20वीं पशुधन गणना रिपोर्ट 2019
(20th Livestock census report 2019)वर्ष 1919-20 से देश में प्रत्येक 5 वर्ष में पशु गणना की जाती है।
इसमें सभी पालतू जानवरों की कुल गणना को शामिल किया जाता है।
स्वतंत्रता पश्चात प्रथम पशु गणना 1951 में की गई।
16 अक्टूबर 2019 को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के पशुपालन व डेयरी विभाग ने 20वीं पशु जनगणना रिपोर्ट जारी की।
इसमें देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया।
विशेषता - इस पशुधन गणना में पहली बार आधुनिक तकनीकों के माध्यम से आंकड़े जुटाए गए। (ऑनलाइन)
उद्देश्य - सरकार पशुधन गणना से पशुओं की वास्तविक संख्या पताकर उनसे संबंधित नीतियों, योजनाओं और उनके क्रियान्वयन के लिए ढांचागत प्रारूप बनाती है।
• पशुओं की आयु, लिंग, नस्ल व अन्य संपूर्ण जानकारी मिलती है।
• किसानों की आय दोगुनी करने में सहयोगी।
• 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था प्राप्ति के लक्ष्य में सहयोगी।
20वीं पशुधन गणना रिपोर्ट के अनुसार देश में कुल पशुधन में 4.6% की वृद्धि हुई है।
2012 में पशुधन - 51 करोड 20 लाख (512 मिलियन)
2019 में पशुधन - 53 करोड 57 लाख (535.78 मिलियन)
• कुल पशुओं में 35.94% मवेशी, 27.80% बकरी, 20.45% भैंस, 13.87% भेड़ तथा 1.69% सूअर हैं।
• कुल पशुधन में मिथुन, याक, घोड़े, टट्टू, खच्चर, गधा तथा ऊँट का सम्मिलित हिस्सा 0.23% है। तथा इनकी संख्या 1.24 मिलियन है।
• कुल गोजातीय आबादी (Bovine Population) जिसमें मवेशी, भैंस, मिथुन व याक शामिल हैं, 302.79 मिलियन आँकी गई है, जो कि पिछली गणना की तुलना में लगभग 1% अधिक है।
कुल गोजातीय (मवेशी, भैंस, मिथुन व याक) आबादी 302.79 मिलियन है। (1% की वृद्धि)
• गायों और भैंसों में कुल दुधारू पशुओं की संख्या 125.34 मिलियन है। (6% की वृद्धि)
• देश में मवेशी (Cattle) की संख्या वर्ष 2019 में 192.49 मिलियन है, जो वर्ष 2012 की पशु गणना की तुलना में 0.83% अधिक है।
• देश में गायों की कुल संख्या (Cows Population) 145.12 मिलियन आँकी गई है, जोवर्ष 2012 की पशु गणना की तुलना में 18% अधिक है।
• कुल गोधन/मवेशी (गाय+बैल) 192.49 मिलियन है। (0.83% की वृद्धि)
इसमें गाय 145.1 मिलियन है। (18% की वृद्धि)
• कुल भैंस 109.85 मिलियन है। (1.06% की वृद्धि)
• कुल भेड़ 74.26 मिलियन है। (14.1% की वृद्धि)
• कुल बकरी 148.88 मिलियन है। (10.1% की वृद्धि)
• कुल सूअर 9.06 मिलियन है। (12.03% की कमी)
    पशुधन आबादी (मिलियन में) 
 | 
 ||||
श्रेणी 
 | 
  
2012 में 
 | 
  
2019 में 
 | 
  
वृद्धि/कमी 
 | 
  
कुल का % 
 | 
 
मवेशी (Cattle) 
 | 
  190.90 | 192.49 | +0.83 | 35.94 | 
भैंस (Buffalo) 
 | 
  108.70 | 109.85 | +1.06 | 20.45 | 
भेड़ (Sheep) 
 | 
  65.07 | 74.26 | +14.13 | 13.87 | 
बकरी (Goat) 
 | 
  135.17 | 148.88 | +10.14 | 27.80 | 
सूअर (Pig) 
 | 
  10.29 | 9.06 | -12.03 | 1.69 | 
मिथुन (Mithun) 
 | 
  0.30 | 0.38 | +26.66 | |
याक (Yak) 
 | 
  0.08 | 0.06 | -25 | |
घोड़ा व टट्टू (Horse & Ponies) 
 | 
  0.63 | 0.34 | -45.58 | |
खच्चर (Mules) 
 | 
  0.20 | 0.08 | -57.09 | |
गधा (Donkey) 
 | 
  0.32 | 0.12 | -61.23 | |
ऊँट (Camel) 
 | 
  0.40 | 0.25 | -37.05 | |
कुल पशुधन 
 | 
  512.06 | 535.78 | +4.63 | |
• कुल दुधारू मवेशियों में 6% की वृद्धि देखी गई है, जबकि ऊंट, सूअर, घोड़े और खच्चर की संख्या में कमी हुई है।
अतः किसान अब अनुर्वरक पशुओं के स्थान पर उत्पादक पशुओं (विशेषकर मादा) को महत्व दे रहे हैं, ताकि आय में वृद्धि हो।
प्रमुख राज्यों में पशुधन (मिलियन में) 
 | 
 ||||
राज्य 
 | 
  
2012 में 
 | 
  
2019 में 
 | 
  
% परिवर्तन 
 | 
 |
1 
 | 
  
उत्तर प्रदेश 
 | 
  
68.7 
 | 
  
67.8 
 | 
  
 -1.35 
 | 
 
2 
 | 
  
राजस्थान 
 | 
  
57.7 
 | 
  
56.8 
 | 
  
 -1.66 
 | 
 
3 
 | 
  
मध्य प्रदेश 
 | 
  
36.3 
 | 
  
40.6 
 | 
  
11.81 
 | 
 
4 
 | 
  
पश्चिम बंगाल 
 | 
  
30.3 
 | 
  
37.4 
 | 
  
23.32 
 | 
 
5 
 | 
  
बिहार 
 | 
  
32.9 
 | 
  
36.5 
 | 
  
10.67 
 | 
 
6 
 | 
आंध्र प्रदेश 
 | 
  
29.4 
 | 
  
34.0 
 | 
  
15.78 
 | 
 
7 
 | 
  
महाराष्ट्र 
 | 
  
32.5 
 | 
  
33.0 
 | 
  
  1.61 
 | 
 
8 
 | 
  
तेलंगाना 
 | 
  
26.7 
 | 
  
32.6 
 | 
  
22.21 
 | 
 
9 
 | 
  
कर्नाटक 
 | 
  
27.7 
 | 
  
29.0 
 | 4.70 | 
10 
 | 
  
गुजरात 
 | 
  
27.1 
 | 
  
26.9 
 | 
  
  0.95 
 | 
 
• पश्चिम बंगाल में पशुओं की संख्या में सबसे अधिक (23%) वृद्धि हुई है। दूसरे नंबर पर तेलंगाना में 22% वृद्धि हुई है।
नस्ल 
 | 
  
संख्या मिलियन में 
 | 
  
परिवर्तन % में 
 | 
 
विदेशी/संकर नस्ल 
 | 
  
  50.42 
 | 
  
26.9% वृद्धि 
 | 
 
स्वदेशी/अवर्गीय मवेशी 
 | 
  
142.11 
 | 
  
   6% कमी 
 | 
 
विदेशी मवेशियों की आबादी में 27% की वृद्धि हुई है जबकि देशी मवेशियों की आबादी में 6% की कमी हुई है।
अतः स्पष्ट है, कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन के माध्यम से देशी नस्लों के संरक्षण को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों के बावजूद भारत के स्वदेशी मवेशियों की संख्या में गिरावट जारी है।
• कुल मुर्गा-मुर्गी (Poultry) 851.8 मिलियन है। (16.8% की वृद्धि)
मुर्गियों की संख्या (मिलियन में) 
 | 
 |||
2019 में 
 | 
  |||
217.49 
 | 
  
317.07 
 | 
  
45.78 
 | 
 |
511.72 
 | 
  
534.74 
 | 
  ||
729.21 
 | 
  
851.81 
 | 
  
16.81 
 | 
 |
बैकयार्ड पोल्ट्री में लगभग 46% की वृद्धि हुई है, जो कि ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी उन्मूलन का संकेत है।
मुर्गियों की संख्या वाले शीर्ष पांच राज्य -
 मुर्गी (मिलियन में) 
 | |||
1 
 | 
तमिलनाडु 
 | 
120.8 
 | 
  2.92 
 | 
2 
 | 
आंध्र प्रदेश 
 | 
107.9 
 | 
33.85 
 | 
3 
 | 
तेलंगाना 
 | 
  80.0 
 | 
 -0.93 
 | 
4 
 | 
पश्चिम बंगाल 
 | 
  77.3 
 | 
46.34 
 | 
5 
 | 
महाराष्ट्र 
 | 
  74.3 
 | 
 -4.49 
 | 
विभिन्न पशुधन श्रेणियों में शीर्ष 5 राज्य
संख्या मिलियन मेंपरिवर्तन % में
 मवेशी (Cattle)   
 | 
 |||
1 
 | 
  
पश्चिम बंगाल 
 | 
  
19.0 
 | 
  
15.18% 
 | 
 
2 
 | 
  
उत्तर प्रदेश 
 | 
  
18.8 
 | 
  
 -3.93% 
 | 
 
3 
 | 
  
मध्य प्रदेश 
 | 
  
18.7 
 | 
  
 -4.42% 
 | 
 
4 
 | 
  
बिहार 
 | 
  
15.3 
 | 
  
25.18% 
 | 
 
5 
 | 
  
महाराष्ट्र 
 | 
  
13.9 
 | 
  
10.07% 
 | 
 
6 
 | 
  
राजस्थान 
 | 
  
13.9 
 | 
  
  4.41% 
 | 
 
पश्चिम बंगाल में मवेशियों की आबादी में सबसे अधिक 15% की वृद्धि हुई है।
उत्तर प्रदेश में मवेशियों की आबादी में सबसे ज्यादा कमी हुई है।
 भैंस (Buffalo) 
 | 
 |||
1 
 | 
  
उत्तर प्रदेश 
 | 
  
33 
 | 
  
 
  7.81 
 | 
 
2 
 | 
  
राजस्थान 
 | 
  
13.7 
 | 
  
 
  5.35 
 | 
 
3 
 | 
  
गुजरात 
 | 
  
10.5 
 | 
  
 
  1.52 
 | 
 
4 
 | 
  
मध्य प्रदेश 
 | 
  
10.3 
 | 
  
25.88 
 | 
 
5 
 | 
  
बिहार 
 | 
  
 7.7 
 | 
  
 
  2.02 
 | 
 
 भेड़ (Sheep)  
 | 
 |||
1 
 | 
  
तेलंगाना 
 | 
  
19.1 
 | 
  
 48.51 
 | 
 
2 
 | 
  
आंध्र प्रदेश 
 | 
  
17.6 
 | 
  
 30.00 
 | 
 
3 
 | 
  
कर्नाटक 
 | 
  
11.1 
 | 
  
 15.31 
 | 
 
4 
 | 
  
राजस्थान 
 | 
  
  7.9 
 | 
  
-12.95 
 | 
 
5 
 | 
  
तमिलनाडु 
 | 
  
 
  4.5 
 | 
  
 
  -5.8 
 | 
 
  बकरी (Goat) 
 | 
 |||
1 
 | 
  
राजस्थान 
 | 
  
20.84 
 | 
  
 -3.81 
 | 
 
2 
 | 
  
पश्चिम बंगाल 
 | 
  
16.28 
 | 
  
41.49 
 | 
 
3 
 | 
  
उत्तर प्रदेश 
 | 
  
14.48 
 | 
  
 -7.09 
 | 
 
4 
 | 
  
बिहार 
 | 
  
12.82 
 | 
  
 
  5.49 
 | 
 
5 
 | 
  
मध्य प्रदेश 
 | 
  
11.6 
 | 
  
38.07 
 | 
 
  सूअर (Pig)  
 | |||
1 
 | 
असम 
 | 
2.10 
 | 
 -28.30 
 | 
2 
 | 
झारखंड 
 | 
1.28 
 | 
  32.69 
 | 
3 
 | 
मेघालय 
 | 
0.71 
 | 
  29.99 
 | 
4 
 | 
पश्चिम बंगाल 
 | 
0.54 
 | 
-16.63 
 | 
5 
 | 
छत्तीसगढ़ 
 | 
0.53 
 | 
 20.01 
 | 
 ऊँट (लाख में) 
 | |||
1 
 | 
राजस्थान 
 | 
2.13 
 | 
 34.69 
 | 
2 
 | 
गुजरात 
 | 
0.28 
 | 
  -9.19 
 | 
3 
 | 
हरियाणा 
 | 
0.05 
 | 
-72.65 
 | 
4 
 | 
उत्तर प्रदेश 
 | 
0.02 
 | 
-69.45 
 | 
 घोड़े व टट्टू  (लाख में) 
 | 
 |||
1 
 | 
  
उत्तर प्रदेश 
 | 
  
0.76 
 | 
  
-50.14 
 | 
 
2 
 | 
  
जम्मू-कश्मीर 
 | 
  
0.63 
 | 
  
-56.17 
 | 
 
3 
 | 
  
राजस्थान 
 | 
  
0.34 
 | 
  
-10.85 
 | 
 
4 
 | 
  
बिहार 
 | 
  
0.32 
 | 
  
-34.13 
 | 
 
5 
 | 
  
गुजरात 
 | 
  
0.22 
 | 
  
 19.42 
 | 
 
 खच्चर (लाख में) 
 | 
 |||
1 
 | 
  
उत्तराखंड 
 | 
  
0.26 
 | 
  
 
  -2.25 
 | 
 
2 
 | 
  
हिमाचल प्रदेश 
 | 
  
0.20 
 | 
  
-12.44 
 | 
 
3 
 | 
  
जम्मू-कश्मीर 
 | 
  
0.17 
 | 
  
-54.20 
 | 
 
4 
 | 
  
उत्तर प्रदेश 
 | 
  
0.09 
 | 
  
-79.06 
 | 
 
5 
 | 
  
मध्य प्रदेश 
 | 
  
0.03 
 | 
  
-63.61 
 | 
 
गधा (लाख में) 
 | 
 |||
1 
 | 
  
राजस्थान 
 | 
  
0.23 
 | 
  
 -71.31 
 | 
 
2 
 | 
  
महाराष्ट्र 
 | 
  
0.18 
 | 
  
 -39.69 
 | 
 
3 
 | 
  
उत्तर प्रदेश 
 | 
  
0.16 
 | 
  
 -71.72 
 | 
 
4 
 | 
  
गुजरात 
 | 
  
0.11 
 | 
  
 -70.94 
 | 
 
5 
 | 
  
बिहार 
 | 
  
0.11 
 | 
  
 -47.31 
 | 
 
 मिथुन (संख्यात्मक) 
 | 
 |||
1 
 | 
  
अरुणाचल प्रदेश 
 | 
  
350154 
 | 
  
  40.62 
 | 
 
2 
 | 
  
नागालैंड 
 | 
  
  23123 
 | 
  
-33.69 
 | 
 
3 
 | 
  
मणिपुर 
 | 
  
    9059 
 | 
  
-10.58 
 | 
 
4 
 | 
  
मिजोरम 
 | 
  
    3957 
 | 
  
  20.38 
 | 
 
 याक (संख्यात्मक) 
 | |||
1 
 | 
जम्मू-कश्मीर 
 | 
26221 
 | 
-51.88 
 | 
2 
 | 
अरुणाचल प्रदेश 
 | 
24075 
 | 
 71.22 
 | 
3 
 | 
सिक्किम 
 | 
  5219 
 | 
 29.31 
 | 
4 
 | 
हिमाचल प्रदेश 
 | 
  1940 
 | 
-33.58 
 | 
5 
 | 
पश्चिम बंगाल 
 | 
    213 
 | 
-80.44 
 | 
• सर्वाधिक पशुधन वाला राज्य है ? - उत्तर प्रदेश
• सर्वाधिक मुर्गियों की संख्या वाला राज्य है ? - तमिलनाडु
• मवेशियों की संख्या किस राज्य में सर्वाधिक है ? - पश्चिम बंगाल
• भैंस की संख्या किस राज्य में सर्वाधिक है ? - उत्तर प्रदेश
• भेड़ों की संख्या सर्वाधिक किस राज्य में है ? - तेलंगाना
• सर्वाधिक बकरियां किस राज्य में है ? - राजस्थान
• सर्वाधिक सूअर किस राज्य में है ? - असम
• सर्वाधिक ऊंट किस राज्य में है ? - राजस्थान
• घोड़े व टट्टू की संख्या सर्वाधिक किस राज्य में है ? - उत्तर प्रदेश
• खच्चरों की संख्या सर्वाधिक किस राज्य में है ? - उत्तराखंड
• सर्वाधिक गधे किस राज्य में पाए जाते हैं ? - राजस्थान
• सर्वाधिक मिथुन किस राज्य में है ? - अरुणाचल प्रदेश
• सर्वाधिक याक किस राज्य में है ? - जम्मू-कश्मीर
पशुधन हेतु सरकार के प्रयास
• राष्ट्रीय पशुधन मिशन• राष्ट्रीय गोकुल मिशन
• राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम
• राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम
• पशु अवसंरचना विकास निधि
राष्ट्रीय पशुधन मिशन (2014-15)
यह कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय की पहल है।
क्रियान्वयन एजेंसी - नाबार्ड
उद्देश्य - पशुधन क्षेत्र में सतत विकास, वैज्ञानिक शोध को प्रोत्साहन, महिलाओं को योजनाओं का लाभार्थी बनाना और दुर्लभ प्रजातियों का संरक्षण व नस्ल सुधार।
• पशुओं को गुणवत्तापूर्ण आहार व चारे की उपलब्धता सुनिश्चित कराना।
• पशुपालकों की आजीविका में सुधार करना।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन (2014)
इसका उद्देश्य देशी नस्ल के दुधारू पशुओं को बढ़ावा देकर दूध उत्पादन को बढ़ाना, नस्ल सुधार कार्यक्रम का संचालन करना तथा पशुओं में होने वाली बीमारियों पर रोक लगाना।
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (2019)
• 11 सितंबर 2019 से मथुरा से प्रारंभ।
इसका उद्देश्य खुरपका और मुंहपका रोग (FMD - and Mouth Disease) व ब्रूसेलोसिस रोग के नियंत्रण व उन्मूलन हेतु टीकाकरण करना।
2025 तक नियंत्रण व 2030 तक का उन्मूलन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (2019)
• 11 सितंबर 2019 से मथुरा से प्रारंभ।
उद्देश्य - नस्ल सुधार करना।
स्वदेशी गोजातीय नस्लों का संरक्षण, विकास और प्रसार करना। देशी नस्लों की गुणवत्ता बनाए रखना, नस्लों को बिगड़ने से व विलुप्त होने से बचाना।
SAVE WATER


0 Comments