विश्व ऊँट दिवस
22 जून को विश्व ऊँट दिवस मनाया जाता है।🐪🐫 ऊंट दो प्रकार के होते हैं -
1. अरबी ऊँट या एक कूबड़ वाला ऊंट तथा
2. कूबड़ वाला ऊंट, जिसे बैकट्रियन ऊँट कहते हैं।
अरबी ऊँट पश्चिमी एशिया के सूखे रेगिस्तान क्षेत्रों के जबकि बैकट्रियन ऊँट मध्य और पूर्व एशिया के मूल निवासी हैं।
• भारत में केवल एक कूबड़ वाला ऊंट ही पाया जाता है।
• ऊंट संख्या में विश्व में भारत नौवें स्थान पर है।
• महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब हरियाणा आदि प्रान्तों में ऊंटों की संख्या ज्यादा है। भारत के कुल ऊंटों की आधी संख्या अकेले राजस्थान में है। इसे रेगिस्तान का जहाज़ भी कहते हैं।
• प्रति वर्ष जनवरी माह में बीकानेर में ऊंट महोत्सव मनाया जाता है।
• राजस्थान में राईका रेबारी समाज ऊंट पालन करता है।
• प्रतिवर्ष 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है।
इस वर्ष ऊंटनी का दूध (कैमल मिल्क) विश्व दुग्ध दिवस का एजेंडा है।
• राजस्थान में बीएसएफ के जवान बॉर्डर पर चौकसी के लिए ऊंट का उपयोग करते हैं।
• ऊंट एक हफ्ते से ज्यादा समय तक पानी पीये बिना रह सकता है। ऊंट की एक बार में 46 लीटर तक पानी पीने की क्षमता होती है।
• ऊंट का गर्भकाल लगभग 400 दिनों का होता है।
• ऊंटों के लिए दुनिया का पहला अस्पताल दुबई में खोला गया है।
ऊंटों की संख्या में कमी के कारण
• 20वीं राष्ट्रीय पशुधन गणना 2019 के अनुसार राजस्थान में ऊंटों की संख्या पिछले सात वर्षों में लगभग 35 फीसद कम हुई है।वर्ष 2012 में जहां राजस्थान में 3.26 लाख ऊंट थे, जो वर्ष 2019 में घटकर 2.13 लाख हो गए हैं।
• राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार ऊंटों की संख्या में कमी के मुख्य कारण -
चरागाहों की कमी
ऊंटों का अवैध रूप से वध।
कृषि और यातायात के साधनों का अधिक उपयोग।
प्रजनन की कमी।
युवाओं की ऊंट पालन से विमुखता।
चारे की अनुपलब्धता और महंगाई है।
साथ ही रूढ़िवादिता भी एक कारण है। ऊंट पालने वाले राइका समाज में ऐसी मान्यता है, कि ऊंटनी का दूध बेचना नहीं चाहिए।
ऊंटों का अवैध रूप से वध।
कृषि और यातायात के साधनों का अधिक उपयोग।
प्रजनन की कमी।
युवाओं की ऊंट पालन से विमुखता।
चारे की अनुपलब्धता और महंगाई है।
साथ ही रूढ़िवादिता भी एक कारण है। ऊंट पालने वाले राइका समाज में ऐसी मान्यता है, कि ऊंटनी का दूध बेचना नहीं चाहिए।
राजस्थान सरकार द्वारा ऊंटों की संख्या को बढ़ाने के लिए किए गए प्रयास -
• ऊंट विकास योजना की शुरुआत की। इसके अंतर्गत हर ऊंटनी के प्रसव पर ऊंट पालक को 10 हजार रुपये की अनुदान राशि दी जाती है।• राजस्थान सरकार ने 30 जून 2014 को ऊंट को राज्य पशु घोषित किया।
• वहीं हाल ही में एक कानून बनाकर ऊंट को मारने पर पांच
साल तक की सजा का प्रावधान किया, लेकिन इसके बावजूद ऊंटों की संख्या घट रही है।
सुझाव
• ऊंट को एक डेयरी पशु के रूप में विकसित किया जाना चाहिए।
• इसके लिए उन्नत चारागाह विकसित किए जाने चाहिए।
• ऊंट के प्रजनन में वैज्ञानिक विधियों का इस्तेमाल होना चाहिए।
• सरकार को गौशाला की तर्ज पर ऊंटशाला स्थापित करनी चाहिए।
SAVE WATER
SAVE WATER
0 Comments