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राजस्थान में आधारभूत संरचना । राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2022-23

 
Infrastructure Development in Rajasthan 2022-23


राजस्थान में आधारभूत संरचना 2022-23

Infrastructure in Rajasthan.

आधारभूत संरचना के अंतर्गत सड़क, रेलवे, परिवहन, डाक एवं ऊर्जा को शामिल किया जाता है।

30 नवंबर 2022 तक राजस्थान की अधिष्ठापित (Installed) ऊर्जा क्षमता 23,487.46 मेगावाट (23.48 गीगावाट) है।

 विवरण
2021-22 (मेगावाट)
 राज्य की स्वयं/भागीदारी की परियोजनाएं
 9450.79
 केंद्रीय परियोजनाओं से राज्य को आवंटन
 3113.77
RREC, RSMML एवं निजी क्षेत्र पवन ऊर्जा/ बायोमास/ सौर ऊर्जा परियोजनाएं
10922.90
 कुल अधिष्ठापित ऊर्जा क्षमता
23,487.46 मेगावाट 

राजस्थान की अधिष्ठापित ऊर्जा क्षमता में तापीय ऊर्जा की भागीदारी सर्वाधिक है।

राजस्थान में 30 नवंबर 2022 तक 43,604.942 किमी का ऊर्जा ट्रांसमिशन सिस्टम (प्रसारण नेटवर्क ) है।
इसमें घरेलू उपभोक्ता सर्वाधिक है।

पूगल (बीकानेर) में 810 मेगावाट सौर ऊर्जा संयंत्र सहित कुल 2000 मेगावाट का सौर पार्क स्थापित किया जा रहा है।

बीकानेर के गुरहा में 125 मेगावाट क्षमता की लिग्नाइट आधारित विद्युत परियोजना इकाई-1 की स्थापना की जा रही है।

ऊर्जा की उपलब्धता
• मार्च 2022 तक राजस्थान में ऊर्जा की उपलब्धता 9,080.92 करोड़ यूनिट हो गई।

उपभोक्ता
नवंबर 2022 तक 180.62 लाख।

ग्रामीण विद्युतीकरण:-
राजस्थान में कुल गांव:- 43264 (जनगणना 2011)
राजस्थान के विद्युतीकृत गांव:- 43965

कुसुम योजना:-
Kisan Urja Suraksha evam Utthan Mahaabhiyan (KUSUM):-
• लक्ष्य:- 2022 तक 30.8 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना।
• कुसुम योजना के तीन घटक है -
घटक (ए):- ग्राउंड माउंटेड ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लेट लगाना।
बंजर या कृषि योग्य भूमि पर 0.5MW से 2MW तक की सोलर प्लेट लगाई जा सकती है।
घटक (बी):- स्टैंडअलोन सोलर पंप लगाना।
व्यक्तिगत किसानों को 7.5 HP के सोलर पंप लगाने के लिए सपोर्ट किया जाएगा।
पंप लगाने में सहायता - 
केंद्र पंप लागत की 30%, 
राज्य सरकार पंप लागत की 30%, 
किसान - 40% (30 ऋण + 10 स्वयं)
घटक (सी):- डीजल चालित पंपों को सोलर पंप में बदला जाएगा। (कृषि पंपों का सौरीकरण)

नोट:- 1 अप्रैल 2021 को कुसुम योजना घटक-ए के तहत भालोजी गांव (कोटपूतली, जयपुर) में देश के प्रथम सौर ऊर्जा संयंत्र से ऊर्जा उत्पादन शुरू हो गया।

सौर कृषि आजीविका योजना
30 सितंबर 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों को अपनी अनुपयोगी अथवा बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने में सहायता करने के लिए सौर कृषि आजीविका योजना को मंजूरी दी। 
• योजना के अंतर्गत SKAY पोर्टल विकसित किया गया है। जहां किसान/भूमि मालिक अपनी जमीन को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए लीज पर देने हेतु पंजीकृत करा सकते हैं। 
सौर कृषि आजीविका योजना से विकासकर्ता भी संयंत्र स्थापित करने के लिए सुगमता से पीएम कुसुम योजना के तहत केन्द्रीय अनुदान (लागत का 30%) प्राप्त कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना
• इस योजना के तहत किसानों को कृषि बिजली कनेक्शन पर हर महीने ₹1000 की सब्सिडी दी जा रही है। (अधिकतम ₹12000 प्रतिवर्ष)
• योजना का लाभ मीटर्ड कृषि कनेक्शन पर ही मिलेगा।
• केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों और आयकर दाता कृषि उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

2 अक्टूबर 2021 से आयोजित प्रशासन गांवों/शहरों के संग अभियान के तहत विद्युत संबंधी समस्याओं का समाधान किया गया। 

स्त्रोत के आधार पर ऊर्जा
तकनीक के आधार पर
 1. नवीकरणीय ऊर्जा
 1. परंपरागत
 2. अनवीकरणीय ऊर्जा
 2. गैर-परंपरागत

अक्षय ऊर्जा:-
प्राकृतिक संसाधनों, जैसे-सूर्य ताप, वायु, ज्वार और भूतापीय गर्मी से उत्पन्न ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा कहते है। जैसे - सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, पनबिजली, बायोमास और जैव ईंधन।
• इसे अक्षय ऊर्जा भी कहते है।

सौर ऊर्जा:-
राजस्थान में सौर ऊर्जा की अधिक संभावना के कारण  निम्नलिखित हैं:-
• 1 वर्ष में 325 से अधिक दिन सूर्यताप।
• 6-7 किलोवाट घंटे प्रति वर्ग मीटर प्रतिदिन सूर्यताप मिलता है।
• कम औसत वर्षा।

राजस्थान में सौर ऊर्जा की संभावित क्षमता -142GW
राजस्थान में दिसंबर 2022 तक 13,531 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। (अधिष्ठापित क्षमता)

• भड़ला (जोधपुर) में 2,245 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क चार चरणों में विकसित किया गया है।

 फैलोदी-पोकरण सोलर पार्क:- 750 मेगावाट
एसेल सौर्य ऊर्जा कंपनी द्वारा

• फतेहगढ़ (जैसलमेर) फेज - 1बी:- 1,500 मेगावाट
अडाणी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क द्वारा

• नोख (जैसलमेर) सोलर पार्क:- 925 मेगावाट
राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी द्वारा।

पूगल (बीकानेर) सोलर पार्क:- 1,450 मेगावाट
राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी द्वारा।

रूफटॉप सोलर पावर प्रोजेक्ट स्कीम:-
• नवीकरणीय मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा 30% वित्तीय सहायता दी जा रही है।

रिन्यूबल एनर्जी सर्विस कंपनी (RESCO) मोड सोलर रुफटॉप योजना:-
राज्य में सभी राजकीय भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।

राजस्थान की सौर ऊर्जा नीति (18 दिसंबर 2019)
इस नीति के तहत राज्य में 2024-25 तक 30,000 मेगावाट सौर ऊर्जा प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है।

ग्रिड स्केल सोलर पार्क से
24,000 मेगावाट
डिस्ट्रीब्यूटेड जेनरेशन
4,000 मेगावाट
सोलर रूफटॉप
1,000 मेगावाट
 सोलर पंप
1,000 मेगावाट
    कुल 
30,000 मेगावाट

पवन ऊर्जा:-
• राजस्थान में 120 मीटर की ऊंचाई पर पवन ऊर्जा क्षमता - 1,27,750 मेगावाट (127.7 GW)
• दिसंबर 2022 तक राज्य में कुल 4,442.145 मेगावाट क्षमता के पवन ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
• दिसंबर 2022 तक 1,690 मेगावाट क्षमता के विन्ड सोलर हाइब्रिड संयंत्रों की स्थापना की गई है।

पवन ऊर्जा नीति:-
• प्रथम पवन ऊर्जा नीति:- 18 जुलाई 2012
• 18 दिसंबर 2019 को राजस्थान पवन एवं हाइब्रिड ऊर्जा नीति 2019 जारी की गई।

राजस्थान में पवन ऊर्जा के प्रोजेक्ट:-
• अमर सागर - जैसलमेर (प्रथम पवन संयंत्र - 2000)
• देवगढ़ - प्रतापगढ़
• फलोदी - जोधपुर
• सोधा बंधन - जैसलमेर
• आकल - जैसलमेर
• बड़ा बाग - जैसलमेर (पहला निजी संयंत्र)

बायोमास ऊर्जा (जैविक द्रव्य ऊर्जा)
• प्रमुख स्त्रोत:- सरसों की तूड़ी और विलायती बबूल।
• दिसंबर 2022 तक 120.45 मेगावाट क्षमता के 13 बायोमास ऊर्जा उत्पादन संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं।

ऊर्जा संरक्षण कार्यक्रम
• राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस:- 14 दिसंबर
• राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम को स्टेट परफोर्मेंस श्रेणी में 'नेशनल एनर्जी कंजरवेशन अवार्ड 2022' मिला है।

सड़क:-
• 1949 में राजस्थान में सड़क मार्ग - 13553 किमी
• मार्च 2022 तक सड़क मार्ग - 2,78,813.23 किमी
मार्च 2022 तक प्रति 100 वर्ग किमी पर:-
राजस्थान का सड़क घनत्व - 81.47 किमी
भारत का सड़क घनत्व - 165.23 किमी

• 31 मार्च 2022 तक सड़कों की लंबाई:-
 वर्गीकरण
सड़कों की लंबाई (किमी)
 ग्रामीण सड़क
 186762.10
 अन्य जिला सड़क
   51224.52
 राज्य उच्च मार्ग
   17237.59
 राष्ट्रीय उच्च मार्ग (NH)
   10618.09
 मुख्य जिला सड़क
   13270.93
 कुल योग
 2,78,813.23
 
सड़कों की लंबाई घटते क्रम में:-
ग्रामीण सड़क> अन्य जिला सड़क>राज्य राजमार्ग>मुख्य जिला सड़क>राष्ट्रीय राजमार्ग

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