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एच-1बी वीजा क्या है ? ।। वीजा के प्रकार

usa visa policy

एच-1बी वीजा क्या है ?

हाल ही में 22 जून 2020 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H1-b वीजा समेत अन्य वीजा के अस्थाई निलंबन के आदेश दिए हैं, जो 24 जून से दिसंबर 2020 तक प्रभावी रहेंगे।
इसमें निम्न वीजा सम्मिलित हैं-

‌H1-वीजा
1950 में निर्मित, जिसे 1990 में H1-a वीजा व H-2 b वीजा में बांट दिया गया।

H1-b वीजा- कुशल श्रमिकों को 6 साल के लिए दिया जाने वाला गैर प्रवासी वीज़ा है।
इस वीज़ा प्राप्ति के लिए स्नातक के साथ किसी एक क्षेत्र में विशेष योग्यता होना अनिवार्य है। यह 85000 लोगों को जारी किया जाता है जिसमें 20000 अमेरिकी संस्थानों से डिग्री धारक होते हैं।
• वीजा धारक 5 साल के बाद अमेरिका की स्थाई नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।

H4 -वीजा
H-1 वीजा के आधार पर मान्य H1-b वीजा धारक के जीवनसाथी या निर्भर को दिया जाता है।

H2-b वीजा
अस्थाई कृषि कर्मचारियों को दिया जाता है।

J1-वीजा
आगंतुकों के आदान-प्रदान के लिए दिया जाता है।
J2- वीजा J1 पर निर्भर लोगों को दिया जाता है।

L-1वीजा
हाई लेवल लोगों खासकर स्पेशलाइज्ड  कंपनी कर्मचारियों के लिए दिया जाता है।
L-2 वीजा L-1 पर निर्भर लोगों को दिया जाता है।

अमेरिका का पक्ष

• कोविड-19 महामारी के दौरान ट्रंप श्रम बाजार की मंदी को लेकर चिंतित है।
• अमेरिकी स्थानीय श्रमिकों को सहायता देने हेतु भी यह निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि ट्रंप अपनी हर समस्या के लिए प्रवासियों को उत्तरदायी ठहराते हैं।

अमेरिका पर प्रभाव -

1. राष्ट्रपति ट्रंप की नवंबर में आगामी चुनाव की तैयारी,अल्पकाल में अर्थव्यवस्था रिकवरी से उन्हें फायदा मिल सकता है, जो राजनीतिक संकीर्णता के विचारों से  प्रेरित है। दूरगामी प्रभाव नुकसानदायक हो सकते हैं।

2. सुंदर पिचाई गूगल सीईओ ,जो स्वयं प्रवासी है उन्होंने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि-" आव्रजन ने अमेरिका की सफलता में बहुत योगदान दिया है।"

 3. 'ग्रेट अमेरिकन ड्रीम' को पूरा होने में समय लगेगा तथा अर्थव्यवस्था सुधार में मंदी हो सकती है।

4. वैश्वीकरण का नेतृत्वकर्ता अमेरिका इसका फायदा नहीं उठा पाएगा, एलन मस्क के अनुसार-"यह प्रवासी शुद्ध रोजगार निर्माता होते हैं।"

भारत का पक्ष

• अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) के अनुसार- H1-b वीजा आवेदकों में 90% भारतीय उच्च प्रशिक्षित पेशेवर है। अतः यह फैसला भारतीय आईटी पेशेवरों को सर्वाधिक प्रभावित करेगा।
• भारत सरकार को यूएसए सरकार से बात करनी चाहिए कि भारत - यूएसए संबंधों की सुदृढ़ता के लिए 'वीजा नीति' जारी रहना आवश्यक है।
• आईटी सेक्टर में भारत स्वयं फायदा उठा सके इसका प्रबंध किया जाना चाहिए क्योंकि इस कदम के बाद यूएसए में  भारतीय बेरोजगारी दर बढ़ सकती है।

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