भारत में रामसर स्थलों की कुल संख्या 96 है।
हाल ही दिसंबर 2025 में भारत की दो आर्द्र भूमियों को नए रामसर स्थल के रूप में मान्यता मिली है।
1. सिलीसेढ़ झील, अलवर, राजस्थान (95 वीं)
2. कोपरा जलाशय, छत्तीसगढ़ (96 वीं)
आर्द्रभूमि (Wetland)
वेटलैंड ऐसा क्षेत्र होता है, जहां भरपूर नमी होती है। झील के आसपास का इलाका दलदली होता है।
इसके आसपास की खेती को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है।
आर्द्रभूमि का लाभ/महत्त्व
• आर्द्रभूमि जमीन और जल के बीच की महत्वपूर्ण कड़ी है।
• आर्द्रभूमि मीठे पानी के अच्छे स्त्रोत है। साथ ही वर्षा जल को शोखने और भूजल रिचार्जिंग में मदद करती हैं।
• ये मछली और अन्य समुद्री जीवन के लिए नर्सरी बनाती हैं।
• आर्द्रभूमि बाढ़ की घटनाओं में कमी लाती हैं, तटीय इलाकों की रक्षा करती हैं, साथ ही प्रदूषकों को अवशोषित कर पानी की गुणवत्ता में सुधार करती हैं।
• दुनिया की 40% प्रजातियाँ आर्द्रभूमि में रहती हैं तथा प्रजनन करती हैं।
• ये परिवहन, पर्यटन और लोगों के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक कल्याण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
क्या है रामसर श्रेणी ?
वेटलैंड्स पर हुई रामसर कन्वेंशन एक अंतर-सरकारी संधि है, जिस पर 2 फरवरी 1971 में ईरानी शहर रामसर में हस्ताक्षर किये गए थे।
रामसर कैस्पियन सागर के दक्षिणी किनारे पर स्थित ईरान का एक शहर है।
• इसमें भारत 1 फरवरी, 1982 को शामिल हुआ था।
• वे आर्द्रभूमि (वेटलैंड) जो अंतर्राष्ट्रीय महत्व के होते हैं, उन्हें रामसर स्थल घोषित किया जाता हैं।
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भारत के रामसर स्थल
| रामसर स्थल | वर्ष | राज्य |
1 | चिल्का झील | 1981 | ओडिशा |
2 | केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान | 1981 | राजस्थान |
3 | लोकटक झील | 1990 | मणिपुर |
4 | वुलर झील | 1990 | जम्मू-कश्मीर |
5 | हरिके झील | 1990 | पंजाब |
6 | सांभर झील | 1990 | राजस्थान |
7 | कंजली झील | 2002 | पंजाब |
8 | रोपड़ | 2002 | पंजाब |
9 | कोलेरू झील | 2002 | आंध्र प्रदेश |
10 | दीपोर बील | 2002 | असम |
11 | अष्टमुडी वेटलैंड | 2002 | केरल |
12 | सस्थमकोट्टा झील | 2002 | केरल |
13 | वेम्बनाड-कोल वेटलैंड | 2002 | केरल |
14 | भोज वेटलैंड | 2002 | भोपाल, (मध्य प्रदेश) |
15 | त्सो-मोरीरी | 2002 | लद्धाख |
16 | भितरकनिका मैंग्रोव | 2002 | ओडिशा |
17 | प्वाइंट कैलिमेरे वन्यजीव और पक्षी अभयारण्य | 2002 | तमिलनाडु |
18 | पूर्व कलकत्ता वेटलैंड्स | 2002 | पश्चिम बंगाल |
19 | पौंग बांध झील | 2002 | हिमाचल प्रदेश |
20 | रेणुका वेटलैंड (सबसे छोटा) | 2005 | हिमाचल प्रदेश |
21 | चंदेरटल वेटलैंड | 2005 | हिमाचल प्रदेश |
22 | होकेरा वेटलैंड | 2005 | जम्मू-कश्मीर |
23 | सूरिंसर और मानसर झील | 2005 | जम्मू-कश्मीर |
24 | रुद्रसागर झील | 2005 | त्रिपुरा |
25 | ऊपरी गंगा नदी (ब्रजघाट से नरौरा खिंचाव) | 2005 | उत्तर प्रदेश |
26 | नालसरोवर पक्षी अभयारण्य | 2012 | गुजरात |
27 | सुंदरवन डेल्टा (सबसे बड़ा) | 2019 | पश्चिम बंगाल |
28 | नंदूर मधमेश्वर पक्षी अभयारण्य | 2019 | नासिक (महाराष्ट्र) |
29 | केशोपुर मिआनी कम्युनिटी रिजर्व | 2019 | पंजाब |
30 | व्यास संरक्षण रिजर्व | 2019 | पंजाब |
31 | नांगल वन्यजीव अभयारण्य | 2019 | पंजाब |
32 | साण्डी पक्षी अभयारण्य | 2019 | हरदोई ( उत्तर प्रदेश) |
33 | समसपुर पक्षी अभयारण्य | 2019 | रायबरेली (उत्तर प्रदेश) |
34 | नवाबगंज पक्षी अभयारण्य | 2019 | उन्नाव (उत्तर प्रदेश) |
35 | समन पक्षी अभयारण्य | 2019 | मैनपुरी (उत्तर प्रदेश) |
36 | पार्वती अरगा पक्षी अभयारण्य | 2019 | गोंडा (उत्तर प्रदेश) |
37 | सरसई नावर झील | 2019 | इटावा (उत्तर प्रदेश) |
38 | आसन कंजर्वेशन रिजर्व वेटलैंड | 2020 | उत्तराखंड |
39 | काबरताल झील (कांवर झील) | 2020 | बिहार |
40 | सूर सरोवर पक्षी विहार (कीठम झील) | 2020 | आगरा (उत्तर प्रदेश) |
41 | लोनार झील | 2020 | महाराष्ट्र |
42 | स्तार्तासापुक त्सो - त्सो कर | 2020 | लद्दाख |
43 | थोल झील वन्यजीव अभयारण्य | 2021 | गुजरात |
44 | वाधवाना आर्द्र प्रदेश | 2021 | गुजरात |
45 | सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान | 2021 | गुरुग्राम (हरियाणा) |
46 | भिंडवास वन्यजीव अभयारण्य | 2021 | हरियाणा |
47 | हैदरपुर वेटलैंड | 2021 | उत्तर प्रदेश |
48 | खिजादिया पक्षी अभयारण्य | 2022 | गुजरात |
49 | बखिरा वन्यजीव अभयारण्य | 2022 | उत्तर प्रदेश |
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भारत का सबसे बड़ा रामसर स्थल:- सुंदरबन (प. बंगाल)
भारत का सबसे छोटा रामसर स्थल:- रेणुका वेटलैंड (हिमाचल प्रदेश)
सर्वाधिक रामसर स्थल वाला राज्य:- तमिलनाडु (20)
भारत की सबसे पहली रामसर साइट कौन सी है ?
• 1981 में चिल्का झील (उड़ीसा) और केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (राजस्थान) को पहले रामसर स्थल के रूप में मान्यता मिली थी।
रामसर साइट इन राजस्थान
1. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान (1981)
2. सांभर झील (1990)
3. मेनार पक्षी गांव, उदयपुर (2025)
4. खींचन, फलोदी (2025)
5. सिलीसेढ़ झील, अलवर (2025)
मेनार (उदयपुर)
•"बर्ड विलेज" के नाम से प्रसिद्ध।
• यह एक मीठे जल की आर्द्रभूमि है।
• राजहंस के नाम से प्रसिद्ध गुजरात के कच्छ रण में रहने वाले फ्लेमिंगों पक्षी भी यहां का विशेष आकर्षण है।
• यह आर्द्रभूमि तीन आपस में जुड़े तालाबों ब्रह्म तालाब, धंद तालाब और खेड़ोड़ा तालाब के साथ-साथ धंद और खेड़ोड़ा को जोड़ने वाली कृषि भूमि से मिलकर बनती है।
खींचन (फलोदी)
• खींचन प्रवासी पक्षी "कुरजाँ (डेमोसाइल क्रेन) के लिए प्रसिद्ध है।
• यह राजस्थान का पहला कुरजाँ संरक्षण रिजर्व भी है।
लोकटक झील
• यह मणिपुर में स्थित है।
• पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी ताजे (मीठे) पानी की झील है।
• इसमें विश्व का एकमात्र तैरता पार्क केबुइल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान स्थित है।
• इस झील पर वनस्पतियों से बने अनेक छोटे-छोटे आइलैंड स्थित है। जिन पर लोगों ने कच्चे घर बना रखे हैं।
कच्चे घरों को स्थानीय भाषा में फूमसंग कहते हैं।
लोनार झील
• यह झील समय-समय पर रंग बदलती रहती है। (कारण - जीवाणु)
• इस झील का निर्माण उल्कापिंड के धरती से टकराने से हुआ है।
विश्व वेटलैंड दिवस कब मनाया जाता है ?
प्रतिवर्ष 2 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया जाता है।
राजस्थान में कितने रामसर स्थल है ? - 5
नोट:- समय-2 पर नए रामसर स्थल घोषित किए जाते रहते हैं।
SAVE WATER
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Pdf download ka option de
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