बिम्सटेक क्या है ?
बिम्सटेक का पूरा नाम बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग उपक्रम है।BIMSTEC = Bay of bengal initiative for multisectoral technical and economic cooperation.
जून1997 में BIST-EC बनाया गया।
Bangladesh India Srilanka Thailand-Economic cooperation.
दिसंबर 1997 में इसमें म्यांमार शामिल हुआ। (BIMST-EC)
2004 में नेपाल और भूटान शामिल हुए और इसे वर्तमान नाम दिया गया।
बिम्सटेक के 7 देश सदस्य हैं - बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, नेपाल और भूटान।
सहयोग के लिए कुल 16 विषय निर्धारित किए गए है, जिन्हें सदस्य देशों के बीच बांटा गया।
2014 में ढाका में बिम्सटेक का सचिवालय स्थापित किया गया।
बिम्सटेक का वर्तमान महासचिव शाहिद उल इस्लाम है। (2020)
बिम्सटेक के अब तक 4 सम्मेलन आयोजित किए जा चुके है -
सम्मेलन
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सन
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आयोजन स्थल
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पहला
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2004
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बैकांक
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दूसरा
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2008
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नई दिल्ली
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तीसरा
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2014
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नाएप्यीदा (म्यांमार की नवीन राजधानी)
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चौथा
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2018
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काठमांडू
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पांचवा
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2020
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कोलंबो (में प्रस्तावित है)
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सितंबर, 2020 में 5वां बिम्सटेक शिखर सम्मेलन (5th BIMSTEC Summit), 2020 कोलंबो (श्रीलंका) में प्रस्तावित है।
बिम्सटेक की विशेषताएं:- (सार्क को प्रतिस्थापित करने हेतु)
1. पाकिस्तान की अनुपस्थिति के कारण क्षेत्रीय सहयोग आसानी से किया जा सकता है।2. इन देशों के हित बंगाल की खाड़ी में केंद्रित है जिसके माध्यम से आपसी जुड़ाव भी किया जा सकता है।
3. सदस्य देशों के बीच कोई बड़ा विवाद भी नहीं है।
4. भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी और एक्ट ईस्ट पॉलिसी इसमें मिलती है क्योंकि इसमें दक्षिण-एशिया और दक्षिण-पूर्वी एशिया के देश शामिल है।
5. इसकी कार्यप्रणाली अधिक विकसित है।
6. बाहय हस्तक्षेप अपेक्षाकृत कम है।
बिम्सटेक को निम्नलिखित सुधार लागू करने चाहिए:-
1. नियमित शिखर सम्मेलनों का आयोजन।2. सदस्य देशों को बिम्सटेक को अधिक वरीयता देनी चाहिए।
3. सचिवालय को अधिक प्रभावशील बनाया जाना चाहिए।
4. बिम्सटेक के देश 2004 से मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जल्द ही यह समझौता पूरा किया जाना चाहिए।
अपडेट एवं सुधार के लिए
www.devedunotes.com देखते रहे।
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