हिंदी कविताएं
तू रख यकीन हिंदी कविता
चलेगा मुसाफ़िर जब सुनसान राह परकठिनाई जरूर होगी, पथ डरावना भी होगा
पर तू रख यकीन खुद पर, कुछ खुदा पर
अरे जब तक चलता रहेगा मार्ग मिलता रहेगा
बैठ न जाना, रुक न जाना, थक न जाना
मंजिल और मंजर हाथ मिलाकर साथ देंगे
पर तू रख यकीन खुद पर, कुछ खुदा पर
..........S.R. Silana जालौरी
भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता
राजनीति में कोई ठहरा (स्थिर) नहीं होता
मां बाप से बड़ा कोई हमदर्द नहीं होता
खुद से बड़ा कोई समझदार नहीं होता
पिता से ज्यादा समुद्र कभी गहरा नहीं होता
मां से बड़ा कोई संसार नहीं होता
बुराई ही बुराई होती यहां तो
धरती पर कोई इंसान नहीं होते
डॉक्टर, पुलिस के रूप में भगवान नहीं होते
पैसा ही सब कुछ होता तो
इंसान बुध्द नहीं होता
पर्यावरण, लोगों के बारे में सोचता तो
इंसान इन हालातों का जिम्मेदार खुद नहीं होता
एक हार को हार मान लेता तो
इंसान लिंकन, एडीसन नहीं होता
एक जीत को जीत मान लेता तो
इंसान आज IAS, RAS नहीं होता
हर मुस्लिम आतंकवादी होता तो
सीमा पर मुस्लिम भाई शहीद नहीं होता
और अगर सरकार समझ लेती परेशानी
तो आज किसान सुशांत नहीं होता
अगर प्यार करना गुनाह होता तो
हर बंदा आज लक्ष्मीकांत का आशिक नहीं होता
.............Dharmaram नागौरी
SAVE WATER
1 Comments
धन्यवाद🙏
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