मानव कंकाल तंत्र
बाहरी कंकाल तंत्र:- वह कंकाल तंत्र जो अंत: कंकाल तंत्र का बाहरी आवरण होता है। जैसे - त्वचा, बाल, रोम छिद्र, नाखून
त्वचा में 3 परत होती है:- 1. त्वचा/Skin (एपिडर्मिस) - सबसे बाहर की तरफ 2. डर्मिस 3. एडिपोस ऊत्तक/वसामय ऊत्तक - इसमें वसा का जमाव होता है। वसा ऊष्मा की कुचालक होती है। शरीर का सबसे बड़ा अंग है ? - डर्मिस बलबर:- कुछ प्राणियों के शरीर पर वसा की बहुत मोटी और सख्त परत मिलती हैं, जिसका मुख्य कार्य ऊष्मा की क्षति को रोकना है। जैसे - हाथी, गैंडा, ब्लू व्हेल। |
अंत: कंकाल तंत्र:- हड्डियों का वह ढांचा जिस पर संपूर्ण सिर का भार टिका होता है। नवजात शिशु में हड्डियों की संख्या 300 जबकि व्यस्कों में हड्डियों की संख्या 206 होती है।
अक्षीय अंत: कंकाल तंत्र (80 हड्डी) | उपांगीय अंत: कंकाल तंत्र (126 हड्डडी) |
स्थायित्व के लिए • सिर क्षेत्र - 29 • वक्ष क्षेत्र - 25 • कटि(कमर) क्षेत्र - 26 | गति के लिए • हाथ - 60 • पैर - 60 • मेखला - 6 |
• सिर क्षेत्र: - 29
1. कपाल/क्रेनियम - 8
2. चेहरा - 14 चेहरे में दो जबड़े होते हैं, निचले जबड़े में केवल एक हड्डी मेंडिबल पाई जाती है।
नोट:- कपाल (8) और चेहरे (14) को मिलाकर खोपड़ी/Skull (22) कहते हैं। खोपड़ी की एकमात्र गतिशील हड्डी मेंडिबल है।
3. कान/कर्ण - प्रत्येक कान में तीन हड्डियां पाई जाती है। (2×3=6)
बड़ी से छोटी का क्रम - मैलियस > इनकस > स्टेपीज (Trick - MIS)
4. गर्दन क्षेत्र - गर्दन की गति के लिए एक U आकार की हायड हड्डी पाई जाती है।
• वक्ष क्षेत्र:- स्टर्नम (1) + 12 जोडी पसलियां (2×12= 24)
वक्ष क्षेत्र के केंद्र में वक्ष क्षेत्र की सबसे मजबूत हड्डी स्टर्नम होती है। स्टर्नम से पसलियां (Ribs) जुड़ी हुई होती है।
वक्ष क्षेत्र में कुल 12 जोडी पसलियां मिलती है।
इनमें से 10 जोड़ी पसलियां स्टर्नम से जुड़ी होती है।
2 जोड़ी पसलियां स्टर्नम से नहीं जुड़ी होती है, जिन्हें तैरने वाली पसलियां (Floating ribs) कहते हैं।
• कटि(कमर) क्षेत्र - 26
कटी क्षेत्र में प्रत्येक अस्थि कशेरुका कहलाती है।
सभी कशेरुकाएं मिलकर कशेरुक दंड (रीड की हड्डी) का निर्माण करती है।
कटि क्षेत्र की प्रथम कशेरुका जिस पर संपूर्ण सिर का भार टिका रहता है, एटलस कहलाती है।
अंतिम कशेरुका को कॉकिक्स कहते है, जो एक अवशेषी अंग है।
• हाथ की हड्डियां - 60
ऊपरी बांह - ह्यूमरस (1×2 = 2)
निचली बांह - रेडियस और अलना (2×2 = 4)
कलाई क्षेत्र - कार्पल्स (8×2 = 16)
हथेली - मेटा कार्पल्स (5×2 = 10)
अंगुलास्थियां - फैलेन्जेज (14×2 = 28)
• पैर की हड्डियां - 60
जांघ - फीमर (1×2 = 2)
घुटना - जानुफलक/पटेला (1×2 = 2)
पिंडली - टीबिया और फीबुला (2×2 = 4)
टखना - टार्पल्स (7×2 = 14)
तली - मेटा टार्पल्स (5×2 = 10)
अंगुलास्थियां - फैलेन्जेज (14×2 = 28)
• मेखला की हड्डियां -6
अंश मेखला (Shoulder bone) | श्रोणि मेखला (Hip bone) |
स्केपुला - 2 क्लेविकल (कॉलर बोन) - 2 | ओस इन्नोसिनेट - (1×2 = 2) |
दोनों ओस इन्नोसिनेट (कूल्हे की हड्डी) आपस में प्यूबिस सिम्फायसिस से जुड़ी होती हैं।
मानव कंकाल तंत्र के कार्य:-
शरीर को स्थायित्व प्रदान करना।
कोमल अंगों की सुरक्षा।
पेशीय संकुचन व गति
रूधिर का निर्माण - अस्थि मज्जा में
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:-
हड्डियों का अध्ययन - ऑस्टियोलॉजी कहलाता है।
अर्थराइटिस - जोड़ों में सूजन
ऑस्टियोअर्थराइटिस - हड्डियों में सूजन
मानव शरीर की सबसे लंबी हड्डी - फीमर
मानव शरीर की सबसे छोटी हड्डी - स्टेपीज
सबसे मजबूत हड्डी - मेंडिबल
सबसे भारी हड्डी - टीबिया
• हड्डी को हड्डी से जोड़ने वाला संयोजी ऊत्तक - लिगामेंट (स्नायु)
• हड्डी को पेशी से जोड़ने वाला संयोजी ऊत्तक - टेंडम
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