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राजस्थान में औद्योगिक विकास । राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2021-22

 
Industrial development 2021-2022


राजस्थान में औद्योगिक विकास 2021-22

Industrial development in Rajasthan.

उद्योग क्षेत्र के अंतर्गत खनन-उत्खनन, विनिर्माण, विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाएं तथा निर्माण क्षेत्र शामिल हैं।

सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA) में क्षेत्रवार योगदान 2021-22:-
1. स्थिर कीमतों पर (आधार वर्ष 2011-12) -
• उद्योग क्षेत्र में वृद्धि दर - 15.37% (1.77 लाख करोड़)
2. प्रचलित कीमतों पर Current Prices -
• उद्योग क्षेत्र - 24.67% (2.75 लाख करोड़)

उद्योग क्षेत्र में उप-क्षेत्रों का योगदान (संरचना)

 उप-क्षेत्र
प्रचलित कीमतों पर योगदान 
 स्थिर कीमतों पर वृद्धि दर
 विनिर्माण
 40.77%
  23.75%
 निर्माण
 35.19%
   7.87%
 अन्य
 12.78%
   6.81%
 खनन-उत्खनन
 11.26%
   8.15%

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक
(IIP = Index of Industrial Production)
• प्रतिमाह जारी किया जाता है।
• आधार वर्ष - 2011-12
• जारीकर्ता - केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO)
• 3 आधार - विनिर्माण, खनन, बिजली
• राजस्थान में आईआईपी की ग्रोथ -
2017-18 से 2018-19 तक बढ़ी जबकि 2019-20 और 2020-21 में घटी है  तथा 2021-22 में बढ़ी

भारत में 8 मुख्य उद्योग है (Core Industry):-
भारांश के घटते क्रम में -
1. रिफाइनरी उत्पाद 2. विद्युत Electricity 3. स्टील
Trick - RES
4. कोयला    5. कच्चा तेल  6. प्राकृतिक गैस
7. सीमेंट      8. उवर्रक

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाईयां (MSME):-
MSME - micro, small and medium enterprises.

 MSME
 सूक्ष्म
 लघु
 मध्यम
 निवेश
 < 1 करोड़
 < 10 करोड़
 < 50 करोड़
 टर्नओवर
 < 5 करोड़
 < 50 करोड़
 < 250 करोड़
 
उद्यम पंजीकरण पोर्टल (URP =Udyam Registration Portal):-
• एमएसएमई का ऑनलाइन पंजीकरण करने हेतु 1 जुलाई 2020 से शुरू किया गया।

MSME को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान सरकार के प्रयास:-
1. URP के द्वारा एमएसएमई का पंजीकरण।
2. राजस्थान सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेंट एंड ऑपरेशन) अधिनियम 2019 -
• उद्देश्य - एमएसएमई की परेशानी मुक्त स्थापना को प्रोत्साहित करना।
• 12 जून 2019 को राज उद्योग मित्र पोर्टल की शुरूआत की गई।
• इंटेंट की घोषणा (डिक्लेरेशन ऑफ इंटेंट) प्रस्तुत करने पर नोडल एजेंसी एमएसएमई को 'पावती प्रमाण पत्र' जारी करती है।
पावती प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से 3 साल तक एमएसएमई को राज्य के सभी कानूनों के तहत अनुमोदन (Approval) और निरीक्षण (Inspection) से छूट दी जाती है।

3. मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना (MLUPY):-
• 13 दिसंबर 2019 को शुरू।
• एमएसएमई को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु। (10 करोड़ तक)
25 लाख रुपए के ऋण तक - 8% ब्याज सब्सिडी सरकार देगी।
5 करोड़ रुपए के ऋण तक - 6% ब्याज सब्सिडी सरकार देगी।
10 करोड़ रुपए के ऋण तक - 5% ब्याज सब्सिडी सरकार देगी।

4. सुविधा केंद्र का निर्माण -
• सभी जिला उद्योग केंद्रों पर एमएसएमई निवेशक सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है। 

निर्यात:-

राजस्थान द्वारा निर्यात (Export):-
• राजस्थान में मुख्यतः 16 उत्पादों का निर्यात किया जाता है।
• राजस्थान के निर्यात में 50% से अधिक योगदान देने वाली शीर्ष पांच वस्तुएं निम्नलिखित हैं -
1. इंजीनियरिंग गुड्स > 2. हैंडीक्राफ्ट (हस्तशिल्प) > 3. टेक्सटाइल (वस्त्र) > 4. मेटल (धातु)> 5. रसायन

Trick :- EHTMC - इंजीनियर हाथ में टेलीफोन मोबाइल लेकर चलाते हैं।

राजस्थान में निर्यात को प्रोत्साहन देने हेतु किए गए प्रयास:-

1. मिशन निर्यातक बनो 
29 जुलाई 2021 को शुरू। 
इसके तहत उत्पादक को सीधे ही निर्यात प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा।
इस मिशन के तहत 22,731 निर्यातक बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
नीति आयोग द्वारा जारी निर्यात तैयारी सूचकांक (ईपीआई) 2020 में राजस्थान लैंड लॉक्ड स्टेट की श्रेणी में पहला और संपूर्ण देश में चतुर्थ स्थान पर रहा।

2. राज्य स्तरीय निर्यात पुरस्कार योजना 2019:-
• 15 श्रेणी में 32 उत्कृष्ट निर्यातकों को पुरस्कार दिया जाता है।
• प्रतिवर्ष एक निर्यातक को 'लाइफटाइम एक्सपोर्ट रत्न अवार्ड' दिया जाता है।

3. राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद (REPC) - 8 नवंबर 2019 को गठित।
4. राजस्थान निर्यात संवर्धन समन्वय परिषद (REPCC) - 25 अक्टूबर 2019 को गठित।
5. निर्यात संवर्धन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम:-

राजस्थान में उद्योग विभाग:-
• 36 जिला उद्योग केंद्र
• 8 उप-केंद्र
• सभी जिला उद्योग केंद्रों पर एमएसएमई निवेशक सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है।
• विवाद निवारण तंत्र समिति
राज्य स्तर पर चेयरमैन - मुख्य सचिव
जिला स्तर पर अध्यक्ष - जिला कलेक्टर
• 9 सुविधा परिषदों का गठन - विलंबित भुगतान के मामलों के निराकरण के लिए किया गया है। (2 राज्य स्तर पर + 7 संभाग स्तर पर)

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम

राजस्थान की औद्योगिक नीतियां:-
राजस्थान में अभी तक 7 औद्योगिक नीति जारी की जा चुकी हैं -
1 जुलाई 2019 को राजस्थान की नई औद्योगिक विकास नीति 2019 जारी की गई। (7वीं)

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS):-
• 17 दिसंबर 2019 को लागू।
• उद्देश्य - उद्योगों को कर (Tax) में छूट देने हेतु।
अर्थात राजस्थान में नई इंडस्ट्री को 7 वर्षों तक एसजीएसटी में 100% तक छूट प्रदान करना।

कार्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) राजस्थान:-
कंपनी एक्ट 2013 की धारा 135 के तहत ऐसी कंपनी जिसका वार्षिक शुद्ध लाभ 5 करोड़ या कुल नेटवर्थ 50 करोड़ अथवा टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपए हो अपने पिछले 3 वर्ष के कुल लाभ के औसत का 2% CSR गतिविधियों में खर्च करेंगी।

6 नवंबर 2019 को CSR प्राधिकरण का गठन किया गया।

राजस्थान में निवेश प्रोत्साहन से संबंधित संगठन:-

1. निवेश संवर्धन ब्यूरो (BIP)**
BIP - bureau of investment promotion.
• स्थापना - 1991
• उद्देश्य - बड़े उद्योगों की स्थापना हेतु निवेश को प्रोत्साहित करना।
• अध्यक्ष - मुख्य सचिव***
• घरेलू एवं विदेशी निवेश को आकर्षित करती है।
• BIP केवल बड़े निवेश प्रस्तावों पर कार्य करती है। (10 करोड़ से अधिक के)
• वर्ष 2020 में इसके तहत 5 प्रोजेक्ट में 47409 करोड़ रुपए का निवेश हुआ।

• सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम:- 
BIP द्वारा शुरू।
15 विभागों की 105 सेवाएं एक ही स्थान पर प्रदान की जा रही है।
उद्देश्य - बड़े उद्योगों को समयबद्ध तरीके से लाइसेंस, अनुमति व अनुमोदन दिलाना।

• वन स्टॉप शॉप सिस्टम:-
16 सितंबर 2020 को अधिसूचना जारी।
निवेश बोर्ड का गठन किया गया है, जिसका अध्यक्ष मुख्यमंत्री है।

2. राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (RIICO):-
Rajasthan State Industrial development and investment corporation limited.
• औद्योगिक विकास हेतु शीर्ष संस्था।
• स्थापना - 1980
• कार्य:- तीव्र औद्योगिक विकास करना, लघु एवं मध्यम ऋण, तकनीकी सलाह, मर्चेंट बैंकिंग का कार्य।

रीको द्वारा निम्नलिखित का विकास किया गया है -
• चार एग्रो फूड पार्क:- बोरनाडा (जोधपुर), कोटा, अलवर, श्रीगंगानगर (BJCAS - बीए पढ़ी जोधपुर की छोरी अलवर के लड़के को सुंदर लगी)
 कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र (AFPA) - तिंवरी (जोधपुर) [Trick - कृषि क्रांति]
• जापानी पार्क:-
नीमराना (अलवर) - 45 इकाइयां कार्यरत
घिलोठ (अलवर) 
• विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ):-
रीको द्वारा राजस्थान में 2 सेज संचालित है।
जेम्स एंड ज्वेलरी I&II - सीतापुरा (जयपुर)
• महिंद्रा वर्ल्ड सिटी - जयपुर
• पचपदरा एकीकृत औद्योगिक केंद्र
• अलवर में कौशल केंद्र

3. राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम (Rajsico):-
• स्थापना - 3 जून 1961
• कार्य - यह लघु इकाईयों के लिए कार्य करती है।
लघु इकाईयों को कच्चा माल, साख (Credit), तकनीकी सलाह, उद्यमियों को प्रशिक्षण तथा वस्तुओं के विपणन (Marketing) की सुविधा प्रदान करना।
प्रदर्शनी, सेमिनार तथा व्यापार मेलों का आयोजन करना।
• हस्तशिल्पों को बढ़ावा देने के लिए राजसीको जयपुर, उदयपुर, दिल्ली एवं कोलकाता में 'राजस्थली' नामक विपणन केंद्र चलाती है।
• आयात-निर्यात के लिए राजसीको द्वारा जयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी में शुष्क बंदरगाह (इनलैण्ड कंटेनर डिपो) बनाए गए हैं।
• हवाई मार्ग से आयात-निर्यात के लिए सांगानेर एयरपोर्ट, जयपुर पर एयर कार्गो कॉम्पलेक्स बनाया गया है।

4. राजस्थान वित्त निगम (RFC):-
Rajasthan Financial Corporation.
• स्थापना - 1955
• उद्देश्य - नए उद्योगों को स्थापित करना व पुराने उद्योगों का विस्तार करना।
• इसके द्वारा 20 करोड़ तक के ऋण प्रदान किए जाते हैं। (नोट:- BIP ऋण नहीं देता)
युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना:-
2013-14 में शुरू।
युवाओं (अधिकतम 45 वर्ष की आयु) को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना।
राज्य सरकार द्वारा 1.5 करोड़ रुपए ऋण पर 6% ब्याज अनुदान दिया जा रहा है।
सरकार ने 1,000 औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय सहायता का लक्ष्य निर्धारित किया है।

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC):-
• उद्देश्य - नए औद्योगिक शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना तथा बुनियादी ढांचे का निर्माण करना। (रेल व सड़क मार्ग)
• इसमें 6 राज्य तथा 1 केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली शामिल है। (उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र)
• दादरी (यूपी) से जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (मुंबई) के बीच रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है।
• कुल लंबाई - 1,504 किमी
• इस प्रोजेक्ट का विकास जापान की सहायता से किया जा रहा है।
• फ्रेट कॉरिडोर के दोनों तरफ 150 किमी क्षेत्र में DMIC का प्रभाव रहेगा।

राजस्थान में:-
• राजस्थान में इसकी लंबाई कुल लंबाई की लगभग 38% है।
DMIC प्रोजेक्ट राजस्थान के 22 जिलों तथा 60% क्षेत्र को प्रभावित करता है।
• इसके तहत राजस्थान में 5 नोड बनाए जा रहे हैं।
प्रथम चरण -
1. खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र
2. जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र
दूसरा चरण -
3. अजमेर-किशनगढ़ निवेश क्षेत्र
4. जयपुर-दौसा औद्योगिक क्षेत्र
5. राजसमंद-भीलवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र

खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र (Investment Region):-
• 165 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल।
• अलवर के 42 गांव शामिल।

जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area):-
• 154 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल।
• 9 गांव शामिल।
• 12 अक्टूबर 2020 को विशेष निवेश क्षेत्र (SIR - Special Investment Region) घोषित किया गया।

राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम:-
• 26 अप्रैल 2016 को अधिसूचित।
• राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र बोर्ड का गठन किया गया।
• 'भिवाड़ी इंटीग्रेटेड टाउनशिप' (BIT) को पहला विशेष निवेश क्षेत्र (SIR) घोषित किया गया। 
BIT में अलवर जिले के 363 गांव शामिल है।
• दूसरा SIR - जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र।

राजस्थान में खनन:-

• राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहा जाता है।
यहां 82 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, जिन में से 57 प्रकार के खनिजों का उत्पादन किया जाता है।

• खनन की अनुमति (माइनिंग लीज) ई-ऑक्शन द्वारा दी जाती है।

राजस्थान की खनिज उत्पादन में स्थिति:-

एकमात्र उत्पादक (Sole Producer)
• सीसा • जस्ता • सेलेनाईट • वोलेस्टोनाईट

Trick - सीसा जैसी वॉल

लगभग पूरा उत्पादन (90-95%)
• चांदी  • केल्साइट • जिप्सम

उत्पादन में अच्छी स्थिति (Prominent Position)
• मार्बल 
• सेंड स्टोन
• ग्रेनाइट
सर्वाधिक उत्पादन (Leading Producer)
अर्थात निम्नलिखित का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता है -
• बाल क्ले Ball Clay
• फॉस्फोराइट Phosphorite
• हरमच/गेरु Ochre 
Trick - बी पी 0
• फेल्सपर Felspar
• फायर क्ले Fire Clay
Trick - फेल होने के बाद फायर
• Steatite
• Steel grade and cement grade limestone

राजस्थान राज्य खनिज लिमिटेड (RSML):-
• स्थापना - 30 अक्टूबर 1974
• राज्य सरकार का उपक्रम (PSU)
• उद्देश्य - 
खनिजों का वैज्ञानिक रूप से अन्वेषण करना।
खनिज विपणन (Marketing) का कार्य।
लागत प्रभावी (Cost effective) तकनीक का प्रयोग करना।
खनन क्षेत्रों के निकट स्थान का विकास करना।
• चार केंद्र -
1. रॉक फास्फेट - झामरकोटडा (उदयपुर)
2. जिप्सम - बीकानेर
3. लाइमस्टोन (चूना पत्थर) - जोधपुर
4. लिग्नाइट - जयपुर

डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाऊंडेशन ट्रस्ट (DMFT):-
• भारत सरकार द्वारा 2015 में स्थापित।
• खनन कार्य वाले जिले के विकास हेतु।

तेल एवं प्राकृतिक गैस (Oil and natural gas):-
• अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। 
भारत में विश्व की कुल खपत का 5% तेल खपत करता है। 
अमेरिका> चीन > भारत

• भारत कुल घरेलू खपत का 16% तेल उत्पादित जबकि शेष 84% आयात करता है।
• भारत के कुल कच्चे तेल उत्पादन 30 (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष MMTPA) में राजस्थान का योगदान 6 MMTPA (20%) है।
• बॉम्बे हाई (40%) के बाद राजस्थान दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है।

• राजस्थान में हाइड्रोकार्बन का उत्पादन 4 बेसिन से किया जाता है, जो कि राज्य के 1.5 लाख वर्ग किमी क्षेत्र (14 जिलों) में विस्तृत है -

1. जैसलमेर बेसिन:- 1 जिला
• प्राकृतिक गैस का सर्वाधिक उत्पादन।
• प्राकृतिक गैस उत्पादन की शुरुआत - 1994
• बाघेवाला से भारी तेल का उत्पादन किया जाता है। (Heavy oil production)
• कंपनी - फोकस एनर्जी
• प्रमुख क्षेत्र - बाघेवाला, साधेवाला, तनोट, चिन्नेवाला, गमानेवाला, बकरीवाला, घोटारू

2. बाड़मेर-सांचौर बेसिन:- 2 जिला
• तेल का सर्वाधिक उत्पादन।
• यहां 205 मिलियन बैरल तेल के भंडार मिले है।
• 38 तेल क्षेत्र मिलें हैं, परंतु उत्पादन 14 क्षेत्रों से किया जा रहा है।
• प्रमुख तेल कुएं:- मंगला, शक्ति, भाग्यम, ऐश्वर्या, बायतु, गुडामालानी, शहीद तुकाराम, सरस्वती, कामेश्वरी, रागेश्वरी।
सर्वप्रथम 29 अगस्त 2009 को मंगला तेल क्षेत्र से खनिज तेल का व्यवसायिक उत्पादन शुरू हुआ।
• प्रतिदिन 1.16 लाख बैरल खनिज तेल उत्पादन किया जा रहा है।
नोट:- यहां से गैस उत्पादन भी किया जा रहा है।
• कंपनियां:- 1. केयर्न इंडिया लिमिटेड 2. फोकस एनर्जी 3. ONGC  4. ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL)

3. बीकानेर-नागौर बेसिन:- 5 जिले
Trick- हजन सिंह चेन्नई वाला + नागौर
हनुमानगढ़, बीकानेर, श्रीगंगानगर, चुरू + नागौर
• प्रमुख क्षेत्र - पूनम 

पूनम:- यह बीकानेर-नागौर बेसिन में स्थित पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र है। इसकी खोज ऑयल इंडिया लिमिटेड ने की है। यहां से प्रतिदिन 30,000 बैरल तेल उत्पादित किया जाता है।

4. विंध्यन बेसिन:- 6 जिले
• हाड़ौती - कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़
 BC - भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़

राजस्थान रिफाइनरी प्रोजेक्ट:-
• क्षमता - 9 MMTPA
• यह पचपदरा (बाड़मेर) में स्थित देश का पहला पेट्रोकेमिकल कॉन्प्लेक्स है, जिसकी शुरुआत 16 जनवरी 2018 को की गई।
• हिस्सेदारी - राज्य सरकार (26%) और HPCL (74%)
• लागत - 43129 करोड़ रूपए
• ऋण इक्विटी अनुपात - 2:1 (2 भाग ऋण लिया जाएगा 1 भाग सरकार लगाएगी)
• यह रिफाइनरी बीएस-6 मानक के उत्पादों का उत्पादन करेगी।

श्रम (Labour):-
• 1 जुलाई 2020 को राजस्थान सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी की दरों में वृद्धि की गई।
अकुशल श्रमिक - ₹252
अर्धकुशल श्रमिक - ₹264
कुशल श्रमिक - ₹276
उच्च कुशल श्रमिक - ₹326

प्रसूति सहायता योजना:-
• लड़के के जन्म पर ₹20,000
• लड़की के जन्म पर ₹21,000

सिलिकोसिस पीड़ित हिताधिकारियों हेतु सहायता योजना:-
• सिलिकोसिस पीड़ित को 3 लाख रुपए
• पीड़ित की मृत्यु पर उसके आश्रित को 2 लाख रुपए

निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट सहायता योजना:-
• औजार /टूलकिट की खरीद पर ₹2000 या वास्तविक लागत, जो भी कम हो के अनुसार सहायता राशि दी जाती है।

निर्माण श्रमिक सुलभ आवास योजना:- 
स्वयं के आवास निर्माण हेतु अधिकतम ₹1.50 लाख का अनुदान दिया जाता है।

निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना:-
सामाजिक सुरक्षा हेतु निर्माण श्रमिकों द्वारा जमा कराये गये अंशदान पर बोर्ड द्वारा 50-100% तक सहायता दी जाती है।

शुभ शक्ति योजना:-
पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की वयस्क अविवाहित पुत्रियों को और उद्यमिता विकास के माध्यम से महिला लाभार्थियों को आत्म-निर्भरता के द्वारा सशक्तिकरण हेतु ₹55,000 प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

• ब्याज पुनर्भरण योजना:- निर्माण श्रमिकों को व्यवसाय हेतु वित्तीय संस्थाओं द्वारा अधिकतम 5लाख रूपए के ऋण पर ब्याज का पुनर्भरण, मंडल करेगा।

• प्रोत्साहन योजना:-
निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा सिविल सेवाओं की प्रारंभिक प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
IAS Pre - 1 लाख रुपए
RAS Pre - - 50,000 रूपए

• ट्यूशन फीस पुनर्भरण योजना:- 
निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा आईआईटी/आईआईएम में प्रवेश पर ट्यूशन फीस का पुनर्भरण मंडल द्वारा किया जाएगा।

• निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर इनामी राशि:-
भाग लेने पर - 2 लाख रुपए
कांस्य पदक जीतने पर - 5 लाख रुपए
रजत पदक जीतने पर - 8 लाख रुपए
स्वर्ण पदक जीतने पर - 11 लाख रुपए

• निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना:- निर्माण श्रमिकों के आश्रित बच्चों द्वारा दसवीं और बारहवीं कक्षा के बोर्ड परिणामों में प्रथम 10 छात्रों में स्थान प्राप्त करने पर 1 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे।

रोजगार (Employment):-

मुख्यमंत्री युवा संबल योजना (राजस्थान बेरोजगारी भत्ता योजना):-
• 1 फरवरी 2019 से लागू।
• पुरुष अभ्यर्थियों को ₹4,000 बेरोजगारी भत्ता।
• महिला, दिव्यांग और थर्ड जेंडर को ₹4,500 बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है।
• पात्रता:- स्नातक होने के बाद आवेदन किए जाते हैं, आवेदक की उम्र 30 साल तक तथा आवेदक राजस्थान मूल का निवासी हो, साथ ही परिवार की आय 2 लाख रुपए वार्षिक होनी चाहिए।
• बेरोजगारी भत्ता अधिकतम 2 वर्षों अथवा स्व-रोजगार या रोजगार प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, दिया जाता है।
3 महीने का प्रशिक्षण दिलवाकर विभिन्न विभागों में 4 घंटे प्रतिदिन इंटर्नशिप करनी होगी।

मॉडल करियर सेंटर (MCC)
• 16 मॉडल करियर सेंटर बनाए जाएंगेे।
• उद्देश्य - करियर संबंधी परामर्श देना।
• तीन मॉडल करियर सेंटर बनाए जा चुके हैं - भरतपुर, बीकानेर, कोटा

राज कौशल पोर्टल:-
• 5 जून 2020 को मुख्यमंत्री द्वारा शुरू।
• कोविड-19 के दौरान प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने हेतु।

राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC):-
इस निगम के द्वारा राजस्थान मिशन ऑन लाइवलीहुड चलाया गया।
आजीविका पर मिशन स्थापित करने वाला राजस्थान भारत का पहला राज्य था।
RSLDC द्वारा क्रियान्वित योजनाएं:-

A. राजस्थान सरकार द्वारा पोषित योजनाएं -

रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम:-
इसका नाम बदलकर रोजगार आधारित जन कौशल विकास कार्यक्रम कर दिया गया है।
उद्देश्य:- बेरोजगार युवाओं को बाजार मांग के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार के अवसर प्रदान करना।
यह भर्ती, प्रशिक्षण और तैनाती मॉडल पर आधारित है।

नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम:-
इस योजना का नाम बदलकर इसे दो भागों में बांट दिया गया है -
a. स्वरोजगार आधारित कौशल शिक्षा महाअभियान (सक्षम)
Swarojgar Aadharit Kaushal Shiksha Mahabhiyan (SAKSHM):-
• स्वरोजगार उत्पन्न करना।
• महिला और युवाओं के लिए।
• उपयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा स्वरोजगार के अवसरों से जोड़कर स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन करना।
• प्रशिक्षण - फ्री

b. समर्थ (SAMARTH):-
• सबसे गरीब, वंचित समुदाय, भिखारियों, दलितों, कैदियों को स्वरोजगार की संभावना वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा आत्म निर्भर बनाना। ‌

प्रश्न.सक्षम और समर्थ योजनाएं संबंधित है ? - कौशल विकास से।

मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना:-
• 7 नवंबर 2019 को शुरू।
• कॉलेज स्तर पर कौशल विकास करना।
• यह एक अंब्रेला योजना है, जिसके तहत रोजगार आधारित जन कौशल विकास कार्यक्रम, सक्षम, समर्थ तीनों योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना 2.0
राजकीय विद्यालयों के नियमित छात्रों को ऑनलाईन प्रशिक्षण प्रदान करना।

प्रवासन सहायता केन्द्र:-
RSLDC द्वारा प्रशिक्षित युवाओं को उनके गृह नगर से बाहर प्रवास के दौरान स्वयं की नौकरी बनाये रखने में सहायता करने हेतु 5 प्रवासन सहायता केन्द्र की स्थापना की गई है। 
इन केन्द्रों के द्वारा प्रशिक्षित युवाओं को 90 दिनों के लिए निःशुल्क आवासीय सुविधा संकल्प प्रोजेक्ट के अन्तर्गत प्रदान की जा रही है।

B. भारत सरकार द्वारा पोषित योजनाएं -

1. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY):- 
• स्किल ट्रेनिंग और प्लेसमेंट कार्यक्रम।
• ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू।

2. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):-
• कौशल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू।
• PMKVY 2.0 मार्च 2020 से शुरू।
• PMKVY 3.0 जनवरी 2021 से शुरू।

3. संकल्प योजना:-
Skill Acquisition and Knowledge Awareness for Livelihood Promotion.
विश्व बैंक द्वारा समर्थित।
• केंद्र (60) : राज्य सरकार (40)
यह कार्यक्रम कौशल विकास पहलों की गुणवत्ता एवं बाजार प्रासंगिकता में सुधार करेगा तथा कौशल विकास कार्यक्रमों में महिलाओं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग प्रतिभागियों व समाज के अन्य वंचित समूहों की भागीदारी में भी वृद्धि करेगा।

C. विशेष योजनाएं:-
• भिक्षुक अभिविन्यास एवं पुनर्वास (भोर) कार्यक्रम-भिक्षुक मुक्त शहर:- RSLDC द्वारा पुलिस आयुक्तालय, जयपुर के समन्वय से रोजगार / स्वरोजगार के अवसरों के माध्यम से भिक्षुकों के पुनर्वास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ किये हैं।
योजनान्तर्गत लाभार्थियों को ₹225 प्रतिदिन की दर से वेतन हानि क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया।
इंदिरा महिला शक्ति कौशल समृद्धि योजना

विश्व युवा कौशल दिवस - 15 जुलाई

प्रश्न.राजस्थान सरकार द्वारा श्रमिकों के कौशल में सुधार हेतु किए गए उपायों का वर्णन कीजिए ? - 10 अंक (RAS Mains 2016)

प्रश्न.राजस्थान में पूनम क्षेत्र से आप क्या समझते हैं ? - 2 अंक (RAS Mains 2016)

प्रश्न.राज्य के बौद्धिक संपदा अधिकार पहल के अंतर्गत राजस्थान में हाल ही में किन हस्तकलाओं का भौगोलिक संकेतकों के लिए पंजीयन हुआ है ? - 2 अंक (RAS Mains)

SAVE WATER

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2 Comments

  1. करंट कब तक आएगा दिसम्बर के बाद से अभी और आगे निरंतर

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  2. Sir economic review ki pdf dalo na

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