गुट निरपेक्षता आंदोलन
Non Alignment movementगुट निरपेक्षता - यह एक अंतर्राष्ट्रीय नीति है जिसके 3 मुख्य घटक है
(1) किसी भी सैन्य गुट में शामिल ना होना
(2) अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में सक्रियता बनाए रखना
(3) विदेश नीति में स्वतंत्रता बनाए रखना
गुट निरपेक्षता शब्द सर्वप्रथम भारत के पूर्व रक्षा मंत्री वी. के. मेनन द्वारा प्रयोग किया गया।
1955 में इंडोनेशिया के बाडूंग में एक afro-asian conference आयोजित किया गया। जहां इस सिद्धांत की व्याख्या जवाहरलाल नेहरू द्वारा की गई।
निरपेक्षता आंदोलन की आधिकारिक शुरुआत 1961 के बेलग्रेड (तत्कालीन यूगोस्लाविया में) सम्मेलन से हुई।
नोट - बेलग्रेड वर्तमान में सर्बिया की राजधानी है।
वर्तमान में इसके 120 सदस्य हैं। तथा 17 शिखर सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं ।
17वां शिखर सम्मेलन 2016 - वेनेजुएला
गुट निरपेक्षता आंदोलन (NAM) के मुख्य नेता
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गुट निरपेक्षता आंदोलन का महत्व :-
1 तीसरे विश्व के देशों को अपनी बात रखने के लिए मंच उपलब्ध करवाया गया।2 साम्राज्यवाद, उपनिवेशवाद, नक्सलवाद और रंगभेद का विरोध किया गया।
3 शीत युद्ध के काल में शांति का संदेश दिया
4 हथियारों की दौड़ का विरोध किया
5 नाभिकीय निशस्त्रीकरण का समर्थन किया
6 अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में पंचशील के सिद्धांतों को अपनाया गया
गुट निरपेक्षता आंदोलन की आलोचना:-
A. 1993 में सोवियत संघ (USSR) के विघटन के बाद नाम की प्रासंगिकता पर प्रश्न उठाए गए क्योंकि अब गुटवाद समाप्त हो चुका है।B. पश्चिमी देशों का आरोप है कि नाम का झुकाव सोवियत संघ (USSR) की ओर था
C. नाम की उपलब्धिया अत्यधिक सीमित है।
गुट निरपेक्षता आंदोलन की प्रासंगिकता:-
राजनीतिक क्षेत्र में प्रासंगिकता
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1
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विश्व राजनीति में यूएसए के वर्चस्व को कम करने हेतु
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2
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बहुध्रुवीय विश्व का निर्माण हेतु
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3
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यूएन में सुधार हेतु
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4
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विकासशील और अल्पविकसित देशों के हितों की रक्षा हेतु।
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5
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नव साम्राज्यवाद का विरोध
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आर्थिक क्षेत्र में प्रासंगिकता
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1
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विश्विक वित्तीय संस्थानों में सुधार लागू करने हेतु
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2
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नव उपनिवेशवाद का विरोध
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3
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विश्व व्यापार संगठन (WTO) में विकसित देशों के प्रभुत्व को कम करना
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4
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संरक्षणवाद का विरोध करना
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रक्षा क्षेत्र में प्रासंगिकता
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1
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नाभिकीय निशस्त्रीकरण
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2
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अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को समाप्त करना
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3
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साइबर सुरक्षा
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अन्य क्षेत्र में प्रासंगिकता
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1
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जलवायु परिवर्तन
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2
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सीरियाई संकट
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3
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यमन संकट
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4
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यूएसए - ईरान विवाद
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5
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शरणार्थियों का संकट
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1 यह प्रधानमंत्रियों का सम्मेलन नहीं था।
2 भारत के तरफ से उपराष्ट्रपति ने भाग लिया था।
3 पूर्व में 1979 में भी भारतीय प्रधानमंत्री ने इसमें भाग नहीं लिया था।
4 वेनेजुएला एक आर्थिक संकट से गुजर रहा था।
गुटनिरपेक्ष आंदोलन का वर्चुअल सम्मेलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 4 मई 2020 को गुटनिरपेक्ष (NAM) देशों के आभासी सम्मेलन में भाग लिया है।
गुटनिरपेक्ष देशों का यह सम्मेलन अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव की कोशिशों के बाद आयोजित किया गया है।
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