प्रथम वन नीति:- फरवरी 2010
राजस्थान पहला राज्य था जिसने स्वयं की वन नीति अपनायी।
प्रथम सड़क विकास नीति:- 1994
नवीनतम सड़क विकास नीति:- 2013
राजस्थान पहला राज्य था जिसने स्वयं की सड़क विकास नीति अपनायी।
प्रथम खनिज नीति:- 1978
पांचवी खनिज नीति:- 4 जून 2015
पशुधन एवं डेयरी विकास नीति:- 2019
सिलिकोसिस नीति:- 3 अक्टूबर 2019
राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019
जारी:- 17 दिसम्बर 2019
प्रथम सौर ऊर्जा नीति:- अप्रैल 2011
राजस्थान सौर ऊर्जा नीति जारी करने वाला भारत का पहला राज्य बना।
नवीनतम सौर ऊर्जा नीति:- 18 दिसंबर 2019
लक्ष्य:- 2024 तक 30,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन।
प्रथम पवन ऊर्जा नीति:- 18 जुलाई 2012
पवन और हाइब्रिड ऊर्जा नीति:- 18 दिसंबर 2019
विश्व पर्यटन दिवस:- 27 सितंबर
प्रथम पर्यटन नीति:- 27 सितंबर 2001
पर्यटन नीति:- 9 सितंबर 2020
मैन्युफैक्चर्ड सैंड नीति 2020
• 25 जनवरी 2021 को जारी।
• राजस्थान एम-सैंड नीति जारी करने वाला भारत का पहला राज्य बना।
• मैन्युफैक्चर्ड सैंड का निर्माण - ग्रेनाइट से।
• मैन्युफैक्चर्ड सैंड:- यह बजरी का विकल्प है, जिसके उपयोग से नदियों से निकलने वाली बजरी पर हमारी निर्भरता खत्म होगी और साथ ही प्रदेश के खनन क्षेत्रों में खानों से निकलने वाले वेस्ट (कचरे) की समस्या का भी समाधान होगा और बड़ी संख्या में एम-सैंड इकाइयां लगने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
• इस नीति के तहत राज्य के राजकीय निर्माण कार्यों में न्यूनतम 25% एम-सैंड का उपयोग अनिवार्य है, जिसे उपलब्धता के आधार पर 50% तक बढ़ाया जा सकता है।
• नई एम-सैंड इकाई स्थापित करने के लिए न्यूनतम 3 करोड़ रुपए की नेटवर्थ तथा 3 करोड़ रुपए का टर्नओवर अनिवार्य है।
• साथ ही इस क्षेत्र (क्रशिंग) में 3 साल का अनुभव या संयुक्त उपक्रम में भागीदारी का अनुभव हो।
• इस नीति में एम-सैंड इकाईयों को उद्योग का दर्जा दिया गया है।
राजस्थान आयुष नीति 2021:- 9 फरवरी 2021
प्रथम महिला नीति:- 8 मार्च 2000
नवीनतम महिला नीति:- 11 अप्रैल 2021
प्रथम औद्योगिक विकास नीति:- 1978
नवीनतम औद्योगिक विकास नीति (सातवीं):- 1 जुलाई 2019
पहली इको टूरिज्म पॉलिसी:- 2010
नवीनतम इको टूरिज्म पॉलिसी:- 15 जुलाई 2021
यह नीति पारिस्थितिकी पर्यटन के तीन आधारभूत सिद्धांतों- संरक्षण, सामुदायिक सहभागिता एवं व्याख्या पर आधारित है।
यह नीति अगले 10 वर्षो (2030 तक) के लिए तैयार की गई है।
इथेनॉल उत्पादन प्रोत्साहन नीति:- दिसंबर 2021
राजस्थान फिल्म प्रोत्साहन नीति 2022:- 18 अप्रेल 2022
(अवधि- 5 साल)
राजस्थान फिल्म पर्यटन प्रोत्साहन नीति:- 22 जुलाई 2022
इलेक्ट्रिक व्हीकल (ई-व्हीकल) पॉलिसी:-
• 1 सितम्बर 2022 को लागू।
• 5 वर्ष की अवधि के लिए लागू।
राजस्थान की प्रथम हस्तशिल्प नीति:-
• 17 सितंबर 2022 को उद्योग मंत्री शकुंतला रावत द्वारा जारी।
• 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी।
• उद्देश्य:- विलुप्त होती परंपरागत हस्तकलाओं को पुनर्जीवित करना।
• आगामी 5 वर्षों में 50,000 से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाएं जाएंगे।
राजस्थान MSME नीति:- 17 सितंबर 2022
राजस्थान MSME दिवस:- 17 सितंबर
इन्वेस्ट राजस्थान समिट (7-8 अक्टूबर 2022) के दौरान उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि राजस्थान ग्रीन हाइड्रोजन नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा।
7 अक्टूबर 2022 को राजस्थान की पहली NRR नीति जारी की गई।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति:- 29 जुलाई 2020
• के कस्तूरीरंगन ने प्रारूप तैयार किया।
राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति 2022:-
3 जनवरी 2023
अंधता/दृष्टिहीनता नियंत्रण नीति:- 13 जनवरी 2023
13 जनवरी 2023 को राजस्थान अंधता नियंत्रण नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है।
राजस्थान में 9 नई नीतियाँ लॉन्च
• लॉन्च:- 4 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 9 नीतियां लॉन्च की।
• उद्देश्य:- निवेश को बढ़ावा देना और राज्य के आर्थिक विकास को गति देना।
MSME नीति 2024
उद्देश्य:- स्थानीय उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा करने में सक्षम बनाना।
• 20 हजार नए MSME उद्यम स्थापित किए जाएंगे।
• 1 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन।
• ऋण पर अतिरिक्त 2% ब्याज अनुदान।
• एसएमई एक्सचेंज से धन जुटाने पर 15 लाख तक सहायता।
• एडवांस्ड टेक्नोलॉजी या सॉफ्टवेयर पर 50% या ₹5 लाख तक अनुदान।
• क्वालिटी सर्टिफिकेशन व IPR पर 3 लाख तक पुनर्भरण सहायता।
• डिजिटल उपकरणों पर ₹50 हजार तक पुनर्भरण।
• ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फीस पर 75% तक पुनर्भरण।
राजस्थान की विकास दर:- 11% (Imp.)
MSME क्षेत्र राजस्थान की GSDP में करीब 25% योगदान दे रहा है।
राजस्थान एक ज़िला-एक उत्पाद नीति 2024
• उद्देश्य:- स्थानीय उत्पादकों के लिये बुनियादी ढाँचे का निर्माण करके ज़िला-विशिष्ट उत्पादों और शिल्पों को बढ़ावा देना।जिससे कारीगरों, शिल्पकारों, कृषकों और उत्पाद निर्माताओं की आय में वृद्धि होगी।
• नए सूक्ष्म उद्यमों के लिए के लिए लागत का 25% मार्जिन मनी सब्सिडी (अधिकतम ₹15 लाख)
• नए लघु उद्यमों के लिए के लिए लागत का 15% मार्जिन मनी सब्सिडी (अधिकतम ₹20 लाख)
• SC, ST, महिला, दिव्यांग या 35 वर्ष से कम आयु वाले युवा उद्यमियों को अतिरिक्त लाभ (अधिकतम ₹5 लाख)
• राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में उत्पाद ले जाने वालों को प्रोत्साहन राशि।
1. राजस्थान में प्रदर्शनी के लिए तीन बार तक स्टॉल खर्च ₹50 हजार और दो लोगों का किराया।
2. अन्य राज्यों की प्रदर्शनी में जाने पर दो बार तक स्टॉल खर्च ₹1.50 लाख और दो लोगों का किराया।
3. विदेश में प्रदर्शनी में जाने पर एक बार तक स्टॉल खर्च ₹2 लाख और दो लोगों का हवाई किराया।
राजस्थान निर्यात संवर्द्धन/प्रोत्साहन नीति 2024
• निर्यातकों को दस्तावेजीकरण, तकनीकी अपग्रेडेशन और अंतर्राष्ट्रीय आयोजनों में भागीदारी के लिए मदद की जायेगी।
• इससे लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी और राजस्थान के उत्पाद वैश्विक स्तर पर पहचान बना सकेंगे।
• राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्पादों की ब्रांडिंग के लिए मार्केटिंग एवं रिसर्च टीम बनेगी।
• हर जिले से उन उत्पादों को चिन्हित करेंगे जिन्हें राष्ट्रीय अंतर्रष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की बेहतर संभावना हो।
राजस्थान क्लस्टर विकास नीति 2024
• कच्चे माल और प्रशिक्षण सुविधाओं तक पहुँच के साथ राज्य में क्लस्टर आधारित विकास के जरिए शिल्पकारों और लघु उद्योगों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा।
• इसके माध्यम से राज्य में हस्तशिल्प, हथकरघा और MSME क्षेत्र की उत्पादकता, गुणवत्ता एवं कार्यक्षमता को बढ़ाकर उन्हें वैश्विक बाजार के अनुरूप विकसित किया जाएगा।
- हस्तशिल्प और हथकरघा उद्योगों को पुनर्जीवित करना।
- 50,000 से 2 लाख रुपये तक छोटे उद्यमियों को मदद।
राजस्थान पर्यटन इकाई नीति 2024
• इस नीति के माध्यम से पर्यटन से जुड़े निवेशकों व उद्यमियों को आकर्षित करते हुए निजी क्षेत्र में पर्यटन इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा दिया गया है।
• रोज़गार सृजन के लिये पारिस्थितिकी पर्यटन और विरासत पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
• नए पर्यटन मॉडलों का समावेश:-
इको टूरिज्म यूनिट, फिल्म सिटी, हेरिटेज रेस्टोरेंट, होटल हाउसिंग, इनडोर/आउटडोर प्ले जोन, एकीकृत पर्यटन विलेज, मोटल/वे-साइड सुविधाएं, रिसोर्ट हाउसिंग, ग्रामीण पर्यटन इकाई, पर्यटन स्टार्टअप्स।
• निवेश प्रोत्साहन:-
चिन्हित स्थानों पर न्यूनतम ₹100 करोड़ का 3 वर्षों में निवेश करने वाली परियोजनाओं को राजकीय भूमि आवंटन।
• भूमि आवंटन में विशेष सुविधा:-
पर्यटन इकाई से जुड़ी या उसके अंदर आने वाली राजकीय भूमि को उनकी मालिकाना भूमि के 10% तक कृषि या आवासीय डीएलसी दरों पर आवंटन की सुविधा।
• आर्थिक प्रोत्साहन:-
नई पर्यटन इकाईयों को स्टाम्प ड्यूटी, कन्वर्जन चार्ज, डवलपमेंट चार्ज एवं भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में 100% छूट।
इको टूरिज्म यूनिट, फिल्म सिटी, हेरिटेज रेस्टोरेंट, होटल हाउसिंग, इनडोर/आउटडोर प्ले जोन, एकीकृत पर्यटन विलेज, मोटल/वे-साइड सुविधाएं, रिसोर्ट हाउसिंग, ग्रामीण पर्यटन इकाई, पर्यटन स्टार्टअप्स।
• निवेश प्रोत्साहन:-
चिन्हित स्थानों पर न्यूनतम ₹100 करोड़ का 3 वर्षों में निवेश करने वाली परियोजनाओं को राजकीय भूमि आवंटन।
• भूमि आवंटन में विशेष सुविधा:-
पर्यटन इकाई से जुड़ी या उसके अंदर आने वाली राजकीय भूमि को उनकी मालिकाना भूमि के 10% तक कृषि या आवासीय डीएलसी दरों पर आवंटन की सुविधा।
• आर्थिक प्रोत्साहन:-
नई पर्यटन इकाईयों को स्टाम्प ड्यूटी, कन्वर्जन चार्ज, डवलपमेंट चार्ज एवं भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में 100% छूट।
• औद्योगिक दर्जा:-
पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को औद्योगिक दर्जा मिलने से यूडी टैक्स, इलेक्ट्रिसिटी चार्जेज और बिल्डिंग प्लान अप्रूवल चार्जेज औद्योगिक रेट पर।
पर्यटन एवं हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र को औद्योगिक दर्जा मिलने से यूडी टैक्स, इलेक्ट्रिसिटी चार्जेज और बिल्डिंग प्लान अप्रूवल चार्जेज औद्योगिक रेट पर।
• 3 साल की फायर एनओसी।
• हैरिटेज होटल व रेस्टोरेंट के लिए रियायती दर पर बार लाइसेंस।
राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति 2024
(Integrated Clean Energy Policy)
• उद्देश्य:- सौर, पवन और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के माध्यम से राजस्थान को नवीकरणीय ऊर्जा में अग्रणी के रूप में स्थापित करना।
• इस नीति के माध्यम से प्रदेश में अक्षय ऊर्जा, बायोमास एवं वेस्ट टू एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण (पंप भंडारण, बैटरी भंडारण) परियोजनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
• 2030 तक अक्षय ऊर्जा क्षमता 125 गीगावाट तक बढ़ेगी।
• अक्षय ऊर्जा (सौर, पवन, पंप स्टोरेज) प्लांट से उत्पादित सस्ती बिजली का स्टोरेज सिस्टम तैयार करने वाले प्रोजेक्ट्स को ₹1 टोकन राशि पर रजिस्टर्ड करेंगे।
• कंपनियां सस्ती बिजली का कुछ हिस्सा डिस्कॉम्स को भी सप्लाई करेगी। सस्ती बिजली उत्पादन दूसरे राज्यों में ले जाने का सिस्टम खत्म होगा।
• 10 मेगावाट तक के प्रोजेक्ट का पंजीकरण शुल्क घटकर ₹5000 किया।
• 5 मेगावाट से अधिक की परियोजना की स्थापना पर न्यूनतम 5% क्षमता का ऊर्जा भंडारण संयंत्र अनिवार्य किया गया है।
• नेट जीरो बिल्डिंग को बढ़ावा देने के प्रावधान।
• नेट मीटरिंग व्यवस्था में 80% ट्रांसफार्मर क्षमता तक सोलर रूफटॉप लगाने की अनुमति।
• इस नीति के अंतर्गत 2,245 मेगावाट क्षमता वाले विश्वस्तरीय सौर पार्क की स्थापना की जाएगी।
राजस्थान AVGC & XR नीति 2024
• उद्देश्य:- एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रिएलिटी के क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी बनाना।
• यह नीति प्रदेश की स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करेगी।
• साथ ही, इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अटल इनोवेशन स्टूडियो और एक्सेलेरेटर स्थापित किए जाएंगे।
• AI आधारित गेम डेवलपमेंट सेंटर खोला जाएगा।
राजस्थान खनिज नीति 2024
• लागू:- 9 दिसंबर 2024
• लक्ष्य:- प्रदेश की GDP में खनिज क्षेत्र की वर्तमान 3.4% की भागीदारी को
वर्ष 2029-30 तक 5% और
2046-47 तक 8% तक बढ़ाना।
• रोजगार लक्ष्य:- 2029-30 तक 50 लाख लोगों तथा 2046-47 तक 1 करोड़ लोगों के लिए रोजगार सृजित करना।
• राजस्व लक्ष्य:- 2029-30 तक तीन गुना बढ़ाकर वर्ष 2046-47 तक ₹1 लाख करोड़ वार्षिक।
• अगले 5 साल में प्रधान खनिज के 50 ब्लॉक्स की नीलामी।
• जनजाति क्षेत्र में माइनर मिनरल खानों में स्थानीय लोगों की भागीदारी बढ़ाने हेतु नीलामी में भाग लेने के लिए बिड सिक्योरिटी राशि कम कर ₹5 लाख।
नोट:- राजस्थान में 82 तरह के खनिजों के भंडार हैं जिनमें से 58 का व्यवसायिक स्तर पर खनन हो रहा है।
राज्य में देश के कुल उत्पादन का लगभग 15% क्रूड ऑयल और प्रतिदिन 3.3 मिलियन घनमीटर प्राकृतिक गैस का उत्पादन हो रहा है।
प्रमुख प्रावधान:-
1. निजी भागीदारी को बढ़ावा: -
- खनिज संसाधनों की खोज में निजी क्षेत्र की भागीदारी।
1. निजी भागीदारी को बढ़ावा: -
- खनिज संसाधनों की खोज में निजी क्षेत्र की भागीदारी।
- Post Auction Facilitation Cell की स्थापना।
- Pre-embedded Clearances के साथ ब्लॉक्स की नीलामी।
2. राजस्व अपवंचना रोकने के उपाय:- Geo-Fencing, RFID चेक पोस्ट, GPS वाहन ट्रैकिंग और ड्रोन सर्वे।
3. Ease of Doing Business:- परमिट और अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल बनाना।
4. ईंटों के व्यावसायिक पर रॉयल्टी में छूट।
2. राजस्व अपवंचना रोकने के उपाय:- Geo-Fencing, RFID चेक पोस्ट, GPS वाहन ट्रैकिंग और ड्रोन सर्वे।
3. Ease of Doing Business:- परमिट और अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल बनाना।
4. ईंटों के व्यावसायिक पर रॉयल्टी में छूट।
5. जिलों में लैंड बैंक की स्थापना।
6. अवैध खनन को रोकना।
7. श्रमिकों के स्वास्थ्य एवं उनकी सुरक्षा के इंतजाम करना।
नोट:- यह राजस्थान की छठी खनिज नीति है।
पहली खनिज नीति:- 1978
राजस्थान एम-सैंड नीति 2024
• उद्देश्य:- निर्माण कार्यों में बजरी के स्थान पर एम-सैंड (कृत्रिम बजरी) के उपयोग को बढ़ावा देना।
• वेस्ट (कचरे) का समाधान।
• बजरी की कमी से जुड़ी समस्याओं का समाधान।
• भवन, कंक्रीट स्ट्रक्चर्स को तोड़ने से बने मलबे के पुनः उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
• पर्यावरण संरक्षण और निर्माण लागत में कमी।
• एम-सेंड का उपयोग सरकारी निर्माण में अभी 25% जरूरी 2028-29 तक 50% तक होगा।
• यूनिट लगाने के लिए न्यूनतम नेटवर्क, टर्नओवर, अनुभव की आवश्यकता समाप्त।
• यूनिट लगाने के लिए आवश्यक का अमानत राशि आधी।
• एम-सैंड यूनिट को उद्योग का दर्जा।
• खनन पट्टा आवंटन में प्रत्येक जिले में 2 की जगह 5 प्लाट प्रतिवर्ष की नीलामी।
• सरकारी भूमि पर पड़े पत्थर के कचरे की नीलामी आधी रेट में करना।
• परमिट लेने वालों को डीएमएफटी की राशि में 100%, रॉयल्टी में 50% की छूट।
• स्टाम्प शुल्क के भुगतान में 75% छूट एवं 25% स्टाम्प शुल्क का पुनर्भरण।
• 7 साल तक बिजली शुल्क माफ।
• रोजगार सृजन पर 7 वर्ष तक EPF एवं ESI में 50% सरकार देगी।
नोट:- एम-सैंड इकाइयों को राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2024 के परिलाभ भी देने का प्रावधान किया गया है।
अपडेट जारी.....
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