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बिग डाटा । Big data । इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT)

 
Big data


बिग डाटा

डाटा का बहुत बड़ा रूप जिसमें छोटी-2 सूचनाओं को बड़े स्तर पर Store किया जाता है।
• यह सूचनाएं structured, unstructured and semi-structured रूप में होती है।
• उदाहरण: सोशल मीडिया, GPS, इंटरनेट सर्च।

इसका उचित उपयोग कर प्रशासन में पारदर्शिता लाई जा सकती है। साथ ही नीतियों के स्तर पर भी क्रांतिकारी परिवर्तन संभव है।

बिग डाटा की 6V विशेषताएं (लक्षण):-
Volume: उत्पन्न डेटा की मात्रा
Value: डाटा का व्यवसायिक मूल्य

Variety (विविधता): उत्पन्न डाटा के प्रकार
Velocity (वेग): जिस गति पर बिग डाटा उत्पन्न होता है।

Veracity (सत्यता): वह सीमा जहां तक बिग डाटा पर भरोसा किया जा सके।
Variability (परिवर्तनशीलता): बिग डाटा के उपयोग करने के तरीके।
 
बिग डाटा एनालिटिक्स के प्रकार:-
1. Descriptive analytics
2. Diagnostic analytics
3. Predictive analytics
4. Prescriptive analytics

बिग डाटा के अनुप्रयोग:-

 1. कृषि क्षेत्र:-

 मृदा, जलवायु, जल स्तर के आधार  पर बीज चयन

 सिंचाई का प्रबंधन

  फसलों रोगों की पहचान

  खाद्य प्रसंस्करण में

  मूल्य निर्धारण में (मांग और पूर्ति)

2. उद्योगों में:-

जोखिमों से बचाव व नुकसान को कम करना

 ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करना


 3. विज्ञान व तकनीकी:-

कृत्रिम बुद्धिमता

अंतरिक्ष का अध्ययन करने में
 4. गवर्नेंस:-

योजनाओं के प्रभावी वितरण में

स्मार्ट सिटी के विकास में

 साइबर हमलों को रोकने में

 शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में

 आपदा प्रबंधन में

 मनी लॉन्ड्रिंग,कर चोरी को रोकने में

 जियो टैगिंग मनरेगा जैसी योजनाओं में कारगर सिद्ध हो सकता है।

5. चिकित्सा क्षेत्र:-

रोगों का पता लगाने में

उपचार को बेहतर करने में 

चिकित्सा क्षेत्र में R&D



 बिग डाटा के लाभ:-

1. सामान की लागत में कमी आना

2. सामान की बिक्री में वृद्धि और ग्राहक संतुष्टि

3. बेहतर निर्णयन

4. बेहतर उत्पाद

5. बेहतर मार्केटिंग रणनीतियां विकसित की जा सकती है।
 बिग डाटा की चुनौतियां:-

1. बुनियादी ढांचे की समस्या
2. अत्यधिक महंगी तकनीक( भंडारण, प्रसंस्करण)

3. डेटा सुरक्षा (विरोधी देशों के हाथों में डाटा हानिकारक साबित हो सकता है)

4. डाटा का दुरुपयोग करना
5. डाटा रखने वाली कंपनियों द्वारा लोगों की गोपनीयता का उल्लंघन किया जा सकता है।

6. हमेशा डाटा की गुणवत्ता बनाए रखना एक चुनौती

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of things)


भौतिक वस्तुओं/उपकरणों, स्थानों तथा लोगों को किसी नेटवर्क (इंटरनेट) की सहायता से आपस में जोड़ना IOT कहलाता है। 
• जहां पर यह एक-दूसरे से Communicate करते हैं या डाटा transfer करते हैं, डाटा Process करते हैं और कोई Action लेते हैं।
• उदाहरण:- Smart lock, Smart watch, Activity tracker.

यहां भौतिक वस्तु:- कंप्यूटर, स्मार्टफोन, मशीन, घरेलू उपचार।
स्थान:- घर, रसोई, कमरा, पार्क, पुस्तकालय।

विशेषताएं/लक्षण:- 
Sensor, Connectivity, Data processing, User interface, Security.

IOT के अनुप्रयोग:-

 1.कृषि क्षेत्र:-
• इसकी सहायता से मृदा की नमी, जलवायु परिस्थितियों, सिंचाई के साधनों का सही प्रयोग के अनुमान।
• Smart water meter.

2. उद्योग:-
जोखिमों से बचाव, नुकसान को कम करना ,उत्पादकता  में वृद्धि

3. चिकित्सा क्षेत्र:-
• रोगों का बेहतर निदान।
• स्वास्थ्य संबंधी उपकरणों को जोड़ना।

4.दैनिक जीवन:- 
Smart Watch, Smart TV, Activity tracker.

5. स्मार्ट सिटी:-
यातायात प्रबंधन, स्मार्ट ऊर्जा प्रबंधन।

6. परिवहन:-
यातायात प्रबंधन, ड्राइवरलेस कार, टोल बूथ।

7. शासन:-
सरकार की बैठकों में जुड़ाव (Video Conference)
 लाभ:-
• श्रम एवं समय की बचत।
• लागत कम।

IOT एक चिंता का विषय:-

1. नैतिक मुद्दा/ निजता का उल्लंघन

2. सुरक्षा से संबंधित मुद्दे(गलत हाथों में जाने पर विनाशकारी हो सकता है)

3. प्रौद्योगिकी में जटिलता

4. प्रौद्योगिकी पर अधिक निर्भरता 

5. प्रौद्योगिकी जीवन पर नियंत्रण कर लेती है

भारत में IOT के लिए चुनौतियां:-

1. बुनियादी ढांचा
2. सुरक्षा संबंधित मुद्दे

3. डाटा प्रबंधन - भंडारण

4. उपकरणों, इंटरनेट आदि में उच्च लागत।
5. साइबर खतरे।

भारत में IOT:-
राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति
डिजिटल इंडिया मिशन:- 100 स्मार्ट सिटी
ई-गवर्नेंस

SAVE WATER

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