क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीकी पर आधारित डिजिटल करेंसी है, जिसका वित्तीय लेनदेन का तरीका बिल्कुल भारतीय रुपए और अमेरिकी डॉलर के समान है।
क्रिप्टोकरेंसी peer to peer cash प्रणाली है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी है, यानि इसका कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। यह किसी देश के सेंट्रल बैंक से मान्यता प्राप्त भी नहीं है।
यह क्रिप्टोग्राफी तकनीक द्वारा सुरक्षित है, इसे कॉपी करना लगभग नामुमकिन है।
उदाहरण:- Bitcoin, Litecoin, CoinDCX, CoinSwitch, Unocoin.
Bitcoin:-
बिटकॉइन दुनिया की पहली क्रिप्टोकरंसी है, जिसे Satoshi Nakamoto ने 2009 में बनाया।
यह दुनिया की सबसे महंगी डिजिटल करेंसी है।
क्रिप्टोकरेंसी के लाभ:-
1. यह एक डिजिटल करेंसी है। अतः इसमें धोखाधड़ी की गुंजाइश बहुत कम है।
2. तीव्र और सस्ते लेन-देन।
3. यह एक सिक्योर करेंसी है। (क्रिप्टोग्राफी तकनीक)
4. इसे राज्य और सरकार द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता।
5. इसके लिए किसी बैंक की जरूरत नहीं पड़ती।
6. मुद्रास्फीति विरोधी करेंसी
(क्योंकि इसकी कीमत बढ़ने की संभावना के चलते लोग इसे खर्च करने की बजाय अपने पास रखना पसंद करते हैं)
7. भ्रष्टाचार की रोकथाम
क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान:-
1. इस पर किसी सरकार/ केंद्रीय बैंक का नियंत्रण नहीं है। यानि इसकी कीमतों को कोई कंट्रोल नहीं कर सकता।
2. क्रिप्टोकरंसी बेहद अस्थिर है।
3. क्रिप्टो करेंसी का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है। (इसके नोट नहीं होते)
4. असुरक्षित करेंसी - यह डिजिटल होने के कारण कम सुरक्षित है, इसका हैक होने का खतरा बना रहता है।
5. गैर कानूनी गतिविधियों में उपयोग (आतंकवाद, साइबर अपराध, गैर कानूनी हथियार, ड्रग्स)
6. ब्रेन ड्रेन।
क्रिप्टोकरेंसी का विनियमन:-
• हाल ही में सरकार ने एक संप्रभु डिजिटल करेंसी बनाने और साथ ही सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिए "क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियम विधेयक, 2021" पेश करने की घोषणा की गई।
• बजट 2022-23 में सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी का टैक्स लगा दिया है।
साथ ही क्रिप्टोकरेंसी पर 1% टीडीएस लगाने का भी फैसला किया है।
ब्लॉकचेन तकनीक:-
• यह लेनदेन का एक डिजिटल रिकॉर्ड है।
सरल भाषा में कहा जाए तो यह एक डिजिटल सार्वजनिक बहीखाता है, जिसमें प्रत्येक लेनदेन या ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड दर्ज किया जाता है।
• ब्लॉकचेन में एक बार किसी भी लेनदेन को दर्ज करने पर इसे ने तो वहां से हटाया जा सकता है और ना ही इसे संशोधित किया जा सकता है।
• इसमें व्यक्तिगत रिकॉर्ड को ब्लॉक कहा जाता है तथा यह एक सूची में एक साथ जुड़े हुए होते हैं, जिसे एक श्रृंखला (Chain) कहा जाता है।
निष्कर्ष:-
ब्लॉकचेन और क्रिप्टो करेंसी औद्योगिक क्रांति 4.0 का एक अभिन्न अंग साबित होगी। भारत को इन्हें बायपास नहीं करना चाहिए।
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