Infrastructure in Rajasthan.
आधारभूत संरचना के अंतर्गत सड़क, रेलवे, परिवहन, डाक एवं उर्जा को शामिल किया जाता है।
दिसंबर 2021 तक राजस्थान की अधिष्ठापित (Installed) ऊर्जा क्षमता 23,321.40 मेगावाट (23.3 गीगावाट) है।
9450.79 | |
10548.65 | |
23,321.40 मेगावाट |
राजस्थान की अधिष्ठापित ऊर्जा क्षमता में तापीय ऊर्जा की भागीदारी सर्वाधिक है।
राजस्थान में 43,354.60 किमी का ऊर्जा ट्रांसमिशन सिस्टम (प्रसारण नेटवर्क ) है।
इसमें घरेलू उपभोक्ता सर्वाधिक है।
ग्रामीण विद्युतीकरण:-
राज्य में कुल 43264 गांव में से 43201 गांवों का विद्युतीकरण कर दिया गया है। (99% विद्युतीकरण)
कुसुम योजना:-
Kisan Urja Suraksha evam Utthan Mahaabhiyan (KUSUM):-
• लक्ष्य:- 2022 तक 30.8 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना।
• कुसुम योजना के तीन घटक है -
घटक (ए):- ग्राउंड माउंटेड ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लेट लगाना।
बंजर या कृषि योग्य भूमि पर 0.5MW से 2MW तक की सोलर प्लेट लगाई जा सकती है।
घटक (बी):- स्टैंडअलोन सोलर पंप लगाना।
व्यक्तिगत किसानों को 7.5 HP के सोलर पंप लगाने के लिए सपोर्ट किया जाएगा।
पंप लगाने में सहायता -
केंद्र पंप लागत की 30%,
राज्य सरकार पंप लागत की 30%,
किसान - 40% (30 ऋण + 10 स्वयं)
घटक (सी):- डीजल चालित पंपों को सोलर पंप में बदला जाएगा। (कृषि पंपों का सौरीकरण)
नोट:- 1 अप्रैल 2021 को राज्य में पीएम कुसुम घटक-ए योजना के अंतर्गत भालोजी गांव (कोटपूतली, जयपुर) में स्थित देश के प्रथम सौर ऊर्जा संयंत्र से ऊर्जा उत्पादन शुरू हो गया।
नोट:- 4 जून 2021 को राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा क्रियान्वित पीएम कुसुम कम्पोनेन्ट-ए योजना के अंतर्गत राजस्थान के दूसरे सौर ऊर्जा संयंत्र से चूरू जिले की सरदार शहर तहसील के घडसीसर गांव में 3 जून 2021 से ऊर्जा उत्पादन शुरू हो गया।
कुसुम योजना के लाभ:-
• किसानों की आय बढ़ेगी। (अधिशेष ऊर्जा की सरकार द्वारा खरीद)
• बंजर भूमि का सदुपयोग होगा।
• पर्यावरण को फायदा।
• बिजली बचेगी।
• नवीकरणीय ऊर्जा बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री किसान मित्र ऊर्जा योजना
• इस योजना के तहत किसानों को कृषि बिजली कनेक्शन पर हर महीने ₹1000 की सब्सिडी दी जा रही है। (अधिकतम ₹12000 प्रतिवर्ष)
• योजना का लाभ मीटर्ड कृषि कनेक्शन पर ही मिलेगा।
• केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारियों और आयकर दाता कृषि उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
• यदि कोई किसान बिजली का कम उपभोग करता है और उसका बिल ₹1000 से कम है, तो वास्तविक बिल व सब्सिडी राशि का अंतर उसके बैंक खाते में जमा करवाया जाएगा। इससे किसान में बिजली की बचत को प्रोत्साहन मिलेगा।
प्रशासन गांवों/शहरों के संग अभियान के तहत विद्युत संबंधी समस्याओं का समाधान किया गया।
स्त्रोत के आधार पर ऊर्जा
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तकनीक के आधार पर
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भारत सरकार ने 2022 के आखिर तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है -
सौर ऊर्जा से
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100
गीगावाट
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पवन ऊर्जा से
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60 गीगावाट
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बायोमास ऊर्जा से
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10 गीगावाट
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लघु पनबिजली से
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5 गीगावाट
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कुल
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175 गीगावाट
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अक्षय ऊर्जा:-
प्राकृतिक संसाधनों, जैसे-सूर्य ताप, वायु, ज्वार और भूतापीय गर्मी से उत्पन्न ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा कहते है। जैसे - सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, पनबिजली, बायोमास और जैव ईंधन।
• इसे अक्षय ऊर्जा भी कहते है।
सौर ऊर्जा:-
राजस्थान में सौर ऊर्जा की अधिक संभावना के कारण निम्नलिखित हैं -
• 1 वर्ष में 325 से अधिक दिन सूर्यताप।
• 6-7 किलोवाट घंटे प्रति वर्ग मीटर प्रतिदिन सूर्यताप मिलता है।
• कम औसत वर्षा।
राजस्थान में सौर ऊर्जा की संभावित क्षमता -142GW
राजस्थान में 9,228.70 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। (अधिष्ठापित क्षमता)
• भड़ला, जोधपुर में 2245 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क का विकास चार चरणों में किया गया है -
प्रथम चरण:- 65 मेगावाट
राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी द्वारा।
द्वितीय चरण:- 680 मेगावाट
राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी द्वारा।
तीसरा चरण:- 1000 मेगावाट
IL&FS एनर्जी डेवलपमेंट कंपनी और मैसर्स सौर्य ऊर्जा कंपनी (SURAJ)
चौथा चरण:- 500 मेगावाट
अडाणी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क
• फैलोदी -पोकरण सोलर पार्क:- 750 मेगावाट
सौर्य ऊर्जा कंपनी द्वारा
• फतेहगढ़ फेज - 1बी:- 1500 मेगावाट
जैसलमेर
अडाणी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क द्वारा
• नोखा सोलर पार्क:- 925 मेगावाट
जैसलमेर
राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी द्वारा।
रूफटॉप सोलर पावर प्रोजेक्ट स्कीम:-
• यह नवीकरणीय मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा 30% वित्तीय सहायता दी जा रही है।
अक्षय ऊर्जा सर्विस कंपनी (RESCO) मोड सोलर रुफटॉप योजना:-
राज्य में सभी राजकीय भवनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं।
राजस्थान की सौर ऊर्जा नीति (18 दिसंबर 2019)
इस नीति के तहत राज्य में 2024-25 तक 30,000 मेगावाट सौर ऊर्जा प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है।
ग्रिड स्केल सोलर पार्क से | |
डिस्ट्रीब्यूटेड जेनरेशन | 4,000 मेगावाट |
सोलर रूफटॉप | 1,000 मेगावाट |
सोलर पंप | |
30,000 मेगावाट |
पवन ऊर्जा:-
• राजस्थान में पवन ऊर्जा क्षमता - 1,27,750 मेगावाट (127.7 GW)
• 4338 मेगावाट क्षमता के पवन ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं।
पवन ऊर्जा नीति:-
• प्रथम पवन ऊर्जा नीति - 18 जुलाई 2012
• 18 दिसंबर 2019 को पवन ऊर्जा और हाइब्रिड ऊर्जा नीति जारी की गई।
राजस्थान में पवन ऊर्जा के प्रोजेक्ट:-
• अमर सागर - जैसलमेर (प्रथम पवन संयंत्र - 2000)
• देवगढ़ - प्रतापगढ़
• फलोदी - जोधपुर
• सोधा बंधन - जैसलमेर
• आकल - जैसलमेर
• बड़ा बाग - जैसलमेर (पहला निजी संयंत्र)
बायोमास ऊर्जा:-
• प्रमुख स्त्रोत - सरसों की तूड़ी और जूली फ्लोरा।
• दिसंबर 2021 तक 120.45 मेगावाट क्षमता के 13 बायोमास ऊर्जा उत्पादन संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं।
सड़क:-
• 1949 में राजस्थान में सड़क मार्ग - 13553 किमी
• 2020 में सड़क मार्ग - 2,72,959.28 किमी
• राजस्थान का सड़क घनत्व - 79.76 किमी (प्रति 100 वर्ग किमी पर)
• भारत का सड़क घनत्व - 161.71 किमी
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सड़कों की लंबाई (किमी)
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सड़कों की लंबाई घटते क्रम में:-
ग्रामीण सड़क> अन्य जिला सड़क>राज्य राजमार्ग>राष्ट्रीय राजमार्ग>मुख्य जिला सड़क
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY):-
• शुरुआत - 25 दिसंबर 2000
• उद्देश्य - ग्रामीण इलाकों में 500 या इससे अधिक की आबादी वाले तथा पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्र में 250 लोगों की आबादी वाले गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना।
• इसका तीसरा चरण 2019-20 से 2024-25 के लिए चलाया जा रहा है।
राज्य सड़क निधि ग्रामीण संपर्क योजना:- 500 से अधिक की आबादी वाले गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ा जा रहा है।
रिडकोर:-
सड़क क्षेत्र में पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) को बढ़ावा देने का कार्य करता है।
भारतमाला परियोजना:-
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी ‘भारतमाला परियोजना’ के चरण-I के तहत 5,35,000 करोड़ रुपए की लागत से 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा।
इस कार्यक्रम की अवधि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक है।
सागरमाला परियोजना:-
इस योजना द्वारा 7500 किमी. लंबी समुद्री तट रेखा के आस-पास बंदरगाहों के इर्द-गिर्द प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विकास को बढ़ावा देना है।
योजना के अंतर्गत आठ तटीय राज्यों को चिन्हित किया गया है जिनमें गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC):-
• स्थापना - 1 अक्टूबर 1964 (सड़क परिवहन निगम अधिनियम 1950 के अधीन)
राजस्थान स्टेट हाईवे प्राधिकरण:-
2 जून 2015 को स्थापित।
• दिल्ली-वडोदरा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की राजस्थान में लंबाई - 375 Km
• संगरिया-सांचोर-संथालपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे की राजस्थान में लंबाई - 637 Km
ग्रामीण गौरव पथ योजना:-
• शुरू - 2014-15
• आगामी 3 वर्ष में प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर 1 किमी सीसी सड़क का निर्माण करना।
विकास पथ:-
आगामी 5 वर्षों में प्रत्येक ग्राम पंचायत में 1 किमी लंबे 'वाल टू वाल विकास पथ' का निर्माण करना।
पथ के दोनों ओर नाली का निर्माण किया जाएगा।
राज्य सड़क नीति:-
प्रथम सड़क नीति - 1994
दूसरी सड़क नीति - 2002
तीसरी सड़क नीति - 2013
बजट घोषणा 2021-22:-
• नई राज्य सड़क नीति लाई जाएगी।
रेलवे:-
मार्च 2020 के अंत तक राज्य में रेल मार्गों की कुल लंबाई 5998 किमी थी, जो कि कुल भारतीय रेल मार्ग 67,956 किमी की 8.83% है।
डाक:-
मार्च 2021 के अंत तक राज्य में कुल डाकघरों की संख्या 10,287 थी।
SAVE WATER
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