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ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट - 2020 : भारत को 94वां स्थान

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020

ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2020 : भारत को 94वां स्थान

16 अक्टूबर को ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2020’की रिपोर्ट जारी की गयी है।
• इस रिपोर्ट को आइरिस एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड (Concern worldwide) तथा जर्मन संस्था वेल्ट हंगर हिल्फ (Welt hunger Hilfe) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है।
• ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 107 देशों की सूची में 94वें स्थान पर है। और 27.2 स्कोर के साथ भारत भूख की गंभीर श्रेणी में है।

भारत में भूख की 'गंभीर समस्या'
इस रिपोर्ट में भूख की स्थिति के आधार पर देशों को 0 से 100 अंक दिये गये है।
इस रिपोर्ट में 0 अंक सबसे अच्छा अर्थात भूख की स्थिति नहीं होना है। रिपोर्ट में 10 से कम अंक का मतलब है, कि देश में भूख की बहुत कम समस्या है।
20 से 34.9 अंक का मतलब भूख का गंभीर संकट है।
35 से 49.9 अंक का मतलब हालत बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। और 50 या इससे ज्यादा अंक का मतलब है, कि देश में भूख की बहुत ही भयावह स्थिति है।

रिपोर्ट के अनुसार केवल 13 देश ऐसे हैं जो हंगर इंडेक्स में भारत से पीछे हैं. इनमें रवांडा (97), नाइजीरिया (98), अफगानिस्तान (99), लीबिया (102), मोजाम्बिक (103), चाड (107) जैसे देश शामिल हैं।

हंगर इंडेक्स 2020 में चीन 25वें, इंडोनेशिया 70वें, नेपाल 73वें, बांग्लादेश 75वें और पाकिस्तान 88 वें स्थान पर है। रिपोर्ट के अनुसार, भुखमरी के लिहाज से एशिया में भारत की स्थिति अपने कई पड़ोसी देशों से खराब है। भारत का स्कोर इसमें  27.2 है जबकि पाकिस्तान का 24.6, बांग्लादेश का 20.4 और नेपाल का 19.5 स्कोर है।

भारत साल 2015 में 93वें, 2016 में 97वें, 2017 में 100वें, 2018 में 103वें और 2019 में 102वें स्थान पर रहा था।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स क्या है ?
ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) दुनिया के देशों में भुखमरी व कुपोषण की गणना और इसके तुलनात्मक अध्ययन के लिए एक बहुआयामी माध्यम है।
भुखमरी से लड़ने में प्रगति और असफलताओं का आंकलन करने के लिये हर साल जीएचआई स्कोर की गणना की जाती है।
इस इंडेक्स में उन देशों को शामिल नहीं किया जाता है, जो विकास के एक ऐसे स्तर तक पहुँच चुके हैं, जहाँ भुखमरी नाममात्र की है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) को कौन जारी करता है ?
ग्लोबल हंगर इंडेक्स प्रत्येक साल अक्टूबर महीने में जारी  किया जाता है।
आयरलैंड स्थित एक एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड (Concern Worldwide) और जर्मनी के एक संगठन वेल्ट हंगर हिल्फे (Welt Hunger Hilfe) द्वारा संयुक्त रूप से ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) रिपोर्ट को तैयार और प्रकाशित किया जाता है।
वर्ष 2018 तक ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) रिपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान(IFPRI) द्वारा जारी किया जाता था।
गौरतलब है कि आईएफ़पीआरआई का गठन 1975 में हुआ था।
साल 2006 में पहली बार वैश्विक भूखमरी सूचकांक आईएफ़पीआरआई के ज़रिए ही जारी किया गया था। तब से लेकर 2018 तक हर साल आईएफ़पीआरआई के ज़रिए ही ग्लोबल हंगर इंडेक्स जारी किया जाता रहा था। 
 2018 से आईएफ़पीआरआई ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स के प्रकाशन से ख़ुद को अलग करने का फैसला किया था। अब ग्लोबल हंगर इंडेक्स 'वेल्ट हंगर हिल्फ' व 'कंसर्न वर्ल्डवाइड' की संयुक्त पहल पर जारी है।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स को मापने के पैमाने
अल्पपोषण (Undernourishment)
लंबाई के अनुपात में बच्चों का कम वजन, (Child Wasting)
आयु के अनुपात में बच्चों की कम लंबाई (Child Stunting)
बाल मृत्यु दर (Child Mortality)

रिपोर्ट के मुताबिक भारत की करीब 14% जनसंख्या कुपोषण का शिकार है।
रिपोर्ट के मुताबिक भारत के बच्चों में स्टंटिंग रेट (उम्र की तुलना में कम लम्बाई) 37.4% है।
कुपोषण के कारण कम वजन वाले बच्चों की दर 17.3% है।
5 साल से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर में कमी आई है और यह 3.7% है।

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