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चर्चित सूचकांक।। अक्टूबर 2020।। रिपोर्ट एवं सूची

 
चर्चित सूचकांक

चर्चित सूचकांक अक्टूबर 2020

Famous index in october 2020

भारत में अपराध 2019 रिपोर्ट
30 सितंबर, 2020 को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा 'भारत में अपराध 2019' की वार्षिक रिपोर्ट जारी की गई।
महिलाओं के खिलाफ अपराध: वर्ष 2019 के दौरान कुल 4,05,861 मामले दर्ज किए गए, जिनमें 2018 में 3,78,236 मामलों की तुलना में 7.3% की वृद्धि हुई।
2018 में 58.8 की तुलना में 2019 में प्रति लाख महिलाओं की जनसंख्या पर अपराध दर 62.4 रही। महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराध के मामले उत्तर प्रदेश (59,853) में दर्ज किए गए, जबकि बलात्कार के सर्वाधिक 5,997 मामले राजस्थान में दर्ज किए गए।
2018 की तुलना में वर्ष 2019 में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के खिलाफ अपराध में क्रमशः 7% और 26% से अधिक की वृद्धि देखी गई।

एससी के खिलाफ अपराध: 2019 में कुल 45,935 मामले दर्ज किए गए। उत्तर प्रदेश ने सर्वाधिक 11,829 मामले दर्ज किए। एससी महिलाओं से संबंधित बलात्कार के सर्वाधिक 554 मामले राजस्थान में दर्ज किए गए।

एसटी के खिलाफ अपराध: 2019 में कुल 8,257 मामले दर्ज किए गए। मध्य प्रदेश ने सर्वाधिक 1,922 मामले दर्ज किए गए। जबकि जनजातीय महिलाओं से संबंधित बलात्कार के सर्वाधिक 358 मामले भी मध्य प्रदेश में दर्ज किए गए।

साइबर अपराध: 2019 में साइबर अपराध में 63.5% की वृद्धि हुई। साइबर अपराध के तहत कुल 44,546 मामले दर्ज किए गए, जबकि 2018 में 27,248 मामले सामने आए थे।
2019 में, दर्ज किए साइबर अपराध के मामलों में 60.4% धोखाधड़ी के मामले, 5.1% यौन शोषण के मामले और 4.2% अपमान मामले थे।

हाल ही राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में 2019 में सबसे ज्यादा 6051 रेप की घटना हुई है।
इसका प्रमुख कारण राजस्थान पुलिस की ओर से किसी भी तरह के अपराध का फ्री रजिस्ट्रेशन होना भी है।
फ्री रजिस्ट्रेशन का मतलब है, कि परिवादी के थाने में आने के बाद उसकी रिपोर्ट पर तत्काल मामला दर्ज करना।
रेप के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर  पर है। (3131 रेप)

गरीबी और साझा समृद्धि रिपोर्ट 2020
विश्व बैंक द्वारा 7 अक्टूबर, 2020 को द्विवार्षिक 'गरीबी और साझा समृद्धि रिपोर्ट 2020' जारी की गई।
विश्व बैंक ने कहा है, कि कोरोनावायरस के कारण वर्ष 2021 तक लगभग 15 करोड लोग अत्यधिक गरीब हो सकते हैं।
महामारी और वैश्विक मंदी के कारण दुनिया की 1.4% आबादी अत्यधिक गरीबी में फंस सकती है।

विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार कोविड-19 के कारण लंबे समय तक स्कूल बंद रहने से भारत को 40 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का नुकसान हो सकता है।
विश्व बैंक के वर्तमान अध्यक्ष - डेविड मालपास

असमानता घटाने की प्रतिबद्धता सूचकांक
भारत को वर्ष 2020 के Commitment to Reducing Inequality (CRI) Index यानि असमानता घटाने की प्रतिबद्धता सूचकांक में 158 देशों में से 129 वें स्थान पर रखा गया है। यह सूचकांक का तीसरा संस्करण है, जो COVID-19 के समय में असमानता से निपटने पर केंद्रित है।
वर्ष 2020 के CRI सूचकांक में नॉर्वे शीर्ष स्थान पर रहा है। 158 वें स्थान पर काबिज दक्षिण सूडान सूचकांक में सबसे कम रैंकिंग वाला देश है।
सूचकांक के अनुसार, भारत महामारी के दौरान असमानता से निपटने में दुनिया के सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में शामिल है।
भारत का स्वास्थ्य बजट दुनिया का चौथा सबसे कम बजट है और केवल आधी आबादी की जरुरी बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच है।
इस इंडेक्स को अंतर्राष्ट्रीय चैरिटेबल संगठन Oxfam International द्वारा डेवलपमेंट फाइनेंस इंटरनेशनल के साथ जारी किया जाता है।

विश्व आर्थिक परिदृश्य अक्टूबर 2020
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा 13 अक्टूबर, 2020 को विश्व आर्थिक परिदृश्य (World Economic outlook) अक्टूबर 2020 रिपोर्ट जारी की गई।
रिपोर्ट का शीर्षक: 'ए लॉन्ग एंड डिफिकल्ट एसेंट'(A Long and Difficult Ascent)
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने भारतीय अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2020-21 के लिए -10.3 % रहने का अनुमान जताया है।
 इस वर्ष के लिए वैश्विक वृद्धि दर -4.4% (उत्पादन में 4.4% का संकुचन) होने का अनुमान है।
आईएमएफ के अनुसार इस वर्ष (जनवरी से दिसंबर) बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति आय भारत की प्रति व्यक्ति आय से 0.6% अधिक हो सकती है।

भारत OECD इंटरनेशनल माइग्रेशन आउटलुक रिपोर्ट में दूसरे स्थान पर
भारत ने आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Organisation for Economic Co-operation and Development) देशों में जाने वाले प्रवासियों की संख्या और उन देशों की नागरिकता प्राप्त करने के मामले में दूसरी रैंक हासिल की है। इस सूची में चीन ने 4.3 लाख प्रवासियों के साथ अपने शीर्ष स्थान को बरकरार रखा है, जो 2019 की रिपोर्ट से 1 प्रतिशत कम है।
यह अंतर्राष्ट्रीय प्रवासन आउटलुक वार्षिक रिपोर्ट का 44 वां संस्करण है।
OECD पेरिस स्थित 37 विकसित देशों का एक संघ है जो अक्सर काम के अवसरों, शिक्षा और शरण के लिए आप्रवासियों को आकर्षित करते हैं।

पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी भारतीय पर्यटन सांख्यिकी 2020 के अनुसार, साल 2019 में राज्य में आने वाले सबसे अधिक घरेलू पर्यटकों को आकर्षित करने में उत्तर प्रदेश ने शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। वर्ष 2019 में लगभग 53.6 करोड़ घरेलू पर्यटकों ने उत्तर प्रदेश का दौरा किया, जो कुल यात्रियों का 23.1% हिस्सा है। इसके बाद तमिलनाडु (21.3%) दूसरे और आंध्र प्रदेश (10.2%) तीसरे स्थान पर आया है।

तमिलनाडु विदेशी पर्यटकों के मामले में शीर्ष स्थान पर है, जहां लगभग 68 लाख विदेशियों ने राज्य का दौरा किया।

द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ डिजास्टर्स 2000-2019 रिपोर्ट
आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNDRR) द्वारा 12 अक्टूबर, 2020 को प्राकृतिक आपदा पर एक रिपोर्ट 'द ह्यूमन कॉस्ट ऑफ डिजास्टर्स 2000-2019' (The Human Cost of Disasters 2000-2019) जारी की गई।

रिपोर्ट के अनुसार पिछले 20 वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं के करीब दोगुना होने के पीछे जलवायु परिवर्तन काफी हद तक जिम्मेदार है।

वर्ष 2000 और 2019 के बीच 7,348 प्रमुख आपदा घटनाएं घटीं, जिनमें 1.23 मिलियन लोंगों की जानें गई तथा 4.2 बिलियन लोग प्रभावित हुए और वैश्विक अर्थव्यवस्था को लगभग 2.97 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
पिछले बीस वर्षों में बाढ़ की घटनाएं 1,389 से बढ़कर 3,254 हो गई हैं, जबकि तूफान की घटनाओं में 1,457 से 2,034 की वृद्धि हुई है।
एशिया में सबसे अधिक आपदा की घटनाओं का सामना करना पड़ा। कुल मिलाकर, 2000 और 2019 के बीच, एशिया में 3,068 आपदा घटनाएं हुईं।
वैश्विक रूप से प्रभावित देशों के संदर्भ में, चीन (577) और यूएसए (467) में सबसे अधिक आपदा की घटनाएं हुईं, जबकि भारत में 321 आपदा घटनाएं हुईं।
पिछले 20 वर्षों में सबसे घातक एक आपदा 2004 हिंद महासागर सुनामी थी, जिसमें 226,400 लोग मारे गए थे।

फिनटेक स्टार्ट-अप और उपभोक्ता ऋण प्रदाता प्लेटफॉर्म 'अर्लीसैलरी' ने रुपे (RuPay) के साथ साझेदारी में एक शून्य-स्पर्श (जीरो टच) डिजिटल कार्ड लॉन्च किया है, जिसे 'सैलरी कार्ड' (Salary card) नाम दिया गया है।

स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2020 रिपोर्ट
21 अक्टूबर, 2020 को ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के सहयोग से ‘हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टिट्यूट’ (HEI) तथा ‘इंस्टिट्यूट फॉर हेल्थ मैट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन’ (IHME) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर (State of Global Air) रिपोर्ट 2020 जारी की गई।

भारत में, वर्ष 2019 के दौरान, बाहरी और घरेलू वायु प्रदूषण के दीर्घकालिक संपर्क के कारण होने वाली बीमारियों, जैसे कि- आघात (stroke), दिल का दौरा, मधुमेह, फेफड़ों के कैंसर, पुरानी फेफड़ों की बीमारियों तथा नवजात शिशुओं की बीमारियों समेत 1.67 मिलियन से अधिक मौतें हुई थी।

कुल मिलाकर, भारत में सभी स्वास्थ्य कारणों से होने वाली मौतों के लिए वायु प्रदूषण अब सबसे बड़ा कारक है।
नवजात शिशुओं की ज्यादातर मौतें जन्म के समय कम वजन और समय-पूर्व जन्म से उत्पन्न जटिलताओं से संबंधित थीं।
2019 में बाहरी और घरेलू पार्टिकुलेट मैटर (PM) प्रदूषण से जन्म के पहले माह में भारत में 1,16,000 शिशुओं सहित विश्व में लगभग 5,00,000 शिशुओं की मृत्यु हुई।
भारत में विश्व का सर्वाधिक प्रति व्यक्ति प्रदूषण संपर्क जोखिम (83.2 μg/क्यूबिक मीटर) पाया जाता है। इसके बाद नेपाल में 83.1 μg/क्यूबिक मीटर तथा नाइजर में 80.1 μg/क्यूबिक मीटर प्रति व्यक्ति प्रदूषण संपर्क जोखिम पाया जाता है।
रिपोर्ट के अनुसार भारत 2010 के बाद से पीएम 2.5 प्रदूषण में वृद्धि दर्ज कर रहा है, जो देश में वार्षिक वायु प्रदूषण स्तर में कमी के केंद्र के दावों के विपरीत है।

औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक की नई श्रृंखला
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने 22 अक्टूबर, 2020 को नई दिल्ली में आधार वर्ष 2016 के अनुसार औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की नई श्रृंखला जारी की।
यह सूचकांक प्राथमिक रूप से संगठित क्षेत्र के कामगारों को देय महंगाई भत्ते का अनुमान लगाने के लिए उपयोग किया जाता है।
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, बैंकों और बीमा कंपनियों के अलावा सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता तय करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।

पहले औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक तय करने का आधार वर्ष 2001 माना जाता था।
सितंबर, 2020 महीने के लिए आधार वर्ष 2016 के साथ प्रथम सूचकांक भी जारी किया गया। सूचकांक 78 केन्द्रों (2001) की जगह 88 केंद्रों (2016) के लिए अखिल भारतीय स्तर के लिए संकलित किया गया, जो 118 के स्तर पर है।

हरियाणा देश के 29 राज्यों में एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी) सूचकांक में सबसे शीर्ष पर है।

एशिया पावर इंडेक्स 2020
हाल ही जारी एशिया पावर इंडेक्स 2020 में भारत को चौथा स्थान मिला है।
इस सूची में अमेरिका शीर्ष पर है। यह रैंकिंग एशिया को प्रभावित करने वाले देशों की शक्ति का आकलन करती है।

सुशासन सूचकांक 2020
30 अक्टूबर को गैर-लाभकारी संगठन पब्लिक अफेयर सेंटर द्वारा पब्लिक अफेयर इंडेक्स 2020 (सुशासन सूचकांक) जारी किया गया।
• चंडीगढ़ देश का सबसे सुशासित केंद्र शासित प्रदेश है।
• बड़े राज्यों में केरल देश का सबसे सुशासित राज्य है जबकि उत्तर प्रदेश सबसे निचले स्थान पर है।
• छोटे राज्यों में गोवा देश का सबसे सुशासित राज्य है जबकि मणिपुर सबसे निचले स्थान पर है।
• इस सूचकांक का आकलन स्थाई विकास के संदर्भ में तीन आधारों समानता, विकास और निरंतरता के आधार पर किया गया है।

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