नाभिकीय चुंबकीय अनुनाद (NMR):-
• जब किसी परमाणु का नाभिक बाहरी चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में आता है तो उस पर पड़ने वाली रेडियो आवृत्ति से उत्तेजित होकर विद्युत चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न करता है, जिसे NMR कहते हैं।
• उपयोग:- किसी पदार्थ की रासायनिक संरचना का अध्ययन करने में।
• NMR तकनीक से विभिन्न प्रकार के NMR सक्रिय नाभिकों का अध्ययन किया जाता है। जैसे - 1ʜ, 15ɴ, 13C, 19F, 31P
|
|
इनका परमाणु क्रमांक एवं परमाणु द्रव्यमान में से कोई एक विषम संख्या अथवा दोनों विषम संख्या होते हैं। Nuclear Spin Quantum No ≠ 0 नाभिकीय प्रचक्रण का गुण पाया जाता है। नाभिकीय चुंबकीय अनुनाद का गुण पाया जाता है।
|
इनका परमाणु क्रमांक एवं परमाणु द्रव्यमान दोनों विषम संख्या होते हैं। Nuclear Spin Quantum No = 0 नाभिकीय प्रचक्रण का गुण नहीं पाया जाता है। नाभिकीय चुंबकीय अनुनाद का गुण नहीं पाया जाता है। जैसे - O₂ |
NMR के अनुप्रयोग:-
• चिकित्सा क्षेत्र में MRI के रूप में।
• किसी पदार्थ की रासायनिक संरचना का अध्ययन करने में।
• खाद्य सामग्री में पानी-वसा अनुपात ज्ञात करने में।
चुंबकीय अनुनाद प्रतिबिंबन (MRI)
• Magnetic Resonance Imaging
• यह चिकित्सा क्षेत्र में रेडियोलॉजी की आधुनिक तकनीक है।
• तंत्रिका कोशिका हमारे शरीर में एक अस्थाई और अति दुर्बल चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं। इस चुंबकीय क्षेत्र की सहायता से शरीर के विभिन्न अंगों के प्रतिबिंब प्राप्त किए जा सकते हैं, इस तकनीक को MRI कहते हैं।
उपयोग:- चिकित्सा विज्ञान में।
• रक्त प्रवाह की जांच में।
• शरीर में किसी भी प्रकार की गांठ का पता लगाना
• हानिकारक विकिरण का प्रयोग ना होने कारण यह तकनीक अधिक सुरक्षित है।
नोट:- ऐसे व्यक्तियों का MRI Scan नहीं किया जा सकता जिनके शरीर में कोई धातु का उपकरण प्रत्यारोपित किया गया हो। जैसे - पेसमेकर
|
|
• उद्देश्य:- किसी पदार्थ की रासायनिक संरचना का पता लगाना।
|
• उद्देश्य:- शरीर के अंगों के प्रतिबिंब बनाना।
|
SAVE WATER
0 Comments