा है।

राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान:-
• 2018 में शुरू।
• उद्देश्य:- पंचायत क्षमता संवर्धन।
• केंद्र (60) : राज्य (40)
• नया नाम:- पुनरूत्थान राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान
• 31 मार्च 2026 तक संचालित किया जायेगा।

विलेज मास्टर प्लान:-
• आगामी 30 वर्षों के लिए शिक्षा, खेल पार्क, सरकारी भवन आदि के लिए भूमि आवंटन का प्लान तैयार करना।
• राजस्व विभाग एवं पंचायत विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं।
• पहले ग्राम पंचायत प्लान को मंजूरी देगी फिर ग्रामसभा अनुमोदित करेगी‌।

अंबेडकर भवन योजना
• बजट घोषणा 2019-20 में घोषित।
• नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगम मुख्यालयों को छोड़कर सभी पंचायत समितियों पर अंबेडकर भवन बनाया जायेग
ग्रामीण गैर-कृषि विकास एजेंसी (RUDA)
Rural non-farm development agency:-
• नवंबर 1995 में स्थापित।
• उद्देश्य:- ग्रामीण गैर-कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना।
• दस्तकार परिवारों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना।
 3 मुख्य क्षेत्र:- चमड़ा, ऊन व कपड़ा तथा लघु खनिज।
• पोकरण पोटरी, ब्लू पोटरी, सांगानेर प्रिंट, बगरू प्रिंट, कोटा डोरिया आदि हस्तशिल्पों के लिए रूडा ने जीआई टैग प्राप्त किया है।

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