राजस्थान में बुनियादी सामाजिक सेवाएं
शिक्षा:-शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है।
समग्र शिक्षा• यह प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण की उपलब्धि के लिए भारत सरकार का फ्लैगशिप कार्यक्रम है।• राज्य में इसका क्रियान्वयन राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा किया जाता है।• केंद्र (60) : राज्य (40)• उद्देश्य:- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिकता को बढ़ावा देना, स्कूल शिक्षा में सामाजिक और लैंगिक अंतर को कम करना।RTE-2009 के कार्यान्वयन में राज्य को सहयोग करना।
निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (RTE Act 2009)• अनुच्छेद 21A में प्रावधान• 86वां संविधान संशोधन द्वारा।• 1 अप्रैल 2010 को राजस्थान में लागू• यह एक मूल अधिकार है।• निजी स्कूलों में कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए 25% सीटें आरक्षित रखी जाएगी। (RTE एक्ट की धारा 12 (C) के तहत ₹2.5 लाख वार्षिक आय तक को पिछड़ा वर्ग माना जाएगा)
निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण योजना• राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा• कक्षा 1 से 8 तक
विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना• समस्त राजकीय विद्यालय शामिल (कक्षा 1 से 8 तक)• कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शामिल• मेवात बालिका आवासीय विद्यालय शामिलनोट:- वर्ष 2022-23 में इस योजना को राजस्थान चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल कर लिया गया है।
स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम• यूनिसेफ की सहायता से संचालित।• राजकीय एवं गैर राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।• किशोरी आयु की बालिकाओं (10-19 आयु वर्ग) के लिए एनिमिया नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री संबल योजना• विधवा एवं परित्यक्ता (Abandoned) महिलाओं के लिए।• निजी प्रशिक्षण संस्थानों में प्रारंभिक शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा करने पर फीस में से ₹9000 का प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जा रही है।
भामाशाह सम्मान समारोह • 1 जनवरी 1995 से शुरू।• स्कूल के शैक्षिक और भौतिक विकास (कमरा निर्माण, मरम्मत,...) में सहयोग देने वाले दानदाताओं को सम्मानित किया जाता है।
बाल वाटिका• राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू।• उद्देश्य:- प्रारंभिक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान की नींव को मजबूत करना।• इस योजना के तहत 4-6 वर्ष की आयु के ऐसे बच्चे जो पूर्व प्राथमिक शिक्षा से वंचित रहे हैं, उन्हें 1 वर्षीय बाल वाटिका में अध्ययन करवाकर कक्षा-1 हेतु तैयार करना।
एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम• इसके अंतर्गत 30 मार्च 2024 को राजस्थान के सभी राजकीय विद्यालयों में राजस्थान दिवस का आयोजन किया गया।• जिसमें विद्यार्थियों ने राजस्थान की वेशभूषा, वीर सपूतों का गौरव गान, नृत्य और लोक संस्कृति पर आधारित झलकियाँ किया प्रस्तुत की।
लैब विद्यालय:-• प्रत्येक जिले के 3 आदर्श और 3 उत्कृष्ट विद्यालयों का चयन संबंधित डाइट के द्वारा कर लिया गया है। वर्तमान में 600 लेब विद्यालय हैं, जिन्हें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021• NCERT द्वारा 12 नवंबर 2021 को शैक्षिक गुणवत्ता के आकलन हेतु सर्वे कराया गया।
मुख्यमंत्री नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना• 29 नवंबर 2022 को शुरू• इस योजना के तहत राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को नि:शुल्क यूनिफॉर्म फैब्रिक के 2 सैट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। सिलाई के लिये प्रति विद्यार्थी ₹200 सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किए जा रहे हैं।
ज्ञान संकल्प पोर्टल• शुभारंभ:- 5 अगस्त 2017• उद्देश्य:- भामाशाहों, दानदाताओं और कंपनियों (csr) से धनराशि एकत्रित कर स्कूलों को आर्थिक सहायता प्रदान करना एवं बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
विद्यालय के प्रकार:-कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय• 2004-05 में शुरू।• कक्षा 6 से 12 तक की • बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालय।• कभी भी नामांकित नहीं हुई एवं बीच में ही विद्यालय छोड़ देने वाली बालिकाओं को प्राथमिकता।• राजस्थान में वर्तमान में 316 स्कूल है। मेवात बालिका आवासीय विद्यालय• 2015 में शुरू• कक्षा 6 से 8वीं तक की बालिकाओं के लिए।• मेवात क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत संचालित।• मेवात क्षेत्र में 10 स्कूल स्थापित किए गए हैं।
आदर्श विद्यालय• 2015 में शुरू• प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक चयनित माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूल को आदर्श विद्यालय बनाया जाएगा।• शहर में भी आदर्श विद्यालय बनाए जाएंगे। उत्कृष्ट विद्यालय• 2016-17 में शुरू • प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक चयनित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूल को उत्कृष्ट विद्यालय बनाया जाएगा।
स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल विद्यालय• 2016 में शुरू • कक्षा 6 से 12 के लिए• CBSE पैटर्न पर इंग्लिश मीडियम में शिक्षा।• 55% सीट छात्राओं के लिए आरक्षित• ऐसे 134 स्कूल संचालित है।
नोट:- राजस्थान में 301 एजुकेशन ब्लॉक हैं महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम)• 2019-20 में शुरू• कक्षा 1 से 12 तक• RBSE पैटर्न पर इंग्लिश मीडियम में शिक्षा।• ऐसे 3737 स्कूल संचालित है।
सैनिक स्कूल• कक्षा 6 से 12 के लिए• सीबीएसई पैटर्न पर• राजस्थान का प्रथम सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में खोला गया।
महिला शिक्षण विहार• ये 15-30 आयु वर्ग की तलाकशुदा, आदिवासी और वंचित (Deprived) महिलाओं के लिए • कक्षा 10 तक के आवासीय विद्यालय हैं।• व्यावसायिक प्रशिक्षण (Vocational training) दिया जाएगा।• वर्तमान में केवल झालावाड़ जिले में संचालित है।
मीना राजू मंच एवं गार्गी मंच:-• 2011-12 में शुरू • उद्देश्य:- सामाजिक मुद्दों (बाल विवाह, दहेज प्रथा) पर जागरूकता पैदा करना तथा अभिभावकों को अपनी बेटियों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करना।• कक्षा 6 से 8वीं तक की बालिकाओं के लिए मीना-राजू मंच का तथा कक्षा 9 से 12वीं तक की बालिकाओं के लिए गार्गी मंच का गठन किया गया है।
सक्षम:- (रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण)• बालिकाओं को आत्मरक्षा (Self defense) का प्रशिक्षण देना।• बालिकाओं के नामांकन, ठहराव एवं सीखने में वृद्धि को बढ़ावा देना।
स्कूल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एकीकृत शाला दर्पण)• यह स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान का लाइव डेटाबेस प्रबंधन पोर्टल है। इस पर सभी सरकारी स्कूलों और शिक्षा कार्यालयों की जानकारी ऑनलाइन रखी जाती है।
शाला सिद्धि• स्कूलों का उन्नयन करना।• स्कूल मूल्यांकन व्यवस्था के द्वारा।
बालिका शिक्षा फाउंडेशन• स्थापना:- 30 मार्च 1995• उद्देश्य:- बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना।• उच्च एवं तकनीकी शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता।• मुख्यालय - जयपुर• पदेन अध्यक्ष - मुख्यमंत्री• उपाध्यक्ष - शिक्षा मंत्री।
आपणी लाडो- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रमयह बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस हेतु नामांकन बढ़ाने हेतु राज्य के सभी विद्यालयों में रैली का आयोजन किया गया।
गार्गी पुरस्कार• 1998 में शुरू• कक्षा 10 में 75% से अधिक अंक लाने वाली सभी बालिकाओं हेतु।• प्रतिवर्ष बसंत पंचमी को पुरस्कार दिया जाता है।• ₹6000 की पुरस्कार राशि दी जाती है। (3000 कक्षा 11 के लिए, 3000 कक्षा 12 के लिए)
इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार• 2019-20 से शुरू• General, OBC, MBC, SC, ST, अल्पसंख्यक बीपीएल और निःशक्त वर्ग (दिव्यांग) की ऐसी बालिकाओं को, जिन्होंने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा - 8, 10 एवं 12 (कला, विज्ञान, वाणिज्य) की परीक्षाओं में प्रत्येक जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया होतथा संस्कृत शिक्षा विभाग की कक्षा- 8, प्रवेशिका एवंवरिष्ठ उपाध्याय की बोर्ड परीक्षा में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली कक्षा - 8 की बालिका को ₹40,000, कक्षा 10 की बालिका को ₹75,000एवं कक्षा-12 (कला, विज्ञान, वाणिज्य) की बालिकाओं को ₹1,00,000 एवं स्कूटी दी जाएगी।• यह पुरस्कार प्रतिवर्ष 19 नवंबर को इंदिरा गांधी के जन्म दिवस पर दिया जाता है।
स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना• पुलिस एवं शिक्षा विभाग द्वारा संचालित।• कक्षा 8 व 9 के विद्यार्थियों पर लागू।• उद्देश्य:- पुलिस के सहयोग से विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर सजग एवं जिम्मेदार नागरिक बनाना।• ₹50,000 प्रति विद्यालय को दिया जाता है।
FLN प्रशिक्षण कार्यक्रम(Foundational Literacy and Numeracy)• राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए कक्षा 1-5 में अध्ययन कराने वाले शिक्षकों की बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर समझ विकसित करना।
मिशन स्टार्ट:-• यह "ब्लैंडेड मोड ऑफ़ लर्निंग" पर आधारित है। • शिक्षकों की कमी/अनुपस्थिति की स्थिति में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को विभाग द्वारा निर्मित डिजिटल कंटेंट (ई- कंटेंट) के माध्यम से अध्ययन करवाया जाता है। • विद्यार्थियों के संज्ञानात्मक विकास में सहायक।
दीक्षा पोर्टल:- ई-कंटेंट उपलब्ध करवाया जाता है।• 3,524 क्यूआर कोड़ आधारित पाठ्य पुस्तकें प्रकाशित की गई है।
'पढ़ें भारत बढ़े भारत' के तहत सभी राजकीय विद्यालयों में पुस्तकालय अनुदान दिया जा रहा है।'खेले इंडिया खिले इंडिया' के तहत सभी राजकीय विद्यालयों में खेल अनुदान दिया जा रहा है।
State Model Resource Room• समग्र शिक्षा के अंतर्गत राजस्थान में दो राज्य मॉडल संदर्भ कक्ष स्थापित किये जा रहे हैं -1. जयपुर2. SCERT, उदयपुर
शैक्षणिक किशोरी मेला• विज्ञान और गणित विषय पर विशेष ध्यान देने के लिए बच्चों में शैक्षणिक वातावरण तैयार करना।
सपोर्ट फॉर ऐज ग्रुप 16-19• विद्यालयी शिक्षा पूर्ण नहीं कर सकने वाले विद्यार्थियों को राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल (RSOS) और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के माध्यम से कक्षा 10 व 12 का शिक्षण कराना।
यूथ एवं इको क्लब• छात्रों में जीवन कौशल विकसित करना।• पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए।
व्यावसायिक शिक्षा• शैक्षणिक वर्ष 2023-24 तक राजस्थान में कुल 3,105 व्यवसायिक शिक्षा विद्यालय स्वीकृत हैं।
स्टार्स योजनाSTARS:- Strengthening Teaching-Learning and Result for States.• शुरुआत:- 2020-21• विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित।• 6 राज्यों में लागू। (HP, MP, MH, Raj, ओडिशा, केरल)• स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और प्रशासन में सुधार करना।• केंद्र (60): राज्य (40)
पीएम श्री विद्यालय योजना• 2022-23 से 2026-27 तक• इसके तहत देश के 14,500 प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाना है। • इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, स्मार्ट क्लासेस, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। • इसके प्रथम चरण में राजस्थान के 402 सरकारी विद्यालयों का चयन किया गया है।प्रदेश के कुल 718 स्कूलों को इस योजना में शामिल किया जाएगा।
साक्षरता एवं सतत् शिक्षा • एक व्यक्ति को जनगणना में साक्षर माना जाता है यदि वह -(i) कम से कम 7 साल का हो(ii) किसी एक भाषा को पढ़, लिख और समझ सकता हो।
उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम• केंद्रीय प्रवर्तित योजना• 1 अप्रैल 2022 से राज्य के सभी 33 जिलों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लागू।• उद्देश्य:- 15 वर्ष एवं अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों को साक्षर करना।• यह पूर्ण रूप से स्वयंसेवक आधारित जन अभियान है।• केंद्र (60) : राज्य (40)
उच्च शिक्षा• राज्य में महाविद्यालय:- 2,499
बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना• लागू:- 24 अगस्त 2022• उद्देश्य:- बालिकाओं और महिलाओं को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा ग्रहण कराना।• इस योजना के तहत VMOU और इग्नू सहित राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में दूरस्थ शिक्षा मोड के तहत यूजी, पीजी, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिला लेने वाली छात्राओं को ट्यूशन फीस का पुनर्भरण किया जाता है।• प्रतिवर्ष कुल 36,300 बालिकाओं और महिलाओं को लाभान्वित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना• राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (BSER) की उच्च माध्यमिक परीक्षा में मेरिट सूची में प्रथम 1 लाख छात्र जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय ₹2.50 लाख और जिन्हें कोई अन्य छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, उन्हें इस योजना के तहत छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना• इस योजना के तहत RBSE द्वारा आयोजित सीनियर सेकेंडरी परीक्षा में न्यूनतम 65% तथा CBSE में न्यूनतम 75% के साथ उत्तीर्ण तथा वार्षिक पारिवारिक आय ₹2.50 लाख तक वाली बालिकाएं स्कूटी के लिए पात्र हैं।• इन बालिकाओं को राजस्थान के किसी भी कॉलेज में स्नातक की डिग्री में नियमित छात्रा होना आवश्यक है।
देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन योजना• राजस्थान के अति पिछड़े वर्ग की ऐसी बालिकाएं जिन्होंने RBSE/CBSE द्वारा आयोजित उच्च माध्यमिक परीक्षा 50% या अधिक अंकों के साथ उत्तीर्ण की है तथा जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹2.50 लाख तक हैं, स्कूटी के लिए पात्र हैं।• इन बालिकाओं का राजस्थान के किसी भी कॉलेज/यूनिवर्सिटी में स्नातक की डिग्री के प्रथम वर्ष में नियमित छात्रा होना आवश्यक है।• प्रतिवर्ष 1,500 स्कूटी निःशुल्क वितरित की जा रही है।• शेष आवेदकों को निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
संस्कृत शिक्षा• 1958 में संस्कृत निदेशालय की स्थापना की गई।• राजस्थान राज्य संस्कृत शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (SSIERT) महापुरा, जयपुर में संचालित है।
सावित्री बाई फूले वाचनालय• सभी जिला सार्वजनिक पुस्तकालयों में स्थापित।
अभियांत्रिकी / प्रबंधन शिक्षा:-• एक IIT जोधपुर में एवं एक IIM उदयपुर में कार्यरत है।
चिकित्सा शिक्षा:-31 मार्च, 2024 तक राज्य में 35 मेडिकल कॉलेज है।
प्रश्न.राजस्थान सरकार द्वारा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयास बताइए ?
शिक्षा:-
शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है।
समग्र शिक्षा
• यह प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण की उपलब्धि के लिए भारत सरकार का फ्लैगशिप कार्यक्रम है।
• राज्य में इसका क्रियान्वयन राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा किया जाता है।
• केंद्र (60) : राज्य (40)
• उद्देश्य:- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिकता को बढ़ावा देना, स्कूल शिक्षा में सामाजिक और लैंगिक अंतर को कम करना।
RTE-2009 के कार्यान्वयन में राज्य को सहयोग करना।
निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 (RTE Act 2009)
• अनुच्छेद 21A में प्रावधान
• 86वां संविधान संशोधन द्वारा।
• 1 अप्रैल 2010 को राजस्थान में लागू
• यह एक मूल अधिकार है।
• निजी स्कूलों में कमजोर एवं पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए 25% सीटें आरक्षित रखी जाएगी। (RTE एक्ट की धारा 12 (C) के तहत ₹2.5 लाख वार्षिक आय तक को पिछड़ा वर्ग माना जाएगा)
निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण योजना
• राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा
• कक्षा 1 से 8 तक
विद्यार्थी सुरक्षा दुर्घटना बीमा योजना
• समस्त राजकीय विद्यालय शामिल (कक्षा 1 से 8 तक)
• कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शामिल
• मेवात बालिका आवासीय विद्यालय शामिल
नोट:- वर्ष 2022-23 में इस योजना को राजस्थान चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल कर लिया गया है।
स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम
• यूनिसेफ की सहायता से संचालित।
• राजकीय एवं गैर राजकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
• किशोरी आयु की बालिकाओं (10-19 आयु वर्ग) के लिए एनिमिया नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री संबल योजना
• विधवा एवं परित्यक्ता (Abandoned) महिलाओं के लिए।
• निजी प्रशिक्षण संस्थानों में प्रारंभिक शिक्षा में 2 वर्षीय डिप्लोमा करने पर फीस में से ₹9000 का प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा की जा रही है।
भामाशाह सम्मान समारोह
• 1 जनवरी 1995 से शुरू।
• स्कूल के शैक्षिक और भौतिक विकास (कमरा निर्माण, मरम्मत,...) में सहयोग देने वाले दानदाताओं को सम्मानित किया जाता है।
बाल वाटिका
• राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत लागू।
• उद्देश्य:- प्रारंभिक शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी साक्षरता एवं संख्याज्ञान की नींव को मजबूत करना।
• इस योजना के तहत 4-6 वर्ष की आयु के ऐसे बच्चे जो पूर्व प्राथमिक शिक्षा से वंचित रहे हैं, उन्हें 1 वर्षीय बाल वाटिका में अध्ययन करवाकर कक्षा-1 हेतु तैयार करना।
एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम
• इसके अंतर्गत 30 मार्च 2024 को राजस्थान के सभी राजकीय विद्यालयों में राजस्थान दिवस का आयोजन किया गया।
• जिसमें विद्यार्थियों ने राजस्थान की वेशभूषा, वीर सपूतों का गौरव गान, नृत्य और लोक संस्कृति पर आधारित झलकियाँ किया प्रस्तुत की।
लैब विद्यालय:-
• प्रत्येक जिले के 3 आदर्श और 3 उत्कृष्ट विद्यालयों का चयन संबंधित डाइट के द्वारा कर लिया गया है। वर्तमान में 600 लेब विद्यालय हैं, जिन्हें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2021
• NCERT द्वारा 12 नवंबर 2021 को शैक्षिक गुणवत्ता के आकलन हेतु सर्वे कराया गया।
मुख्यमंत्री नि:शुल्क यूनिफॉर्म वितरण योजना
• 29 नवंबर 2022 को शुरू
• इस योजना के तहत राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को नि:शुल्क यूनिफॉर्म फैब्रिक के 2 सैट उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
सिलाई के लिये प्रति विद्यार्थी ₹200 सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किए जा रहे हैं।
ज्ञान संकल्प पोर्टल
• शुभारंभ:- 5 अगस्त 2017
• उद्देश्य:- भामाशाहों, दानदाताओं और कंपनियों (csr) से धनराशि एकत्रित कर स्कूलों को आर्थिक सहायता प्रदान करना एवं बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
विद्यालय के प्रकार:-
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय • 2004-05 में शुरू। • कक्षा 6 से 12 तक की • बालिकाओं के लिए आवासीय विद्यालय। • कभी भी नामांकित नहीं हुई एवं बीच में ही विद्यालय छोड़ देने वाली बालिकाओं को प्राथमिकता। • राजस्थान में वर्तमान में 316 स्कूल है। | मेवात बालिका आवासीय विद्यालय • 2015 में शुरू • कक्षा 6 से 8वीं तक की बालिकाओं के लिए। • मेवात क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत संचालित। • मेवात क्षेत्र में 10 स्कूल स्थापित किए गए हैं। |
आदर्श विद्यालय • 2015 में शुरू • प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक चयनित माध्यमिक या उच्च माध्यमिक स्कूल को आदर्श विद्यालय बनाया जाएगा। • शहर में भी आदर्श विद्यालय बनाए जाएंगे। | उत्कृष्ट विद्यालय • 2016-17 में शुरू • प्रत्येक ग्राम पंचायत पर एक चयनित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूल को उत्कृष्ट विद्यालय बनाया जाएगा। |
स्वामी विवेकानन्द राजकीय मॉडल विद्यालय • 2016 में शुरू • कक्षा 6 से 12 के लिए • CBSE पैटर्न पर इंग्लिश मीडियम में शिक्षा। • 55% सीट छात्राओं के लिए आरक्षित • ऐसे 134 स्कूल संचालित है। नोट:- राजस्थान में 301 एजुकेशन ब्लॉक हैं | महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) • 2019-20 में शुरू • कक्षा 1 से 12 तक • RBSE पैटर्न पर इंग्लिश मीडियम में शिक्षा। • ऐसे 3737 स्कूल संचालित है। |
सैनिक स्कूल • कक्षा 6 से 12 के लिए • सीबीएसई पैटर्न पर • राजस्थान का प्रथम सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में खोला गया। | महिला शिक्षण विहार • ये 15-30 आयु वर्ग की तलाकशुदा, आदिवासी और वंचित (Deprived) महिलाओं के लिए • कक्षा 10 तक के आवासीय विद्यालय हैं। • व्यावसायिक प्रशिक्षण (Vocational training) दिया जाएगा। • वर्तमान में केवल झालावाड़ जिले में संचालित है। |
मीना राजू मंच एवं गार्गी मंच:-
• 2011-12 में शुरू
• उद्देश्य:- सामाजिक मुद्दों (बाल विवाह, दहेज प्रथा) पर जागरूकता पैदा करना तथा अभिभावकों को अपनी बेटियों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करना।
• कक्षा 6 से 8वीं तक की बालिकाओं के लिए मीना-राजू मंच का तथा कक्षा 9 से 12वीं तक की बालिकाओं के लिए गार्गी मंच का गठन किया गया है।
सक्षम:- (रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण)
• बालिकाओं को आत्मरक्षा (Self defense) का प्रशिक्षण देना।
• बालिकाओं के नामांकन, ठहराव एवं सीखने में वृद्धि को बढ़ावा देना।
स्कूल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एकीकृत शाला दर्पण)
• यह स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान का लाइव डेटाबेस प्रबंधन पोर्टल है। इस पर सभी सरकारी स्कूलों और शिक्षा कार्यालयों की जानकारी ऑनलाइन रखी जाती है।
शाला सिद्धि
• स्कूलों का उन्नयन करना।
• स्कूल मूल्यांकन व्यवस्था के द्वारा।
बालिका शिक्षा फाउंडेशन
• स्थापना:- 30 मार्च 1995
• उद्देश्य:- बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना।
• उच्च एवं तकनीकी शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता।
• मुख्यालय - जयपुर
• पदेन अध्यक्ष - मुख्यमंत्री
• उपाध्यक्ष - शिक्षा मंत्री।
आपणी लाडो- बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम
यह बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस हेतु नामांकन बढ़ाने हेतु राज्य के सभी विद्यालयों में रैली का आयोजन किया गया।
गार्गी पुरस्कार
• 1998 में शुरू
• कक्षा 10 में 75% से अधिक अंक लाने वाली सभी बालिकाओं हेतु।
• प्रतिवर्ष बसंत पंचमी को पुरस्कार दिया जाता है।
• ₹6000 की पुरस्कार राशि दी जाती है। (3000 कक्षा 11 के लिए, 3000 कक्षा 12 के लिए)
इन्दिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार
• 2019-20 से शुरू
• General, OBC, MBC, SC, ST, अल्पसंख्यक बीपीएल और निःशक्त वर्ग (दिव्यांग) की ऐसी बालिकाओं को, जिन्होंने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की कक्षा - 8, 10 एवं 12 (कला, विज्ञान, वाणिज्य) की परीक्षाओं में प्रत्येक जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया हो
तथा संस्कृत शिक्षा विभाग की कक्षा- 8, प्रवेशिका एवं
वरिष्ठ उपाध्याय की बोर्ड परीक्षा में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली
कक्षा - 8 की बालिका को ₹40,000,
कक्षा 10 की बालिका को ₹75,000
एवं कक्षा-12 (कला, विज्ञान, वाणिज्य) की बालिकाओं को ₹1,00,000 एवं स्कूटी दी जाएगी।
• यह पुरस्कार प्रतिवर्ष 19 नवंबर को इंदिरा गांधी के जन्म दिवस पर दिया जाता है।
स्टूडेंट पुलिस कैडेट योजना
• पुलिस एवं शिक्षा विभाग द्वारा संचालित।
• कक्षा 8 व 9 के विद्यार्थियों पर लागू।
• उद्देश्य:- पुलिस के सहयोग से विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर सजग एवं जिम्मेदार नागरिक बनाना।
• ₹50,000 प्रति विद्यालय को दिया जाता है।
FLN प्रशिक्षण कार्यक्रम
(Foundational Literacy and Numeracy)
• राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए कक्षा 1-5 में अध्ययन कराने वाले शिक्षकों की बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर समझ विकसित करना।
मिशन स्टार्ट:-
• यह "ब्लैंडेड मोड ऑफ़ लर्निंग" पर आधारित है।
• शिक्षकों की कमी/अनुपस्थिति की स्थिति में कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को विभाग द्वारा निर्मित डिजिटल कंटेंट (ई- कंटेंट) के माध्यम से अध्ययन करवाया जाता है।
• विद्यार्थियों के संज्ञानात्मक विकास में सहायक।
दीक्षा पोर्टल:- ई-कंटेंट उपलब्ध करवाया जाता है।
• 3,524 क्यूआर कोड़ आधारित पाठ्य पुस्तकें प्रकाशित की गई है।
'पढ़ें भारत बढ़े भारत' के तहत सभी राजकीय विद्यालयों में पुस्तकालय अनुदान दिया जा रहा है।
'खेले इंडिया खिले इंडिया' के तहत सभी राजकीय विद्यालयों में खेल अनुदान दिया जा रहा है।
State Model Resource Room
• समग्र शिक्षा के अंतर्गत राजस्थान में दो राज्य मॉडल संदर्भ कक्ष स्थापित किये जा रहे हैं -
1. जयपुर
2. SCERT, उदयपुर
शैक्षणिक किशोरी मेला
• विज्ञान और गणित विषय पर विशेष ध्यान देने के लिए बच्चों में शैक्षणिक वातावरण तैयार करना।
सपोर्ट फॉर ऐज ग्रुप 16-19
• विद्यालयी शिक्षा पूर्ण नहीं कर सकने वाले विद्यार्थियों को राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल (RSOS) और राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के माध्यम से कक्षा 10 व 12 का शिक्षण कराना।
यूथ एवं इको क्लब
• छात्रों में जीवन कौशल विकसित करना।
• पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए।
व्यावसायिक शिक्षा
• शैक्षणिक वर्ष 2023-24 तक राजस्थान में कुल 3,105 व्यवसायिक शिक्षा विद्यालय स्वीकृत हैं।
स्टार्स योजना
STARS:- Strengthening Teaching-Learning and Result for States.
• शुरुआत:- 2020-21
• विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित।
• 6 राज्यों में लागू। (HP, MP, MH, Raj, ओडिशा, केरल)
• स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और प्रशासन में सुधार करना।
• केंद्र (60): राज्य (40)
पीएम श्री विद्यालय योजना
• 2022-23 से 2026-27 तक
• इसके तहत देश के 14,500 प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाना है।
• इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, स्मार्ट क्लासेस, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
• इसके प्रथम चरण में राजस्थान के 402 सरकारी विद्यालयों का चयन किया गया है।
प्रदेश के कुल 718 स्कूलों को इस योजना में शामिल किया जाएगा।
साक्षरता एवं सतत् शिक्षा
• एक व्यक्ति को जनगणना में साक्षर माना जाता है यदि वह -
(i) कम से कम 7 साल का हो
(ii) किसी एक भाषा को पढ़, लिख और समझ सकता हो।
उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम
• केंद्रीय प्रवर्तित योजना
• 1 अप्रैल 2022 से राज्य के सभी 33 जिलों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में लागू।
• उद्देश्य:- 15 वर्ष एवं अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों को साक्षर करना।
• यह पूर्ण रूप से स्वयंसेवक आधारित जन अभियान है।
• केंद्र (60) : राज्य (40)
उच्च शिक्षा
• राज्य में महाविद्यालय:- 2,499
बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना
• लागू:- 24 अगस्त 2022
• उद्देश्य:- बालिकाओं और महिलाओं को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा ग्रहण कराना।
• इस योजना के तहत VMOU और इग्नू सहित राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में दूरस्थ शिक्षा मोड के तहत यूजी, पीजी, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिला लेने वाली छात्राओं को ट्यूशन फीस का पुनर्भरण किया जाता है।
• प्रतिवर्ष कुल 36,300 बालिकाओं और महिलाओं को लाभान्वित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना
• राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (BSER) की उच्च माध्यमिक परीक्षा में मेरिट सूची में प्रथम 1 लाख छात्र जिनकी पारिवारिक वार्षिक आय ₹2.50 लाख और जिन्हें कोई अन्य छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है, उन्हें इस योजना के तहत छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना
• इस योजना के तहत RBSE द्वारा आयोजित सीनियर सेकेंडरी परीक्षा में न्यूनतम 65% तथा CBSE में न्यूनतम 75% के साथ उत्तीर्ण तथा वार्षिक पारिवारिक आय ₹2.50 लाख तक वाली बालिकाएं स्कूटी के लिए पात्र हैं।
• इन बालिकाओं को राजस्थान के किसी भी कॉलेज में स्नातक की डिग्री में नियमित छात्रा होना आवश्यक है।
देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन योजना
• राजस्थान के अति पिछड़े वर्ग की ऐसी बालिकाएं जिन्होंने RBSE/CBSE द्वारा आयोजित उच्च माध्यमिक परीक्षा 50% या अधिक अंकों के साथ उत्तीर्ण की है तथा जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय ₹2.50 लाख तक हैं, स्कूटी के लिए पात्र हैं।
• इन बालिकाओं का राजस्थान के किसी भी कॉलेज/यूनिवर्सिटी में स्नातक की डिग्री के प्रथम वर्ष में नियमित छात्रा होना आवश्यक है।
• प्रतिवर्ष 1,500 स्कूटी निःशुल्क वितरित की जा रही है।
• शेष आवेदकों को निर्धारित पात्रता मानदंड के अनुसार प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
संस्कृत शिक्षा
• 1958 में संस्कृत निदेशालय की स्थापना की गई।
• राजस्थान राज्य संस्कृत शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (SSIERT) महापुरा, जयपुर में संचालित है।
सावित्री बाई फूले वाचनालय
• सभी जिला सार्वजनिक पुस्तकालयों में स्थापित।
अभियांत्रिकी / प्रबंधन शिक्षा:-
• एक IIT जोधपुर में एवं एक IIM उदयपुर में कार्यरत है।
चिकित्सा शिक्षा:-
31 मार्च, 2024 तक राज्य में 35 मेडिकल कॉलेज है।
प्रश्न.राजस्थान सरकार द्वारा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयास बताइए ?
राजस्थान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
निरोगी राजस्थान अभियान• 18 दिसंबर 2019 को शुरू• 17 दिसंबर को राजस्थान निरोगी दिवस के रूप में मनाया जाएगा।• उद्देश्य:- आम जनता में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करना।• प्रत्येक गांव व शहरी वार्ड में एक स्वास्थ्य मित्र (महिला व पुरूष) का चयन किया जाएगा।• संपूर्ण राजस्थान के नागरिकों का 'डिजिटल हेल्थ सर्वे' किया जाएगा। (निरोगी राजस्थान ऐप द्वारा)• निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं के निदान व बचाव संबंधी कार्य किए जाएंगे:-जनसंख्या नियंत्रण, महिला स्वास्थ्य, किशोरावस्था स्वास्थ्य, खाद्य मिलावट, टीकाकरण, प्रदूषण, ड्रग्स की लत और बीमारी, वृद्धावस्था की समस्याएं, मौसमी संचारी रोग, असंचारी रोग।
मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना• 1 अप्रैल 2022 से मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा एवं मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना के विस्तार के रूप में शुरू।• उद्देश्य:- सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले सभी इनडोर और आउटडोर मरीजों को नि:शुल्क आवश्यक दवाएं और जांच की सुविधा प्रदान करना।• वर्तमान में 1242 औषधियां, 429 सर्जिकल आइटम और 157 टाके इस योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं।
राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम• राजस्थान के सभी 33 जिलें फ्लोरोसिस से प्रभावित है।• राजस्थान के 30 जिलों में राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम संचालित है।
राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Oral Health Programme)• 2014-15 में भारत सरकार द्वारा शुरू• ग्रामीण और शहरी आबादी के बीच प्राथमिक स्वास्थ्य की सेवाओं में उपलब्ध असमानता को कम करना।
आदर्श प्राइमरी हेल्थ सेंटर• उद्देश्य:- ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।• राज्य में 684 ग्रामीण प्राइमरी हेल्थ सेंटर (PHC) को आदर्श प्राइमरी हेल्थ सेंटर के रूप में विकसित किया गया है।
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान• 26 अक्टूबर 2020 से चलाया जा रहा है।• उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराना।• मिलावटखोरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हेतु।• राज्य एवं जिला स्तर पर गुणवत्ता नियंत्रण समिति का गठन किया गया है।• वर्तमान में 15 फरवरी 2024 से "शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान" चलाया जा रहा है
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना:-• 1 मई 2021 से योजना शुरू की गई।• यह 'यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज' योजना है।• इस योजना का नया चरण 30 जनवरी, 2023 को शुरू किया गया जहां बीमा कंपनी को प्रति परिवार प्रतिवर्ष 1965 रुपए की प्रीमियम राशि का भुगतान किया जाता है। • इस योजना के तहत प्रति परिवार प्रतिवर्ष ₹25 लाख तक का कैशलेस उपचार प्रदान किया जा रहा है, जो दो भागों में विभाजित है। बीमा मोड पर ₹5 लाख तक और ट्रस्ट मोड पर ₹20 लाख तक कवरेज प्रदान किया जाता है। • अस्पताल में भर्ती होने के 5 दिन पूर्व एवं 15 दिवस पश्चात का खर्च शामिल है।• 834 सरकारी एवं 899 निजी अस्पताल सूचीबद्ध।• योजना के अंतर्गत 1,806 उपचार पैकेज शामिल हैं, जिसमें 1761 पैकेज बीमा मोड पर एवं 45 पैकेज ट्रस्ट मोड पर शामिल है। • अंग प्रत्यारोपण के विशेष पैकेज भी शामिल हैं। जैसे:- कॉक्लियर इंप्लांट, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, किडनी प्रत्यारोपण, लिवर प्रत्यारोपण, हृदय प्रत्यारोपण आदि। • कैंसर उपचार के 73 डे केयर पैकेज भी योजना में शामिल है। • वर्तमान में लगभग 1.43 करोड़ परिवार योजना से पंजीकृत है। • लाभार्थी - 1. आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल परिवार (SECC+NFSA)2. समस्त संविदा कर्मी एवं छोटे व सीमांत किसान3. कोविड-19 अनुग्रह योजना के लाभार्थी 4. अन्य परिवारों को 50% बीमा प्रीमियम पर लाभ मिलेगा (₹850 प्रतिवर्ष का प्रीमियम)फरवरी, 2024 में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना• लागू:- 1 मई 2022• इस योजना के तहत मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमित परिवारों को योजना में वर्णित 7 प्रकार की दुर्घटनाओं के लिए ₹10 लाख तक का बीमा कवर।दिया जाता है।
राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (RGHS) • 1 जुलाई 2021 से शुरू • उद्देश्य:- जनप्रतिनिधि/कर्मचारियों/पेंशनरों को कैशलेस और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करना।इसमें राज्य के मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, अखिल भारतीय सेवा के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी, सरकारी सेवारत कर्मचारी और पेंशनभोगी, राज्य स्वायत्त निकाय के सेवारत कर्मचारी और पेंशनभोगी और आश्रित शामिल हैं।• RGHS द्वारा लगभग 13.50 लाख परिवारों को लाभान्वित किया गया है।• RGHS पूर्ण रूप से ऑनलाइन स्वचालित, पेपरलेस प्रणाली है।• लाभार्थियों के लिए सभी ऑनलाइन सुविधाओं को सुगम बनाने के लिए मोबाइल ऐप RGHS कनेक्ट भी लॉन्च किया गया है।
आयुर्वेद चिकित्सा• राज्य में 123 आयुर्वेद चिकित्सालय है।• 1950 में आयुर्वेद विभाग की स्थापना की गई।• राज्य में 33 योगा एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र हैं।• अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस:- 21 जून
राष्ट्रीय आयुष मिशन• परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथी) के द्वारा बीमारियों के इलाज को बढ़ावा दिया जा रहा है।• राजस्थान आयुष नीति 2021:- 9 फरवरी 2021• अजमेर में राजस्थान राज्य आयुष अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है।
A - आयुर्वेद:- प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति।Y - योग:- भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास।U - यूनानी:- ग्रीक (यूनान) की चिकित्सा पद्धति।S - सिद्धा:- दक्षिण भारत की चिकित्सा पद्धति।H - होम्योपैथी:-
कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESI)• यह एक सामाजिक सुरक्षा योजना है।• उद्देश्य:- संगठित क्षेत्र के कामगारों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना।(विभिन्न औद्योगिक, वाणिज्यिक संस्थानों, निजी शिक्षण संस्थानों और निजी चिकित्सा संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारी और उनके आश्रित परिवारजनों)• इस योजना के तहत ऐसे संस्थानों में जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं और जिनकी वेतन सीमा ₹21,000 प्रति माह तक है, उन्हें चिकित्सा लाभ दिया जाता है।• इस योजना द्वारा किए गए व्यय का वहन कर्मचारी राज्य बीमा निगम एवं राज्य सरकार द्वारा 7:1 के अनुपात के रूप में किया जाता है। वेतन का 3.25% योगदान नियोक्ता (Employer) द्वारा और 0.75 प्रतिशत योगदान कर्मचारी (Employee) द्वारा राज्य बीमा निगम को भुगतान किया जाता है।
परिवार कल्याण
राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना• शुरू:- 12 सितम्बर 2011• उद्देश्य:- संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर शिशु मृत्यु दर और प्रसव के दौरान उच्च मातृ मृत्यु दर को कम करना।पात्रता:- प्रदेश की सभी गर्भवती महिलाएं• सभी प्रसूताओं एवं नवजात शिशुओं को आवश्यकता होने पर (30 दिवस तक) सरकारी चिकित्सा संस्थाओं में सभी प्रकार की निःशुल्क सेवाएं व परिवहन उपलब्ध करवाया जा रहा है। • योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को ₹1,400 एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को ₹1,000 की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।• राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत जननी एक्सप्रेस (2 अक्टूबर 2012) शुरू की गई।
जननी एक्सप्रेस• शुरू:- 2 अक्टूबर 2012• उद्देश्य:- सुरक्षित मातृत्व एवं नवजात शिशुओं की देखभाल करना।• जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस के जरिए ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं और 30 दिन के नवजात शिशुओं को निकटतम चिकित्सा संस्थानों तक ले जाने एवं वापिस घर लाने की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है।• जननी एक्सप्रेस की सेवाएं 104 और 108 सुविधा पर कॉल करके प्राप्त की जा सकती है।
108 टोल फ्री एम्बुलेंस सेवा योजना• सितंबर 2008 से शुरू
आशा सहयोगिनी• यह एक समुदाय स्तर की कार्यकर्त्ता होती है, जो स्वास्थ्य के बिन्दुओं पर जागरूगता उत्पन्न करने के लिए समुदाय और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।• ये स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं के साथ मिलकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना, टीकाकरण एवं संस्थागत प्रसव में समन्वयक एवं राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रमों (मलेरिया, टी.बी.) में सहयोग के कार्य करती हैं।• आशा का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है।• वह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच संयुक्त कार्यकर्ता होती है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रमसरकारी विद्यालयों, आगंवाडी केन्द्रों तथा मदरसों के 18 वर्ष तक के सभी बच्चों का 4D's - Defects at birth -Disease, Deficiencies, Developmental delays and Disabilities (40 चिह्नित बीमारियों) के लिए प्रशिक्षित मोबाइल हेल्थ टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा हैं।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यकम• 7 जनवरी 2014 को लॉन्च।• इस कार्यक्रम को राज्य के 12 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों (उदयपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बूंदी, बारां धौलपुर, करौली, जैसलमेर, बाडमेर, जालौर, सिरोही) में किशोरों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए शुरू किया गया है।• कार्यक्रम के तहत 314 किशोर मैत्री स्वास्थ्य क्लीनिक- “उजाला क्लीनिक” स्थापित किए गए हैं।• किशोरों को मजबूत और सशक्त बनाने के लिए इस कार्यक्रम को RMNCH+A (Reproductive, Maternal, Newborn, Child and Adolescent Health) के तहत विकसित किया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन:- यह व्यक्तिगत, परिवार, समुदाय एवं विशेष रूप से स्वास्थ्य प्रणाली के स्तरों पर नियमित रूप से प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल के प्रावधानों को सुनियोजित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रयास हैं। उपमिशन:-राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशनराष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (2005)
राजस्थान में मोबाइल चिकित्सा सेवा योजना कब शुरू की गई ? - 2008-09
ग्राम स्वास्थ्य और स्वच्छता समिति • पंचायत के निर्वाचित सदस्य की अध्यक्षता में गठित समिति होती है, जो ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुधार हेतु समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करती हैं एवं ग्राम स्वास्थ्य प्लान तैयार करती हैं। • आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता, NGO, SHG एवं महिला स्वास्थ्य संघ के प्रतिनिधि इसके सदस्य होते हैं।• राज्य में ऐसी 43,440 समितियां गठित हैं।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर:-• आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी उप स्वास्थ्य केदो एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केदो को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में विकसित किया जा रहा है।• उद्देश्य:- प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को सुदृढ़ करना। जैसे:- - गर्भावस्था एवं बच्चों के जन्म के समय देखभाल।- नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं।- बाल्यकाल एवं किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं। - परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक सेवाएं।- संचारी एवं गैर-संचारी रोगों का प्रबंधन।- मुख स्वास्थ्य सेवाएं।
शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर:-• राज्य की शहरी गरीब और कमजोर आबादी (मुख्य रूप से कच्ची और सघन बस्तियों में ) को उच्च गुणवत्ता वाली प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए, जहां कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं है, वहां शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (जिसे पहले जनता क्लिनिक के रूप में जाना जाता था) निकटवर्ती क्षेत्र में खोले गए हैं।• राज्य में वर्तमान में 246 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित किया जा रहे हैं।
टेलीमेडिसिन (अ) ई-संजीवनी ओपीडी पोर्टल • मई 2020 में लॉन्च। • इसके तहत रोगी घर पर ही डॉक्टर से स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में टेली-परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
(ब) ई-संजीवनी HWC टेलीकन्सलटेशन पोर्टल• फरवरी 2021 में लॉन्च।• इसके तहत निम्न श्रेणी के चिकित्सा संस्थान उच्च श्रेणी के चिकित्सा संस्थान से टेली-परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।• इस प्रारूप को हब एण्ड स्पोक प्रारूप (Model) भी कहा जाता है।
SAVE WATER
निरोगी राजस्थान अभियान
• 18 दिसंबर 2019 को शुरू
• 17 दिसंबर को राजस्थान निरोगी दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
• उद्देश्य:- आम जनता में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा करना।
• प्रत्येक गांव व शहरी वार्ड में एक स्वास्थ्य मित्र (महिला व पुरूष) का चयन किया जाएगा।
• संपूर्ण राजस्थान के नागरिकों का 'डिजिटल हेल्थ सर्वे' किया जाएगा। (निरोगी राजस्थान ऐप द्वारा)
• निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याओं के निदान व बचाव संबंधी कार्य किए जाएंगे:-
जनसंख्या नियंत्रण, महिला स्वास्थ्य, किशोरावस्था स्वास्थ्य, खाद्य मिलावट, टीकाकरण, प्रदूषण, ड्रग्स की लत और बीमारी, वृद्धावस्था की समस्याएं, मौसमी संचारी रोग, असंचारी रोग।
मुख्यमंत्री निःशुल्क निरोगी राजस्थान योजना
• 1 अप्रैल 2022 से मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा एवं मुख्यमंत्री निःशुल्क जांच योजना के विस्तार के रूप में शुरू।
• उद्देश्य:- सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले सभी इनडोर और आउटडोर मरीजों को नि:शुल्क आवश्यक दवाएं और जांच की सुविधा प्रदान करना।
• वर्तमान में 1242 औषधियां, 429 सर्जिकल आइटम और 157 टाके इस योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं।
राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम
• राजस्थान के सभी 33 जिलें फ्लोरोसिस से प्रभावित है।
• राजस्थान के 30 जिलों में राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम संचालित है।
राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम (National Oral Health Programme)
• 2014-15 में भारत सरकार द्वारा शुरू
• ग्रामीण और शहरी आबादी के बीच प्राथमिक स्वास्थ्य की सेवाओं में उपलब्ध असमानता को कम करना।
आदर्श प्राइमरी हेल्थ सेंटर
• उद्देश्य:- ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।
• राज्य में 684 ग्रामीण प्राइमरी हेल्थ सेंटर (PHC) को आदर्श प्राइमरी हेल्थ सेंटर के रूप में विकसित किया गया है।
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान
• 26 अक्टूबर 2020 से चलाया जा रहा है।
• उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराना।
• मिलावटखोरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हेतु।
• राज्य एवं जिला स्तर पर गुणवत्ता नियंत्रण समिति का गठन किया गया है।
• वर्तमान में 15 फरवरी 2024 से "शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान" चलाया जा रहा है
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना:-
• 1 मई 2021 से योजना शुरू की गई।
• यह 'यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज' योजना है।
• इस योजना का नया चरण 30 जनवरी, 2023 को शुरू किया गया जहां बीमा कंपनी को प्रति परिवार प्रतिवर्ष 1965 रुपए की प्रीमियम राशि का भुगतान किया जाता है।
• इस योजना के तहत प्रति परिवार प्रतिवर्ष ₹25 लाख तक का कैशलेस उपचार प्रदान किया जा रहा है, जो दो भागों में विभाजित है। बीमा मोड पर ₹5 लाख तक और ट्रस्ट मोड पर ₹20 लाख तक कवरेज प्रदान किया जाता है।
• अस्पताल में भर्ती होने के 5 दिन पूर्व एवं 15 दिवस पश्चात का खर्च शामिल है।
• 834 सरकारी एवं 899 निजी अस्पताल सूचीबद्ध।
• योजना के अंतर्गत 1,806 उपचार पैकेज शामिल हैं, जिसमें 1761 पैकेज बीमा मोड पर एवं 45 पैकेज ट्रस्ट मोड पर शामिल है।
• अंग प्रत्यारोपण के विशेष पैकेज भी शामिल हैं।
जैसे:- कॉक्लियर इंप्लांट, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, किडनी प्रत्यारोपण, लिवर प्रत्यारोपण, हृदय प्रत्यारोपण आदि।
• कैंसर उपचार के 73 डे केयर पैकेज भी योजना में शामिल है।
• वर्तमान में लगभग 1.43 करोड़ परिवार योजना से पंजीकृत है।
• लाभार्थी -
1. आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल परिवार (SECC+NFSA)
2. समस्त संविदा कर्मी एवं छोटे व सीमांत किसान
3. कोविड-19 अनुग्रह योजना के लाभार्थी
4. अन्य परिवारों को 50% बीमा प्रीमियम पर लाभ मिलेगा (₹850 प्रतिवर्ष का प्रीमियम)
फरवरी, 2024 में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का नाम मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना
• लागू:- 1 मई 2022
• इस योजना के तहत मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में बीमित परिवारों को योजना में वर्णित 7 प्रकार की दुर्घटनाओं के लिए ₹10 लाख तक का बीमा कवर।दिया जाता है।
राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (RGHS)
• 1 जुलाई 2021 से शुरू
• उद्देश्य:- जनप्रतिनिधि/कर्मचारियों/पेंशनरों को कैशलेस और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करना।
इसमें राज्य के मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, अखिल भारतीय सेवा के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी, सरकारी सेवारत कर्मचारी और पेंशनभोगी, राज्य स्वायत्त निकाय के सेवारत कर्मचारी और पेंशनभोगी और आश्रित शामिल हैं।
• RGHS द्वारा लगभग 13.50 लाख परिवारों को लाभान्वित किया गया है।
• RGHS पूर्ण रूप से ऑनलाइन स्वचालित, पेपरलेस प्रणाली है।
• लाभार्थियों के लिए सभी ऑनलाइन सुविधाओं को सुगम बनाने के लिए मोबाइल ऐप RGHS कनेक्ट भी लॉन्च किया गया है।
आयुर्वेद चिकित्सा
• राज्य में 123 आयुर्वेद चिकित्सालय है।
• 1950 में आयुर्वेद विभाग की स्थापना की गई।
• राज्य में 33 योगा एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र हैं।
• अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस:- 21 जून
राष्ट्रीय आयुष मिशन
• परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथी) के द्वारा बीमारियों के इलाज को बढ़ावा दिया जा रहा है।
• राजस्थान आयुष नीति 2021:- 9 फरवरी 2021
• अजमेर में राजस्थान राज्य आयुष अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है।
A - आयुर्वेद:- प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति। Y - योग:- भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास। U - यूनानी:- ग्रीक (यूनान) की चिकित्सा पद्धति। S - सिद्धा:- दक्षिण भारत की चिकित्सा पद्धति। H - होम्योपैथी:- |
कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESI)
• यह एक सामाजिक सुरक्षा योजना है।
• उद्देश्य:- संगठित क्षेत्र के कामगारों को चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करना।
(विभिन्न औद्योगिक, वाणिज्यिक संस्थानों, निजी शिक्षण संस्थानों और निजी चिकित्सा संस्थानों में काम करने वाले कर्मचारी और उनके आश्रित परिवारजनों)
• इस योजना के तहत ऐसे संस्थानों में जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं और जिनकी वेतन सीमा ₹21,000 प्रति माह तक है, उन्हें चिकित्सा लाभ दिया जाता है।
• इस योजना द्वारा किए गए व्यय का वहन कर्मचारी राज्य बीमा निगम एवं राज्य सरकार द्वारा 7:1 के अनुपात के रूप में किया जाता है। वेतन का 3.25% योगदान नियोक्ता (Employer) द्वारा और 0.75 प्रतिशत योगदान कर्मचारी (Employee) द्वारा राज्य बीमा निगम को भुगतान किया जाता है।
परिवार कल्याण
राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना
• शुरू:- 12 सितम्बर 2011
• उद्देश्य:- संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देकर शिशु मृत्यु दर और प्रसव के दौरान उच्च मातृ मृत्यु दर को कम करना।
पात्रता:- प्रदेश की सभी गर्भवती महिलाएं
• सभी प्रसूताओं एवं नवजात शिशुओं को आवश्यकता होने पर (30 दिवस तक) सरकारी चिकित्सा संस्थाओं में सभी प्रकार की निःशुल्क सेवाएं व परिवहन उपलब्ध करवाया जा रहा है।
• योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को ₹1,400 एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को ₹1,000 की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
• राजस्थान जननी शिशु सुरक्षा योजना के अंतर्गत जननी एक्सप्रेस (2 अक्टूबर 2012) शुरू की गई।
जननी एक्सप्रेस
• शुरू:- 2 अक्टूबर 2012
• उद्देश्य:- सुरक्षित मातृत्व एवं नवजात शिशुओं की देखभाल करना।
• जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस के जरिए ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं और 30 दिन के नवजात शिशुओं को निकटतम चिकित्सा संस्थानों तक ले जाने एवं वापिस घर लाने की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है।
• जननी एक्सप्रेस की सेवाएं 104 और 108 सुविधा पर कॉल करके प्राप्त की जा सकती है।
108 टोल फ्री एम्बुलेंस सेवा योजना
• सितंबर 2008 से शुरू
आशा सहयोगिनी
• यह एक समुदाय स्तर की कार्यकर्त्ता होती है, जो स्वास्थ्य के बिन्दुओं पर जागरूगता उत्पन्न करने के लिए समुदाय और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
• ये स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं के साथ मिलकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना, टीकाकरण एवं संस्थागत प्रसव में समन्वयक एवं राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रमों (मलेरिया, टी.बी.) में सहयोग के कार्य करती हैं।
• आशा का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है।
• वह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच संयुक्त कार्यकर्ता होती है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
सरकारी विद्यालयों, आगंवाडी केन्द्रों तथा मदरसों के 18 वर्ष तक के सभी बच्चों का 4D's - Defects at birth -Disease, Deficiencies, Developmental delays and Disabilities (40 चिह्नित बीमारियों) के लिए प्रशिक्षित मोबाइल हेल्थ टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा हैं।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यकम
• 7 जनवरी 2014 को लॉन्च।
• इस कार्यक्रम को राज्य के 12 उच्च प्राथमिकता वाले जिलों (उदयपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बूंदी, बारां धौलपुर, करौली, जैसलमेर, बाडमेर, जालौर, सिरोही) में किशोरों के स्वास्थ्य में सुधार के लिए शुरू किया गया है।
• कार्यक्रम के तहत 314 किशोर मैत्री स्वास्थ्य क्लीनिक- “उजाला क्लीनिक” स्थापित किए गए हैं।
• किशोरों को मजबूत और सशक्त बनाने के लिए इस कार्यक्रम को RMNCH+A (Reproductive, Maternal, Newborn, Child and Adolescent Health) के तहत विकसित किया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन:-
यह व्यक्तिगत, परिवार, समुदाय एवं विशेष रूप से स्वास्थ्य प्रणाली के स्तरों पर नियमित रूप से प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल के प्रावधानों को सुनियोजित करने के लिए एक राष्ट्रीय प्रयास हैं।
उपमिशन:-
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (2005)
राजस्थान में मोबाइल चिकित्सा सेवा योजना कब शुरू की गई ? - 2008-09
ग्राम स्वास्थ्य और स्वच्छता समिति
• पंचायत के निर्वाचित सदस्य की अध्यक्षता में गठित समिति होती है, जो ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुधार हेतु समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करती हैं एवं ग्राम स्वास्थ्य प्लान तैयार करती हैं।
• आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता, NGO, SHG एवं महिला स्वास्थ्य संघ के प्रतिनिधि इसके सदस्य होते हैं।
• राज्य में ऐसी 43,440 समितियां गठित हैं।
आयुष्मान आरोग्य मंदिर:-
• आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी उप स्वास्थ्य केदो एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केदो को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
• उद्देश्य:- प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को सुदृढ़ करना। जैसे:-
- गर्भावस्था एवं बच्चों के जन्म के समय देखभाल।
- नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं।
- बाल्यकाल एवं किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं।
- परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक सेवाएं।
- संचारी एवं गैर-संचारी रोगों का प्रबंधन।
- मुख स्वास्थ्य सेवाएं।
शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर:-
• राज्य की शहरी गरीब और कमजोर आबादी (मुख्य रूप से कच्ची और सघन बस्तियों में ) को उच्च गुणवत्ता वाली प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए, जहां कोई स्वास्थ्य सुविधा नहीं है, वहां शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर (जिसे पहले जनता क्लिनिक के रूप में जाना जाता था) निकटवर्ती क्षेत्र में खोले गए हैं।
• राज्य में वर्तमान में 246 शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित किया जा रहे हैं।
टेलीमेडिसिन
(अ) ई-संजीवनी ओपीडी पोर्टल
• मई 2020 में लॉन्च।
• इसके तहत रोगी घर पर ही डॉक्टर से स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में टेली-परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
(ब) ई-संजीवनी HWC टेलीकन्सलटेशन पोर्टल
• फरवरी 2021 में लॉन्च।
• इसके तहत निम्न श्रेणी के चिकित्सा संस्थान उच्च श्रेणी के चिकित्सा संस्थान से टेली-परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
• इस प्रारूप को हब एण्ड स्पोक प्रारूप (Model) भी कहा जाता है।
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