जल
प्रश्न: विश्व की प्राचीन सभ्यताएं जल के किनारे क्यों विकसित हुई ?
उत्तर:जल स्त्रोतों से पेयजल के साथ-2 कृषि,व्यापार, परिवहन और सुरक्षा आदि सुविधाओं का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।इसलिए विश्व की प्रमुख प्राचीन सभ्यताएं जल के किनारे विकसित हुई।नदियों के किनारे बसे शहर
नगर नदी देशकोटा चंबल भारत
टोंक बनास भारत
उदयपुर आयड़ भारत
रोम टाइबर भारत
पेरिस सीन फ्रांस
महासागरों के किनारे बसे शहर
नगर महासागर देशमुंबई हिंद भारत
चेन्नई हिंद भारत
न्यूयॉर्क अटलांटिक U.S.A
बीजिंग प्रशांत चीन
सिंगापुर प्रशांत सिंगापुर
झीलों के किनारे बसे शहर
नगर झील देशश्रीनगर डल झील भारत
पुष्कर पुष्कर झील भारत
शिकागो मिशीगन U.S.A
डुलुध सुपीरियर U.S.A
बफैलो हुरी U.S.A
जल चक्र किसे कहते है ?
जल स्त्रोतों से वाष्पीकृत होकर जल विभिन्न कणो में बदलता हुआ पुन: जल स्त्रोतों में ही आकर मिल जाता है इस प्रक्रिया को जलचक्र कहते हैं।
खारा जल अथवा कठोर जल
इसमें लवणों की मात्रा अधिक होती है।खारा जल के प्रमुख स्त्रोत महासागर तथा झील है
जैसे :- वॉन झील, मृत सागर, सांभर झील
मीठा जल अथवा स्वच्छ जल
इसमें लवणों की मात्रा बहुत कम होती है।मीठे जल के प्रमुख स्त्रोत नदी, तालाब कुआ एवं भूमिगत जल है।
• तुर्की की वाॅन झील विश्व की सबसे खारी झील है।
• राजस्थान की सांभर झील के खारे जल का उपयोग नमक बनाने में किया जाता है।
भूमिगत जल
वर्षा जल भूमि के अंदर प्रवेश कर नीचे की कठोर चट्टानों के ऊपर एकत्रित हो जाता है उसे भूमिगत जल कहते हैं।• वर्षा ऋतु में भूमिगत जल कम गहराई पर एवं ग्रीष्म ऋतु में अधिक गहराई पाया जाता है।
भूमिगत जल में कमी के कारण:- कम वर्षा, अधिक सिंचाई, जनसंख्या वृद्धि और उद्योगों में जल की बढ़ती मांग आदि।
जल प्रदूषण
शुद्ध जल में कुछ अवांछित तत्व मिल जाते हैं तो वह जल पीने एवं मानवीय उपयोग के योग्य नहीं रहता है इसे जल प्रदूषण कहते हैं ।
1. घरेलू तथा औद्योगिक ठोस अपशिष्ट पदार्थों व रासायनिक तत्वो को जल में डालना।
2.कृषि में रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग।
3. जलाशयों पर कपड़े धोना एवं पशुओं को नहलाना।
4. महासागरों में जहाजों से तेल रिसाव।
जल प्रदूषण रोकने के उपाय
जल प्रदूषण रोकने के उपाय व्यक्तिगत एवं प्रशासनिक दोनों स्तरों पर किए जा सकते हैं।
• .सार्वजनिक जलाशयों में स्नान, कपड़े धोना, पशुओं को नहलाना आदि नहीं करना चाहिए।
• रसायनिक उर्वरकों का नियंत्रित उपयोग करना चाहिए।
• ठोस शहरी कचरे को बंजर या अनुपयोगी भूमि पर डालना चाहिए।
• टीवी, रेडियो ,समाचार-पत्रों के माध्यम से जल प्रदूषण और संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए।
भारत सरकार ने जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण कानून- 1974 तथा पर्यावरण संरक्षण कानून - 1986 बनाए हैं।
गंगा नदी को साफ बनाने के लिए भारत सरकार ने नमामि गंगे तथा गंगा एक्शन प्लान नामक कार्य योजनाएं चला रखी है।
जल संरक्षण
जल के दुरुपयोग को रोककर स्वच्छ जल को लंबे समय तक बचा कर रखना जल संरक्षण कहलाता है।जल संरक्षण की विधियां
• परंपरागत जल संरक्षण विधि
• आधुनिक जल संरक्षण विधि
परंपरागत जल संरक्षण विधि:- प्राचीन काल से झील, तालाब, कुएं,बावड़ी आदि का निर्माण करके जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है।
आधुनिक जल संरक्षण विधि
• बांध, नहर एवं एनीकट निर्माण द्वारा
• बूंद बूंद एवं फव्वारा सिंचाई प्रणाली
• दूषित जल को साफ करके पुन उपयोग में लेना
• रूफ टॉप जल संग्रहण विधि
रूफ टॉप जल संरक्षण विधि
वर्षा के जल को भवन की छत से एक पाइप द्वारा नीचे बनी जल की टंकी में इकट्ठा करने को रूफ टॉप जल संग्रहण विधि कहते हैं।स्वच्छ जल को भविष्य का सोना या नीला सोना भी कहते हैं।
22 मार्च को जल दिवस मनाया जाता है।
पश्चिमी राजस्थान के लोगों ने जल को बूंद-बूंद सहेजना मधुमक्खियों से सीखा है।
पश्चिमी राजस्थान में कहते हैं -
घी डुल्यां म्हारा की नीं जासी।
पानी डुल्यां म्हारों जी बले।।
SAVE WATER
0 Comments