ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज 2023-24
1 अप्रैल 1999 को राजस्थान में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की स्थापना की गई।
राजीविका:- राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (RGAVP)
RAJEEVIKA - Rajasthan Grameen Aajeevika Vikas Parishad.
• ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग राजस्थान सरकार द्वारा अक्टूबर 2010 में स्थापित।
• अध्यक्ष - मुख्यमंत्री**
• उद्देश्य - ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ाकर निर्धन ग्रामीणों की आय में वृद्धि करना।
वर्तमान में भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित राजीविका द्वारा निम्नलिखित आजीविका योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है -
1. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन - 2011
ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा लागू।
उद्देश्य - 2024-25 तक 10-12 करोड़ परिवारों को स्वयं सहायता समूहों (SHG) से जोड़ना।
पूरे राज्य भर में लागू है।
2. राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना:-
19 फरवरी 2019 को शुरू की गई।
वित्त पोषण - विश्व बैंक द्वारा
9 जिलों के 36 ब्लाकों में संचालित।
वन धन विकास योजना के तहत 8 जिलों (बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सिरोही, उदयपुर, कोटा, बारां, झालावाड़) में वन धन विकास केंद्रों का गठन किया गया है
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MNREGA):-
• सितंबर 2005 में महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम पारित किया गया।
• फरवरी 2006 में इसे योजनागत रुप दिया गया।
• उद्देश्य - ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन करना।
• इसके तहत ग्राम पंचायत के वयस्क एवं अकुशल सदस्यों को 100 दिन का रोजगार दिया जाता है।
• लाभार्थियों में कम से कम एक-तिहाई महिलाएं होंगी।
• प्रत्येक परिवार के कम से कम एक सदस्य को रोजगार दिया जाएगा।
• लाभार्थियों का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) किया जाता है और जॉब कार्ड प्रदान किए जाते हैं।
• रजिस्ट्रेशन के 15 दिन के अंदर तथा 5 किलोमीटर के दायरे में रोजगार दिया जायेगा।
(5 किलोमीटर क्षेत्र से बाहर होने पर 10% अतिरिक्त मजदूरी दी जायेगी)
• 15 दिन के अंदर रोजगार उपलब्ध नहीं होने पर राज्य सरकार बेरोजगारी भत्ता देगी।
• कार्य का निर्धारण ग्राम पंचायत करेगी।
• ठेकेदारों व मशीनों से कार्य की अनुमति नहीं है।
• प्रभावी जन अभाव अभियोग निराकरण प्रणाली।
• मजदूरी : सामग्री = 60:40
• ग्राम सभा:-
1. सामाजिक अंकेक्षण करेगी।
2. कार्य की गुणवत्ता एवं योजना की प्रगति का पर्यवेक्षण करना।
• केंद्र सरकार:-
1. ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा संचालित।
2. मजदूरी का 100% वित्त पोषण केंद्र सरकार द्वारा
3. सामग्री का 75% वित्त पोषण केंद्र सरकार द्वारा
मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना:-
• इसके अंतर्गत मनरेगा के तहत 100 दिवस का रोजगार पूर्ण करने पर अतिरिक्त 25 दिवस का रोजगार राज्य मद से दिया जा रहा है।
• साथ ही बारां जिले की सहरिया व खैरूआ तथा उदयपुर की कथौडी जनजाति परिवारों तथा राज्य के विशेष योग्यजन श्रमिकों को 100 दिवस का अतिरिक्त रोजगार दिया जायेगा।
मिशन अमृत सरोवर
• 24 अप्रैल 2022 को शुरू
• उद्देश्य:- देश के प्रत्येक जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर (तालाबों) का निर्माण/विकास करना।
प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन):-
• विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों (PVTG GROUP) की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री PVTG विकास मिशन शुरू किया गया है।
• उद्देश्य:- देश में 75 PVTG समूहों का विकास करना।
• राजस्थान में एकमात्र जिला बारां है जहां PVTG समूह है।
• बारां जिले की सभी 8 पंचायत समितियां में निवासरत आवासहीन PVTG परिवारों को ₹2 लाख आवास निर्माण हेतु एवं ₹12,000 शौचालय निर्माण हेतु एवं मनरेगा से अकुशल मानव दिवस का देय अनुमानित पारिश्रमिक राशि ₹22,950 सहित कुल राशि ₹2.35 लाख का प्रावधान है।
• इसके तहत बारां जिले में सहरिया जनजाति के परिवारों का सर्वे कराकर 23,559 पात्र परिवारों को चिन्हित किया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
• 20 नवंबर 2016 को ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शुरू।
• लाभार्थी का चयन - सामाजिक, आर्थिक एवं जाति आधारित जनगणना 2011 के आधार पर। (SECC)
• इसके तहत लाभार्थियों को घर बनाने के लिए ₹1,20,000 दिये जाते है।
• स्वच्छ भारत मिशन के तहत अतिरिक्त ₹12000 शौचालय निर्माण हेतु दिए जाते हैं।
• लाभार्थी मनरेगा के तहत 90 कार्यदिवसों का उपयोग घर निर्माण हेतु कर सकता है।
• वित्त पोषण - केंद्र सरकार (60) : राज्य सरकार (40)
विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MLA-LAD)
Member of legislative Assembly local area development scheme:-
उद्देश्य:- स्थानीय आवश्यकतानुसार आधारभूत संरचना का विकास, जनोपयोगी परिसंपत्तियों का निर्माण करना।
• विधायक को अपने निर्वाचन क्षेत्र (ग्रामीण या शहरी) में प्रतिवर्ष विकास कार्यों के लिए 5 करोड रुपये की राशि दी जाती है।
• इसमें से कम से कम 20% राशि SC-ST के विकास हेतु खर्च करनी होगी।
सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम:-
(MPLAD - member of Parliament local area development programme):-
शुरू - सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 23 दिसंबर 1993 से।
उद्देश्य:- स्थानीय आवश्यकतानुसार आधारभूत संरचना का विकास, जनोपयोगी परिसंपत्तियों का निर्माण करना।
• प्रत्येक सांसद अपने संसदीय क्षेत्र में प्रतिवर्ष 5 करोड़ रुपये तक की राशि के विकास कार्यों हेतु जिला कलेक्टर को अनुशंसा कर सकता है।
लोकसभा के निर्वाचित सांसद अपने क्षेत्र में ही राशि खर्च कर सकते हैं।
राज्यसभा के निर्वाचित सांसद राज्य के किसी भी जिले में राशि खर्च कर सकते हैं।
मनोनीत सांसद (लोकसभा या राज्यसभा) संपूर्ण भारत में कहीं भी राशि खर्च कर सकते हैं।
• देश के किसी भी हिस्से में गंभीर प्राकृतिक आपदा की स्थिति में एक सांसद प्रभावित क्षेत्र में अधिकतम 1 करोड़ रुपये की राशि खर्च कर सकता है।
• 1986-87 में आधारभूत सुविधाओं एवं रोजगार के अवसर सृजित करने हेतु शुरू किया गया। • अलवर, खैरथल-तिजारा एवं डीग के मेव बाहुल्य 14 खंडों में संचालित। | सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम • केंद्रीय प्रवर्तित कार्यक्रम। • गृह मंत्रालय द्वारा संचालित। • 7वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान लागू। उद्देश्य:- आधारभूत ढांचे के विकास के माध्यम से सीमावर्ती क्षेत्रों का संतुलित विकास एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना। |
• 2005-06 से राजस्थान सरकार द्वारा पुनः प्रारंभ। • पूर्वी राजस्थान के 9 जिलों की 21,92 गांवों में लागू। जिलें:- भरतपुर, करौली, धौलपुर (BCD), सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ (हाड़ौती), गंगापुर सिटी। | 2005-06 से राजस्थान सरकार द्वारा लागू। ग्रामीण क्षेत्रों में कराए जाने वाले कार्यों के लिए जिला कलेक्टर अधिकृत है। |
• 2005-06 से राजस्थान सरकार द्वारा लागू। दक्षिणी मध्य अरावली के 5 जिलों के 17,46 गांवों में लागू। जिलें:- ब्यावर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, पाली (BBCRP) | • राज्य के प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर द्वारा नवाचारों के समावेश के साथ स्थानीय आवश्यकतानुसार विकास कार्यों में समरूपता लाना। |
मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना
• शुरू:- 2022
• उद्देश्य:- राज्य के संपूर्ण क्षेत्र में आधारभूत संरचना एवं ग्रामीण विकास करना।
महात्मा गांधी जन-भागीदारी विकास योजना:-
पुराना नाम - गुरु गोलवलकर जनभागीदारी विकास योजना।
नाम परिवर्तन- फरवरी 2020 में।
वित्त पोषण - राज्य सरकार द्वारा।
उद्देश्य - ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक संपत्तियों के निर्माण व रखरखाव में जन भागीदारी सुनिश्चित करना।
बायोफ्यूल (जैव ईंधन)
• 2005 में राजस्थान सरकार द्वारा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बायोफ्यूल मिशन लाया गया।
• 2007 में राजस्थान सरकार द्वारा बायोफ्यूल नीति जारी कर बायोफ्यूल प्राधिकरण का गठन किया गया।
(ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधीन)
(ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधीन)
• 10 अगस्त 2019 - राजस्थान बायोडीजल नियम लागू किए गए।
बायोफ्यूल प्राधिकरण की उपलब्धियां:-
1. राजस्थान बायोडीजल नियम 2019 लागू किए गए।
राजस्थान बायोडीजल नियम लागू करने वाला देश का पहला राज्य है।
2. राजस्थान जैव ईंधन नियम 2019 के अंतर्गत राज्य में परिवहन प्रयोजन हेतु हाई स्पीड डीजल के साथ सम्मिश्रण के लिए बायोडीजल (B-100) की खुदरा बिक्री हेतु उत्पादकों, आपूर्तिकर्ताओं एवं खुदरा विक्रेताओं के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया का क्रियान्वयन किया गया है।
3. मनरेगा के अंतर्गत गैर खाद्य तेलीय फसलों (रतनजोत, करंज, महुआ व नीम) का पौधारोपण किया गया।
4. पौधारोपण की तकनीक का प्रशिक्षण दिया गया।
वर्ल्ड बायोफ्यूल डे - 10 अगस्त बायोफ्यूल के निर्माण में उपयोगी पौधे - रतनजोत (जेट्रोफा) और करंज। |
• 2016 में 'बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड' का गठन किया गया।
11 फरवरी 2022 को बंजर भूमि एवं चारागाह विकास बोर्ड का पुनर्गठन किया गया।
सांसद आदर्श ग्राम योजना:-
• ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा।
• इसके अंतर्गत प्रतिवर्ष एक सांसद द्वारा एक गांव गोद लिया जाता है।
लोकसभा सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र का कोई भी गांव।
राज्यसभा सांसद राज्य में कोई भी गांव।
मनोनीत सांसद संपूर्ण भारत में कोई भी गांव को गोद ले सकता है।
उद्देश्य:-चयनित गांव के निवासियों के जीवन स्तर और जीवन गुणवत्ता में पर्याप्त सुधार लाना।
पंचायती राज
• अनुच्छेद 243 में पंचायती राज का प्रावधान।
• पंडित जवाहरलाल नेहरू ने त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत 2 अक्टूबर 1959 को बगदरी गांव (नागौर) से की।
वित्त आयोग:- प्रावधान अनुच्छेद 280 में।
गठन - राष्ट्रपति द्वारा।
15वां वित्त आयोग
• अवधि:- 2021-22 से 2025-26
• अध्यक्ष - एनके सिंह
अन्य सदस्य - अजय नारायण झा (शक्तिकांत दास के स्थान पर), अनूप सिंह, रमेश चंद, अशोक लाहिड़ी।
नोट:-15वें वित्त आयोग ने कुल अनुदान के 40% अनटाईड अनुदान तथा 60% टाईड अनुदान की सिफारिश की।
Untide अनुदान:- स्थानीय निकायों की स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे स्ट्रीट लाइट, अन्य सार्वजनिक भवनों/परिसंपत्तियों जैसे - प्राथमिक/उच्च प्राथमिक स्कूल, स्वास्थ्य उपकेंद्र, सहकारी बीज और उर्वरक भंडारण केंद्र, सड़कों, पार्को, खेल मैदान, शमशान स्थलों की मरम्मत और रखरखाव हेतु Tide (बंधे) अनुदान:- केवल निश्चित क्षेत्र में उपयोग। जैसे - स्वच्छता (खुले में शौच) एवं जल संचयन |
राज्य वित्त आयोग:-
73वें संविधान संशोधन के तहत इसका प्रावधान किया गया।
अब तक राजस्थान में 6 राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया है।
आयोग - अध्यक्ष | गठन | कार्यकाल |
प्रथम - के के गोयल*** | 24 अप्रैल 1994 | 1 अप्रैल 1995 से 31 मार्च 2000 |
दूसरा - हीरालाल देवपुरा | 7 मई 1999 | 1 अप्रैल 2000 से 31 मार्च 2005 |
तीसरा - माणिक चंद सुराणा | मई 2004 | 1 अप्रैल 2005 से 31 मार्च 2010 |
चौथा - डॉ बी डी कल्ला | 13 अप्रैल 2011 | 1 अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2015 |
पांचवा - डॉ ज्योति करण | जुलाई 2014 | 1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2020 |
छठा - प्रद्युम्न सिंह** सदस्य - अशोक लाहोटी, लक्ष्मण सिंह रावत | अप्रैल 2021 | 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2025 |
सिफारिशें:-
15वें वित्त आयोग ने केंद्र द्वारा राजस्व कर में से 41% राज्यों को देने की सिफारिश की।
षष्टम राज्य वित्त आयोग (2020-2021 से 2024-2025)
• आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्य के शुद्ध कर राजस्व में से 6.75% स्थानीय स्वशासन को दिया जाए।
इसका 75.10% पंचायतों को जबकि 24.90% नगरपालिकाओं को दिया जाए।
• पंचायतों की राशि का 5% जिला परिषद को, 20% पंचायत समिति को तथा 75% ग्राम पंचायतों को दिया जाए।
• वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 की सिफारिशों के अनुसार -
अनुदान की 55% राशि का उपयोग मूलभूत एवं विकास कार्यों के लिए,
40% राशि का उपयोग राष्ट्रीय और राज्य प्राथमिकता योजनाओं को लागू करने के लिए एवं
शेष 5% राशि विभिन्न कार्यों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के प्रोत्साहन के लिए है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण):-
• 2 अक्टूबर 2014 को प्रधानमंत्री द्वारा शुरू।
• वर्तमान में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संचालित।
• प्रथम चरण - 2014-2019 तक।
• उद्देश्य:- भारत को खुले में शौच से मुक्त करना।
• राजस्थान मार्च 2018 में खुले में शौच से मुक्त हो गया।
• दूसरा चरण - 2020-21 से 2024-25 तक।
• उद्देश्य:- गांवों में ODF की स्थिति बनाए रखना तथा ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन करना।
• प्रावधान:-
1. व्यक्तिगत शौचालय:- बीपीएल एवं एपीएल परिवारों को शौचालय निर्माण एवं उपयोग करने पर ₹12000 प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
• केंद्र (60) : राज्य (40)
2. सामुदायिक स्वच्छता केंद्र:- के निर्माण के लिए ग्राम पंचायत को 3 लाख रुपये।
इसमें 70% राशि - स्वच्छ भारत मिशन के तहत
जबकि 30% राशि - 15वें वित्त आयोग से। (टाईड अनुदान)
3. ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन:-
70% राशि - स्वच्छ भारत मिशन के तहत
जबकि 30% राशि - 15वें वित्त आयोग से। (टाईड अनुदान)
पंचायत पुरस्कार
• भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राष्ट्रीय पंचायत दिवस 24 अप्रैल को दिए जाते हैं।
1. दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सतत विकास पुरस्कार
यह देश की 3 जिला परिषद, 3 पंचायत समिति और 3 ग्राम पंचायतों को दिया जाता है।
2. ग्राम ऊर्जा स्वराज विशेष पंचायत पुरस्कार
यह देश की 3 सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत को ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों को अपनाने एवं उपयोग करने में उनके प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।
3. कार्बन न्यूट्रल विशेष पंचायत पुरस्कार
यह देश की 3 सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत जिन्होंने पूर्ण शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने की दिशा में अनुकरणीय कार्य किया है, को दिया जाता है।
पंचायत विकास योजना (PDP):-
• 2015 में पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शुरू।
• उद्देश्य - ग्राम पंचायतों में आपसी सहयोग द्वारा विकास कार्यों को बढ़ावा देना।
• इस योजना के तहत भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर से 31 जनवरी तक संपूर्ण भारत में 'सबकी योजना सबका विकास' अभियान चलाया जाता है। (जन योजना अभियान)
इसके लिए 'ई-ग्राम स्वराज पोर्टल' बनाया गया है।
स्वामित्व योजना
• 24 अप्रैल 2020 को शुरू
• उद्देश्य:- गांवों का ड्रोन द्वारा सर्वे करके ग्रामीण भारत के लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक दिलाना।
राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान:-
• 2018-19 में शुरू।
• उद्देश्य - पंचायत क्षमता संवर्धन।
• केंद्र (60) : राज्य (40)
• नया नाम:- पुनरूत्थान राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान
• 31 मार्च 2026 तक संचालित किया जायेगा।
विलेज मास्टर प्लान:-
• आगामी 30 वर्षों के लिए शिक्षा, खेल पार्क, सरकारी भवन आदि के लिए भूमि आवंटन का प्लान तैयार करना।
• राजस्व विभाग एवं पंचायत विभाग मिलकर कार्य कर रहे हैं।
• पहले ग्राम पंचायत प्लान को मंजूरी देगी फिर ग्रामसभा अनुमोदित करेगी।
अंबेडकर भवन योजना
• बजट घोषणा 2019-20 में घोषित।
• नगर पालिका, नगर परिषद और नगर निगम मुख्यालयों को छोड़कर सभी पंचायत समितियों पर अंबेडकर भवन बनाया जायेगा।
पंचायत मिनी सचिवालय:-
कृषि विभाग, राजस्व विभाग एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के ग्राम पंचायत स्तरीय कार्मिकों को एक छत के नीचे कार्य करने के लिए पंचायत मिनी सचिवालय स्थापित किया जा रहे हैं।
प्रशासन गांवों के संग अभियान 2023
उद्देश्य:- ग्रामीण क्षेत्र की जनता की समस्याओं का मौके पर ही समाधान करना।
प्रशासनिक विभाग:- राजस्व विभाग
प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर एक दिवसीय शिविर आयोजित किया गया।
विकसित भारत संकल्प यात्रा
• 16 दिसंबर, 2023 से 26 जनवरी, 2024 तक
• यह भारत सरकार का कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य ग्राम पंचायत एवं शहरी स्थानीय निकायों को सम्मिलित करते हुए देश भर में भारत सरकार की योजनाओं के बारे में प्रचार - प्रसार व जागरूकता बढ़ाना।
• संपूर्ण यात्रा में राजस्थान देश में समग्र रूप से प्रथम स्थान पर रहा है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वाटरशेड कम्पोनेंट)
(इंटिग्रेटेड वाटरशेड मैनेजमेंट प्रोग्राम IWMP)
• जलग्रहण विकास कार्यों के माध्यम से भूमि के उपचार के लिए वर्ष 2009-10 में IWMP शुरू किया गया।IWMP के तहत स्वीकृत परियोजनाएं 2015-16 से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वाटरशेड कम्पोनेंट) के तहत चलाई गई।
• 1 अप्रैल 2022 से भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वाटरशेड कम्पोनेंट) 2.0 शुरू की गई।
ग्रामीण आधारभूत संरचना
• राजस्थान में ग्रामीण सड़कों की लंबाई - 1,91,547.59 km
• राजस्थान में कुल गांव - 43,264 (जनगणना 2011)
• राजस्थान के 89.57% गांव सड़कों से जुड़े हैं। (38,819 गांव)
• राजस्थान के विद्युतीकृत गांव - 43965
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-III
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-III के तहत 8,662.50km लम्बाई की मुख्य ग्रामीण सड़कों का चयन कर उनका उन्नयन और सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
ग्रामीण गैर कृषि विकास एजेंसी (RUDA)
Rural non-farm development agency:-
• नवंबर 1995 में स्थापित।
• उद्देश्य - ग्रामीण गैर कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना।
• दस्तकार परिवारों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना।
• 3 मुख्य क्षेत्र - चमड़ा, ऊन व कपड़ा तथा लघु खनिज।
• पोकरण पोटरी, ब्लू पोटरी, सांगानेर प्रिंट, बगरू प्रिंट, कोटा डोरिया आदि हस्तशिल्पों के लिए रूडा ने जीआई टैग प्राप्त किया है।
SAVE WATER
0 Comments