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आत्मनिर्भर भारत 3.0 । आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना।

Atmanirbhar Bharat 3.0

आत्मनिर्भर भारत 3.0 

12 नवंबर 2020 को सरकार ने कोविड से सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आत्मनिर्भर भारत 3.0 शुरू किया गया।
अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए 2.65 लाख करोड रुपए के बूस्टर डोज की घोषणा की गई।

उद्देश्य:- रोज़गार सृजन को बढ़ावा देने, तनावग्रस्त क्षेत्रों को सहायता प्रदान करने और आवास और बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत 3.0 की शुरुआत की गयी है। इसके तहत 12 घोषणाएँ की गई -

आत्मनिर्भर भारत 3.0 के तहत 12 प्रमुख घोषणाएँ

1.आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना
इसका लक्ष्य कोविड-19 रिकवरी चरण के दौरान रोज़गार के नए अवसरों के सृजन को प्रोत्साहित करना है।
यह योजना 1 अक्टूबर, 2020 से प्रभावी होगी और 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।
योजना के तहत नए कर्मचारी लाभार्थी होंगे

EPFO-पंजीकृत संगठनों में रोज़गार से जुड़ने वाले नए कर्मचारी जिनका मासिक वेतन 15,000 / रूपये से कम हो इस योजना के दायरे में आएंगे। 
कोविड महामारी के दौरान 1मार्च 2020 से 30 सितंबर 2020 के बीच चली गयी थी और अब 1 अक्टूबर 2020 या उसके बाद फिर से ज्वाइन किया हैं।

पात्रता मापदंड
1. EPFO के साथ पंजीकृत संगठन यदि उन्होंने सितंबर 2020 में कर्मचारियों के संदर्भ आधार की तुलना में नए कर्मचारी शामिल किए हैं, वो इस योजना के हक़दार हैं। 
30 जून 2021 तक चलने वाली इस योजना में -
50 कर्मचारियों वाले पंजीकृत संगठनों में न्यूनतम दो नए कर्मचारियों को जोड़ना होगा।
50 से अधिक कर्मचारियों वाले पंजीकृत संगठनों को कम से कम पांच नए कर्मचारियों को जोड़ना होगा।

2. सभी नए कर्मचारियों के लिए सब्सिडी लेने के लिए योजना शुरू होने के बाद ईपीएफओ के साथ पंजीकरण करने वाले प्रतिष्ठान

केंद्रीय सरकार से सब्सिडी सहायता

1000 कर्मचारियों को रोज़गार देने वाले संगठन: कर्मचारी का योगदान (मजदूरी का 12%) और नियोक्ता का योगदान (मजदूरी का 12%) कुल मजदूरी का 24% है।
1000 से अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करने वाले संगठन: केवल कर्मचारियों के EPF योगदान (EPF मजदूरी का 12%)।
नए कर्मचारियों जो इसके पात्र होंगे उनके आधार नंबर से जुड़े ईपीएफओ खाते (UAN) में सब्सिडी क्रेडिट किया जाएगा।

2.आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना 2.0 (Emergency Credit Line Guarantee Scheme)
यह MSMEs, व्यवसायों, MUDRA उधारकर्ताओं, और व्यक्तिगत (व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ऋण) के लिए है।
इस ऋण योजना के तहत, बैंक के.वी. कामथ समिति द्वारा सूचित किये गए 26 क्षेत्रों में से तनावग्रस्त क्षेत्रों को उधार दे सकेंगे।
ECLGS 2.0 के तहत अतिरिक्त ऋण का कार्यकाल 5 वर्ष का होगा, जिसमें मूल चुकौती पर एक वर्ष की मोहलत भी शामिल है।
छोटे कारोबारियों के लिए पहले से ही चल रही आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना 1.0 की अंतिम तारीख 31 मार्च 2021 तक कर दी गई है।
इस योजना में MSMEs को 3 लाख करोड रुपए के लोन देने की घोषणा की गई थी, जिसेेेेे 30 नवंबर तक बढ़ाया गया था।
अब इस योजना के तहत बड़ी कंपनियां भी लोन ले सकेंगी क्योंकि लोन लेने की पात्रता के लिए कंपनी के टर्नओवर की सीमा समाप्त कर दी गई है।

3. 10 चैंपियन क्षेत्रों के लिए आत्मनिर्भर विनिर्माण उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (Production Linked Incentive- PLI)
घरेलू विनिर्माण की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए तीसरे पैकेज में 10 औद्योगिक क्षेत्रों के लिए घोषित 1.46 लाख करोड़ के उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना को शामिल किया है।
उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना पर 11 नवंबर को फैसला किया गया था।
 
10 सेक्टर - एडवांस सेल केमिस्ट्री बैटरी, इलेक्ट्रॉनिक / टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल्स और ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्यूटिकल्स ड्रग्स, टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स, टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स, फूड प्रोडक्ट्स, हाई एफिशिएंसी सोलर पीवी मॉड्यूल्स, वाइट गुड्स (White Goods- ACs & LED) और स्पेशलिटी स्टील।
इससे अर्थव्यवस्था, निवेश, निर्यात और रोज़गार सृजन को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

4. पीएम आवास योजना - शहरी
वित्त मंत्री ने पीएम आवास योजना (शहरी) के लिये 18,000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त व्यय की घोषणा की है। जिसमें से 8000 करोड़ रूपये इस वर्ष पहले ही आवंटित किए गए हैं।
इससे 12 लाख मकानों का निर्माण शुरू करने और 18 लाख मकानों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
इससे 78 लाख नई नौकरियां निकलेंगी और 25 लाख टन स्टील वर्क्स 131 लाख टन सीमेंट की खपत होगी, जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था पर गुणक प्रभाव (a multiplier effect) पड़ेगा।
पीएम आवास योजना - वर्ष 2022 तक शहरी क्षेत्रों में सभी के लिए आवास प्रदान करने के इरादे से वर्ष 2015 में शहरी मिशन शुरू किया गया था।


5. निर्माण और अवसंरचना के लिए सहायता - सरकारी निविदाओं (Government Tenders) पर बयाना राशि (Earnest Money Deposit-EMD) और प्रदर्शन सुरक्षा (Performance Security) में छूट

सरकारी टेंडर में अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (ईएमडी) की जगह बिड सिक्योरिटी डिक्लेरेशन देना होगा।
ठेका के लिए परफॉर्मेंस सिक्योरिटी को घटाकर 3% किया गया जो पहले 5 से 10% थी।
यह विवादों से मुक्त मौजूदा अनुबंधों और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का भी विस्तार करेगा।
सामान्य वित्तीय नियमों के तहत यह छूट 31 दिसंबर, 2021 तक लागू रहेगी।

6. दो करोड़ तक के घर पर 20% आयकर छूट
आईटी अधिनियम की धारा 43 CA के तहत रियल एस्टेट इनकम टैक्स में सर्कल रेट और एग्रीमेंट वैल्यू के बीच अंतर 10% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया है।
यह 2 करोड़ रूपये (आवासीय योजना की घोषणा की तारीख से लेकर 30 जून 2021 तक) तक आवासीय इकाइयों की प्राथमिक बिक्री के लिए है।
20% तक के परिणामी राहत को उक्त अवधि के लिए आईटी अधिनियम की धारा 56 (2) (x) के तहत इन इकाइयों के ख़रीददारों को भी अनुमति दी जाएगी।
आयकर राहत से मध्यम वर्ग को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।

घर खरीदने पर ऐसे होगा फायदा
अभी तक अगर किसी घर के सर्किल रेट और उसकी मार्केट वैल्यू में 10% से ज्यादा का अंतर होता था तो इस अंतर को घर खरीदने वाले व्यक्ति की आय समझा जाता था। उसे इस पर इनकम टैक्स देना होता था।
उदाहरण के लिए मान लीजिए किसी घर का सर्किल रेट 1 करोड़ रुपए है और उसकी मार्केट वैल्यू 1.40 करोड़ रुपए है। ऐसे में पहले घर खरीदने वाले लोगों को 1.10 करोड़ रुपए की राशि पर टैंक्स
बेनिफिट मिलता था। शेष 30 लाख रुपए को उसकी आय समझकर टैक्स लिया जाता था। 
अब सर्किल रेट में 20 प्रतिशत की छूट मिलने से घर खरीदने वालों को 1.20 करोड़ रुपए पर टैंक्स बेनिफिट
मिलेगा और उसे सिर्फ 20 लाख रुपए पर इनकम टैक्स देना होगा।
प्रॉपर्टी की वैल्यू गिरने के बावजूद अगर कोई घर सर्किल रेट के कारण नहीं बिक पा रहा था तो अब वहां इनकम टैंक्स में 20% की छूट दी गई है। यह छूट 2 करोड़ रुपए तक के घर की खरीद पर मिलेगी।
यह स्कीम 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।
सर्किल रेट वह होता है जिसे किसी क्षेत्र में घर खरीदने के लिए सरकार तय करती है, यानी उस एरिया में बिकने वाले घर का मिनिमम प्राइस। यह राज्य सरकार तय करती है। 
केंद्र द्वारा सर्किल रेट व एग्रीमेंट वैल्यू में मिलने वाली छूट को 10 से 20% करने से अब टैक्स बेनिफिट का लाभ
उठा सकेंगे। 
सर्किल रेट 1.2 करोड़ रु. है तो 20% छूट मिलने से अब लोग मार्केट रेट के हिसाब से 1.5 करोड़ का घर खरीद सकेंगे।

7. इंफ्रा ऋण फाइनेंसिंग के लिए मंच (The Platform for Infra Debt Financing)
भारत सरकार राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (National Investment and Infrastructure-NIIF) के ऋण मंच में 6,000 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश करेगी।
यह राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष2025 तक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 1.10 लाख करोड़रुपये का ऋण प्रदान करने में मदद करेगा।

8.कृषि के लिए सहायता
उर्वरक की खपत में काफी वृद्धि हो रही है, किसानों को आगामी फसल सीजन में उर्वरकों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने और उर्वरकों की आपूर्ति में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए किसानों को 65,000 करोड़ रूपए की उर्वरक सब्सिडी देने की घोषणा की।

9.ग्रामीण रोज़गार के लिए बढ़ावा
ग्रामीण रोज़गार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोज़गार योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है, इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।
इस योजना के तहत 116 जिलों में ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम पर अब तक 37,543 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।
 
10.प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट के लिए बढ़ावा
भारतीय विकास और आर्थिक सहायता योजना (IDEAS योजना) के तहत निर्यात को बढ़ावा देने के लिए EXIM बैंक को 3,000 करोड़ रूपये का प्रोत्साहन देने की घोषणा की।
इससे कंपनियों को ऑर्डर लेने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

11.पूंजी और औद्योगिक उत्तेजना
घरेलू रक्षा उपकरण, औद्योगिक बुनियादी ढांचे और हरित ऊर्जा पर पूंजी और औद्योगिक ख़र्च के लिए 10,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट प्रोत्साहन देने की घोषणा की।

12.कोविड वैक्सीन के लिए अनुसंधान एवं विकास अनुदान
भारतीय कोविड वैक्सीन के अनुसंधान और विकास के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग को 900 करोड़ रुपये देने की घोषणा की।

विश्लेषण
कोविड-19 महामारी से आयी राष्ट्रीय आपदा में लोगों की मदद करने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मार्च 2020 से लेकर 12 नवंबर 2020 तक सरकार 29,87,641 करोड रुपए के पैकेज का ऐलान कर चुकी है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 15% है।
इसमें से 9% सकल घरेलू उत्पाद का प्रोत्साहन सरकार द्वारा प्रदान किया गया है।
जबकि राजकोषीय प्रोत्साहन छोटा रहा है, मौद्रिक नीति बेहद आक्रामक रही है।

ऐसे मिली 29.87 लाख करोड़ की राहत

 आत्मनिर्भर भारत 1.0

 11,02,650 करोड़

 प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज

   1,92,800 करोड़

 प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

      82,911 करोड़

 आत्मनिर्भर भारत 2.0

      73,000 करोड़

 आरबीआई के उपायों से राहत 

 12,71,200

 आत्मनिर्भर भारत 3.0

   2.65 लाख करोड़

आत्मानिर्भर भारत 3.0 के तहत घोषित किए गए उपाय व्यावहारिक और विशिष्ट हैं। अतः उस विषय की मदद करनी चाहिए जिसके लिए इसे लाया गया है।


नोट:- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 से 17 मई के दौरान आयोजित कई संवाददाता सम्मेलनों में आत्मनिर्भर भारत के पहले, 12 अक्टूबर को दूसरे और 12 नवंबर को तीसरे पैकेज की घोषणा की।
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