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भारत के विश्व धरोहर स्थल। राजस्थान के विश्व धरोहर स्थल

World Heritage Sites of India

भारत के विश्व धरोहर स्थल

यूनेस्को क्या है ?
UNESCO = United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization. (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन)
स्थापना - 16 नवंबर 1945 ई. 
मुख्यालय - पेरिस (फ्रांस)
सदस्य देश - 195
यूनेस्को के 195 सदस्य देश हैं और सात सहयोगी सदस्य देश और दो पर्यवेक्षक सदस्य देश हैं।

यूनेस्को का उद्देश्य - शिक्षा एवं  संस्कृति के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से शांति एवं सुरक्षा की स्थापना करना।


विश्व धरोहर दिवस (World Heritage Day)

विश्व धरोहर स्थलों के महत्व, सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस (World Heritage Day) मनाया जाता है।
कोई भी स्थल जो मानवता के लिए जरूरी हो और अपना सांस्कृतिक और भौतिक महत्व रखता हो उसे संयुक्त राष्ट्र संघ की यूनेस्को संस्था द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी जाती है।
विश्व धरोहर दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल दिवस भी कहते हैं।


विश्व धरोहर सूची

16 नवंबर 1972 को स्टॉकहोम सम्मेलन, स्वीडन  में सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों के संरक्षण की बात की गई।

यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में मुख्यत: निम्न तीन प्रकार के स्थल आते है -

1.प्राकृतिक स्थल - भौतिक या भौगोलिक दृष्टि से उपयोगी स्थान।
2.सांस्कृतिक स्थल - स्मारक, मूर्तिकला, शिलालेख, गुफा आवास।
3.मिश्रित धरोहर स्थल

यूनेस्को द्वारा भारत के 40 स्थल विश्व धरोहर स्थल घोषित किए गए है
इनमें 32 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और एक मिश्रित धरोहर शामिल है।

प्राकृतिक स्थल
मानस वाइल्डलाइफ सेंचुरी - 1985
काजीरंगा नेशनल पार्क - 1985
केवलादेव नेशनल पार्क - 1985
सुंदरवन नेशनल पार्क -1987
नंदा देवी नेशनल पार्क -1988
पश्चिमी घाट (सहाद्री पर्वत) - 2010
ग्रेट हिमालयन राष्ट्रीय उद्यान 2014

एक मिश्रित धरोहर 
कंचनजंगा नेशनल पार्क - 2016


यूनेस्को द्वारा घोषित भारत के विश्व धरोहर स्थल

 

स्थल

राज्य

 वर्ष

 

अजंता गुफाएं 

 औरंगाबाद (महाराष्ट्र)

1983

 

ताजमहल 

 आगरा (UP)

1983

 

एलोरा गुफाएं            

 औरंगाबाद (महाराष्ट्र)

1983

 

सूर्य मंदिर

 कोणार्क पुरी (ओडिशा)

1984 

 

महाबलीपुरम के स्मारक

 तमिलनाडु

1984

 

 केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान

 राजस्थान

1985

 

 काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान

 असम

1985

 

मानस राष्ट्रीय उद्यान

 असम

1985, 2011 

 

गोवा के चर्च और आश्रम

 गोवा

1986

 

हम्पी के स्मारक

 बेल्लारी (कर्नाटक)

1986

 

फतेहपुर सीकरी

 आगरा (UP)

1986

 

खजुराहो के स्मारक

 मध्यप्रदेश

1986

 

सुंदरबन राष्ट्रीय उद्यान

 पश्चिम बंगाल

1987

 

एलिफेंटा गुफाएँ

 मुंबई (महाराष्ट्र)   

1987

 

पट्टादकल के स्मारक

 कर्नाटक

1987

 

महान चोल मंदिर (बृहदिस्वर मंदिर)

 तंजावुर (तमिलनाडु)

1987

 

नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान

 उत्तराखंड

1988

 

सांची के बौद्ध स्तूप

 मध्यप्रदेश

1989

 

हुमायूं का मकबरा

 दिल्ली

1993

 

क़ुतुब मीनार

 दिल्ली

1993

 

दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे

 

1999

 

नीलगिरि पर्वतीय रेलवे

 

2005

 

कालका-शिमला रेलवे

 

2008

 

महाबोधि मंदिर परिसर 

 बोधगया (बिहार)

2002

 

भीमबेटका के रॉक सेंटर

 मध्यप्रदेश

2003

 

चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क

 गुजरात

2004

 

छत्रपति शिवाजी टर्मिनल (पहले विक्टोरिया टर्मिनल) 

 मुंबई, (महाराष्ट्र)

2004

 

फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान

 उत्तराखंड

2005

 

लाल किला परिसर

 दिल्ली

2007

 

जंतर मंतर

 राजस्थान

2010

 

पश्चिमी घाट के क्षेत्र


2012

 

राजस्थान के पहाड़ी किले

 राजस्थान

2013

 

महान हिमालयी राष्ट्रीय उद्यान

 हिमाचल प्रदेश

2014

 

रानी की बाव

 पाटण (गुजरात) 

2014

 

नालंदा विश्वविद्यालय

 बिहार   

2014

 

कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान

सिक्किम

2016

 

चंडीगढ़ कैपिटल कॉम्प्लेक्स

 चंडीगढ़

2016

 

पुराना अहमदाबाद

 गुजरात

2017

 

मुंबई की ‘विक्टोरियन गोथिक’ और ‘आर्ट डेको’ बिल्डिंग

 महाराष्ट्र

2018

 

जयपुर 

 राजस्थान

2019

 
ग्वालियर और ओरछा
 मध्य प्रदेश

2020


भारत के पहाड़ी रेलवे
भारत के पहाड़ी रेलवे में तीन रेलवे हैं -
दार्जीलिंग हिमालयन रेलवे - 1999
नीलगिरि माउंटेन रेलवे - 2005
कालका-शिमला पर्वतीय रेलवे - 2008

सुंदरबन दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव वन है।

मानस राष्ट्रीय उद्यान - असम 
इसे 1985 में विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया।
परंतु बोडो विद्रोही गतिविधियों के कारण इसे 1992 में विश्व धरोहर स्थल सूची से हटा दिया गया।
2011 में इसे पुनः यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।

राजस्थान के विश्व धरोहर स्थल

1985 में केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।

2010 में जंतर मंतर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया।
जयपुर का जंतर-मंतर खगोलीय प्रेक्षण स्थल है 
यहां वृत सम्राट यंत्र, लघु सम्राट यंत्र, रामयंत्र, जयप्रकाश यंत्र, सम्राट यंत्र, दिशा यंत्र, ध्रुवदर्शक यंत्र, क्रांति वृत जैसे खगोल विज्ञान से संबंधित यंत्र मौजूद है।

2013 में राजस्थान के 6 पहाड़ी किलें विश्व विरासत सूची में शामिल किए गए -
1.गागरोण का किला
2.आमेर किला
3.चित्तौड़ का किला
4.कुंभलगढ़ का किला
5.रणथंभौर का किला
6.जैसलमेर का किला

6 जुलाई 2019 को यूनेस्को द्वारा राजस्थान की राजधानी जयपुर के परकोटे को विश्व धरोहर का दर्जा दिया गया।
अहमदाबाद के बाद जयपुर भारत  का दूसरा शहर बना, जिसे यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा दिया।

राजस्थान में कितने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल स्थित है ? -

दिसंबर 2020 में यूनेस्को द्वारा मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक किले शहरों ग्वालियर और ओरछा को अपने विश्व धरोहर शहर कार्यक्रम के अंतर्गत यूनेस्को विश्व विरासत शहरों की सूची में शामिल किया गया है। 
• ग्वालियर की स्थापना 9वीं शताब्दी में हुई थी और इस पर गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर, बघेल कछवाहो और सिंधिया का शासन रहा। यह बलुआ पत्थर के पठार पर स्थित है।
• ओरछा का अर्थ - 'छिपे हुए महल'।
ओरछा की स्थापना 16वीं सदी के बुंदेला राजा रूद्र प्रताप सिंह ने की थी। 
यह 16वीं शताब्दी में बुंदेला साम्राज्य की राजधानी थी।

रामप्पा मंदिर विश्व धरोहर सूची में शामिल
तेलंगाना में स्थित काकतीय रुद्रेश्वर (रामप्पा मंदिर) मंदिर को यूनेस्को ने 25 जुलाई 2021 को विश्व धरोहर में शामिल कर लिया। 
• वारंगल में स्थित यह शिव मंदिर इकलौता ऐसा मंदिर है, जिसका नाम इसके शिल्पकार रामप्पा के नाम पर रखा गया। इतिहास के अनुसार काकतीय वंश के राजा ने इस मंदिर का निर्माण 13वीं सदी में करवाया था।
• केंद्रीय संस्कृति:- मंत्री जी किशन रेड्डी।

धोलावीरा यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल
हड़प्पा-युग के महानगर, गुजरात में धोलावीरा को यूनेस्को (UNESCO) की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है। 1968 में खोजे गए इस स्थल को स्थानीय रूप से 'कोटदा टिम्बा' (किला टीला) के रूप में जाना जाता है।
चंपानेर-पावागढ़ पुरातत्व पार्क, रानी की वाव और अहमदाबाद के चारदीवारी वाले शहर के बाद, धोलावीरा यूनेस्को विश्व धरोहर टैग हासिल करने वाला गुजरात का चौथा स्थल है।
धोलावीरा भारत का 40वां विश्व विरासत स्थल बना है।

किसी ऐतिहासिक विरासत या स्थल का, विश्व धरोहर स्थलों की सूची में जगह पाने से पहले अस्थायी सूची में शामिल होना जरूरी है। अस्थायी सूची में शामिल होने के बाद नियमानुसार विभिन्न प्रक्रियाएं पूरी कर एक मुख्य प्रस्ताव यूनेस्को को भेजा जाता है

भारत की यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में छह विरासत स्थल शामिल
मई 2021 में भारत के छह सांस्कृतिक विरासत स्थलों को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में जोड़ा गया है। इसके साथ, यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची/संभावित सूची में भारत के प्रस्तावित स्थलों की संख्या 48 हो गई है।
वाराणसी के गंगा घाट,
तमिलनाडु में कांचीपुरम के मंदिर,
मध्य प्रदेश में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व,
महाराष्ट्र सैन्य वास्तुकला
हायर बेंकल मेगालिथिक साइट,
मध्य प्रदेश में नर्मदा घाटी के भेड़ाघाट लमेताघाट
परिचालन दिशा-निर्देश 2019 के अनुसार, अंतिम नामांकन के लिए विचार किए जाने से पहले किसी भी स्मारक/स्थल को संभावित सूची में रखना अनिवार्य है।
नियमानुसार ये प्रस्ताव एक साल के लिए विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में रहेंगे, इसके बाद सरकार को एक नामांकन दस्तावेज तैयार करना होगा, जिस पर यूनेस्को की विश्व विरासत समिति द्वारा विचार किया जाएगा।

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3 Comments

  1. बहुत ही अच्छी जानकारी दी है आपने

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  2. आप का कार्य बहुत सराहनीय है ।।

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