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राजस्थान में कृषि। राजस्थान की खाद्य व व्यावसायिक फसलें

 
राजस्थान में कृषि


राजस्थान में कृषि

• भारत में मानसून पर निर्भरता के कारण कृषि को मानसून का जुआ कहा जाता है।
• मैदानी भाग सर्वाधिक उपजाऊ होते है।
• राजस्थान में 10 कृषि जलवायु प्रदेश है, जबकि भारत में 15 कृषि जलवायु प्रदेश है।

कृषि का महत्व:-
• सर्वाधिक रोजगार का साधन।
• उद्योगों के लिए कच्चे माल की उपलब्धता।
जैसे - सूती वस्त्र उद्योग, चीनी उद्योग।
• GDP में योगदान।
• विदेशी मुद्रा की प्राप्ति।
• पौष्टिक पदार्थों की प्राप्ति।
• यातायात के साधनों का विकास।

फसलों के प्रकार:-

(A) जलवायु के आधार पर:-
1. खरीफ की फसल
• समय:- जून-जुलाई से सितंबर-अक्टूबर तक।
• उदाहरण:- चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, कपास, जूट, मूंगफली, तिल, गन्ना, उड़द, मूंग, मोठ, रागी, ग्वार, सूर्यमुखी, अरण्डी आदि।

2. रबी की फसल
• समय:- अक्टूबर-नवंबर से मार्च-अप्रैल तक।
• उदाहरण:- गेहूँ, जौ, चना, सरसों, मटर, अरहर, मसूर, मेथी, तारामीरा, ईसबगोल, जीरा, धनिया, अफीम, अलसी, तंबाकू आदि।

3. जायद की फसल
• समय:- रबी व खरीफ के बीच का समय।
• उदाहरण:- सब्जियां, खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, चरी।

(B) उपयोग के आधार पर:-
1.खाद्यान्न फसलें:- गेंहू, चावल, बाजरा, ज्वार, मक्का, दालें।
दलहन (दालें):- चना, मूंग, मोठ, उड़द, सोयाबीन, मसूर, मटर, अरहर।
दलहन फसलें भूमि की उर्वरता बढाती हैं। अतः इन्हें भूमि उर्वर फसलें भी कहते हैं। (अपवाद - अरहर)

2. नकदी/व्यापारिक फसलें:- ऐसी फसलें जिनका उपयोग उद्योगों में कच्चे माल के रूप में किया जाता है।
जैसे:- कपास, गन्ना, तिलहन।
तिलहन:- इनसे तेल उत्पादन किया जाता है।
मूंगफली, राई, तारामीरा, तिल, सूर्यमुखी, सरसों, सोयाबीन आदि।

3. बागानी फसलें:- चाय, कहवा (कॉफी), तंबाकू।
4. रेशेदार फसलें:- कपास एवं जूट।


राजस्थान की प्रमुख फसलें

1. बाजरा:-
• तापमान:- 30-35°C 
• वर्षा:- 25-50 सेमी
• मिट्टी:- रेतीली/बलुई मिट्टी।
• शुष्क जलवायु।
• किस्म:- पूसा 322, राज 171, RCB-2, RCB-911
• बाजरा राजस्थान का प्रमुख खाद्यान्न है।
• सर्वाधिक क्षेत्रफल पर बोया जाता है।
• राज्य का बाजरे के उत्पादन और क्षेत्रफल दोनों दृष्टि से देश में प्रथम स्थान है।
• प्रमुख उत्पादक क्षेत्र:- पश्चिमी राजस्थान, अलवर, दौसा, जयपुर, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर।

2. गेहूं:-
• तापमान:- 15-20°C 
बोते समय मध्यम तापमान और कटाई के समय तेज धूप।
• वर्षा:- 50-75 सेमी
• मिट्टी:- जलोढ़ मिट्टी (दोमट मिट्टी)।
• शीतोष्ण जलवायु।
• किस्म:- मालविया, सोनालिका, मंगला, गंगा, गिरिजा, अर्जुन, लालबहादुर आदि।
• प्रमुख उत्पादक जिलें:- श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा, भरतपुर, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा, बारा, करौली, सवाई माधोपुर, अलवर, जयपुर आदि।
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