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राजस्थान में शहरीकरण। राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2020-21

 
Urbanization in Rajasthan


राजस्थान में शहरीकरण

शहर:- ऐसा कस्बा जिसकी जनसंख्या 5,000 से अधिक हो तथा 75% से अधिक आबादी गैर-कृषि कार्यों में संलग्न हो, शहर कहलाता है।

जनगणना 2011 के अनुसार राजस्थान की जनसंख्या में शहरी आबादी 24.87% जबकि ग्रामीण आबादी 75.13% है।

विश्व में शहरी आबादी 52.10% जबकि भारत में 31.14% है।

• शहरीकरण लगातार बढ़ रहा है।

• राजस्थान में शहरी जनसंख्या - 1.7 करोड़
इसमें 52.26% पुरुष (प्रतिशत बढ़ रहा है)
47.74% महिला है। (प्रतिशत घट रहा है)

लिंगानुपात:- प्रति 1,000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या लिंगानुपात कहलाती है।
• भारत में लिंगानुपात - 943
राजस्थान में लिंगानुपात - 928
शहरी लिंगानुपात - 914 (बढ़ रहा है)
ग्रामीण लिंगानुपात - 933 (बढ़ रहा है)

बाल लिंगानुपात:- 
शहरी बाल लिंगानुपात - 874 (कम हो रहा है)
ग्रामीण बाल लिंगानुपात - 892 (कम हो रहा है)

साक्षरता:-
• भारत में साक्षरता - 73%
• राजस्थान में साक्षरता - 66.10%
शहरी साक्षरता - 79.70%   ग्रामीण साक्षरता - 61.4%
पुरुष साक्षरता - 79.20%   महिला साक्षरता - 52.10%

Urban cities (शहरी शहर):-
राजस्थान में 30 ऐसे शहर हैं, जिनकी आबादी 1 लाख से अधिक है।
• सबसे बड़ा शहर - जयपुर (30 लाख से अधिक आबादी)
• सबसे छोटा शहर - बांसवाड़ा
शीर्ष तीन शहर - जयपुर> जोधपुर> कोटा
अंतिम तीन शहर - बूंदी> सुजानगढ़> बांसवाड़ा

Urban district (शहरी जिला):-
• सबसे ज्यादा शहरी आबादी वाला जिला - कोटा (60%)
• सबसे कम शहरी आबादी वाला जिला - डूंगरपुर (6%)
शीर्ष जिले - कोटा> जयपुर> अजमेर> जोधपुर> बीकानेर
अंतिम जिले - जालौर> प्रतापगढ़> बांसवाड़ा> बाड़मेर> डूंगरपुर

प्रवासन (Migration):- अपने मूल निवास को छोड़कर दूसरी जगह पर रहना प्रवासन कहलाता है।
सबसे ज्यादा प्रवासन महिलाओं द्वारा होता है। (कारण - शादी)
• भारत से प्रवासन - 7.84 करोड़
राजस्थान से प्रवासन - 32 लाख (भारत का 4%)
पुरुषों में 49% प्रवासन का कारण रोजगार जबकि महिलाओं में 59% प्रवासन का कारण शादी है।

शहरों में घरों की स्थिति:-
69% अच्छी स्थिति में है, 29% में रह सकते हैं जबकि 2% घरों में रहना भी मुश्किल है।

विकास प्राधिकरण (Development authority):-
राजस्थान में 3 विकास प्राधिकरण बनाए गए हैं -
जयपुर विकास प्राधिकरण (1982)
जोधपुर विकास प्राधिकरण (2008)
अजमेर विकास प्राधिकरण (2013)

शहरी न्यास (Urban trust):- 14
अलवर, आबू, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, जैसलमेर, पाली, कोटा, उदयपुर, श्रीगंगानगर, सीकर, सवाई माधोपुर

राजस्थान आवासन मंडल (RHB - Rajasthan housing board):-
• स्थापना - 24 फरवरी 1970
• उद्देश्य - राज्य में आवास की आवश्यकताओं को पूरा करना।
• वर्तमान में राजस्थान के 65 शहरों में कार्यरत।
• यह समाज के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए वहन योग्य लागत पर आवास सुविधा प्रदान करता है।

राजस्थान आवासन मण्डल द्वारा किए गए नवाचार:-
1. ई-बिड सबमिशन द्वारा बुधवार नीलामी उत्सव:- 10 जून 2020 से आरम्भ इस उत्सव के अन्तर्गत मण्डल द्वारा 50% तक की छूट के साथ, 156 मासिक किस्तों में आवास क्रय करने की योजना '10% दीजिए गृह प्रवेश कीजिए' प्रारम्भ की गई।
2. अपनी दुकान-अपना व्यवसाय:-
2 अक्टूबर 2020 को शुरू।
निर्मित दुकानों/भूखण्डो का ई-बिड द्वारा निस्तारण। 
3. महात्मा गाँधी दस्तकार नगर योजना:- 
• 2 अक्टूबर 2019 को शुरू।
• 750 ऑवासीय मय कार्यशाला ईकाइयों (Housing-cum-workshop units) का निर्माण किया गया। 
4. सिटी पार्क:- मानसरोवर, जयपुर में विकसित किया जा रहा हैं।
5. 'सजग' मोबाइल एप:- इसके माध्यम से आवासन मण्डल द्वारा बनाये जा रहे आवासों के निर्माण की गुणवत्ता एवं सम्पूर्ण कार्य की प्रभावी निगरानी की जा सकती हैं।

मुख्यमंत्री शिक्षक आवास योजना एवं प्रहरी आवास योजना:-
• 20 अक्टूबर 2019 को शुरू।
• शिक्षकों एवं होमगार्ड/पुलिस के लिए आवास।

महात्मा गांधी संबल आवासीय योजना:-
• 22 अगस्त 2020
बड़ली (जोधपुर) में शुरू।
कमजोर आय वर्ग के लिए घर बनाए जा रहे हैं।

AIS Residency scheme:-
• 2 अक्टूबर 2020 को शुरू।
• प्रतापनगर, जयपुर में शुरू।
• उच्च आय वाले फ्लैट बनाए जा रहे हैं। (High income flats)

कोचिंग हब:- प्रताप नगर जयपुर में बनाया जा रहा है।
RHB Green mobile app:- सिटी पार्क मानसरोवर में पौधरोपण की निगरानी हेतु लॉन्च किया गया।

अन्नपूर्णा रसोई योजना (इंदिरा रसोई योजना):-
• 15 दिसंबर 2016 को प्रारंभ
• पहले चरण में 12 जिलों को शामिल किया गया।
• दूसरे चरण में 191 शहरों और शेष 21 जिलों को
भी शामिल कर लिया गया।
• इसमें 500 अन्नपूर्णा वाहनों का उपयोग किया गया।
• इसमें नाश्ता ₹5 तथा लंच और डिनर ₹8 में मिलता था।
• 450 ग्राम भोजन मिलता था।
• यह तमिलनाडु की अम्मा केंटीन के तर्ज पर बनाई गई है।
• योजना का संचालन अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा किया गया।

इंदिरा रसोई योजना:-
31 मार्च 2020 को अन्नपूर्णा रसोई योजना समाप्त हो गई।उसके स्थान पर 20 अगस्त 2020 को इंदिरा रसोई योजना शुरू की गई।
• अन्नपूर्णा योजना की तरह इंदिरा रसोई के पूरे प्रदेश में संचालन की जिम्मेदारी किसी एक संस्था को नहीं दी जाएगी। जिलेवार और निकायवार विभिन्न एनजीओ को इस योजना से जोड़ा जाएगा।
• इस योजना में अन्नपूर्णा वाहनों की जगह रसोई में खाना परोसा जाएगा, रसोई में बैठकर खाना खाने की व्यवस्था होगी। 
213 नगरी निकायों में 358 रसोई में बैठाकर भोजन कराया जाएगा।
• सरकारी भवनों या एनजीओ को रसोई के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।
• राज्य सरकार इस योजना पर प्रतिवर्ष 100 करोड रुपए खर्च करेगी।
• योजना के लिए जिलेवार बजट आवंटित किया जाएगा। जिला स्तर पर योजना के संचालन के लिए जिला कलेक्टर नोडल प्रभारी होंगे।
• नगर पालिका क्षेत्र में 2, नगर परिषद क्षेत्र में 5
जबकि नगर निगम क्षेत्र में 8 रसोई स्थापित होंगी।
• भोजन की अधिकतम लागत ₹20 होगी।
₹12 राज्य सरकार वहन करेगी जबकि ₹8 भोजन करने वाला वहन करेगा।
• इस योजना की टैगलाइन कोई भूखा ना सोए है।
नोट:- कोरोना रोगियों को मुफ्त भोजन प्रदान किया जा रहा है।

Town planning department:-
• अगले 20 वर्षों के लिए शहरी भूमि के उपयोग हेतु मास्टर प्लान तैयार करना।
• 210 नगरपालिका में से 184 में बनाया गया है।
• भरतपुर और अलवर जिले राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR - National Capital Region) में शामिल हैं।
• जयपुर एवं कोटा को काउंटर मैगनेट सिटी बनाया गया है।

रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी, राजस्थान (रेरा):-
• रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डवलपमेंट) एक्ट - 2016, भारत सरकार द्वारा 1 मई 2016 से आंशिक रूप से लागू किया गया तथा इस अधिनियम के सभी प्रावधान 1 मई 2017 से प्रभावी हो गए।
• 1 मई 2017 को राजस्थान सरकार द्वारा इस अधिनियम को राजस्थान रियल एस्टेट (रेग्युलेशन एंड डवलपमेंट) नियम - 2017 के नाम से अधिसूचित किया गया।
• इस अधिनियम और नियमों के तहत आवंटियों, प्रमोटरों और रियल एस्टेट एजेंटों के हितों की रक्षा करते हुए एक स्वस्थ, पारदर्शी, कुशल और प्रतिस्पर्धी रियल एस्टेट सेक्टर के विकास और संवर्धन हेतु राजस्थान सरकार द्वारा 6 मार्च 2019 को राजस्थान रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (रेरा) एवं रियल एस्टेट अपीलेट ट्रिब्यूनल का गठन किया गया।
• वेब पोर्टल:- rera.rajasthan.gov.in

दीनदयाल अंत्योदय योजना:-
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) और स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना (SJSRY) को पुनर्गठित कर दीनदयाल अंत्योदय योजना शुरू की गई।
• राज्य के 193 शहरी निकायों में लागू।
• शहरी क्षेत्र में आधारभूत ढांचे का निर्माण, स्वरोजगार, कौशल एवं रोजगार और सामाजिक जुड़ाव सुनिश्चित करना।
• शहरी बेघरों के लिए आश्रय प्रदान करना।

शहरी जन भागीदारी योजना (2004):-
• दो घटक - जन चेतना एवं विकास कार्य।
• जन भागीदारी से स्वच्छता, जन स्वास्थ्य, जल भंडारण संबंधी कार्य करना।
• प्रोजेक्ट लागत में - राज्य सरकार 50%, जन सहयोग 30% एवं संबंधित नगर निकाय 20% योगदान करते हैं।

Urban infrastructure development for small and medium towns:-
• शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा शुरू।
• यह योजना जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन में चयनित कस्बों में लागू नहीं होगी।
• प्रोजेक्ट लागत में - केंद्र सरकार 60%, राज्य सरकार 20% और स्थानीय निकाय 20% योगदान करते हैं।

राजीव आवास योजना (RAY):-
• Slum free India mission चलाया जाएगा। (झुग्गी झोपड़ियों से मुक्ति)
• इस योजना के सभी प्रोजेक्ट का विलय प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी में कर दिया गया।

राजस्थान शहरी विकास कोष (Rajasthan Urban Development Fund):-
• राज्य में शहरी क्षेत्र के विकास के लिए।
• 26 मार्च 2010 को बनाया गया।
• नोडल एजेंसी - राजस्थान शहरी पेयजल, सीवरेज एवं आधारभूत निगम (RUDSICO)
• यह 1,000 करोड़ का फंड है। (375 करोड़ राज्य सरकार + 625 करोड़ रुपए बैंकिंग/कॉर्पोरेट क्षेत्र से)

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी):-
• 2015 में शुरू।
• शहरी बेघर लोगों को 2022 तक सस्ते घर उपलब्ध करवाना।
• लाभार्थी:- 
आर्थिक दृष्टि से कमजोर (वार्षिक आय 3 लाख)
निम्न आय वर्ग (3-6 लाख)
• केंद्र राज्य की भागीदारी = 60:40

स्मार्ट सिटी मिशन
• भारत सरकार द्वारा 25 जून 2015 को शुरू किया गया।
• इसके तहत भारत के 100 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा।
• प्रत्येक शहर को 100 करोड रुपए आवंटित किए जा रहे हैं।
• गौरतलब है कि राजस्थान के 4 शहर कोटा, अजमेर, जयपुर एवं उदयपुर को स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल किया गया है। (Trick - KAJU)
• मई 2021 में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत केंद्र सरकार द्वारा जारी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की ऑनलाइन रैंकिंग में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर आया है।
• 100 शहरों की रैंकिंग में उदयपुर 8वें, कोटा 11वें, अजमेर 29वें एवं जयपुर 36वें स्थान पर है।

अमृत मिशन (AMRUT)
• अटल मिशन रेजुवनेशन एवं अर्बन ट्रांसपोर्टेशन।
• भारत सरकार द्वारा जून 2015 में शुरू।
• भारत के 500 शहरों को शामिल किया गया।
• राजस्थान के 29 शहर शामिल।
• उद्देश्य:- देश के सभी शहरों में जलापूर्ति, साफ़-सफाई और सीवेज कनेक्शन प्रदान करना है।

LED लाइट प्रोजेक्ट:-
• स्ट्रीट लाइट में एलईडी का उपयोग करना।
• यह राज्य सरकार का ऊर्जा बचत प्रोजेक्ट है।

स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) 2014
• केंद्र सरकार द्वारा शुरू
• उद्देश्य - 31 मार्च 2021 तक ODF
• क्वालिटी काउंसिल आफ इंडिया - स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति और रिपोर्ट कार्ड जारी करती है।

अन्य महत्वपूर्ण:-
• 2011-12 में शहरी यातायात के लिए 'राजस्थान परिवहन आधारभूत विकास निधि' बनाई गई।
• 2 अक्टूबर 2020 को 'नो मास्क नो एंट्री अभियान' चलाया गया। 
'सीएम भोजन योजना' के तहत 4 करोड़ फूड पैकेट्स बांटे गए।
• पीएम स्वनिधि योजना:-
PM street vendor atmanirbhar yojana.
1 जुलाई 2020 को शुरू।
स्ट्रीट वेंडर को ₹10000 का ऋण दिया जा रहा है।
यह योजना केवल शहरी स्ट्रीट वेंडर के लिए है।


शहरीकरण क्या है ?

शहरी क्षेत्रों के क्षेत्रफल, जनसंख्या जैसे कारकों का विस्तार शहरीकरण कहलाता है।
• संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का शहरों में जाकर रहना और वहां काम करना भी 'शहरीकरण' है।

शहरीकरण बढ़ने के कारण:-
• बेरोजगारी - नौकरी की तलाश में लोग शहरों में जाते हैं।
• जोत की कम भूमि और परिवार का बड़ा आकार होना।
• जाति-प्रथा
• औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरुप शहरी क्षेत्रों में भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि हुई।
• शहरी क्षेत्रों में बेहतर बुनियादी सेवाएं। (शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन)
• फैक्ट्री और कारखानों का शहरों में होना।
• ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में शहरीकरण को लक्ष्य बनाया गया।

शहरीकरण की समस्याएं:-
• शहरों पर दबाव बढ़ा है। (अतिशहरीकरण)
• आवास और गंदी बस्तियों की समस्या।
• संयुक्त परिवारों का विघटन।
• आवास और गंदी बस्तियों की समस्या।
• बढ़ी हुई जनसंख्या और औद्योगीकरण के कारण पर्यावरण प्रदूषण की समस्या।
• जननांकीय असंतुलन - शहरी प्रवास पुरुषों द्वारा अधिक किया जाता है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुष जनसंख्या में कमी आ रही है।

शहरीकरण के प्रभाव:-
• संयुक्त परिवारों के स्थान पर एकाकी परिवारों का चलन बढ़ा है।
• धार्मिक अंधविश्वासों में कमी आई है। (क्योंकि शहरों में लोग अंधविश्वासों को नहीं मानते)
• महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थितियों में परिवर्तन आया है।
• जाति आधारित भेदभाव में कमी।
• लोगों के रहन-सहन के स्तर में वृद्धि।

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