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राजस्थान में आधारभूत संरचना । राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2020-21

 
Infrastructure in Rajasthan


राजस्थान में आधारभूत संरचना

Infrastructure in Rajasthan.

आधारभूत संरचना के अंतर्गत सड़क, रेलवे, परिवहन, डाक एवं उर्जा को शामिल किया जाता है।

दिसंबर 2020 तक राजस्थान की अधिष्ठापित (Installed) ऊर्जा क्षमता 21,836 मेगावाट (21.8 गीगावाट) है।

 विवरण
2020-21 (मेगावाट)
 राज्य की स्वयं/भागीदारी की परियोजनाएं
8790.79
 केंद्रीय परियोजनाओं से राज्य को आवंटन
3288.96
 आरआरईसी, आरएसएमएमएल एवं निजी क्षेत्र पवन ऊर्जा/ बायोमास/ सौर ऊर्जा परियोजनाएं
9756.15
 कुल अधिष्ठापित ऊर्जा क्षमता
21,836 मेगावाट

राजस्थान की अधिष्ठापित ऊर्जा क्षमता में तापीय ऊर्जा की भागीदारी सर्वाधिक है।

राजस्थान में 42,562 किमी का ऊर्जा ट्रांसमिशन सिस्टम (प्रसारण नेटवर्क ) है।
इसमें घरेलू उपभोक्ता सर्वाधिक है।

ग्रामीण विद्युतीकरण:-
राज्य में कुल 43264 गांव में से 43199 गांवों का विद्युतीकरण कर दिया गया है। (99% विद्युतीकरण)

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY):-
ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित।
• उद्देश्य - 24×7 2022 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को निर्बाध बिजली आपूर्ति करना।
• बीपीएल परिवारों को बिजली कनेक्शन मुफ्त में प्रदान करना।
• नोडल एजेंसी - ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC)
• देश के सभी गांवों में ग्रामीण विद्युतीकरण के बारे में वास्तविक समय डेटा (Real time data) प्रदान करने के लिए GARV-II ऐप लॉन्च किया गया।

कुसुम योजना:-
Kisan Urja Suraksha evam Utthan Mahaabhiyan (KUSUM):-
• लक्ष्य - 2022 तक 30.8 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता प्राप्त करना।
• कुसुम योजना के तीन घटक है -
घटक (ए):- ग्राउंड माउंटेड ग्रिड कनेक्टेड सोलर प्लेट लगाना।
बंजर या कृषि योग्य भूमि पर 500 KW से 2 MW तक की सोलर प्लेट लगाई जा सकती है।
घटक (बी):- स्टैंडअलोन सोलर पंप लगाना।
व्यक्तिगत किसानों को 7.5 HP के सोलर पंप लगाने के लिए सपोर्ट किया जाएगा।
पंप लगाने में सहायता - 
केंद्र पंप लागत की 30%, 
राज्य सरकार पंप लागत की 30%, 
किसान - 40% (30 ऋण + 10 स्वयं)
घटक (सी):- डीजल चालित पंपों को सोलर पंप में बदला जाएगा। (कृषि पंपों का सौरीकरण)

नोट:- 1 अप्रैल 2021 को राज्य में पीएम कुसुम घटक-ए योजना के अंतर्गत भालोजी गांव (कोटपूतली, जयपुर) में स्थित देश के प्रथम सौर ऊर्जा संयंत्र से ऊर्जा उत्पादन शुरू हो गया।
नोट:- 4 जून 2021 को राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा क्रियान्वित पीएम कुसुम कम्पोनेन्ट-ए योजना के अंतर्गत राजस्थान के दूसरे सौर ऊर्जा संयंत्र से चूरू जिले की सरदार शहर तहसील के घडसीसर गांव में 3 जून 2021 से ऊर्जा उत्पादन प्रारम्भ हो गया हैं।

कुसुम योजना के लाभ:-
• किसानों की आय बढ़ेगी। (अधिशेष ऊर्जा की सरकार द्वारा खरीद)
• बंजर भूमि का सदुपयोग होगा।
• पर्यावरण को फायदा।
• बिजली बचेगी।
• नवीकरणीय ऊर्जा बढ़ेगी।

स्त्रोत के आधार पर ऊर्जा के प्रकार:-
1. नवीकरणीय ऊर्जा
2. अनवीकरणीय ऊर्जा

तकनीक के आधार पर ऊर्जा:-
1. परंपरागत
2. गैर-परंपरागत

भारत सरकार ने 2022 के आखिर तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है -
 सौर ऊर्जा से
 100 गीगावाट
 पवन ऊर्जा से
  60 गीगावाट
 बायोमास ऊर्जा से
  10 गीगावाट
 लघु पनबिजली से
   5 गीगावाट
    कुल 
175 गीगावाट

अक्षय ऊर्जा:-
प्राकृतिक संसाधनों, जैसे-सूर्य ताप, वायु, ज्वार और भूतापीय गर्मी से उत्पन्न ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा कहते है। जैसे - सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, पनबिजली, बायोमास और जैव ईंधन।
• इसे अक्षय ऊर्जा भी कहते है।

राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम:-
Rajasthan renewable energy corporation.
• स्थापना - 2002
• यह गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों हेतु नोडल एजेंसी है।
• अन्य कार्य - ऊर्जा की दक्षता और ऊर्जा के संरक्षण को बढ़ावा देना।

सौर ऊर्जा:-
राजस्थान में सौर ऊर्जा की अधिक संभावना के कारण निम्नलिखित हैं -
• 1 वर्ष में 325 से अधिक दिन सूर्यताप।
• 6-7 किलोवाट घंटे प्रति वर्ग मीटर प्रतिदिन सूर्यताप मिलता है।
• कम औसत वर्षा।

राजस्थान में सौर ऊर्जा की संभावित -142GW
राजस्थान में 5002 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। (कर्नाटक के बाद देश में दूसरा स्थान)

परंतु वर्तमान में राजस्थान की अधिष्ठापित सौर ऊर्जा क्षमता 2178.10 मेगावाट है। (अर्थात 2178.10 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है)

भड़ला, जोधपुर में 2245 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क का विकास चार चरणों में किया गया है -
प्रथम चरण:- 65 मेगावाट
राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी द्वारा।
द्वितीय चरण:- 680 मेगावाट
राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी द्वारा।
तीसरा चरण:- 1000 मेगावाट
IL&FS एनर्जी डेवलपमेंट कंपनी और मैसर्स सौर्य ऊर्जा कंपनी (SURAJ)
चौथा चरण:- 500 मेगावाट
अडाणी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क

पोकरण सोलर पार्क:- 750 मेगावाट
सौर्य ऊर्जा कंपनी द्वारा

फतेहगढ़ फेज - 1बी:- 1500 मेगावाट
जैसलमेर
अडाणी रिन्यूएबल एनर्जी पार्क द्वारा

नोख सोलर पार्क:- 950 मेगावाट
जैसलमेर
राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी द्वारा।

नादिया कला - जोधपुर

सोलर रूफटॉप पावर जेनरेशन स्कीम (फेज-1):-
• यह नवीकरणीय मंत्रालय, भारत सरकार की सृष्टि योजना (SRISHTI) के अंतर्गत चलाई जा रही है
• उद्देश्य - ग्रुप हाउसिंग सोसायटी या आवासीय क्षेत्र में छतों के ऊपर रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना करना।
• केंद्र द्वारा 30% वित्तीय सहायता दी जाती है।
• 1 मार्च 2019 को फेज-1 पूर्ण हो गया।

20 अगस्त 2019 को फेज-2 के दिशा-निर्देश जारी किए गए -
क्षेत्र
 संयंत्र क्षमता
 केंद्रीय अनुदान

 आवासीय क्षेत्र

3 किलोवाट तक

 40%

 आवासीय क्षेत्र

3 से अधिक तथा 10 KW तक

 20%

 ग्रुप हाउसिंग सोसायटी/रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन

 500 KW तक (प्रति आवास 10 KW)

 20%


राजस्थान की सौर ऊर्जा नीति:-
• प्रथम सौर ऊर्जा नीति - 2011
• द्वितीय सौर ऊर्जा नीति -2014
• तीसरी सौर ऊर्जा नीति - 18 दिसंबर 2019
इस नीति के तहत राज्य में 2024-25 तक 30,000 मेगावाट सौर ऊर्जा प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया है।

ग्रिड स्केल सोलर पार्क से
24,000 मेगावाट
डिस्ट्रीब्यूटेड जेनरेशन
4,000 मेगावाट
सोलर रूफटॉप
1,000 मेगावाट
 सोलर पंप
1,000 मेगावाट
    कुल 
30,000 मेगावाट

पवन ऊर्जा:-
• राजस्थान में पवन ऊर्जा क्षमता - 1,27,750 मेगावाट 
• 4337 मेगावाट क्षमता के पवन ऊर्जा संयंत्र लगाए गए हैं। 
• परंतु वर्तमान में राजस्थान की अधिष्ठापित पवन ऊर्जा क्षमता 3742 मेगावाट है।  (अर्थात 3742 मेगावाट पवन ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है)

पवन ऊर्जा नीति:-
• प्रथम पवन ऊर्जा नीति - 18 जुलाई 2012
• 18 दिसंबर 2019 को पवन ऊर्जा और हाइब्रिड ऊर्जा नीति जारी की गई।

राजस्थान में पवन ऊर्जा के प्रोजेक्ट:-
• अमर सागर - जैसलमेर (प्रथम पवन संयंत्र - 2000)
• देवगढ़ - प्रतापगढ़
• फलोदी - जोधपुर
• सोधा बंधन - जैसलमेर
• आकल - जैसलमेर
• बड़ा बाग - जैसलमेर (पहला निजी संयंत्र)

बायोमास ऊर्जा:-
• प्रमुख स्त्रोत - सरसों की तूड़ी और जूली फ्लोरा।
• दिसंबर 2020 तक 120.45 मेगावाट क्षमता के 13 बायोमास ऊर्जा उत्पादन संयंत्र स्थापित किये जा चुके हैं।

बजट 2021-22:-
• 2021 से 2050 के लिए ऊर्जा नीति लाने की घोषणा की गई।
सौर एवं पवन ऊर्जा के ट्रांसमिशन सिस्टम (प्रसारण तंत्र) को विकसित करने के लिए राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम द्वारा 6.3 गीगावाट का ग्रीन कॉरिडोर विकसित किया जाना प्रस्तावित है जिससे जैसलमेर बाड़मेर जालौर एवं जोधपुर में नई परियोजनाएं शुरू की जा सकेगी।

सड़क:-
• 1949 में राजस्थान में सड़क मार्ग - 13553 किमी
• 2020 में सड़क मार्ग - 2,69,028 किमी
• राजस्थान का सड़क घनत्व - 78.61 किमी
• भारत का सड़क घनत्व - 152 किमी

वर्गीकरण
सड़कों की लंबाई (किमी)
राष्ट्रीय राजमार्ग (NH)
10618.09
राज्य राजमार्ग
15621.25
मुख्य जिला सड़क
8779.95
अन्य जिला सड़क
53791.52
ग्रामीण सड़क
180217.35
कुल योग
269028.16

सड़कों की लंबाई घटते क्रम में:-
ग्रामीण सड़क> अन्य जिला सड़क>राज्य राजमार्ग>राष्ट्रीय राजमार्ग>मुख्य जिला सड़क

नोट:- मार्च 2019 तक राज्य के कुल गांव 43264 में से 37535 गांव (लगभग 87%) सड़कों से जुड़ चुके हैं।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY):-
• शुरुआत - 25 दिसंबर 2000
• उद्देश्य - ग्रामीण इलाकों में 500 या इससे अधिक की आबादी वाले तथा पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्र में 250 लोगों की आबादी वाले गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ना।
• इसका तीसरा चरण 2019-20 से 2024-25 के लिए चलाया जा रहा है।

राज्य सड़क निधि ग्रामीण संपर्क योजना:- 500 से अधिक की आबादी वाले गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ा जा रहा है।

भारतमाला परियोजना:-
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी ‘भारतमाला परियोजना’ के चरण-I के तहत 5,35,000 करोड़ रुपए की लागत से 34,800 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जाएगा।
इस कार्यक्रम की अवधि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 तक है।
5,000 किलोमीटर राष्ट्रीय कॉरिडोर।
9,000 किलोमीटर आर्थिक कॉरिडोर।
6,000 किलोमीटर फीडर कॉरिडोर और इंटर कॉरिडोर।
2,000 किलोमीटर सीमावर्ती सड़कें।
2,000 किलोमीटर तटवर्ती सड़कें एवं बंदरगाह संपर्क सड़कें।
800 किलोमीटर हरित क्षेत्र एक्सप्रेस वे।
10,000 किलोमीटर अधूरे सड़क निर्माण कार्य।
• भारतमाला परियोजना के अंतर्गत राज्य में 1039 किमी लंबाई के 5 कार्य प्रगति पर है।

सागरमाला परियोजना:-
इस योजना द्वारा 7500 किमी. लंबी समुद्री तट रेखा के आस-पास बंदरगाहों के इर्द-गिर्द प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष विकास को बढ़ावा देना है। 
योजना के अंतर्गत आठ तटीय राज्यों को चिन्हित किया गया है जिनमें गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल शामिल हैं।
• नोडल एजेंसी - केंद्रीय शिपिंग मंत्रालय

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC):-
• स्थापना - 1 अक्टूबर 1964 (सड़क परिवहन निगम अधिनियम 1950 के अधीन)
• कोविड-19 के कारण हरिद्वार के लिए मोक्षकलश सेवाओं का संचालन किया जा रहा है।

ग्रामीण गौरव पथ योजना:-
• शुरू - 2014-15
• आगामी 3 वर्ष में प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर 1 किमी सीसी सड़क का निर्माण करना।

विकास पथ:-
आगामी 5 वर्षों में प्रत्येक ग्राम पंचायत में 1 किमी लंबे 'वाल टू वाल विकास पथ' का निर्माण करना। 
पथ के दोनों ओर नाली का निर्माण किया जाएगा।

राजस्थान सड़क क्षेत्र आधुनिकीकरण योजना:-
• 2013-14
• विश्व बैंक द्वारा सहायता प्राप्त।

राजस्थान स्टेट हाईवे प्राधिकरण:-
2 जून 2015 को स्थापित।

रिडकोर:-
सड़क क्षेत्र में पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) को बढ़ावा देने का कार्य करता है।

राजस्थान सड़क विकास निधि:-
• 2004
• पेट्रोलियम पर 50 पैसे प्रति लीटर उपकर वसूलकर इस निधि में धनराशि जमा की जाती है।

नोट:- पीपीपी में एशियाई विकास बैंक एवं विश्व बैंंक द्वारा सहयोग किया जा रहा है।

राज्य सड़क नीति:-
प्रथम सड़क नीति - 1994
दूसरी सड़क नीति - 2002
तीसरी सड़क नीति - 2013

बजट घोषणा 2021-22:-
• नई राज्य सड़क नीति 2021 लाई जाएगी।
• जीवन रक्षक योजना:- दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को समय से हॉस्पिटल पहुंचाने वाले भले व्यक्ति को ₹5000 प्रोत्साहन राशि और सर्टिफिकेट दिया जाएगा।
घायल व्यक्ति का निजी या सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज किया जाएगा। (बिना किसी पहचान पात्रता के)
• 100 करोड़ का समर्पित सड़क सुरक्षा कोष बनाया जाएगा।
• सुमेरपुर (पाली) पोकरण (जैसलमेर), सादुलशहर (गंगानगर) में जिला परिवहन कार्यालय (DTO) खोले जाएंगे।

रेलवे:-
मार्च 2019 के अंत तक राज्य में रेल मार्गों की कुल लंबाई 5937 किमी थी, जो कि कुल भारतीय रेल मार्ग 67,415 किमी की 8.81% है।

डाक:-
मार्च 2020 के अंत तक राज्य में कुल डाकघरों की संख्या 10,307 थी।

जयपुर मेट्रो:-
• 1 जनवरी 2010 को जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की स्थापना की गई।
• प्रथम चरण - मानसरोवर से चांदपोल
• शिलान्यास - 24 फरवरी 2011
• एशियाई विकास बैंक द्वारा सहायता प्राप्त।**
• फेज-1-बी - 23 सितंबर 2020 से चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक 2.4 किलोमीटर लंबी भूमिगत रेल लाईन।

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1 Comments

  1. Sagarmala project me goa nahi hai puducherry hai uski jagah..plz correct

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