आपका स्वागत है, डार्क मोड में पढ़ने के लिए ऊपर क्लिक करें PDF के लिए टेलीग्राम चैनल DevEduNotes2 से जुड़े।

राजस्थान में औद्योगिक विकास । राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2022-23

 
Industrial Development 2022-23


राजस्थान में औद्योगिक विकास 2022-23

Industrial development in Rajasthan.

उद्योग क्षेत्र के अंतर्गत खनन-उत्खनन, विनिर्माण, विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाएं तथा निर्माण क्षेत्र शामिल हैं।

उद्योग क्षेत्र का सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA) में योगदान 2022-23:-
1. स्थिर कीमतों पर (आधार वर्ष 2011-12):-
• ₹2.04 लाख करोड़ (6.32% वृद्धि)
2. प्रचलित कीमतों पर:-
• ₹3.58 लाख करोड़ (15.02% वृद्धि)
• 27.31% योगदान 

उद्योग क्षेत्र में उप-क्षेत्रों का योगदान (प्रचलित कीमत)

 उप-क्षेत्र
प्रचलित कीमतों पर योगदान 
 स्थिर कीमतों पर वृद्धि दर
 विनिर्माण
 41.26%
   4.99%
 निर्माण
 32.76%
   9.10%
 अन्य
 13.38% विद्युत, गैस, जलापूर्ति व अन्य
   9.16%
 खनन-उत्खनन
 12.60%
   3.31%

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक
(IIP = Index of Industrial Production)
• प्रतिमाह जारी किया जाता है।
• आधार वर्ष:- 2011-12
• जारीकर्ता:- केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO)
• 3 आधार:- विनिर्माण, खनन, विद्युत
• राजस्थान में आईआईपी की ग्रोथ:-
2018-19 से 2019-20 और 2020-21 में घटा है तथा 2021-22 और 2022-23 में बढ़ा

भारत में 8 मुख्य उद्योग है (Core Industry):-
भारांश के घटते क्रम में -
1. रिफाइनरी उत्पाद 2. विद्युत Electricity 3. स्टील
Trick - RES
4. कोयला    5. कच्चा तेल  6. प्राकृतिक गैस
7. सीमेंट      8. उवर्रक

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाईयां (MSME):-
MSME:- micro, small and medium enterprises.

 MSME
 सूक्ष्म
 लघु
 मध्यम
 निवेश
 < 1 करोड़
 < 10 करोड़
 < 50 करोड़
 टर्नओवर
 < 5 करोड़
 < 50 करोड़
 < 250 करोड़
 
उद्यम पंजीकरण पोर्टल (URP =Udyam Registration Portal):-
• एमएसएमई का ऑनलाइन पंजीकरण करने हेतु 1 जुलाई 2020 से शुरू किया गया।

MSME को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान सरकार के प्रयास:-
1. URP के द्वारा एमएसएमई का पंजीकरण।
2. राजस्थान सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेंट एंड ऑपरेशन) अधिनियम 2019
• 17 जुलाई 2019 को लागू।
• उद्देश्य:- एमएसएमई की बाधारहित स्थापना को प्रोत्साहित करना।
• 12 जून 2019 को राज उद्योग मित्र पोर्टल की शुरूआत की गई।
• इंटेंट की घोषणा (डिक्लेरेशन ऑफ इंटेंट) प्रस्तुत करने पर नोडल एजेंसी एमएसएमई को 'पावती प्रमाण पत्र' जारी करती है।
पावती प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से 3 साल तक एमएसएमई को राज्य के सभी कानूनों के तहत अनुमोदन (Approval) और निरीक्षण (Inspection) से छूट दी जाती है।

3. मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना (MLUPY):-
• 13 दिसंबर 2019 को शुरू।
• उद्देश्य:- एमएसएमई को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाना। (₹10 करोड़ तक)
• ₹25 लाख तक के ऋण पर 8%, ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 6% तथा ₹10 करोड़ तक के ऋण पर 5% ब्याज सब्सिडी सरकार दे रही है।

4. सुविधा केंद्र का निर्माण -
• सभी जिला उद्योग केंद्रों पर एमएसएमई निवेशक सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है। 

5. राजस्थान एमएसएमई नीति 2022
• 17 सितंबर 2022 को जारी।
• उद्देश्य:- सभी श्रेणी के उद्योगों का विकास, निवेश प्रोत्साहन और रोजगार के अवसर बढ़ाना।
• इस नीति के अंतर्गत उद्योगों के लिए भूमि, बुनियादी सुविधाओं का विकास, स्मार्ट इंडस्ट्रियल एरिया, एमएसएमई क्लस्टर्स विकास, उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार, विपणन व्यवसाय विकास में सहायता, निर्यात प्रोत्साहन और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले उद्यमों को प्रोत्साहन/पुरस्कार देने के प्रावधान शामिल किया किए गए हैं।
साथ ही महिला, SC, ST और निशक्तजन उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।

राजस्थान में निर्यात:-

राजस्थान द्वारा निर्यात (Export):-
• राजस्थान में मुख्यतः 16 उत्पादों का निर्यात किया जाता है।
• राजस्थान के निर्यात में 60% से अधिक योगदान देने वाली शीर्ष पांच वस्तुएं निम्नलिखित हैं:-
1. इंजीनियरिंग वस्तुएं > 2. टेक्सटाइल (वस्त्र) > 3. मेटल (धातु) > 4. हैंडीक्राफ्ट (हस्तशिल्प) > 5. रसायन

Trick:- ETMHC - इंजीनियर ने टेलीफोन मोबाइल हाथ से लाया।

राजस्थान में निर्यात को प्रोत्साहन देने हेतु किए गए प्रयास:-

1. मिशन निर्यातक बनो 
• 29 जुलाई 2021 को शुरू। 
• इसके तहत उत्पादकों को सीधे ही निर्यात प्रक्रिया से जोड़ा जायेगा।
• इस मिशन के तहत 22,731 निर्यातक बनाने का लक्ष्य  रखा गया है।
• 5 दिसंबर 2022 को दूसरा चरण शुरू।

2. राज्य निर्यात पुरस्कार योजना 2019:-
• 15 श्रेणी में 32 उत्कृष्ट निर्यातकों को पुरस्कार दिया जाता है।
• प्रतिवर्ष एक निर्यातक को 'लाइफटाइम एक्सपोर्ट रत्न अवार्ड' दिया जाता है।

3. निर्यात संवर्धन, प्रक्रिया एवं दस्तावेजीकरण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना (2012)

4. अंतरराष्ट्रीय विदेशी व्यापार मेलों में भाग लेने पर सहायता योजना (2012-13)
• इस योजना को मार्च 2025 तक बढ़ाया गया है।
• इस योजना के तहत विदेशों में आयोजित होने वाले अनुमोदित व्यापार मेलों में भाग लेने वाली इकाइयों को उनके द्वारा भुगतान किए गए भूमि किराए का 50% की दर से अधिकतम ₹1 लाख तक पुनर्भरण किया जाता है।

5. एक जिला एक उत्पाद (ODOP)
• उद्देश्य:- प्रत्येक जिले से निर्यात क्षमता वाले उत्पादों की पहचान करना और उन्हें बढ़ावा देना।
• सभी जिलों में जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन समितियों (DEPC) का गठन किया गया है।
• एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित उत्पाद:-
PFI
जैसलमेर - पीला मार्बल स्लेब एंड टाईल्स
जोधपुर - र्नीचर - हस्तशिल्प उत्पाद
बाड़मेर - सबगोल

OMR (S)
भरतपुर - शहद, खाद्य ते
धौलपुर - मिल्क पाउडर - स्कीम्ड
करौली - सेंडस्टोन आर्टीकल एंड सिलिका सेंड

GS
श्रीगंगानगर - म पाउडर
हनुमानगढ़ - ग्वार गम
बीकानेर - सिरेमिक
चूरू - लकड़ी के उत्पाद

झुंझुनू - स्टोन प्रोडक्ट एवं लकड़ी के उत्पाद
सीकर - र्नीचर - एंटिक

GS
उदयपुर - ग्रेनाईट/मार्बल - आइवरी कारविंग
डूंगरपुर - ग्रेनाईट/मार्बल - स्लेब
बांसवाड़ा - सिंथेटिक यार्न
प्रतापगढ़ - लहसून तथा थेवा कला

बूंदी - चावल
बारां - सोयाबीन
कोटा - एमब्रॉयडरी फेबरिक - कोटा डोरिया
झालावाड़ - संतरा एवं सेंडस्टोन

जयपुर - ब्लू पॉटरी तथा ज्वेलरी एंड जैम्स
अलवर - ऑटोमोबाइल पार्टस
दौसा - कार्पेट एंड स्टोन आर्टीकल

नागौर - ग्रेनाईट/मार्बल - मकराना
अजमेर - ग्रेनाईट
चित्तौड़गढ़ - ग्रेनाईट/मार्बल
पाली - मेहंदी
भीलवाड़ा - रेडिमेड गारमेंटस - डेनिम
जालोर - मसाले एवं मौजडी जूती

राजसमंद - टेराकोटा
सवाई माधोपुर - टूरिज्म
सिरोही - साइलियम हस्क
टोंक - सेंडस्टो

6. राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद (REPC) 
• 8 नवंबर 2019 को गठित।

राजस्थान में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग:-
• 36 जिला उद्योग केंद्र
• 8 उप-केंद्र
• सभी जिला उद्योग केंद्रों पर एमएसएमई निवेशक सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है।
• विवाद निवारण तंत्र समिति
राज्य स्तर पर चेयरमैन - मुख्य सचिव
जिला स्तर पर अध्यक्ष - जिला कलेक्टर
• 10 सुविधा परिषदों का गठन - विलंबित भुगतान के मामलों के निराकरण के लिए किया गया है। (2 राज्य स्तर पर + 8 संभाग स्तर पर)

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
उद्देश्य:- ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक सेवा एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर उत्पन्न करना।

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS):-
• 17 दिसंबर 2019 को लागू।
• उद्देश्य - उद्योगों को कर (Tax) में छूट देने हेतु।
अर्थात राजस्थान में नई इंडस्ट्री को 7 वर्षों के लिए एसजीएसटी का 75% तक पुनर्भरण करना।

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2022
• 7 अक्टूबर 2022 को लागू।
उद्देश्य:- 
• विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों का 15% की वार्षिक वृद्धि दर से विकास।
• संतुलित और समावेशी क्षेत्रीय विकास।
• वर्ष 2027 तक 10 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन।
• हरित हाइड्रोजन, वैकल्पिक ऊर्जा, चिकित्सा उपकरण आदि जैसे नवीन क्षेत्रों को अतिरिक्त प्रोत्साहन ।
• पर्यावरण संरक्षण प्रयासों को प्रोत्साहित करना।
प्रावधान:-
• प्राथमिक 8 श्रेणियों के लिए कस्टमाईज्ड लाभ।
• थ्रस्ट सेक्टर, सनराईज सेक्टर, पिछड़े क्षेत्रों, SC, ST और महिला उद्यमियों को अतिरिक्त परिलाभ।
• विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में ₹50 करोड़ से अधिक निवेश पर प्रोत्साहन पैकेज:-
1. परिसंपत्ति निर्माण प्रोत्साहन:- एसजीएसटी प्रतिपूर्ति अथवा पूंजीगत अनुदान अथवा टर्नओवर लिंक्ड इंसेंटिव (TLI) में से एक चुनने का विकल्प।
2. विशेष प्रोत्साहन:- रोजगार सृजन पर अतिरिक्त परिलाभ, हरित प्रोत्साहन।
3. छूट:- विद्युत शुल्क, मंडी शुल्क, भूमि कर में 7 वर्षों के लिए 100% छूट।

मुख्यमंत्री लघु वाणिज्यिक वाहन स्वरोज़गार योजना
• 11 अक्टूबर 2022 को अधिसूचित।
• 1 दिसंबर 2022 को उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने लॉन्च की।
उद्देश्य:- 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के आवेदकों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना।
बजट:- ₹20 करोड़ 
• इस योजना के अंतर्गत प्रदेश भर के आवेदकों को ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर लाभ दिया जाएगा।
• योजना के तहत ₹15 लाख तक के लघु वाणिज्यिक वाहन (स्मॉल कमर्शियल व्हीकल) खरीदने पर वाहन की ऑन रोड कीमत का अधिकतम 10% अथवा ₹60 हजार (दोनों में से जो भी कम हो) का अनुदान राज्य सरकार द्वारा तथा समकक्ष/अधिक अनुदान संबंधित वाहन निर्माता कंपनी द्वारा दिया जावेगा।
• पात्रता:- राजस्थान निवासी जिसकी उम्र 18 वर्ष से 45 वर्ष के मध्य हो।
• योजना के लिये तीन वाहन कंपनियों-टाटा मोटर्स, अशोका लीलैंड और महिंद्रा एंड महिंद्रा को पात्र बनाया गया है।

डॉ. भीमराव अंबडेकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना-2022
• 8 सितंबर 2022 को अधिसूचित 
• 27 अक्टूबर 2022 को उद्योग आयुक्त महेंद्र पारख ने लॉन्च की।
• उद्देश्य:- राज्य के गैर-कृषि क्षेत्रों (विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार) के विकास में SC-ST वर्गों की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करना।
• इस योजना के तहत ब्याज अनुदान:-
1. ₹25 लाख तक के ऋण पर 9%, 
2. ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 7% 
3. 5 करोड़ तक के ऋण पर 6%  
प्रोजेक्ट लागत का 25% अथवा ₹25 लाख तक की मार्जिन मनी अनुदान राशि देय होगी।
• योजना के अंतर्गत दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) और कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) आदि के सहयोग से दलित एवं आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 
इसके लिए इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना होगी।
• योजना के तहत दलित एवं आदिवासी वर्ग के उद्यमियों द्वारा लगाई जाने वाली इकाइयों के राज्य वस्तु एवं सेवा कर (SGST) का 7 वर्ष तक के लिए 100% पुनर्भरण  किया जाएगा।


राजस्थान की औद्योगिक नीतियां:-
राजस्थान में अभी तक 7 औद्योगिक नीति जारी की जा चुकी हैं -
1 जुलाई 2019 को राजस्थान की नई औद्योगिक विकास नीति 2019 जारी की गई। (7वीं)

नीति
मुख्यमंत्री
पहली (24 जून 1978)
भैरोंसिंह शेखावत
दूसरी (1991)
भैरोंसिंह शेखावत
तीसरी (1994)
भैरोंसिंह शेखावत
चौथी (1998)
भैरोंसिंह शेखावत
पांचवी (2010)
अशोक गहलोत
छठी (2015)
वसुंधरा राजे
सातवीं (1 जुलाई 2019)
अशोक गहलोत

कार्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) राजस्थान:-
• कंपनी एक्ट 2013 की धारा 135 के तहत ऐसी कंपनी जिसका वार्षिक शुद्ध लाभ 5 करोड़ या कुल नेटवर्थ 50 करोड़ अथवा टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपए हो अपने पिछले 3 वर्ष के कुल लाभ के औसत का 2% CSR  गतिविधियों में खर्च करेंगी।
• 6 नवंबर 2019 को CSR प्राधिकरण का गठन किया गया।

राजस्थान में निवेश प्रोत्साहन से संबंधित संगठन:-

1. निवेश संवर्धन ब्यूरो (BIP)
BIP - bureau of investment promotion.
• स्थापना - 1991
• उद्देश्य:- बड़े उद्योगों की स्थापना हेतु निवेश को प्रोत्साहित करना।
• अध्यक्ष - मुख्य सचिव***
• घरेलू एवं विदेशी निवेश को आकर्षित करती है।
• BIP केवल बड़े निवेश प्रस्तावों पर कार्य करती है। (10 करोड़ से अधिक के)

इन्वेस्टर्स कनेक्ट प्रोग्राम:-
• 7 अप्रैल 2022 - अलवर
• 9-10 जून 2022 - वडोदरा एवं अहमदाबाद
• 24 अगस्त 2022 - दिल्ली
• 17 सितंबर 2022 - जयपुर

इन्वेस्ट राजस्थान समिट
• 7-8 अक्टूबर 2022 को जेईसीसी, सीतापुरा, जयपुर में आयोजित।
• थीम:- कमिटेड एंड डिलिवर्ड
• राष्ट्रीय भागीदार:- भारतीय उद्योग परिसंघ (CII)
• 6 व्यक्तियों को राजस्थान रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

• सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम:- 
BIP द्वारा शुरू।
15 विभागों की 140 सेवाएं एक ही स्थान पर प्रदान की जा रही है।
उद्देश्य:- बड़े उद्योगों को समयबद्ध तरीके से लाइसेंस, अनुमति व अनुमोदन दिलाना।

• वन स्टॉप शॉप सिस्टम:-
16 सितंबर 2020 को अधिसूचना जारी।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक निवेश बोर्ड का गठन किया गया है।

2. राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (RIICO):-
Rajasthan State Industrial development and investment corporation limited.
• औद्योगिक विकास हेतु शीर्ष संस्था।
• स्थापना:- 1980
कार्य:- तीव्र औद्योगिक विकास करना, लघु एवं मध्यम ऋण, तकनीकी सलाह, मर्चेंट बैंकिंग का कार्य।

रीको द्वारा निम्नलिखित का विकास किया गया है -
8 औद्योगिक क्षेत्र:- तेजपुर (चित्तौड़गढ़), 
राम आसपुर (बांसवाड़ा),
भनियाना एवं केरवा (जैसलमेर), 
खुडियाल-बोरानाडा एवं चटलिया (जोधपुर), 
गोल एवं हरसोर (नागौर)
• चार एग्रो फूड पार्क:- बोरानाडा (जोधपुर), कोटा, अलवर, श्रीगंगानगर (BKASG)

 कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र (AFPA) - तिंवरी (जोधपुर) [Trick - कृषि क्रांति]

• जापानी पार्क:-
नीमराना (अलवर)
घिलोठ (अलवर) 
• विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ):-
रीको द्वारा राजस्थान में 2 सेज (वर्तमान में बहुउत्पाद सेज) संचालित है।
जेम्स एंड ज्वेलरी I&II - सीतापुरा (जयपुर)
• महिंद्रा वर्ल्ड सिटी (बहुउत्पाद सेज):- जयपुर

इंडिया स्टोनमार्ट 2022 (11वां संस्करण)
• 10-13 नवंबर 2022 को जेईसीसी, सीतापुरा, जयपुर में आयोजित।
• इस दौरान ही 11-12 नवंबर 2022 को जयपुर आर्किटेक्चरल फेस्टिवल (JAF) के चौथे संस्करण का आयोजन किया गया।

3. राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड (Rajsico):-
Rajasthan Small Industries Corporation Limited 
• स्थापना:- 3 जून 1961
• 1 फरवरी 1975 को राजसिको को पब्लिक लिमिटेड कंपनी का दर्जा दिया गया। (REET Mains L1 2022)
कार्य:- यह लघु उद्योगों एवं कारीगरों के लिए कार्य करता है।
लघु इकाईयों को कच्चा माल, साख (Credit), तकनीकी सलाह, उद्यमियों को प्रशिक्षण तथा वस्तुओं के विपणन (Marketing) की सुविधा प्रदान करना।
प्रदर्शनी, सेमिनार तथा व्यापार मेलों का आयोजन करना।
• हस्तशिल्प वस्तुओं का जयपुर, उदयपुर, दिल्ली एवं कोलकाता में स्थित 'राजस्थली' नामक विक्रय केंद्रों के माध्यम से विपणन (Marketing) करता है।
• आयात-निर्यात के लिए राजसिको द्वारा जयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा शुष्क बंदरगाह (इनलैण्ड कंटेनर डिपो) बनाए गए हैं।
• हवाई मार्ग से आयात-निर्यात के लिए सांगानेर एयरपोर्ट, जयपुर पर एयर कार्गो कॉम्पलेक्स बनाया गया है।

राजस्थान हस्तशिल्प नीति 2022
• 17 सितंबर 2022 को उद्योग मंत्री शकुंतला रावत द्वारा राजस्थान की प्रथम हस्तशिल्प नीति जारी की गई।
• मार्च 2026 तक लागू रहेगी।
उद्देश्य:- विलुप्त होती परंपरागत हस्तकलाओं को पुनर्जीवित करना।
• आगामी 5 वर्षों में 50,000 से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाएं जाएंगे।

4. राजस्थान वित्त निगम (RFC):-
Rajasthan Financial Corporation.
• स्थापना:- 1955
उद्देश्य:- नए उद्योगों को स्थापित करना व पुराने उद्योगों का विस्तार करना।
• इसके द्वारा 20 करोड़ तक के ऋण प्रदान किए जाते हैं। (नोट:- BIP ऋण नहीं देता)
RFC द्वारा संचालित कुछ योजनाएं:-
सरल योजना • गोल्ड कार्ड योजना
• प्लेटिनम कार्ड योजना • फ्लेक्सी ऋण योजना 
• युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना (YUPY):-
2013-14 में शुरू।
युवाओं (अधिकतम 45 वर्ष की आयु) को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना।
राज्य सरकार द्वारा ₹1.5 करोड़ तक के ऋण पर 6% ब्याज अनुदान दिया जा रहा है।
सरकार ने 1,000 औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय सहायता का लक्ष्य निर्धारित किया है।

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC):-
• उद्देश्य:- नए औद्योगिक शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना तथा बुनियादी ढांचे का निर्माण करना। (रेल व सड़क मार्ग)
• इसमें 6 राज्य तथा 1 केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली शामिल है। (उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र)
• दादरी (यूपी) से जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (मुंबई) के बीच इस डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है।
• कुल लंबाई:- 1,504 किमी
• फ्रेट कॉरिडोर के दोनों तरफ 150 किमी क्षेत्र में DMIC का प्रभाव रहेगा।
• इस प्रोजेक्ट का विकास जापान की सहायता से किया जा रहा है।

राजस्थान में:-
• राजस्थान में इसकी लंबाई कुल लंबाई की लगभग 38% है। 
DMIC प्रोजेक्ट राजस्थान के 22 जिलों तथा 60% क्षेत्र को प्रभावित करता है।
• इसके तहत राजस्थान में 5 नोड बनाए जा रहे हैं।
प्रथम चरण -
1. खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र
2. जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र
इन दोनों के विकास हेतु 15 मार्च 2022 को राजस्थान इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (RIDCO) की स्थापना की गई।
दूसरा चरण -
3. अजमेर-किशनगढ़ निवेश क्षेत्र
4. जयपुर-दौसा औद्योगिक क्षेत्र
5. राजसमंद-भीलवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र

खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र (Investment Region):-
• 165 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल।
• अलवर के 44 गांव शामिल।

जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area):-
• 154 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल।
• 9 गांव शामिल।
• 12 अक्टूबर 2020 को विशेष निवेश क्षेत्र (SIR - Special Investment Region) घोषित किया गया।

राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम:-
• 26 अप्रैल 2016 को अधिसूचित।
• राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र बोर्ड का गठन किया गया।
• 'भिवाड़ी इंटीग्रेटेड टाउनशिप' (BIT) को पहला विशेष निवेश क्षेत्र (SIR) घोषित किया गया। 
BIT में अलवर जिले के 363 गांव शामिल है।
• दूसरा SIR - जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र।

.....................................................................................................................................................................................................................................................................................................

नोट:- इस टॉपिक की Complete PDF और Free Mock Test के लिए टेलीग्राम ग्रुप DevEduNotes2 से जुड़े और मोबाइल ऐप DevEduNotes डाउनलोड करें।
 ‌‌‌‌‌
यूट्यूब पर इसका वीडियो देखें 👇👇👇

Post a Comment

0 Comments