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भारतीय अर्थव्यवस्था || विभिन्न प्रकार के बॉण्ड

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विभिन्न प्रकार के बॉण्ड

एलीफेंट बॉन्ड

मोदी सरकार बाजार में नकदी की समस्या को दूर करने के लिए एलीफेंट बॉन्ड ला सकती है जिसके तहत कालेधन को सफेद धन में परिवर्तित किया जा सकता है।
एलीफेंट बॉन्ड के तहत यह सुविधा है कि कोई व्यक्ति 1 करोड़ रुपए काला धन सरकार के पास जमा कराएगा तो उस में से 50 लाख रुपए सरकार अपने पास रखेगी और 50 लाख रुपए उस व्यक्ति को दे दिए जाएंगे और इस राशि को सफेद धन माना जाएगा।

वर्तमान में बहुत से बॉण्ड चर्चा का विषय बने हुए हैं, जिनके कारण अक्सर दुविधा की स्थिति बन जाती है। इस दुविधा से बचने के लिये ही हमने ऐसे कुछ बॉण्डों के विषय में यहाँ संक्षिप्त जानकारी देने का प्रयास किया है, जो कि इस प्रकार हैं-

मसाला बॉण्ड

मसाला बॉन्ड भारत के बाहर जारी किए जाने वाले बॉन्ड होते हैं, लेकिन इन्हें स्थानीय मुद्रा की बजाए भारतीय रुपये में जारी किया जाता है

हाल ही मई 2019 में केरल देश का पहला राज्य बना है जिसने लंदन स्टॉक एक्सचेंज में मसाला बॉन्ड जारी किया है।

नवंबर 2014 में विश्व बैंक के इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन द्वारा पहला मसाला बॉण्ड जारी किया गया था।

रुपए बॉण्ड

रुपए ऋण बॉण्ड (Rupee Debt Bonds) को रुपए डेनोमीनेटेड बॉण्ड (Rupee Denominated Bonds) या ‘मसाला बॉण्ड’ (Masala Bonds) के रूप में भी जाना जाता है।

इस प्रकार के बॉण्ड को भारतीय संस्थाओं द्वारा विदेशी बाज़ारों में विदेशी मुद्रा जोखिम को खत्म करने के लिये जारी किया जाता है।

मसाला बॉण्ड, ऑफशोर कैपिटल मार्केट (Offshore Capital Markets) में जारी किये गए भारतीय रुपए डेनोमीनेटेड बॉण्ड (Indian Rupee Denominated Bonds) हैं।

हरित बॉण्ड

हरित बॉण्ड, संघीय योग्य संगठनों अथवा नगर पालिकाओं द्वारा पूर्व स्थापित क्षेत्रों (Brownfield sites) के विकास के लिये जारी कर-मुक्त बॉण्ड होते हैं।

ग्रीन बॉण्ड, दूसरे बॉण्डों की तरह ही होते हैं, लेकिन इनके तहत केवल पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं यानी हरित परियोजनाओं में निवेश किया जाता है। ऐसी परियोजनाएँ आमतौर पर अक्षय ऊर्जा, कचरा प्रबंधन, स्वच्छ परिवहन, सतत् जल प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलित क्षेत्र में अवस्थित होती हैं।


जलवायु बॉण्ड

जलवायु बॉण्ड (इन्हें ग्रीन बॉण्ड के रूप में भी जाना जाता है) के रूप में निश्चित आय वाले वित्तीय साधनों (बॉण्ड) को जलवायु परिवर्तन संबंधी समाधानों से किसी-न-किसी तरह से संबद्ध किया जाता है।

जलवायु बॉण्ड (Climate Bonds) अपेक्षाकृत एक नया परिसंपत्ति वर्ग (New Asset Class) है। इसके बावजूद इसमें बहुत तेज़ी से वृद्धि हो रही है।


सामाजिक प्रभाव बॉण्ड

सामाजिक प्रभाव बॉण्ड (Social Impact Bond) को सफल वित्तपोषण हेतु वेतन (Pay for Success Financing) अथवा सामाजिक लाभ बॉण्ड या केवल एक सामाजिक बॉण्ड के रूप में जाना जाता है।

वस्तुतः यह सार्वजनिक क्षेत्र के साथ एक अनुबंध के रूप में होता है, जिसमें बेहतर सामाजिक परिणामों के लिये भुगतान करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की जाती है। इसका परिणाम सार्वजनिक क्षेत्र की बचत में परिलक्षित होता है।


विकास प्रभाव बॉण्ड

विकास प्रभाव बॉण्ड (Development Impact Bonds - DIBs) एक प्रदर्शन आधारित निवेश साधन है, जिसका उद्देश्य कम संसाधन वाले देशों के विकास कार्यक्रमों को वित्तपोषित करना है।

विकास प्रभाव बॉण्ड को सामाजिक प्रभाव बॉण्ड के आधार पर बनाया जाता है।


औद्योगिक राजस्व बॉण्ड बॉण्ड


औद्योगिक राजस्व बॉण्ड (Industrial Revenue Bond - IRB) राज्य अथवा स्थानीय सरकार द्वारा जारी एक अनूठे प्रकार का राजस्व बॉण्ड होता है।
इस बॉण्ड को एक सरकारी इकाई द्वारा प्रायोजित किया जाता है।


सामान्य दायित्व बॉण्ड

एक सामान्य दायित्व बॉण्ड (General Obligation Bond) एक नगरपालिका बॉण्ड होता है।

ये किसी परियोजना से प्राप्त राजस्व के स्थान पर वितरित अधिकार क्षेत्र के क्रेडिट और कर लगाने की शक्ति द्वारा समर्थित बॉण्ड होते हैं।
सामान्य दायित्व बॉण्ड को इस धारणा के साथ जारी किया जाता है कि इसके आधार पर नगरपालिका परियोजनाओं से प्राप्त राजस्व अथवा कराधान के माध्यम से अपने ऋण दायित्वों को चुकाने में सक्षम हो जाएंगी।


कॉरपोरेट बॉण्ड

किसी कॉरपोरेशन द्वारा जारी किये गए बॉण्ड को कॉरपोरेट बॉण्ड कहा जाता है।
कॉरपोरेट बॉण्ड को पहले से चल रहे कार्यों अथवा विलय एवं अधिग्रहण अथवा व्यापार का विस्तार करने जैसे विभिन्न कारणों हेतु वित्तपोषण बढ़ाने के लिये जारी किया जाता है।
हालाँकि, कॉरपोरेट बॉण्ड शब्द को बहुत सटीकता के साथ परिभाषित नहीं किया गया है।

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