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राजस्थान के प्रतीक चिन्ह। राजस्थान के जिलों के शुभंकर

 
Rajasthan ke pratik chinh


राजस्थान के प्रतीक चिन्ह

राज्य वृक्ष - खेजड़ी
• 31 अक्टूबर 1983 को राज्य वृक्ष घोषित।
वैज्ञानिक नाम:- प्रोसोपिस सिनेरेरिया
उपनाम:- राजस्थान का कल्प वृक्ष, राजस्थान का गौरव, राजस्थान का कल्पतरु, थार का कल्पवृक्ष
• खेजड़ी को स्थानीय भाषा में सीमलो, पंजाबी व हरियाणवी भाषा में जांटी तथा सिंधी भाषा में छोकड़ो कहते है।
• बिश्नोई समाज के लोग इसे शमी कहते है।
• खेजड़ी वृक्ष मरूस्थल के प्रसार को रोकने में उपयोगी है।
खेजड़ली दिवस:- प्रतिवर्ष 12 सितम्बर (1978 से)
धार्मिक महत्व:-
विजयदशमी (दशहरे) पर खेजड़ी वृक्ष की पूजा की जाती है।
गोगाजी व झुंझार बाबा के मंदिर खेजड़ी वृक्ष के नीचे बने होते हैं।
• सन 1730 ई में खेजड़ली गांव (जोधपुर) में खेजड़ी वृक्षों की कटाई का विरोध करते हुए अमृता देवी बिश्नोई के नेतृत्व में 363 महिला-पुरुषों ने बलिदान दिया।
अतः प्रतिवर्ष भाद्रपद शुक्ल दशमी को खेजड़ली गांव में विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला भरता है।
• खेजड़ी की फली:- सांगरी
• खेजड़ी की पत्तियां:- लूम
• खेजड़ी की सूखी फलियां:- खोखा
ऑपरेशन खेजड़ा की शुरुआत:- 1991

राज्य पुष्प - रोहिड़ा
• 1983 में राज्य पुष्प घोषित।
वैज्ञानिक नाम:- टीकोमेला अंडुलेटा
उपनाम:- मरूस्थल का सागवान, मारवाड़ टीक, मरूशोभा

राज्य पशु - चिंकारा (वन्यजीव श्रेणी)
• 1981 में राज्य पशु घोषित।
• वैज्ञानिक नाम:- गजेला-गजेला
उपनाम:- छोटा हिरण
• यह एंटीलोप प्रजाति का जीव है।
• चिंकारों के लिए नाहरगढ़ अभ्यारण (जयपुर) प्रसिद्ध है।
नोट:- चिंकारा एक तत् वाद्य यंत्र भी होता है।

राज्य पशु - ऊंट (पशुधन श्रेणी)
• 30 जून 2014 को राज्य पशु घोषित।
उपनाम:- रेगिस्तान का जहाज
• ऊंट पालन के लिए प्रसिद्ध:- रेबारी जाति
• ऊंटनी के दूध की भारत की एकमात्र डेयरी:- उरमूल (बीकानेर)
• ऊंटों का देवता:- पाबूजी
• ऊंट की खाल पर की जाने वाली कलाकारी:- उस्ता कला
• ऊंट की नाक में डाला जाने वाला लकड़ी का आभूषण:- गिरबाण

राज्य पक्षी - गोडावण
• 1981 में राज्य पक्षी घोषित।
वैज्ञानिक नाम:- Ardeotis nigriceps.
उपनाम:- सोन चिड़िया, शर्मिला पक्षी, गुरायिन, हुकना, बड़ा
 तिलोर, सारंग
• इसे ग्रेट इंडियन बस्टर्ड भी कहा जाता है।
• हाडौती क्षेत्र में इसे माल गोरडी भी कहा जाता है।
प्रमुख 3 क्षेत्र:-
1. मरू उद्यान (जैसलमेर, बाड़मेर)
2. सोरसन (बारां)
3. सोंकलिया (अजमेर)
• गोडावण मूल रूप से अफ्रीका का पक्षी है।
• जोधपुर, जैसलमेर और सोरसन (बारां) में गोडावण प्रजनन केंद्र हैं।
• इसे IUCN द्वारा रेड डाटा लिस्ट में संकटग्रस्त प्रजातियों में शामिल किया गया है।
• राजस्थान सरकार ने विश्व पर्यावरण दिवस 2013 पर "प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड" की शुरुआत की।

राज्य नृत्य - घूमर
• केवल स्त्रियों द्वारा किया जाता है।
• यह नृत्यों का सिरमौर है।
• इसे राजस्थान की आत्मा कहा जाता है। 
घूमर के तीन रूप:-
1. झूमरिया - बालिकाओं द्वारा नृत्य।
2. लूर - गरासिया जनजाति की महिलाओं द्वारा।
3. घूमर - सभी महिलाओं द्वारा नृत्य।

राज्य शास्त्रीय नृत्य - कत्थक
• इसका राजस्थान में प्रमुख घराना जयपुर है।
• कत्थक के जन्मदाता:- भानु जी महाराज।

राज्य गीत - केसरिया बालम
• इस गीत को मांड गायन शैली में गाया जाता है।
• सर्वप्रथम उदयपुर की मांगी बाई द्वारा गाया गया।
• अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर की अल्ला जिल्ला बाई द्वारा गाया गया।
• अल्ला जिल्ला बाई:- राजस्थान की मरू कोकिला

राज्य मिठाई - घेवर
राज्य खेल - बास्केटबॉल
• 1948 में राज्य खेल का दर्जा दिया गया।
• बास्केटबॉल में कुल खिलाड़ियों की संख्या:- 5


राजस्थान के जिलों के शुभंकर

• अलवर - सांभर
• भरतपुर - साइबेरियन सारस
• करौली - घडिय़ाल
• धौलपुर - पंचीरा (इंडियन स्क्रीमर)
• सवाईमाधोपुर - बाघ

• जैसलमेर - गोडावण
• जोधपुर - कुरंजा पक्षी
• बाड़मेर - मरू लोमड़ी/लौंकी
• बीकानेर -  भट्ट तीतर (बटबड)
• श्रीगंगानगर - चिंकारा
• हनुमानगढ़ - छोटा किलकिला

• चूरू - काला हिरण 
• झुंझुनू - काला तीतर
• सीकर - शाहीन (बाज)

• बारां - मगरमच्छ
• कोटा - ऊदबिलाव
• बूंदी - सुर्खाब
• झालावाड़ - गागरोनी तोता

• बांसवाड़ा - जल पीपी
• डूंगरपुर - जांघिल
• प्रतापगढ़ - उड़न गिलहरी

• जयपुर - चीतल
• दौसा - खरगोश
• अजमेर - खडमौर पक्षी
• टोंक - हंस
• राजसमंद - भेडिय़ा
• भीलवाड़ा - मोर
• चित्तौडग़ढ़ - चौसिंगा

• नागौर - राजहंस
• पाली - तेंदुआ
• जालौर - भालू
• सिरोही - जंगली मुर्गी
• उदयपुर - कब्र बिज्जू

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