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राजस्थान में औद्योगिक विकास । राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2020-21

 
Industrial development in Rajasthan


राजस्थान में औद्योगिक विकास

Industrial development in Rajasthan.

सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA) में क्षेत्रवार योगदान 2020-21:-
1. स्थिर कीमतों पर (आधार वर्ष 2011-12) -
• सेवा क्षेत्र - 42.40%
• कृषि क्षेत्र - 29.45%
• उद्योग क्षेत्र - 28.15%
2. प्रचलित कीमतों पर Current Prices -
• सेवा क्षेत्र - 45.43%
• कृषि क्षेत्र - 29.77%
• उद्योग क्षेत्र - 24.80%
नोट:-कोविड-19 के कारण उद्योग क्षेत्र में कमी तथा कृषि क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है।
• प्रचलित कीमतों पर उद्योग क्षेत्र (24.80%) में -
विनिर्माण क्षेत्र - 9.31% (सर्वाधिक योगदान)
खनन का योगदान - 4.15%

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक
(IIP = Index of Industrial Production)
• प्रतिमाह जारी किया जाता है।
• आधार वर्ष - 2011-12
• जारीकर्ता - केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO)
• 3 आधार - विनिर्माण, खनन, बिजली
• राजस्थान में आईआईपी की ग्रोथ -
2016-17 से 2018-19 तक बढ़ी जबकि 2019-20 और 2020-21 में घटी है।

भारत में 8 मुख्य उद्योग है (Core Industry):-
भारांश के घटते क्रम में -
1. रिफाइनरी उत्पाद 2. विद्युत Electricity 3. स्टील
Trick - RES
4. कोयला    5. कच्चा तेल  6. प्राकृतिक गैस
7. सीमेंट      8. उवर्रक

• भारत में आईआईपी में 407 वस्तुओं को शामिल किया जाता है।
• 8 कोर इंडस्ट्री का आईआईपी में भारांश 40.27% है।

 क्षेत्र
 वजन (Weight)
 वस्तु

 खनन

 14.37%

 1

 विनिर्माण

 77.63%

 405

 विद्युत

 7.99%

 1

 कुल

 100%

 
 
राजस्थान में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक:-
• आधार वर्ष - 2011-12
• 156 वस्तु शामिल

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाईयां (MSME):-
MSME - micro, small and medium enterprises.

 MSME
 सूक्ष्म
 लघु
 मध्यम
 निवेश
 < 1 करोड़
 < 10 करोड़
 < 50 करोड़
 टर्नओवर
 < 5 करोड़
 < 50 करोड़
 < 250 करोड़
 
उद्योग आधार मेमोरेंडम (UAM):-
• एमएसएमई का ऑनलाइन पंजीकरण करने हेतु 18 सितंबर 2015 से शुरू।
• 1 जुलाई 2020 से UAM पोर्टल के स्थान पर URP शुरू किया गया।
URP - Udyam Registration Portal उद्यम पंजीकरण पोर्टल।

एमएसएमई को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान सरकार के प्रयास:-
1. URP के द्वारा एमएसएमई का पंजीकरण।
2. राजस्थान सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेंट एंड ऑपरेशन) अधिनियम 2019 -
• उद्देश्य - एमएसएमई की परेशानी मुक्त स्थापना को प्रोत्साहित करना।
• 12 जून 2019 को राज उद्योग मित्र पोर्टल की शुरूआत की गई।
इंटेंट की घोषणा (डिक्लेरेशन ऑफ इंटेंट) प्रस्तुत करने पर नोडल एजेंसी एमएसएमई को 'पावती प्रमाण पत्र' जारी करती है।
पावती प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से 3 साल तक एमएसएमई को राज्य के सभी कानूनों के तहत अनुमोदन (Approval) और निरीक्षण (Inspection) से छूट दी जाती है।

3. मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना (MLUPY):-
• 13 दिसंबर 2019 को शुरू।
• एमएसएमई को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु। (10 करोड़ तक)
25 लाख रुपए के ऋण तक - 8% ब्याज सब्सिडी सरकार देगी।
5 करोड़ रुपए के ऋण तक - 6% ब्याज सब्सिडी सरकार देगी।
10 करोड़ रुपए के ऋण तक - 5% ब्याज सब्सिडी सरकार देगी।

4. सुविधा केंद्र का निर्माण -
• MIFC (MSME investment facilitation centre एमएसएमई निवेशक सुविधा केंद्र) - 3
जयपुर, जोधपुर, अजमेर में 3 MIFC की स्थापना की गई।
• अन्य सुविधा परिषद - 9

निर्यात:-

राजस्थान द्वारा निर्यात (Export):-
• राजस्थान में मुख्यतः 16 उत्पादों का निर्यात किया जाता है।
• राजस्थान के निर्यात में 50% से अधिक योगदान देने वाली शीर्ष पांच वस्तुएं निम्नलिखित हैं -
1. इंजीनियरिंग गुड्स > 2. टेक्सटाइल (वस्त्र) > 3. हैंडीक्राफ्ट (हस्तशिल्प) > 4. जेम्स एंड ज्वेलरी > मेटल (धातु)

Trick :- ETHGM - Everyday The Hindu पढ़कर Good Morning करता हूं।

• कुल निर्यात - 49946.10 करोड़
लगातार 4 वर्षों से बढ़ रहा था परंतु पिछले वर्ष में कोविड-19 के कारण निर्यात घटा है।

राजस्थान में निर्यात को प्रोत्साहन देने हेतु किए गए प्रयास:-

1. राज्य स्तरीय निर्यात पुरस्कार:-
• राजस्थान औद्योगिक नीति 1994 में घोषणा की गई।
• 16 श्रेणी में 33 उत्कृष्ट निर्यातकों को दिया जाता है।
• प्रतिवर्ष एक निर्यातक को 'लाइफटाइम अचीवमेंट एक्सपोर्ट रत्न अवार्ड' दिया जाता है।

2. राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद (REPC) - 8 नवंबर 2019 को गठित।
3. राजस्थान निर्यात संवर्धन समन्वय परिषद (REPCC) - 25 अक्टूबर 2019 को गठित।
4. निर्यात संवर्धन हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम:-
• 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत शुरू
• यह दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम है।
• इसकी क्रियान्वयन अवधि 31 मार्च 2023 तक बढ़ा दी गई है।
संघवाद के विभिन्न प्रकार:- केंद्रीय संघवाद, टकराव संघवाद, सहयोगी संघवाद, प्रतिस्पर्धी संघवाद आदि
प्रतिस्पर्धी संघवाद - राज्यों-राज्यों एवं राज्य-केंद्र के मध्य प्रतिस्पर्धा।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स (EoDB):-
विश्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है।
• इसी के आधार पर डीपीआईआईटी (वाणिज्य मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा प्रतिवर्ष राज्यों के लिए बिजनेस रिफॉर्म एक्शन प्लान (BRAP) जारी किया जाता है।

DPIIT - department for promotion of industry and internal trade.

BRAP के तहत डीपीआईआईटी और विश्व बैंक द्वारा मिलकर राज्यों के लिए "इज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग" निकाली जाती है।
• पहली बार 2015 में निकाली गई।
• 2019 में चौथे संस्करण में राजस्थान को आठवीं रैंक मिली।
शीर्ष तीन राज्य - 1. आंध्र प्रदेश 2. उत्तर प्रदेश 3. तेलंगाना

राजस्थान में उद्योग विभाग:-
• 36 जिला उद्योग केंद्र
• 8 उप-केंद्र
• 3 एमएसएमई निवेशक सुविधा केंद्र - जयपुर, जोधपुर, अजमेर
• विवाद निवारण तंत्र समिति
राज्य स्तर पर चेयरमैन - मुख्य सचिव
जिला स्तर पर अध्यक्ष - जिला कलेक्टर
• 9 सुविधा परिषदों का गठन - विलंबित भुगतान के मामलों के निराकरण के लिए किया गया है। (2 राज्य स्तर पर + 7 संभाग स्तर पर)

राजस्थान की औद्योगिक नीतियां:-
राजस्थान में अभी तक 7 औद्योगिक नीति जारी की जा चुकी हैं -
नीति
मुख्यमंत्री
पहली (24 जून 1978)
भैरोंसिंह शेखावत
दूसरी (1991)
भैरोंसिंह शेखावत
तीसरी (1994)
भैरोंसिंह शेखावत
चौथी (1998)
भैरोंसिंह शेखावत
पांचवी (2010)
अशोक गहलोत
छठी (2015)
वसुंधरा राजे
सातवीं (1 जुलाई 2019)
अशोक गहलोत

2019 में राजस्थान औद्योगिक विकास नीति जारी की गई।

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS):-
• 17 दिसंबर 2019 को लागू।
• उद्देश्य - उद्योगों को कर (Tax) में छूट देने हेतु।
अर्थात राजस्थान में नई इंडस्ट्री को 7 वर्षों तक एसजीएसटी में 100% तक छूट प्रदान करना।

कार्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) राजस्थान:-
कंपनी एक्ट 2013 की धारा 135 के तहत ऐसी कंपनी जिसका वार्षिक शुद्ध लाभ 5 करोड़ या कुल नेटवर्थ 50 करोड़ अथवा टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपए हो अपने पिछले 3 वर्ष के कुल लाभ के औसत का 2% CSR गतिविधियों में खर्च करेंगी।

राजस्थान में निवेश प्रोत्साहन से संबंधित संगठन:-

1. निवेश संवर्धन ब्यूरो (BIP)
BIP - bureau of investment promotion.
• स्थापना - 1991
• उद्देश्य - बड़े उद्योगों की स्थापना हेतु निवेश को प्रोत्साहित करना।
• अध्यक्ष - मुख्य सचिव***
• घरेलू एवं विदेशी निवेश को आकर्षित करती है।
• BIP केवल बड़े निवेश प्रस्तावों पर कार्य करती है। (10 करोड़ से अधिक के)
• वर्ष 2020 में इसके तहत 5 प्रोजेक्ट में 47409 करोड़ रुपए का निवेश हुआ।

• सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम:- 
BIP द्वारा शुरू।
15 विभागों की 105 सेवाएं एक ही स्थान पर प्रदान की जा रही है।
उद्देश्य - बड़े उद्योगों को समयबद्ध तरीके से लाइसेंस, अनुमति व अनुमोदन दिलाना।

• वन स्टॉप शॉप सिस्टम:-
16 सितंबर 2020 को अधिसूचना जारी।
निवेश बोर्ड का गठन किया गया है, जिसका अध्यक्ष मुख्यमंत्री है।
10 करोड़ से अधिक का निवेश होने पर 14 विभागों की 98 सेवाएं एक ही स्थान पर प्रदान की जा रही है।

2. राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (RIICO):-
Rajasthan State Industrial development and investment corporation limited.
• औद्योगिक विकास हेतु शीर्ष संस्था।
• स्थापना - 1980
• कार्य:- तीव्र औद्योगिक विकास करना, लघु एवं मध्यम ऋण, तकनीकी सलाह, मर्चेंट बैंकिंग का कार्य।

रीको द्वारा निम्नलिखित का विकास किया गया है -
चार एग्रो फूड पार्क:- बोरनाडा (जोधपुर), कोटा, अलवर, श्रीगंगानगर (BJCAS - बीए पढ़ी जोधपुर की छोरी अलवर के लड़के को सुंदर लगी)
कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र (AFPA) - तिंवरी (जोधपुर) [ Trick - कृषि क्रांति)
• जापानी पार्क:-
नीमराना (अलवर) - 45 इकाइयां कार्यरत
घिलोठ (अलवर) 
• विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ):-
रीको द्वारा राजस्थान में 2 सेज संचालित है।
जेम्स एंड ज्वेलरी - सीतापुरा (जयपुर)
महिंद्रा वर्ल्ड सिटी - जयपुर
• पचपदरा एकीकृत औद्योगिक केंद्र
• अलवर में कौशल केंद्र

राजस्थान लघु उद्योग विकास निगम (Rajsico):-
• स्थापना - 3 जून 1961
• कार्य - यह लघु इकाईयों के लिए कार्य करती है।
लघु इकाईयों को कच्चा माल, साख (Credit), तकनीकी सलाह, उद्यमियों को प्रशिक्षण तथा वस्तुओं के विपणन (Marketing) की सुविधा प्रदान करना।
प्रदर्शनी, सेमिनार तथा व्यापार मेलों का आयोजन करना।
• हस्तशिल्पों को बढ़ावा देने के लिए राजसीको जयपुर, उदयपुर, दिल्ली एवं कोलकाता में 'राजस्थली' नामक विपणन केंद्र चलाती है।
• आयात-निर्यात के लिए राजसीको द्वारा जयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी में शुष्क बंदरगाह (इनलैण्ड कंटेनर डिपो) बनाए गए हैं।
• हवाई मार्ग से आयात-निर्यात के लिए सांगानेर एयरपोर्ट, जयपुर पर एयर कार्गो कॉम्पलेक्स बनाया गया है।

राजस्थान वित्त निगम (RFC)
Rajasthan Financial Corporation.
• स्थापना - 1955
• उद्देश्य - नए उद्योगों को स्थापित करना व पुराने उद्योगों का विस्तार करना।
• इसके द्वारा 20 करोड़ तक के ऋण प्रदान किए जाते हैं। (नोट:- BIP ऋण नहीं देता)
युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना:-
2013-14 में शुरू।
युवाओं (अधिकतम 45 वर्ष की आयु) को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना।
राज्य सरकार द्वारा 1.5 करोड़ रुपए ऋण पर 6% ब्याज अनुदान दिया जा रहा है।
सरकार ने 1,000 औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय सहायता का लक्ष्य निर्धारित किया है।

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC):-
• उद्देश्य - नए औद्योगिक शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना तथा बुनियादी ढांचे का निर्माण करना। (रेल व सड़क मार्ग)
• इसमें 6 राज्य तथा 1 केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली शामिल है। (उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र)
• दादरी (यूपी) से जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (मुंबई) के बीच रेल कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है।
• कुल लंबाई - 1483 किमी
• इस प्रोजेक्ट का विकास जापान की सहायता से किया जा रहा है।
• कुल लागत - 90 बिलियन डॉलर

राजस्थान में:-
• राजस्थान में इसकी लंबाई 559 किमी (कुल लंबाई की लगभग 39%)
डीएमआईसी प्रोजेक्ट राजस्थान के 22 जिलों तथा 60% क्षेत्र को प्रभावित करता है।
• इसके तहत राजस्थान में 5 नोड बनाए जा रहे हैं।
प्रथम चरण -
1. खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र 
2. जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र
दूसरा चरण -
3. अजमेर-किशनगढ़ निवेश क्षेत्र
4. जयपुर-दौसा औद्योगिक क्षेत्र
5. राजसमंद-भीलवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र

खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र (Investment Region):-
• 165 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल।
• अलवर के 42 गांव शामिल।

जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area):-
• 154 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल।
• 9 गांव शामिल।
• 12 अक्टूबर 2020 को विशेष निवेश क्षेत्र (SIR - Special Investment Region) घोषित किया गया।

राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम:-
• 26 अप्रैल 2016 को अधिसूचित।
• राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र बोर्ड का गठन किया गया।
'भिवाड़ी इंटीग्रेटेड टाउनशिप' (BIT) को पहला विशेष निवेश क्षेत्र (SIR) घोषित किया गया। 
बीआईटी में अलवर जिले के 363 गांव शामिल है।
• दूसरा SIR - जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र।

खादी एवं ग्रामोद्योग:-
• 1955 में खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड का गठन।
• उद्देश्य - असंगठित क्षेत्र के कारीगरों को रोजगार,
  - उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पादन में सहायता करना,
 - दस्तकार को प्रशिक्षण प्रदान करना।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
लघु खादी परियोजना
• भारत सरकार द्वारा संचालित
• क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी प्रोग्राम
• 18+ आयु वर्ग के लिए
• 12 वीं पंचवर्षीय योजना में शुरू
• पुराना नाम - खादी एक नई पहल
• बजट 2020-21 में 50 लाख रु. आवंटित
 
राजस्थान में खनन:-

• राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहा जाता है।
यहां 81 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, जिन में से 57 प्रकार के खनिजों का उत्पादन किया जाता है।

• खनन की अनुमति (माइनिंग लीज) ई-ऑक्शन द्वारा दी जाती है।

राजस्थान की खनिज उत्पादन में स्थिति:-

एकमात्र उत्पादक (Sole Producer)
• सीसा • जस्ता • सेलेनाईट • वोलेस्टोनाईट

Trick - सीसा जैसी वॉल

लगभग पूरा उत्पादन (90-95%)
• चांदी  • केल्साइट • जिप्सम

उत्पादन में अच्छी स्थिति (Prominent Position)
• मार्बल 
• सेंड स्टोन
• ग्रेनाइट
सर्वाधिक उत्पादन (Leading Producer)
अर्थात निम्नलिखित का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता है -
• बाल क्ले Ball Clay
• फॉस्फोराइट Phosphorite
• हरमच/गेरु Ochre 
Trick - बी पी 0
• फेल्सपर Felspar
• फायर क्ले Fire Clay
Trick - फेल होने के बाद फायर
• Steatite
• Steel grade and cement grade limestone

राजस्थान राज्य खनिज लिमिटेड (RSML):-
• स्थापना - 30 अक्टूबर 1974
• राज्य सरकार का उपक्रम (PSU)
• उद्देश्य - 
खनिजों का वैज्ञानिक रूप से अन्वेषण करना।
खनिज विपणन (Marketing) का कार्य।
लागत प्रभावी (Cost effective) तकनीक का प्रयोग करना।
खनन क्षेत्रों के निकट स्थान का विकास करना।
• चार केंद्र -
1. रॉक फास्फेट - झामरकोटडा (उदयपुर)
2. जिप्सम - बीकानेर
3. लाइमस्टोन (चूना पत्थर) - जोधपुर
4. लिग्नाइट - जयपुर

डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाऊंडेशन ट्रस्ट (DMFT):-
• भारत सरकार द्वारा 2015 में स्थापित।
• खनन कार्य वाले जिले के विकास हेतु।

तेल एवं प्राकृतिक गैस (Oil and natural gas):-
• अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। 
भारत में विश्व की कुल खपत का 5% तेल खपत करता है। 
अमेरिका> चीन > भारत

• भारत कुल घरेलू खपत का 16% तेल उत्पादित जबकि शेष 84% आयात करता है।
• भारत के कुल कच्चे तेल उत्पादन 32 (मिलियन मेट्रिक टन प्रति वर्ष MMTPA) में राजस्थान का योगदान 7 MMTPA (22-23%) है।
• बॉम्बे हाई (40%) के बाद राजस्थान दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है।
• तेल से राजस्थान को राजस्व - 2560 करोड़ रुपए

• राजस्थान में हाइड्रोकार्बन का उत्पादन 4 बेसिन से किया जाता है, जो कि राज्य के 1.5 लाख वर्ग किमी क्षेत्र (14 जिलों) में विस्तृत है -

1. जैसलमेर बेसिन:- 1 जिला
• प्राकृतिक गैस का सर्वाधिक उत्पादन।
• प्राकृतिक गैस उत्पादन की शुरुआत - 1994
• बाघेवाला से भारी तेल का उत्पादन किया जाता है। (Heavy oil production)
• कंपनी - फोकस एनर्जी
• प्रमुख क्षेत्र - बाघेवाला, साधेवाला, तनोट, चिन्नेवाला, गमानेवाला, बकरीवाला, घोटारू

2. बाड़मेर-सांचौर बेसिन:- 2 जिला
तेल का सर्वाधिक उत्पादन।
• यहां 234 मिलियन बैरल हाइड्रोकार्बन भंडार की संभावना है।
• 38 तेल क्षेत्र मिलें हैं, परंतु उत्पादन 14 क्षेत्रों से किया जा रहा है।
• प्रमुख तेल कुएं:- मंगला, शक्ति, भाग्यम, ऐश्वर्या, बायतु, गुडामालानी, शहीद तुकाराम, सरस्वती, कामेश्वरी, रागेश्वरी।
सर्वप्रथम 29 अगस्त 2009 को मंगला तेल क्षेत्र से खनिज तेल का व्यवसायिक उत्पादन शुरू हुआ।
• प्रतिदिन 1.15 लाख बैरल खनिज तेल उत्पादन किया जा रहा है।
नोट:- यहां से गैस उत्पादन भी किया जा रहा है।
• कंपनियां:- 1. केयर्न इंडिया लिमिटेड 2. फोकस एनर्जी 3. ONGC  4. ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL)

3. बीकानेर-नागौर बेसिन:- 5 जिले
Trick-जन सिंचेन्नई वाला + नागौर
हनुमानगढ़, बीकानेर, श्रीगंगानगर, चुरू + नागौर
• प्रमुख क्षेत्र - पूनम 

पूनम:- यह बीकानेर-नागौर बेसिन में स्थित पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र है। इसकी खोज ऑयल इंडिया लिमिटेड ने की है। यहां से प्रतिदिन 30,000 बैरल तेल उत्पादित किया जाता है।

4. विंध्यन बेसिन:- 6 जिले
हाड़ौती - कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़
BC - भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़

राजस्थान रिफाइनरी प्रोजेक्ट:-
• क्षमता - 9 MMTPA
• यह पचपदरा (बाड़मेर) में स्थित देश का पहला पेट्रोकेमिकल कॉन्प्लेक्स है, जिसकी शुरुआत 16 जनवरी 2018 को की गई।
• हिस्सेदारी - राज्य सरकार (26%) और HPCL (74%)
• लागत - 43129 करोड़ रूपए
• ऋण इक्विटी अनुपात - 2:1 (2 भाग ऋण लिया जाएगा 1 भाग सरकार लगाएगी)
• यह रिफाइनरी बीएस-6 मानक के उत्पादों का उत्पादन करेगी।

श्रम (Labour):-
• 1 मई 2019 को राजस्थान सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी की दरों में वृद्धि की गई।
अकुशल श्रमिक - ₹225
अर्धकुशल श्रमिक - ₹237
कुशल श्रमिक - ₹249
उच्च कुशल श्रमिक - ₹299

1 जुलाई 2020 से नई न्यूनतम मजदूरी दर प्रभावी:-
अकुशल श्रमिक - ₹252
अर्धकुशल श्रमिक - ₹264
कुशल श्रमिक - ₹276
उच्च कुशल श्रमिक - ₹326

• ब्याज पुनर्भरण योजना:- निर्माण श्रमिकों को व्यवसाय हेतु वित्तीय संस्थाओं द्वारा अधिकतम 5लाख रूपए के ऋण पर ब्याज का पुनर्भरण, मंडल करेगा।

• प्रोत्साहन योजना:-
निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा सिविल सेवाओं की प्रारंभिक प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
IAS Pre - 1 लाख रुपए
RAS Pre - - 50,000 रूपए

• ट्यूशन फीस पुनर्भरण योजना:- 
निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा आईआईटी/आईआईएम में प्रवेश पर ट्यूशन फीस का पुनर्भरण मंडल द्वारा किया जाएगा।

• निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर इनामी राशि:-
भाग लेने पर - 2 लाख रुपए
कांस्य पदक जीतने पर - 5 लाख रुपए
रजत पदक जीतने पर - 8 लाख रुपए
स्वर्ण पदक जीतने पर - 11 लाख रुपए

निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना:- निर्माण श्रमिकों के आश्रित बच्चों द्वारा दसवीं और बारहवीं कक्षा के बोर्ड परिणामों में प्रथम 10 छात्रों में स्थान प्राप्त करने पर 1 लाख रुपए प्रदान किए जाएंगे।

रोजगार (Employment):-

मुख्यमंत्री युवा संबल योजना (राजस्थान बेरोजगारी भत्ता योजना):-
• 1 फरवरी 2019 से लागू।
• पुरुष अभ्यर्थियों को ₹4,000 बेरोजगारी भत्ता।
• sc-st, महिला, दिव्यांग और थर्ड जेंडर को ₹4,500 बेरोजगारी भत्ता दिया जा रहा है।
• पात्रता:- स्नातक होने के बाद आवेदन किए जाते हैं, आवेदक की उम्र 30 साल तक तथा आवेदक राजस्थान मूल का निवासी हो, साथ ही परिवार की आय 2 लाख रुपए वार्षिक होनी चाहिए।
• बेरोजगारी भत्ता अधिकतम 2 वर्षों अथवा स्व-रोजगार या रोजगार प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, दिया जाता है।
• 3 महीने का प्रशिक्षण दिलवाकर विभिन्न विभागों में 4 घंटे प्रतिदिन इंटर्नशिप करवाई जा रही है।

राजीव गांधी युवा कोर का गठन:-
इसकी बजट में घोषणा की गई।
2,500 राजीव गांधी युवा मित्रों का चयन किया जाएगा।
कार्य - सरकारी कार्यक्रमों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
50,000 महिला-पुरुष राजीव गांधी युवा वॉलिंटियर्स भी बनाए जाएंगे।

मॉडल करियर सेंटर (MCC)
• 16 मॉडल करियर सेंटर बनाए जाएंगेे।
• उद्देश्य - करियर संबंधी परामर्श देना।
• तीन मॉडल करियर सेंटर बनाए जा चुके हैं - भरतपुर, बीकानेर, कोटा

राज कौशल पोर्टल:-
• 5 जून 2020 को मुख्यमंत्री द्वारा शुरू।
• कोविड-19 के दौरान प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने हेतु।

राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC):-
इस निगम के द्वारा राजस्थान मिशन ऑन लाइवलीहुड चलाया गया।
आजीविका पर मिशन स्थापित करने वाला राजस्थान भारत का पहला राज्य था।
RSLDC द्वारा क्रियान्वित योजनाएं:-

A. राजस्थान सरकार द्वारा पोषित योजनाएं -

1. रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम:-
इसका नाम बदलकर रोजगार आधारित जन कौशल विकास कार्यक्रम कर दिया गया है।
यह भर्ती, प्रशिक्षण और तैनाती मॉडल पर आधारित है।

2. मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना:-
• 7 नवंबर 2019 को शुरू।
• कॉलेज स्तर पर कौशल विकास करना।
• 17 से 30 वर्ष के युवाओं के लिए।

3. नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम:-
इस योजना का नाम बदलकर इसे दो भागों में बांट दिया गया है -
a. स्वरोजगार आधारित कौशल शिक्षा महाअभियान (सक्षम)
Swarojgar Aadharit Kaushal Shiksha Mahabhiyan (SAKSHM):-
• स्वरोजगार उत्पन्न करना।
• महिला और युवाओं के लिए।
• 15 से 45 आयु वर्ग के लिए।
• प्रशिक्षण - फ्री

b. समर्थ (SAMARTH):-
• सबसे गरीब, वंचित समुदाय और भिखारियों को लाभ पहुंचाने हेतु।
•  15 से 50 आयु वर्ग के लिए।

प्रश्न.सक्षम और समर्थ योजनाएं संबंधित है ? - कौशल विकास से।

B. भारत सरकार द्वारा पोषित योजनाएं -

1. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY):- 
• स्किल ट्रेनिंग और प्लेसमेंट कार्यक्रम।
• ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू।

2. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):-
• कौशल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू।
• PMKVY 2.0 मार्च 2020 से शुरू।
• PMKVY 3.0 जनवरी 2021 से शुरू।

3. संकल्प योजना:-
Skill Acquisition and Knowledge Awareness for Livelihood Promotion.
• विश्व बैंक द्वारा समर्थित।
• केंद्र (60) : राज्य सरकार (40)

प्रश्न.राजस्थान सरकार द्वारा श्रमिकों के कौशल में सुधार हेतु किए गए उपायों का वर्णन कीजिए ? - 10 अंक (RAS Mains 2016)

प्रश्न.राजस्थान में पूनम क्षेत्र से आप क्या समझते हैं ? - 2 अंक (RAS Mains 2016)

प्रश्न.राज्य के बौद्धिक संपदा अधिकार पहल के अंतर्गत राजस्थान में हाल ही में किन हस्तकलाओं का भौगोलिक संकेतकों के लिए पंजीयन हुआ है ? - 2 अंक (RAS Mains)

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