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राजस्थान में अन्य सामाजिक सेवाएं। राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2021-22

 
Social services in Rajasthan 2022


राजस्थान में अन्य सामाजिक सेवाएं

जलापूर्ति:-
जल जीवन मिशन
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को घोषणा की। (राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम 2009 का उन्नत संस्करण है।)
• उद्देश्य:- 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करना।
• गोवा 100% घरों को नल से जलापूर्ति प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बना है।
• इस मिशन के तहत वर्षा जल संग्रहण, भूमि जल पुनर्भरण और घरों से निकले अपशिष्ट जल का पुन:उपयोग करने पर भी बल दिया जा रहा है।
• जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जल जीवन मिशन चलाया जा रहा है।
• वित्त पोषण:- 
(i) हिमालय और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए - केंद्र सरकार 90 : राज्य सरकार 10
(ii) अन्य राज्यों के लिए - 50:50
(iii) केंद्र शासित राज्यों के लिए - 100% केंद्र सरकार द्वारा।

राजस्थान में जल जीवन मिशन:-
राजस्थान में 1.01 करोड़ ग्रामीण घर हैं।
राजस्थान की जल जीवन मिशन के तहत मार्च, 2022 तक 30 लाख नल कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना है।

वैश्विक भूख सूचकांक (Global Hunger Index - GHI)
• 2006 से जारी
• जारीकर्ता - कंसर्न वर्ल्डवाइड और वेल्ट हंगर हिल्फे
• GHI में 4  घटक संकेतको को शामिल किया जाता है -
1. जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में कुपोषित का अनुपात
2. 5 वर्ष से कम आयु के wasting से पीड़ित बच्चों का अनुपात
3. 5 वर्ष से कम आयु के स्टंटिंग से पीड़ित बच्चों का अनुपात
4. 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (mortality rate of children)
• वैश्विक भूख सूचकांक 2021 में भारत को 101वीं रैंक मिली।
 
Wasting:- आयु के अनुपात में पर्याप्त वजन (Weight) का ना होना।
Stunting (ठिगनापन):- आयु के अनुपात में पर्याप्त ऊंचाई (Height) का ना होना।

मिड डे मील योजना:-
• लागू - 1995 में
• उद्देश्य - नामांकन, प्रतिधारण और उपस्थिति को बढ़ाना तथा स्कूल जाने वाले बच्चों के बीच पोषण के स्तर में सुधार करना।
• लाभार्थी:- सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारी, स्थानीय निकाय, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, विशेष प्रशिक्षण केंद्रों (STC), मदरसों और मकतबों की कक्षा 1 से 8 में पढ़ने वाले स्कूली बच्चे।
• लाभ:- प्राथमिक स्तर पर प्रत्येक बच्चे को 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन (100 ग्राम चावल/गेहूं) और उच्च प्राथमिक स्तर पर 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन (150 ग्राम चावल/गेहूं)
• 2021 में नाम बदलकर पीएम पोषण योजना किया गया।

मिड डे मील में तिथि भोज योजना:-
इस योजना के तहत कोई भी व्यक्ति अपने व्यक्तिगत और सामाजिक अवसरों जैसे जन्मदिन, जन्म उत्सव शादी की सालगिरह आदि पर स्कूल में पूर्ण भोजन, मिठाइयां, कच्चा माल, उपकरण और बर्तन प्रदान कर सकता है।

Integrated Child Development Services (ICDS):-
समेकित बाल विकास सेवा योजना:-
• आंगनवाडियों के माध्यम से क्रियान्वित। (राजस्थान में आंगनवाड़ी = 62020)
• यह एक व्यापक योजना जिसके अंतर्गत निम्न सेवाएं प्रदान की जा रही है -

सेवाएं
लाभार्थी
1. पूरक पोषाहार
6 माह से अधिक तथा 6 वर्ष तक की आयु के बच्चे, गर्भवती - धात्री महिलाएं एवं 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाएं (विद्यालय नहीं जाने वाली)
2. बचपन और शाला पूर्व शिक्षा
3-6 वर्ष तक की आयु के बच्चे
3. पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा
15-45 वर्ष की महिलाएं एवं किशोरी बालिकाएं
4. टीकाकरण
0-6 वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती महिलाएं
5. स्वास्थ्य जांच
0-6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती- धात्री महिलाएं एवं किशोरी बालिकाएं
6. संदर्भ (रेफरल) सेवाएं
0-6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती तथा धात्री महिलाएं

• यह एक छत्रक (Umbrella) योजना है, जिसके अंतर्गत अनेक सेवाएं/योजनाएं संचालित की जा रही है। जैसे -
(i) आंगनवाड़ी
(ii) किशोरियों के लिए योजना (SAG):- 
• संपूर्ण राज्य में 1 जून 2018 से शुरू
• 11 से 14 आयु वर्ग की स्कूल नहीं जाने वाली बालिकाओं को आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण एवं गैर-पोषण सेवाओं से लाभान्वित करना।
(iii) बाल संरक्षण सेवा/मिशन वात्सल्य योजना (Child protection services)
(iv) राष्ट्रीय शिशुगृह योजना (National Creche Scheme):- कामकाजी महिलाओं के लिए कार्य स्थल पर शिशु गृह की स्थापना।

नन्द घर योजना:-
समेकित बाल विकास सेवाओं (ICDS) में जन सहभागिता बढ़ाने के लिए शुरू की गई हैं। 
वर्तमान में नन्द घर योजना के अंतर्गत 1,549 आँगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण/ नवीनीकरण का कार्य किया गया था। 

पोषण अभियान:-
• अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झुंझुनू (राजस्थान) से पोषण अभियान की शुरुआत की।
• नोडल एजेंसी - महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
• उद्देश्य एवं लक्ष्य:-
(i). 0-6 वर्ष के बच्चों में ठिगनेपन (Stunting)अल्प पोषण (Under nutrition) से बचाव एवं इसमें कुल 6 %, प्रति वर्ष 2% की दर से कमी लाना।
(ii). कम वजन के साथ जन्म (Low birth weight) लेने वाले बच्चों की संख्या में कुल 6 % ,प्रति वर्ष 2% की दर से कमी लाना।
(iii). 6 से 59 माह के बच्चों में एनीमिया (Anemia) के प्रसार में कुल 9 %, प्रति वर्ष 3% की दर से कमी लाना।
(iii). 15 से 49 वर्ष की किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री माताओं में एनीमिया के प्रसार में कुल 9 %, प्रति वर्ष 3% की दर से कमी लाना।
Trick - SULA

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना:-
इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और हाल ही मे मां बनी महिलाओं को तीन किस्तों में 5000 रुपये की आर्थिक मदद की जाती है। (1000, 2000, 2000)
• केवल बैंक या डाकघर से।
• यह सहायता गर्भावस्था, सुरक्षित प्रसव और स्तनपान की अवधि के दौरान की जाती है।

महिला कल्याण कोष:-
राज्य सरकार द्वारा स्थापित किया गया है, आंगनवाड़ी केंद्रों पर कार्यरत कार्मिकों (आशा सहयोगिनी इत्यादि) के लिए।
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के सहयोग से संचालित है। (2006-07 से)
राज्य सरकार द्वारा अंशदान - आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए ₹750 जबकि अन्य के लिए ₹376 वार्षिक

इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना:-
• शुरू - 19 नवंबर 2020
• उदयपुर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, बाँसवाडा, एवं सहरिया बहुल बारां जिले में।
• दूसरी संतान को जन्म देने वाली महिलाओ को लाभ पहुंचाने के लिए।
• 5 चरणों में ₹6000 दिए जाएंगे।
• मुख्य उद्देश्य:- माताओं और 3 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति में सुधार लाकर जन्म के समय कम वजन की घटनाओं को कम करना।
सुपोषित राजस्थान विजन 2022 का लक्ष्य पुरा करने के लिए सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन संचार रणनीति को अपनाना है।
• यह योजना महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा संचालित है।
नोट:- राज्य सरकार ने बजट 2022-23 में इस योजना को संपूर्ण राज्य में लागू करने की घोषणा की है।

राष्ट्रीय सुपोषित माँ अभियान:-
• शुरू - 1 मार्च 2020  कोटा, राजस्थान से।
इसे कोटा से शुरू किया गया है लेकिन इसमें पूरे भारत को शामिल किया गया है।
• उद्देश्य:- गर्भवती महिलाओ और नवजात शिशु की देखभाल करना।
• लाभार्थी:- पहले चरण में 1000, महिलाओं को 1 महीने के लिये पोषक तत्त्वों से भरूपूर भोजन दिया जाएगा। (17 किग्रा. संतुलित आहार की एक किट)
साथ ही जच्चे-बच्चे की स्वास्थ्य चिकित्सा जाँच, रक्त, दवा, प्रसव सहित अन्य बातों का ध्यान रखा जाएगा।
• एक परिवार से एक गर्भवती महिला को शामिल किया जाएगा।

सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत राजस्थान सरकार द्वारा 27 सितंबर 2018 को अधिसूचना जारी करके निम्नलिखित प्रावधान किए गए -
(i) अंत्योदय अन्न योजना कार्डधारक परिवार को ₹1 प्रति किलो के हिसाब से कुल 35 किलो गेहूं मिलेगा।
(ii) बीपीएल/राज्य बीपीएल कार्डधारक परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को ₹1 प्रति किलो के हिसाब से 5 किलो गेहूं मिलेगा।
(iii)सहरिया, खैरवा (बारां), कथौडी(उदयपुर) जनजाति को निःशुल्क 35 किलो गेंहू दिया जाएगा।
• मृतक राशन डीलर के आश्रितों को उचित मूल्य दुकान का आवंटन किया जाएगा।
• लाभार्थियों का PoS मशीन से बायोमेट्रिक सत्यापन किया जा रहा है।

उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों के अंतर्गत (i) राज्य स्तर पर राज्य आयोग तथा (ii) जिला स्तर पर सभी जिलों में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण मंचों का गठन किया गया है।
जयपुर जिले में 4 तथा जोधपुर जिले में 2 मंच कार्यरत है। इस प्रकार राज्य में कुल 37 जिला मंच एवं 7 सर्किट बेंच (संभागीय मुख्यालय) कार्यरत है।

Rajasthan State Food and Civil Supplies Corporation Ltd. (RSFCSCL):- 
राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम लि.
• 2010 में स्थापित
• यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चीनी के वितरण के लिए राज्य की नोडल एजेंसी है।
• अंत्योदय परिवारों को प्रति राशन कार्ड प्रतिमाह 1 किलो चीनी वितरित की जा रही है।

सामान्य न्याय एवं अधिकारिता:-

मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना
• प्रतिभावान पात्र विद्यार्थियों को विभिन्न प्रोफेशनल कोर्स एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की उत्कृष्ट तैयारी के लिए ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ लागू की गई है।
(1) UPSC, RPSC, SI, RSSMB, REET
(2) 2400 ग्रेड पे या इससे ऊपर की सभी परीक्षा
(3) इंजीनियरिंग, मेडिकल एवं क्लेट परीक्षा
• इस योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के वे विद्यार्थी पात्र होंगे, जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख प्रतिवर्ष से कम है।
• परीक्षार्थियों की मेरिट का निर्धारण 12वीं अथवा 10वीं के प्राप्तांकों के आधार पर किया जाएगा। 
• संचालन:- एसटी वर्ग के लिए योजना का संचालन जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं एससी, ओबीसी, एमबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के लिए अल्पसंख्यक मामलात विभाग द्वारा किया जाएगा। 
• अपना आवास छोड़कर अन्य शहर के प्रतिष्ठित संस्थान से कोचिंग प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भोजन एवं आवास के लिए ₹40,000 प्रतिवर्ष अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी। 
• योजना के संचालन के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग नोडल विभाग होगा। 
• किसी भी छात्र-छात्रा को इस योजना का लाभ केवल 1 वर्ष की अवधि के लिए देय होगा।
• योजना में प्रयास होगा कि 50% लाभ छात्राओं को दिया जा सके।
• पूर्व में चल रही है अनुप्रति योजना को इसी योजना में विलय कर लिया जाएगा।

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना:-
• इस योजना को सहयोग और उपहार योजना के स्थान पर शुरू किया गया।
• लाभार्थी - SC/ST/Minority के BPL
कन्या की शादी (18+) पर - ₹31000
कन्या दसवीं पास है तो अतिरिक्त - ₹10000
कन्या स्नातक (Graduation) है तो अतिरिक्त - ₹20000
• लाभार्थी - शेष वर्गों के BPL
कन्या की शादी (18+) पर - ₹21000
कन्या दसवीं पास है तो अतिरिक्त - ₹10000
कन्या स्नातक (Graduation) है तो अतिरिक्त - ₹20000

विशेष पिछड़ा वर्ग (SBC)
आर्थिक पिछड़ा वर्ग (EBC)

उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति:-
SC/ST/OBC/SBC/EBC के लिए।
पात्रता:-
SC/ST/SBC की पारिवारिक आय 2.5 लाख तक।
OBC की पारिवारिक आय 1.5 लाख तक।
EBC की पारिवारिक आय 1 लाख तक।

छात्रावास सुविधा:-
SC/ST/OBC/SBC के लिए।

आवासीय विद्यालय:-
SC/ST/OBC/SBC/EBC के लिए 25 आवासीय विद्यालय संचालित।
पात्रता:- पारिवारिक आय 8 लाख तक।

सामाजिक सुरक्षा एवं पेंशन योजनाएं:-

 योजना
 लाभार्थी एवं लाभ
 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
19 नवंबर 2007 
• केंद्र सरकार द्वारा
लाभार्थी:- 60 वर्ष व अधिक आयु के BPL व्यक्ति
• 60-75 आयु = ₹750 प्रतिमाह
• 75+ आयु = ₹1000 प्रतिमाह
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
7 अक्टूबर 2009
• केंद्र सरकार द्वारा
 लाभार्थी:- 40 वर्ष व अधिक आयु की BPL विधवा
• 40-55 आयु = ₹500 प्रतिमाह
• 55-60 आयु = ₹750 प्रतिमाह
• 60-75 आयु = ₹1000 प्रतिमाह
• 75+ आयु = ₹1500 प्रतिमाह
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना
24 नवंबर 2009
• केंद्र सरकार द्वारा
 लाभार्थी:- 18 वर्ष व अधिक आयु के BPL
• 18-55 आयु महिला = ₹750 प्रतिमाह
• 18-58 आयु पुरुष = ₹750 प्रतिमाह
• 55&58-75 आयु = ₹1000 प्रतिमाह
• 75+ आयु = ₹1250 प्रतिमाह
मुख्यमंत्री वृद्धावस्था सम्मान पेंशन योजना
• राज्य सरकार
• 55-75 आयु महिला = ₹750 प्रतिमाह
• 58-75 आयु पुरुष = ₹750 प्रतिमाह
• 75+ आयु = ₹1000 प्रतिमाह
मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना
• राज्य सरकार
 लाभार्थी:- विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिला
• 18-55 आयु = ₹500 प्रतिमाह
• 55-60 आयु = ₹750 प्रतिमाह
• 60-75 आयु = ₹1000 प्रतिमाह
• 75+ आयु = ₹1500 प्रतिमाह
मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना
• 55 से कम आयु महिला = ₹750 प्रतिमाह
• 58 से कम आयु पुरुष = ₹750 प्रतिमाह
• 55&58-75 आयु = ₹1000 प्रतिमाह
• 75+ आयु = ₹1250 प्रतिमाह
• कुष्ठ रोग व सिलिकोसिस पीड़ित = ₹1500 प्रतिमाह
लघु एवं सीमांत वृद्धजन कृषक सम्मान पेंशन योजना
 • 55-75 आयु महिला = ₹750 प्रतिमाह
• 58-75 आयु पुरुष = ₹750 प्रतिमाह
• 75+ आयु = ₹1000 प्रतिमाह

पालनहार योजना:-
• यह योजना अनाथ बच्चों, माता-पिता में से एक की मृत्यु हो गई हो तथा एक आजीवन कारावास की सजा काट रहा हो, कुष्ठ रोग/एड्स रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चों, परित्यक्ता/तलाकशुदा महिला के बच्चों के लिए शुरू की गई है।
• अनाथ बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी लेने वाले व्यक्ति को पालनहार कहा गया है तथा उसे सहायता दी जाती है।
• 0-6 वर्ष के आंगनबाड़ी जाने वाले बच्चों के लिए ₹500 प्रतिमाह एवं 6-18 वर्ष के विद्यालय जाने वाले बच्चों के लिए ₹1000 प्रतिमाह दिए जाते हैं।

मुख्यमंत्री हुनर विकास योजना:-
• सरकारी एवं अनुदानित बाल गृह के बालको तथा पालनहार योजना के अंतर्गत लाभान्वित बालको को मुख्यधारा में लाने हेतु शुरू की गई।
• तकनीकी प्रशिक्षण एवं उच्च शिक्षा की सुविधा दी जाती है।

डॉक्टर सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातींय विवाह:-
• अनुसूचित जाति (SC) और स्वर्ण हिन्दू के द्वारा शा huदी करने पर प्रति युगल (Couple) 5 लाख रूपये दिए जाते हैं।

अंत्येष्टि अनुदान योजना:-
लावारिस शव के शवाधान हेतु NGO को 5000 रूपये दिए जाते हैं।

वृद्ध कल्याण योजना:-
राज्य के 22 जिलों में 42 वृद्धाश्रम संचालित।

नवजीवन योजना:-
• शराब निर्माण, भंडारण, बिक्री से सम्बन्धित कार्यों में संलिप्त समुदायों को समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु शुरू की गई।

विधवा विवाह उपहार योजना:-
• पेंशन योजना में हकदार विधवा महिला शादी करती है तो राज्य सरकार द्वारा उपहार स्वरूप ₹51,000 दिए जाते हैं।

उज्ज्वला योजना:-
• देह व्यापार में लिप्त महिलाओं एवं उनके बच्चों का पुनर्वास कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु शुरू की गई।

स्वाधार गृह योजना:-
• शुरू - 2001-02 में भारत सरकार द्वारा।
• विपरीत परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाली महिलाओं को आश्रय प्रदान करने हेतु।

मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना:-
• लागू - 25 जून, 2021 से संपूर्ण राज्य में।
• उद्देश्य:- कोविड-19 महामारी के कारण राज्य में अनाथ हुए बच्चों, विधवा महिलाओं एवं उनके बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक संबल प्रदान करना।
• बच्चों के लिए प्रावधान:-
प्रत्येक अनाथ बालक, बालिकाओं को तत्कालिक सहायता के रूप में ₹1 लाख की एकमुश्त सहायता, 18 वर्ष की आयु तक ₹2,500 प्रतिमाह एवं ₹2,000 वार्षिक देय है। 18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ₹5 लाख की सहायता राशि देय है। 
साथ ही इन बच्चों को कक्षा 12 तक निःशुल्क शिक्षा, छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश, कॉलेज में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिये आवासीय सुविधाओं हेतु अम्बेडकर डी.बी.टी. योजना का लाभ एवं मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अन्तर्गत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने वाले लाभ प्राथमिकता से देय है।
• विधवा महिलाओं के लिए प्रावधान:-
विधवा महिला को ₹1 लाख की तत्कालिक सहायता के साथ ही ₹1500 प्रतिमाह पेंशन देय है, साथ ही विधवा के बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक ₹1,000 प्रतिमाह एवं ₹2,000 वार्षिक देय हैं।

गाड़िया लोहार भवन निर्माण अनुदान सहायता योजना:-
• गाड़िया लोहारों को स्थायी रूप से बसाने हेतु राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में 450 वर्गगज एवं शहरी क्षेत्र में 50 वर्गगज भूमि आवंटन करने का प्रावधान किया है। 
• 2013-14 से महाराणा प्रताप भवन निर्माण योजना के तहत गाड़िया लोहार परिवारों को भवन निर्माण हेतु स्वयं का भूखण्ड होने पर तीन किश्तों में ₹70,000 देने का प्रवधान है। (₹25,000 + ₹25,000 + ₹20,000)

गाड़िया लोहार कच्चा माल क्रय अनुदान सहायता योजना:- 
गाड़िया लोहारों को स्वावलम्बी बनाने हेतु उनके व्यवसाय के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2013-14 से कच्चा माल क्रय करने हेतु जीवन में एक बार अनुदान के रूप में राशि ₹5,000 दिये जाने का प्रावधान है।

विशेष योग्यजन हेतु राजस्थान सरकार के प्रयास
• 2011 में विशेष योग्यजन हेतु विभाग बनाया गया।
• विशेष योग्यजन छात्रवृत्ति योजना
राजकीय मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में नियमित अध्ययनरत विशेष योग्यजन छात्रों को जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हो, छात्रवृत्ति दी जाती है।
• मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन स्वरोजगार योजना
ऐसे विशेष योग्यजन जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हैं, को ₹5 लाख तक का ऋण दिया जाता हैं।
राज्य सरकार द्वारा ₹50,000 अथवा ऋण राशि का 50%, जो भी कम हो अनुदान दिया जाता हैं।
• सुखद दाम्पत्य योजना
विशेष योग्यजन को विवाह पश्चात ₹50,000. की वित्तीय सहायता एवं आयोजक को ₹20,000 की सहायता प्रदान की जाती है।
• कृत्रिम अंग/उपकरण हेतु आर्थिक सहायताः- 
गैर आयकर दाता विशेष योग्यजनों को इसके लिए ₹10,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाती हैं।

सिलिकोसिस नीति 2019
• 3 अक्टूबर 2019 को लॉन्च। 
• इसके अन्तर्गत सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक मदद के साथ-2 ऐसे कार्य स्थल एवं श्रमिकों की पहचान, पुर्नवास, बीमारी की रोकथाम व नियंत्रण के उपाय अपनाये जाएगें।
• • इस नीति के अंतर्गत सिलिकोसिस पीड़ित के पुनर्वास के लिए ₹3लाख जबकि उसकी मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी को ₹2लाख की सहायता प्रदान की जाती है।

सिलिकोसिस क्या है?
सिलिकोसिस फेफड़ों की एक बीमारी है जो सिलिका के छोटे-छोटे कणों के साँस के माध्यम से शरीर के भीतर प्रवेश करने से होती है।
स्थायी शारीरिक विकलांगता प्रदान करने की क्षमता के कारण सिलिकोसिस को लाइलाज बीमारी के रूप में देखा जाता है।
यह प्रायः खनन क्षेत्र, काँच निर्माण, भवन निर्माण उद्योग आदि क्षेत्रों में कार्यरत लोगों में होती हैं।
इसके निदान के संदर्भ में सबसे बड़ी चुनौती यह पता लगाना है कि रोगी तपेदिक से पीड़ित है या सिलिकोसिस से‌।

आस्था योजना:-
ऐसे परिवार जिनमें दो या दो से अधिक व्यक्ति 40% से अधिक विशेष योग्यजन है, उन परिवारों को आस्था कार्ड जारी किए जाते हैं, जिससे उन्हें बीपीएल के समान सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके।

राजस्थान दिव्यांगजन अधिकार नियम 2018 
• दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के क्रियान्वयन हेतु राजस्थान राजपत्र में 24 जनवरी 2019 को राज्य सरकार द्वारा इस नियम को प्रकाशित किया गया।
• इसके तहत दिव्यांगजन को सरकारी सेवाओं में आरक्षण 3% से बढ़ाकर 4% किया गया।

राज्य स्तरीय पुरस्कार योजना:-
• अंतर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस 3 दिसंबर को विशेष योग्यजन क्षेत्र में कार्यरत उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों को ₹10000 एवं संस्थाओं को ₹15000 की पुरस्कार राशि एवं प्रशंसा पत्र प्रदान किए जाते हैं।

पदोन्नति में आरक्षण:- 21 अक्टूबर 2021 से विशेष योग्यजन को पदोन्नति में 4% आरक्षण एवं सीधी भर्ती में अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट एवं अंकों में 5% अंकों की छूट का प्रावधान किया गया है।

पेंशनधारी विशेष योग्यजन को स्वयं का व्यवसाय शुरू करने हेतु एकमुश्त ₹15000 की वित्तीय सहायता का प्रावधान।

अल्पसंख्यकों के लिए राजस्थान सरकार के प्रयास:-
• राज्य में 78.18 लाख अल्पसंख्यक समुदाय की जनसंख्या है, जो राज्य की कुल जनसंख्या 6.85 करोड़ का 11.4% है। (जनगणना 2011 के अनुसार)
• उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति:- अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थी जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हो एवं गत परीक्षा में कम से कम 50% अंक अर्जित किए को उच्च शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
• मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति योजना:- अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थी जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हो एवं गत परीक्षा में कम से कम 50% अंक अर्जित किए को उच्च/तकनीकी/ व्यवसायिक शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
• मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना:- पारिवारिक वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हो
• छात्रावास सुविधा:-
•** प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम:- अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में विकास के क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए 16 जिलों के 2 जिला मुख्यालय, 15 ब्लॉक एवं 17 कस्बों में आर्थिक, चिकित्सा, शैक्षणिक एवं कौशल विकास के कार्य करवाये जाते हैं।
• राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC) के माध्यम से अल्पसंख्यकों को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
• राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड (RMFDCC) द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के बेरोजगार युवाओं एवं महिलाओं को स्वरोजगार हेतु रियायती दरों पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।

मदरसा आधुनिकीकरण योजना:-
• उद्देश्य:- पंजीकृत मदरसों की आधारभूत संरचना का विकास एवं आवश्यकतानुसार भौतिक सामग्री उपलब्ध करवाना।  
• प्राथमिक स्तर के मदरसों के लिए अधिकतम राशि ₹15 लाख।
• उच्च प्राथमिक स्तर के मदरसों के लिए अधिकतम राशि ₹25 लाख।
• राज्य सरकार 90 : मदरसा 10

महिला सशक्तिकरण संबंधित प्रयास:-

महिला विकास कार्यक्रमः- महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक रूरने एवं सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ लेने हेतु उन्हें सशक्त बनाने के लिए ग्राम स्तर पर 'साथिन' मुख्य मार्गदर्शक के रुप में कार्य कर रही हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सभा द्वारा एक साथिन का चयन किया जाता है।

सामूहिक विवाह योजनाः- बाल विवाह, दहेज प्रथा एवं व्यक्तिगत विवाहों पर होने वाले व्यय को कम करने के लिए यह योजना चलाई जा रही हैं। इसके अन्तर्गत राज्य सरकार द्वारा ₹18,000 प्रति जोड़े की दर से अनुदान दिया जाता हैं। 

***बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ योजनाः-
• शुरूआत - 22 जनवरी, 2015
• मुख्य उद्देश्य:- लड़कियों को सशक्त करना और उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना, बालिका के जन्म से पहले और बाद में होने वाले भेदभाव का विरोध करना।
• 8 मार्च 2018 से यह योजना राजस्थान के सभी जिलों में चलाई जा रही हैं।

जेंडर प्रकोष्ठ:- लैगिक परिप्रेक्ष्य में विभिन्न विभागों के बजट की समीक्षा हेतु सचिवालय के रूप में कार्य करता हैं।

महिला संरक्षणः- महिला संरक्षण प्रकोष्ठ द्वारा निम्न कार्यक्रम क्रियान्वित किए जा रहे हैं-
1. महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र
2. 181 महिला हेल्पलाईन
3. घरेलू हिंसा महिला संरक्षण अधिनियम, 2005
4. महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उतपीड़न से संरक्षण अधिनियम 2013
5. राजस्थान डायन प्रताड़ना निवारण अधिनियम, 2015 एवं 2016
6. अपराजिता/सखी वन स्टॉप सेंटर
7. जिला महिला सहायता समिति

मुख्यमंत्री राजश्री योजना
• शुरू -1 जून 2016
• उद्देश्य - बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करना, उन्हें शिक्षितं एवं संशक्त बनाना‌।
इस योजना के तहतु बालिका के जन्म से लेकर कक्षा 12वीं तक बेटी की पढ़ाई, स्वास्थ्य एवं देखभाल के लिए अभिभावक को 6 किस्तों में ₹50,000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
पात्रता:-
• ऐसी बालिका जिनका जन्म किसी सरकारी अस्पताल अथवा जननी सुरक्षा योज़ना में रजिस्टर्ड निजी चिकित्सा संस्थानों में हुआ हो।
• 1 जून 2016 के बाद जन्मी बालिकाओं को लाभ मिलेगा।
• उनको भी लाभ मिलेगा जिनकी तीसरी संतान बालिका हो।
पहली किस्त - बेटी के जन्म पर ₹2500
दूसरी किस्त - 1 वर्ष का टीकाकरण होने पर ₹2,500
तीसरी किस्त - पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर ₹4,000
चौथी किस्त - कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर ₹5,000
पांचवी किस्त - कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर ₹11,000
छठी किस्त - कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर ₹25000

***आई एम शक्ति फंड (इंदिरा महिला शक्ति निधि)
• 18 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा  1,000 करोड़ रुपए की आई एम शक्ति फंड (इंदिरा महिला शक्ति निधि) स्थापित की गई।
• उद्देश्य:- महिला सशक्तिकरण
• इस फंड के तहत मुख्य रूप से तीन कार्य किए जाएंगे - (i) उद्यम हेतु ऋण अनुदान (ii) कौशल संवर्धन एवं प्रशिक्षण (iii) जागरूकता

आई एम शक्ति फंड के अंतर्गत योजनाएं/फंड:-
• इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना - इसके तहत महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूह को 1 करोड़ रुपए तक का ऋण प्रदान किया जा सकता हैं।
• इंदिरा महिला शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्धन योजना - 75,000 महिलाओं और युवतियों को निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण।
• इंदिरा महिला शक्ति लेखा प्रशिक्षण योजना - 5000 महिलाओं को लेखा प्रशिक्षण (Accounts training) दिया जाएगा।
• इंदिरा महिला शक्ति शिक्षा सेतु योजना:- ड्रॉपआउट बालिकाओं और शिक्षा से वंचित रही महिलाओं को
राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के माध्यम से पढ़ाई के लिए फीस का प्रावधान  किया गया है।
इसके तहत 50,000 बालिकाओं और महिलाओं को लाभ मिल सकेगा 
• इंदिरा महिला शक्ति कौशल सामर्थ्य योजना - 10000 महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण।

इंदिरा महिला शक्ति उड़ान योजना:-
• शुभारम्भ - 19 दिसम्बर 2021 
• राज्य भर में प्रजनन आयु की लड़कियों और महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन प्रदान करना। 
योजना के प्रमुख घटक:-
• लड़कियों और महिलाओं में मासिक धर्म स्वास्थ्य और
स्वच्छता प्रबंधन के बारे में जागरूकता पैदा करना।
• सेनेटरी नैपकिन की उपलब्धता।

इंदिरा महिला एवं बाल विकास शोध संस्थान:-
महिला एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं कल्याण से संबंधित विषयों पर शोध कार्य किया जाएगा।

अमृता हाट:- महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शन एवं विपणन (Marketing) के अवसर प्रदान करना। 
• उद्देश्य - महिलाओं का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण करना।

बीस सूत्री कार्यक्रम (बीसूका):- 2006
बीस सुत्री कार्यक्रम 1975 में प्रारम्भ किया गया एवं वर्ष 2006 में संशोधित किया गया।
यह कार्यक्रम 1 अप्रैल 2007 से लागू किया गया।
इसके तहत गरीबी उन्मूलन, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, परिवार कल्याण, पर्यावरण संरक्षण संबंधी, शहरी निर्धन परिवारों को सहायता आदि कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
• बीस सूत्री कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (1 अप्रैल 2013) की मॉनिटरिंग की जा रही है।

जागृति बैक दू वर्क योजना:-
कामकाजी एवं व्यावसायिक क्षेत्र में प्रशिक्षित महिलायें जो कि शादी के बाद घर-परिवार संभालने के लिए और अन्य कारणों से काम या नौकरी छोड़ देती हैं को पुन: रोजगार दिलवाने, घर से ही काम करने अर्थात्‌ वर्क फ्रॉम होम के अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से निजी क्षेत्र के सहयोग से जागृति बैक टू वर्क योजना प्रारम्भ की जा रही है।
• योजना का शुभारम्भ “जॉब्स फॉर हर फाउण्डेशन” के माध्यम से पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में किया जा रहा है।
• आगामी 3 वर्षों में 15,000 महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा।

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