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चक्रवात क्या है। क्यों आते हैं चक्रवाती तूफान ?


What is cyclone


चक्रवात क्या है ?

कम वायुमंडलीय दाब के चारों ओर गर्म हवाओं की तेज आंधी को चक्रवात कहते हैं।
दक्षिणी गोलार्द्ध में इन गर्म हवाओं को चक्रवात कहते हैं और ये घड़ी की सुई के चलने की दिशा में चलती है। जबकि उत्तरी गोलार्द्ध में इन गर्म हवाओं को हरीकेन अथवा टायफून कहा जाता है और ये घड़ी की सुई के विपरीत दिशा में चलती हैं।


चक्रवाती तूफान क्यों आते है ?

उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों (गर्म क्षेत्रों) के समुद्र में सूर्य की भयंकर गर्मी से हवा गर्म होकर अत्यंत कम वायुदाब का क्षेत्र बना देती है।
हवा गर्म होकर तेजी से ऊपर आती है और ऊपर की नमी से संतृप्त होकर संघनन से बादलों का निर्माण करती है।
रिक्त स्थान को भरने के लिए नम हवाएं तेजी के साथ नीचे जाकर ऊपर आती है, जिसके परिणामस्वरुप हवाऐं बहुत ही तेजी के साथ उस क्षेत्र के चारों तरफ घूमकर घने बादलों का निर्माण करती है और बिजली कड़कने के साथ-साथ मूसलाधार बारिश करती हैं।
तेज घूमती इन हवाओं के क्षेत्र का व्यास हजारों किलोमीटर में होता है।


चक्रवात की विशेषताएँ

चक्रवात बनने के लिए सागर जल सतह का तापमान 27 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक होना चाहिए ताकि वाष्पीकरण तेजी से हो।
चक्रवात निम्न दाब के केंद्र होते हैं जिनके चारों तरफ उच्च दाब होता है।
सामान्यतः चक्रवात समुद्र पर विकसित होते हैं और तटीय भागों पर वर्षा करते हैं।

नोट:- मई में समुद्र काफी गर्म होता है इसलिए उसकी सतह का तापमान भी बहुत ज्यादा रहता है। इसलिए मई में सबसे ज्यादा चक्रवात आते हैं।
समुद्र जितना गर्म होगा चक्रवात की तीव्रता उतनी ही ज्यादा होगी।

चक्रवात का नामकरण ?

चक्रवातों के नाम रखने की परंपरा ऑस्ट्रेलिया से शुरू हुई।
19वीं सदी में ऑस्ट्रेलिया में चक्रवातों का नाम भ्रष्ट राजनेताओं के नाम पर रखा जाने लगा था।

बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले चक्रवातों को नाम देने की शुरुआत 2000 में हुई थी।
2000 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन व संयुक्त राष्ट्र आर्थिक व सामाजिक आयोग के 27वें सत्र में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में उठने वाले चक्रवातों के नामकरण के लिए समझौता किया गया।
(यूनाइटेड नेशंस इकोनामिक एंड सोशल कमीशन फॉर इंडिया एंड पेसिफिक)

2004 में चक्रवात के नामकरण की यह प्रक्रिया शुरू की गई थी।

नाम देने के लिए गठित पैनल में दोनों सागर के किनारे बसे 13 देश शामिल है -
भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, यूएई और यमन।
प्रत्येक देश ने 13 नाम दिए है।
अप्रैल 2020 में 169 नामों की सूची जारी की गई। नई सूची में निसर्ग के अलावा अर्णव, आग, व्योग, अजर, प्रभंजन, तेज, गति, लुलु आदि नाम शामिल है।

नई सूची में पुरानी सूची से आखिरी नाम अम्फान भी शामिल किया गया था।

इस सूची में निवार का भी नाम शामिल है।

कुछ देशों द्वारा चक्रवात के नाम -

बांग्लादेश - ओनिल, ओगनी, निशा, गिरी, हेलेन, चपाला, ओखी, फणि

भारत - अग्नि, आकाश, बिजली, जल, लहर, मेघ, सागर, वायु

पाकिस्तान - फानूस, नरगिस, लैला, निलम, निलोफर, वर्धा, तितली, बुलबुल

श्रीलंका - माला, रश्मी, वियारु, अश्होबा, मारुथा, गाजा, पवन

मालदीव - हिबारु, गोनू, आइला, केईला, मदी, रोअु, मेकुनु, हिका

म्यांमार - प्यार, येमाइन, फयान, थाने, ननौक, क्यांट, डेई, क्यार, तोकतेे (ताऊ-ते)

ओमान - बाज, सिद्र, वार्ड, मुर्जन, हुदहुद, नाडा, लुबन, माहा, याास

थाईलैंड - मुकडा, खाइमुक, फेत, फैलिन, कोमन, मोरा, फेथई, अम्फान


विभिन्न देशों (क्षेत्रों) में चक्रवात के नाम

 देश (क्षेत्र)

 चक्रवात का नाम

 अमेरिका

 हरीकेन

 कैरेबियन सागर व मैक्सिको

 टोरनेडो

 चीन व जापान

 टायफून

 ऑस्ट्रेलिया

 विलीविलीज

 बंगाल की खाडी

 चक्रवात

 

हवा की गति के आधार पर तूफानों का वर्गीकरण

 तूफान

 हवा की गति

 चक्रवातीय तूफान 

 63-88 किलोमीटर प्रति घंटा

 गंभीर चक्रवाती तूफान

 89-117 किलोमीटर प्रति घंटा

 बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान

 118-165 किलोमीटर प्रति घंटा

 अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान

 166-220 किलोमीटर प्रति घंटा

 सुपर साइक्लोनिक तूफान

 220 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक


ताऊ-ते चक्रवात
• मई 2021 में अरब सागर से उठा तथा भारत के पश्चिमी तट पर केरल कर्नाटक महाराष्ट्र गुजरात राजस्थान से टकराया।
• अरब सागर से चले उष्ण चक्रवात 'तौकते' (ताऊ-ते) का नाम म्यांमार ने दिया है।  इसका अर्थ होता है ‘छिपकली’ यह नाम बर्मा क्षेत्र में पायी जाने वाली गेको छिपकली के नाम पर आधारित है।

बंगाल की खाड़ी से 'यास' नामक चक्रवर्ती तूफान आने की चेतावनी जारी की गई है।
यास नाम ओमान द्वारा दिया गया है।

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