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हेलीकॉप्टर मनी क्या है ? ।। भारतीय अर्थव्यवस्था

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वर्तमान में कोरोना महामारी की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था संकट में है और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं।

हेलीकॉप्टर मनी क्या है ?

यह एक तरह से मौद्रिक उपाय है, जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मंदी से बचाने के लिए किया जाता है।
जब किसी देश की अर्थव्यवस्था संकट में हो, तो उस देश का केंद्रीय बैंक (भारत में आरबीआई) बड़े पैमाने पर नोटों की छपाई कर सरकार को देता है। सरकार इस धनराशि को  सीधे ही गरीबों के खातों में ट्रांसफर कर देती है।
सरकार को यह राशि सेंट्रल बैंक को लौटानी नहीं पड़ती है।
अमेरिकी अर्थशास्त्री मिल्टन फ्राइडमैन ने इस प्रक्रिया को हेलीकॉप्टर मनी नाम दिया था, क्योंकि यह एक प्रकार सेेे हेलीकॉप्टर से धन की बारिश करने जैसा है।

उदाहरणप्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) के तहत 20.5 करोड़ महिलाओं के जनधन खातों में तीन माह तक 500-500 रूपए बैंक खाते में दिए जा रहे हैं।
• उज्जवला योजना के तहत 3 महीने तक गैस सिलेंडर फ्री दिए जा रहे हैं। (सिलेंडर लेने के लिए खातों में पैसे डाले जा रहे हैं)


क्वांटिटेटिव ईजिंग क्या है ?
इसमें भी केंद्रीय बैंक नोटों की छपाई करता है लेकिन वह इस राशि से सरकारी बांड खरीदकर सरकार को पैसे उपलब्ध कराता है। सरकार को बाद में यह धनराशि केंद्रीय बैंक को लौटानी होती है।

हाल ही कोरोना महामारी के मद्देनजर 1 मार्च से 14 अप्रैल 2020 के दौरान आरबीआई द्वारा 1.2 लाख करोड़ रुपये की नई मुद्रा की आपूर्ति की गई है।

हेलीकॉप्टर मनी का प्रभाव

इस राशि से मुद्रा आपूर्ति बढ़ जाती है, जिससे मांग और मुद्रास्फीति (महंगाई) में भी तेजी आती है। जो कि आगे उन्हीं गरीबों केेेेे लिए नुकसानदायक है, जिनके लिए वर्तमान में इस मुद्रा की आपूर्ति की गई है।
अतः हेलीकॉप्टर मनी एक दो धारी तलवार की तरह है, जिसका प्रयोग सरकार द्वारा सावधानीपूर्वक किया जाना चाहिए।

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