राजस्थान में मानव संसाधन विकास
शिक्षा:-शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है।
निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण योजना• राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा• कक्षा 1 से 8 तक सभी विद्यार्थी।• कक्षा 9 से 12 तक में पढ़ने वाली सभी छात्राओं, SC, ST के छात्रों तथा वे छात्र जिनके माता-पिता आयकर दाता नहीं है को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण।
गार्गी पुरस्कार• कक्षा 10 में 75% या उससे से अधिक अंक लाने वाली सभी बालिकाओं हेतु।• प्रतिवर्ष बसंत पंचमी को पुरस्कार दिया जाता है।• कक्षा 11 एवं कक्षा 12 नियमित अध्ययन करने वाली छात्राओं को प्रतिवर्ष ₹3,000 और एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।
बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार योजना• कक्षा 12 में 75% या उससे से अधिक अंक लाने वाली सभी बालिकाओं हेतु।• ₹5000 एवं प्रमाणपत्र।
समग्र शिक्षा• यह प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण की उपलब्धि के लिए भारत सरकार का फ्लैगशिप कार्यक्रम है।• राज्य में इसका क्रियान्वयन राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा किया जाता है।• केंद्र (60) : राज्य (40)• उद्देश्य:- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिकता को बढ़ावा देना, स्कूल शिक्षा में सामाजिक और लैंगिक अंतर को कम करना।(A) प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा• समेकित बाल विकास योजना के तहत 62,020 आंगनबाड़ी केंद्रों में 3-6 वर्ष आयु वर्ग के 16 लाख बच्चे पूर्व विद्यालय शिक्षा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।(B) बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के लिए निपुण भारत मिशन:-• उद्देश्य:- बच्चों की दक्षता एवं सीखने के कौशल में सुधार करना।• राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, मिशन का लक्ष्य 2026-27 तक कक्षा 2 के अंत तक प्रत्येक बच्चे को आवश्यक पठन लेखन एवं गणितीय कौशल प्राप्त करने में सक्षम बनाना।• निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए कक्षा 1-5 में अध्यापन कराने वाले शिक्षकों की बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान पर समझ विकसित करने के लिए बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (FLN) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।(C) पहुंच एवं ठहराव:-• स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूलशैक्षिक दृष्टि से पिछड़े क्षेत्रों में विशेष रूप से शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से राज्य में 134 स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूलों की शुरुआत की गई है।CBSE पैटर्न पर इंग्लिश मीडियम में शिक्षा।55% सीट छात्राओं के लिए आरक्षित• मेवात क्षेत्र में 10 मेवात बालिका आवासीय विद्यालय स्थापित किए गए हैं।(D) शिक्षा में आधारभूत ढांचे का विकास कार्य:-ज्ञान संकल्प पोर्टल• उद्देश्य:- भामाशाहों, दानदाताओं और कंपनियों (csr) से धनराशि एकत्रित कर स्कूलों को वित्तीय सहायता प्रदान करना एवं बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
(F) गुणवत्ता एवं नवाचार हस्तक्षेप:-• जादुई पिटारा:- यह एक अभिनव खेल-आधारित शिक्षण सामग्री हैं, जिसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए नई पद्धतियों एवं प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सीखने के अनुभव एवं परिणामों को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।NEP 2020 के तहत विकसित इस जादुई संग्रह में प्लेबुक, खिलौने, पहेलियां, पोस्टर, फ्लैशकार्ड एवं कहानी की किताबें शामिल है जो स्थानीय संस्कृति और भाषाओं को दर्शाती है।पीएम श्री विद्यालय योजना• 2022 में लागू।• लक्ष्य:- सभी स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण समान समावेशी शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित कर विद्यालयों का समग्र रूपांतरण करना।• ये विद्यालय पर्यावरण अनुकूल गतिविधियां, सोलर पैनल, LED लाइटिंग, प्राकृतिक खेती के साथ पोषण उद्यान, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्त वातावरण तथा जल संरक्षण व संचयन को शामिल करते हुए हरित विद्यालय के रूप में स्थापित किए जाएंगे।• इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, स्मार्ट क्लासेस, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। • पीएमश्री योजना के प्रथम चरण में राजस्थान के 402 विद्यालयों एवं द्वितीय चरण में 237 विद्यालयों का चयन किया गया है।(G) लैंगिक समानता:-• राज्य में 342 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित है। इनमें कभी नामांकित न होने वाली एवं बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाली बालिकाओं को नामांकन के लिए प्राथमिकता दी जाती है।• शैक्षणिक किशोरी मेलाविज्ञान और गणित विषय पर विशेष ध्यान देने के लिए बच्चों में शैक्षणिक वातावरण तैयार करना।• मीना राजू मंच एवं गार्गी मंच:-उद्देश्य:- बालिकाओं की शिक्षा, नामांकन एवं ठहराव को बढ़ावा देने के लिए अभिभावकों को अपनी बेटियों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करना तथा सामाजिक मुद्दों (बाल विवाह, दहेज प्रथा) पर जागरूकता पैदा करना। • कक्षा 6 से 8वीं तक की बालिकाओं के लिए मीना-राजू मंच का तथा कक्षा 9 से 12वीं तक की बालिकाओं के लिए गार्गी मंच का गठन किया गया है।(H) समावेशी शिक्षा:-• विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को निःशुल्क चिकित्सीय और शैक्षिक सेवाएं प्रदान करने हेतु राजस्थान में दो राज्य मॉडल संसाधन कक्ष जयपुर व उदयपुर में स्थापित किए गए हैं।(I) शिक्षकों का क्षमता निर्माण:-स्टार्स योजनाSTARS:- Strengthening of Teaching-Learning and Result for States.• शुरुआत:- 2020-21• विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित।• 6 राज्यों में लागू। (HP, MP, MH, Raj, ओडिशा, केरल)• स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और प्रशासन में सुधार करना।• केंद्र (60): राज्य (40)
व्यावसायिक शिक्षा• शैक्षणिक वर्ष 2024-25 तक राजस्थान में कुल 4,155 व्यवसायिक शिक्षा विद्यालय स्वीकृत हैं।
स्कूल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एकीकृत शाला दर्पण)• यह स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान का लाइव डेटाबेस प्रबंधन पोर्टल है। इस पर सभी सरकारी स्कूलों और शिक्षा कार्यालयों की जानकारी ऑनलाइन रखी जाती है।
साक्षरता एवं सतत् शिक्षा • एक व्यक्ति को जनगणना में साक्षर माना जाता है यदि वह -(i) कम से कम 7 साल का हो(ii) किसी एक भाषा को पढ़, लिख और समझ सकता हो।
नवभारत साक्षरता कार्यक्रम• केंद्र प्रायोजित योजना।• केंद्र (60) : राज्य (40)• उद्देश्य:- 15 वर्ष एवं अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों को साक्षर करना।• यह पूर्ण रूप से स्वयंसेवक आधारित जन अभियान है।• इसके लिए उल्लास ऐप बनाया गया है।
ई-क्लासेज• राज्य के छात्रों को ई-क्लासेज की सुविधा प्रदान करने के लिए साक्षरता विभाग ने मिशन ज्ञान के सहयोग से दो यूट्यूब चैनल ई-साक्षरता और साक्षर राजस्थान लॉन्च किए हैं।
महिला शिक्षण विहार• ये 15-30 आयु वर्ग की तलाकशुदा, आदिवासी और वंचित (Deprived) महिलाओं के लिए • कक्षा 10 तक के आवासीय विद्यालय हैं।• व्यावसायिक प्रशिक्षण (Vocational training) दिया जाएगा।• वर्तमान में केवल झालावाड़ जिले में संचालित है।
उच्च शिक्षा• राज्य में महाविद्यालय:- 3,210
मुख्यमंत्री बीएड संबल योजना• विधवा एवं परित्यक्ता (Abandoned) महिलाओं के लिए।• उद्देश्य:- शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में बीएड पाठ्यक्रम की फीस की प्रतिपूर्ति करते हुये, आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना।
बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना• उद्देश्य:- बालिकाओं को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा प्रदान कराना।• यह राजस्थान के दूरदराज के इलाकों में रहने वाली लड़कियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
मुख्यमंत्री हमारी बेटियां योजना• मेधावी लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना• उद्देश्य:- शैक्षिक स्तर को बढ़ाना एवं निम्न-आय वाले परिवारों के बच्चों को सहायता प्रदान करना।
काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना• जिन मेधावी छात्राओं ने 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है एवं उच्च शिक्षा के प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया है उन्हें स्कूटी प्रदान की जाती है।
देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन योजना• राजस्थान के अति पिछड़े वर्ग (MBC) की छात्राओं को स्कूटी प्रदान की जाती है।
संस्कृत शिक्षा• 1958 में संस्कृत निदेशालय की स्थापना की गई।• राजस्थान राज्य संस्कृत शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (SSIERT) महापुरा, जयपुर में संचालित है।
सावित्री बाई फूले वाचनालय• सभी जिला सार्वजनिक पुस्तकालयों में स्थापित।
इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन शिक्षा:-• एक IIT जोधपुर में एवं एक IIM उदयपुर में कार्यरत है।
चिकित्सा शिक्षा:-दिसंबर , 2024 तक राज्य में 43 मेडिकल कॉलेज है।
प्रश्न.राजस्थान सरकार द्वारा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयास बताइए ?
राजस्थान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:-• 1983 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग स्थापित किया गया। इसके द्वारा निम्नलिखित कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं:-1. राज्य सुदूर संवेदन उपयोग केंद्र जोधपुर (SRSAC)राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की सूचना प्रदान करता है।साथ ही इसके द्वारा मृदा, जल, वन, कृषि तथा खनिज आदि क्षेत्रों की पहचान, दोहन एवं प्रबंधन के लिए अध्ययन किया जाता है।2. अनुसंधान एवं विकास प्रभाग (Division)विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एप्लीकेशन आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देना।3. विद्यार्थियों एवं आमजन में वैज्ञानिक रुचि एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए कोटा, भरतपुर, अजमेर, उदयपुर एवं बीकानेर में नए विज्ञान केंद्रों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
शिक्षा:-
शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है।
निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण योजना
• राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा
• कक्षा 1 से 8 तक सभी विद्यार्थी।
• कक्षा 9 से 12 तक में पढ़ने वाली सभी छात्राओं, SC, ST के छात्रों तथा वे छात्र जिनके माता-पिता आयकर दाता नहीं है को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण।
गार्गी पुरस्कार
• कक्षा 10 में 75% या उससे से अधिक अंक लाने वाली सभी बालिकाओं हेतु।
• प्रतिवर्ष बसंत पंचमी को पुरस्कार दिया जाता है।
• कक्षा 11 एवं कक्षा 12 नियमित अध्ययन करने वाली छात्राओं को प्रतिवर्ष ₹3,000 और एक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है।
बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार योजना
• कक्षा 12 में 75% या उससे से अधिक अंक लाने वाली सभी बालिकाओं हेतु।
• ₹5000 एवं प्रमाणपत्र।
समग्र शिक्षा
• यह प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण की उपलब्धि के लिए भारत सरकार का फ्लैगशिप कार्यक्रम है।
• राज्य में इसका क्रियान्वयन राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा किया जाता है।
• केंद्र (60) : राज्य (40)
• उद्देश्य:- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिकता को बढ़ावा देना, स्कूल शिक्षा में सामाजिक और लैंगिक अंतर को कम करना।
(A) प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा
• समेकित बाल विकास योजना के तहत 62,020 आंगनबाड़ी केंद्रों में 3-6 वर्ष आयु वर्ग के 16 लाख बच्चे पूर्व विद्यालय शिक्षा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
(B) बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के लिए निपुण भारत मिशन:-
• उद्देश्य:- बच्चों की दक्षता एवं सीखने के कौशल में सुधार करना।
• राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, मिशन का लक्ष्य 2026-27 तक कक्षा 2 के अंत तक प्रत्येक बच्चे को आवश्यक पठन लेखन एवं गणितीय कौशल प्राप्त करने में सक्षम बनाना।
• निपुण भारत मिशन के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए कक्षा 1-5 में अध्यापन कराने वाले शिक्षकों की बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान पर समझ विकसित करने के लिए बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान (FLN) प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
(C) पहुंच एवं ठहराव:-
• स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल
शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े क्षेत्रों में विशेष रूप से शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से राज्य में 134 स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूलों की शुरुआत की गई है।
CBSE पैटर्न पर इंग्लिश मीडियम में शिक्षा।
55% सीट छात्राओं के लिए आरक्षित
• मेवात क्षेत्र में 10 मेवात बालिका आवासीय विद्यालय स्थापित किए गए हैं।
(D) शिक्षा में आधारभूत ढांचे का विकास कार्य:-
ज्ञान संकल्प पोर्टल
• उद्देश्य:- भामाशाहों, दानदाताओं और कंपनियों (csr) से धनराशि एकत्रित कर स्कूलों को वित्तीय सहायता प्रदान करना एवं बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
(F) गुणवत्ता एवं नवाचार हस्तक्षेप:-
• जादुई पिटारा:- यह एक अभिनव खेल-आधारित शिक्षण सामग्री हैं, जिसे शिक्षा मंत्रालय द्वारा 3 से 8 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए नई पद्धतियों एवं प्रौद्योगिकियों के माध्यम से सीखने के अनुभव एवं परिणामों को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है।
NEP 2020 के तहत विकसित इस जादुई संग्रह में प्लेबुक, खिलौने, पहेलियां, पोस्टर, फ्लैशकार्ड एवं कहानी की किताबें शामिल है जो स्थानीय संस्कृति और भाषाओं को दर्शाती है।
पीएम श्री विद्यालय योजना
• 2022 में लागू।
• लक्ष्य:- सभी स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण समान समावेशी शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित कर विद्यालयों का समग्र रूपांतरण करना।
• ये विद्यालय पर्यावरण अनुकूल गतिविधियां, सोलर पैनल, LED लाइटिंग, प्राकृतिक खेती के साथ पोषण उद्यान, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक मुक्त वातावरण तथा जल संरक्षण व संचयन को शामिल करते हुए हरित विद्यालय के रूप में स्थापित किए जाएंगे।
• इन स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, स्मार्ट क्लासेस, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
• पीएमश्री योजना के प्रथम चरण में राजस्थान के 402 विद्यालयों एवं द्वितीय चरण में 237 विद्यालयों का चयन किया गया है।
(G) लैंगिक समानता:-
• राज्य में 342 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संचालित है। इनमें कभी नामांकित न होने वाली एवं बीच में पढ़ाई छोड़ देने वाली बालिकाओं को नामांकन के लिए प्राथमिकता दी जाती है।
• शैक्षणिक किशोरी मेला
विज्ञान और गणित विषय पर विशेष ध्यान देने के लिए बच्चों में शैक्षणिक वातावरण तैयार करना।
• मीना राजू मंच एवं गार्गी मंच:-
उद्देश्य:- बालिकाओं की शिक्षा, नामांकन एवं ठहराव को बढ़ावा देने के लिए अभिभावकों को अपनी बेटियों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करना तथा सामाजिक मुद्दों (बाल विवाह, दहेज प्रथा) पर जागरूकता पैदा करना।
• कक्षा 6 से 8वीं तक की बालिकाओं के लिए मीना-राजू मंच का तथा कक्षा 9 से 12वीं तक की बालिकाओं के लिए गार्गी मंच का गठन किया गया है।
(H) समावेशी शिक्षा:-
• विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को निःशुल्क चिकित्सीय और शैक्षिक सेवाएं प्रदान करने हेतु राजस्थान में दो राज्य मॉडल संसाधन कक्ष जयपुर व उदयपुर में स्थापित किए गए हैं।
(I) शिक्षकों का क्षमता निर्माण:-
स्टार्स योजना
STARS:- Strengthening of Teaching-Learning and Result for States.
• शुरुआत:- 2020-21
• विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित।
• 6 राज्यों में लागू। (HP, MP, MH, Raj, ओडिशा, केरल)
• स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता और प्रशासन में सुधार करना।
• केंद्र (60): राज्य (40)
व्यावसायिक शिक्षा
• शैक्षणिक वर्ष 2024-25 तक राजस्थान में कुल 4,155 व्यवसायिक शिक्षा विद्यालय स्वीकृत हैं।
स्कूल प्रबंधन सूचना प्रणाली (एकीकृत शाला दर्पण)
• यह स्कूल शिक्षा विभाग, राजस्थान का लाइव डेटाबेस प्रबंधन पोर्टल है। इस पर सभी सरकारी स्कूलों और शिक्षा कार्यालयों की जानकारी ऑनलाइन रखी जाती है।
साक्षरता एवं सतत् शिक्षा
• एक व्यक्ति को जनगणना में साक्षर माना जाता है यदि वह -
(i) कम से कम 7 साल का हो
(ii) किसी एक भाषा को पढ़, लिख और समझ सकता हो।
नवभारत साक्षरता कार्यक्रम
• केंद्र प्रायोजित योजना।
• केंद्र (60) : राज्य (40)
• उद्देश्य:- 15 वर्ष एवं अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों को साक्षर करना।
• यह पूर्ण रूप से स्वयंसेवक आधारित जन अभियान है।
• इसके लिए उल्लास ऐप बनाया गया है।
ई-क्लासेज
• राज्य के छात्रों को ई-क्लासेज की सुविधा प्रदान करने के लिए साक्षरता विभाग ने मिशन ज्ञान के सहयोग से दो यूट्यूब चैनल ई-साक्षरता और साक्षर राजस्थान लॉन्च किए हैं।
महिला शिक्षण विहार
• ये 15-30 आयु वर्ग की तलाकशुदा, आदिवासी और वंचित (Deprived) महिलाओं के लिए
• कक्षा 10 तक के आवासीय विद्यालय हैं।
• व्यावसायिक प्रशिक्षण (Vocational training) दिया जाएगा।
• वर्तमान में केवल झालावाड़ जिले में संचालित है।
उच्च शिक्षा
• राज्य में महाविद्यालय:- 3,210
मुख्यमंत्री बीएड संबल योजना
• विधवा एवं परित्यक्ता (Abandoned) महिलाओं के लिए।
• उद्देश्य:- शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में बीएड पाठ्यक्रम की फीस की प्रतिपूर्ति करते हुये, आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करना।
बालिका दूरस्थ शिक्षा योजना
• उद्देश्य:- बालिकाओं को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से उच्च शिक्षा प्रदान कराना।
• यह राजस्थान के दूरदराज के इलाकों में रहने वाली लड़कियों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है।
मुख्यमंत्री हमारी बेटियां योजना
• मेधावी लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना
• उद्देश्य:- शैक्षिक स्तर को बढ़ाना एवं निम्न-आय वाले परिवारों के बच्चों को सहायता प्रदान करना।
काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना
• जिन मेधावी छात्राओं ने 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है एवं उच्च शिक्षा के प्रथम वर्ष में प्रवेश लिया है उन्हें स्कूटी प्रदान की जाती है।
देवनारायण छात्रा स्कूटी वितरण एवं प्रोत्साहन योजना
• राजस्थान के अति पिछड़े वर्ग (MBC) की छात्राओं को स्कूटी प्रदान की जाती है।
संस्कृत शिक्षा
• 1958 में संस्कृत निदेशालय की स्थापना की गई।
• राजस्थान राज्य संस्कृत शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (SSIERT) महापुरा, जयपुर में संचालित है।
सावित्री बाई फूले वाचनालय
• सभी जिला सार्वजनिक पुस्तकालयों में स्थापित।
इंजीनियरिंग एवं प्रबंधन शिक्षा:-
• एक IIT जोधपुर में एवं एक IIM उदयपुर में कार्यरत है।
चिकित्सा शिक्षा:-
दिसंबर , 2024 तक राज्य में 43 मेडिकल कॉलेज है।
प्रश्न.राजस्थान सरकार द्वारा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयास बताइए ?
राजस्थान में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी:-
• 1983 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग स्थापित किया गया। इसके द्वारा निम्नलिखित कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं:-
1. राज्य सुदूर संवेदन उपयोग केंद्र जोधपुर (SRSAC)
राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की सूचना प्रदान करता है।
साथ ही इसके द्वारा मृदा, जल, वन, कृषि तथा खनिज आदि क्षेत्रों की पहचान, दोहन एवं प्रबंधन के लिए अध्ययन किया जाता है।
2. अनुसंधान एवं विकास प्रभाग (Division)
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एप्लीकेशन आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देना।
3. विद्यार्थियों एवं आमजन में वैज्ञानिक रुचि एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए कोटा, भरतपुर, अजमेर, उदयपुर एवं बीकानेर में नए विज्ञान केंद्रों की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
राजस्थान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
डिजिटल स्वास्थ्य मिशन• राजस्थान सरकार द्वारा डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का उद्देश्य स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज करना और प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा की आपूर्ति में सुधार करना है।
आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABDM)• यह आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा लॉन्च किया गया एक डिजिटल हेल्थ आईडी है जिसका उद्देश्य व्यक्तियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड के लिए एक केंद्रीकृत रिपोजिटरी बनाना है, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच चिकित्सा जानकारी के निर्बाध पहुंच और साझाकरण की सुविधा मिलती है। • उद्देश्य:- स्वास्थ्य सेवा वितरण की दक्षता को बढ़ाना, रोगी परिणामों में सुधार करना और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता को बढ़ावा देना।• दिसंबर 2024 तक राजस्थान में 6 करोड़ से अधिक आभा आईडी बनाई गई है।
संकेतक
राजस्थान NFHS 2020-21
भारत NFHS 2020-21
नवजात मृत्यु दर (NNMR) (प्रति 1000 जीवित जन्म)
20.2
24.9
शिशु मृत्यु दर (IMR) (प्रति 1000 जीवित जन्म)
30.3
35.2
5 वर्ष से कम उम्र की मृत्यु दर (U5MR) (प्रति 1000 जीवित जन्म)
37.6
41.9
संस्थागत जन्म (%)
94.6
88.6
गर्भवती महिलाओं में एनीमिया (15-49 वर्ष)
46.3
52.2
कुल प्रजनन दर (TFR) प्रति महिला बच्चों की संख्या)
2.0
2.0
मातृ मृत्यु दर (MMR) (वर्ष 2018-2020)• राजस्थान:- 113 (प्रति लाख जीवित जन्मों पर)• भारत:- 97
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (MAA) योजना:-• शुरूआत:- 1 मई 2021• उद्देश्य:- सभी लोगों को बिना वित्तीय कठिनाइयों का सामना किए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू की गई है।• इस योजना के तहत प्रति परिवार प्रतिवर्ष ₹25 लाख तक का सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कैशलेस उपचार प्रदान किया जा रहा है, जिसमें ₹5 बीमा मोड पर ₹5 लाख तक और ट्रस्ट मोड पर ₹20 लाख तक कवरेज प्रदान किया जाता है। • अस्पताल में भर्ती होने के 5 दिन पूर्व एवं 15 दिवस पश्चात का खर्च शामिल है।• प्रति परिवार प्रतिवर्ष 1965 रुपए की प्रीमियम राशि का भुगतान किया जाता है। • योजना के अंतर्गत 1,819 उपचार पैकेज शामिल हैं, जिसमें 1761 पैकेज बीमा मोड पर एवं 58 पैकेज ट्रस्ट मोड पर शामिल है। • अंग प्रत्यारोपण के विशेष पैकेज भी शामिल हैं। जैसे:- कॉक्लियर इंप्लांट, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, किडनी प्रत्यारोपण, लिवर प्रत्यारोपण, हृदय प्रत्यारोपण आदि। • अन्य राज्यों में प्रतिपूर्ति विकल्प भी उपलब्ध है।• कैंसर उपचार के 73 डे-केयर पैकेज भी योजना में शामिल है। • वर्तमान में इस योजना में लगभग 1.33 करोड़ परिवार पंजीकृत है। • लाभार्थी:- 1. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA)2. सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना (SECC)3. संविदा श्रमिक एवं छोटे व सीमांत किसान4. कोविड-19 से प्रभावित व्यक्ति 5. EWS परिवार और वरिष्ठ नागरिक (70Yr+)6. शेष आबादी ₹850 प्रति परिवार वार्षिक प्रीमियम का भुगतान देकर इस योजना में शामिल हो सकती हैं, शेष प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।
राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (RGHS) • शुरूआत:- 1 जुलाई 2021 • उद्देश्य:- जनप्रतिनिधि/कर्मचारियों/पेंशनरों को कैशलेस और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करना।इसमें राज्य के मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, अखिल भारतीय सेवा के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी, सरकारी सेवारत कर्मचारी और पेंशनभोगी, राज्य स्वायत्त निकाय के सेवारत कर्मचारी और पेंशनभोगी और आश्रित शामिल हैं।• RGHS लगभग 13.65 लाख परिवारों को कवर कर रही है।• RGHS पूर्ण रूप से ऑनलाइन स्वचालित, पेपरलेस प्रणाली है।• लाभार्थियों के लिए सभी ऑनलाइन सुविधाओं को सुगम बनाने के लिए मोबाइल ऐप RGHS कनेक्ट भी लॉन्च किया गया है।• पंजीकृत लाभार्थी ई-कार्ड डाउनलोड कर राज्य के सभी सरकारी, 740 से अधिक निजी सूचीबद्ध अस्पतालों तथा राज्य के बाहर 35 से अधिक निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस ओपीडी/आईपीडी/डे-केयर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।• इसमें आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्धा के तहत उपचार शामिल हैं।
आयुष्मान वय वंदन योजना• शुरुआत:- 29 अक्टूबर 2024• उद्देश्य:- 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को ₹5 लाख तक का कवरेज प्रदान करते हुए कैशलेस उपचार प्रदान करना।
आदर्श प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्र(मॉडल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र योजना)• उद्देश्य:- ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।
शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान• 15 फरवरी 2024 से चलाया जा रहा है।• उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराना।• मिलावटखोरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हेतु।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम• उद्देश्य:- स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच को बढ़ाना और मरीजों के लिए समर्थन प्रदान करना।
राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम• राजस्थान के सभी जिलें फ्लोरोसिस से प्रभावित है।• राजस्थान के 30 जिलों में राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम संचालित है।
राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम• 2014-15 में भारत सरकार द्वारा शुरू• उद्देश्य:- मुख स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना और ग्रामीण और शहरी आबादी के बीच दंत सेवाओं की पहुंच में असमानता को कम करना।
कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESI)• यह एक सामाजिक सुरक्षा योजना है।• उद्देश्य:- भारत में कर्मचारियों और उनके परिवारों को व्यापक चिकित्सा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना।• यह योजना कारखानों, होटलों और शैक्षणिक संस्थानों सहित विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारियों को कवर करती है, जहां काम से कम 10 कर्मचारी कार्यरत है और जिनका वेतन ₹21,000 प्रति माह से अधिक नहीं है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)उद्देश्य:- व्यक्तिगत, परिवार, समुदाय एवं विशेष रूप से स्वास्थ्य प्रणाली के स्तरों पर विभिन्न हस्तक्षेपों के माध्यम से प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना।उपमिशन:-राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशनराष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (2005)
आशा सहयोगिनी• यह एक समुदाय स्तर की कार्यकर्त्ता होती है, जो स्वास्थ्य के बिन्दुओं पर जागरूकता उत्पन्न करने के लिए समुदाय और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।• ये स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं के साथ मिलकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना, टीकाकरण एवं संस्थागत प्रसव में समन्वयक एवं राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रमों (मलेरिया, टी.बी.) में सहयोग के कार्य करती हैं।• आशा का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है।• वह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच संयुक्त कार्यकर्ता होती है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम• उद्देश्य:- 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों में जन्म दोष और विकास में देरी जैसे 40 पूर्व निर्धारित स्वास्थ्य समस्याओं की शीघ्र पहचान और उपचार सुनिश्चित करना।• राज्य में स्कूलों और समुदायों में स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल स्वास्थ्य टीमों को लगाया गया है।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यकम• उद्देश्य:- विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और वंचित क्षेत्रों में 10-19 वर्ष की आयु के किशोरों के समग्र विकास को बढ़ावा देना।• राज्य के 15 जिलों में लागू।• कार्यक्रम के तहत 332 किशोर मैत्री स्वास्थ्य क्लीनिक- “उजाला क्लीनिक” स्थापित किए गए हैं।• इन पर किशोर-किशोरियों को परामर्श एवं चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान की जा रही है।
जननी एक्सप्रेस सेवा• शुरू:- 2 अक्टूबर 2012• जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस के जरिए ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं और 30 दिन के नवजात शिशुओं को निकटतम चिकित्सा संस्थानों तक ले जाने एवं वापिस घर लाने की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है।• जननी एक्सप्रेस की सेवाएं 104 और 108 सुविधा पर कॉल करके प्राप्त की जा सकती है।
108 टोल फ्री एम्बुलेंस सेवा योजना• शुरुआत:- सितंबर 2008
मोबाइल मेडिकल सेवा योजना• शुरूआत:- 2008-09• उद्देश्य:- राजस्थान के दूर दराज के क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना।• इस योजना के तहत हर महीने 20 फ्री मेडिकल कैंपों का आयोजन किया जाता है, जो रेगिस्तानी, आदिवासी, अविकसित गांवों, क्षेत्रों, ब्लॉकों में होते हैं।
ग्राम स्वास्थ्य और स्वच्छता समिति • सरपंच/वार्डपंच की अध्यक्षता में अध्यक्षता में 43,440 ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों का गठन किया गया हैं।• समिति के अन्य सदस्य आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, एएनएम, NGO, SHG एवं महिला स्वास्थ्य संघ आदि के प्रतिनिधि हैं।
राष्ट्रीय आयुष मिशन• परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथी) के द्वारा बीमारियों के इलाज को बढ़ावा दिया जा रहा है।• राजस्थान आयुष नीति 2021• अजमेर में राजस्थान राज्य आयुष अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है।
A - आयुर्वेद:- प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति।Y - योग:- भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास।U - यूनानी:- ग्रीक (यूनान) की चिकित्सा पद्धति।S - सिद्धा:- दक्षिण भारत की चिकित्सा पद्धति।H - होम्योपैथी
आयुष्मान आरोग्य मंदिर:-• आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में विकसित किया जा रहा है।• उद्देश्य:- प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को सुदृढ़ करना। जैसे:- - गर्भावस्था एवं बच्चों के जन्म के समय देखभाल।- नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं।- बाल्यकाल एवं किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं। - परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक सेवाएं।- संचारी एवं गैर-संचारी रोगों का प्रबंधन।- मुख स्वास्थ्य सेवाएं।
शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर• पुराना नाम:- जनता क्लिनिक
टेलीमेडिसिन:- ई-संजीवनी HWC टेलीकन्सलटेशन पोर्टल• इसके तहत निम्न श्रेणी के चिकित्सा संस्थान उच्च श्रेणी के चिकित्सा संस्थान से टेली-परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।• इसे हब एण्ड स्पोक मॉडल (Model) भी कहा जाता है।
श्रम
संकेतक
राजस्थान
भारत
श्रम बल भागीदारी दर पुरुष महिला कुल
81.4 54.167.6
83.5 45.2 64.3
श्रमिक जनसंख्या अनुपात पुरुष महिला कुल
77.4 51.7 64.4
80.6 43.7 62.1
बेरोज़गारी की दर पुरुष महिला कुल
4.8 4.5 4.7
3.53.43.5
निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं:-
निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना:- • निर्माण श्रमिकों के आश्रित बच्चों को कक्षा 6 से उच्चतर अध्ययन हेतु ₹8,000 से ₹25,000 की छात्रवृत्ति दी जाती है एवं मेधावी बच्चों को ₹4,000 से ₹35,000 (पात्रता के अनुसार) प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट सहायता योजना:-• औजार/टूलकिट की खरीद पर ₹2000 या उपकरणों की वास्तविक लागत, जो भी कम हो, की वित्तीय सहायता दी जाती है।
प्रसूति सहायता योजना:-• लड़के के जन्म पर ₹20,000• लड़की के जन्म पर ₹21,000
सिलिकोसिस सहायता योजना:-• सिलिकोसिस पीड़ित को ₹3 लाख। • पीड़ित की मृत्यु पर उसके आश्रित को ₹2 लाख।
निर्माण श्रमिक जीवन भविष्य सुरक्षा योजना:-• सामाजिक सुरक्षा हेतु निर्माण श्रमिकों द्वारा जमा कराये गये अंशदान पर बोर्ड द्वारा 50-100% तक सहायता दी जाती है।
सिविल सेवाओं में Pre पास करने पर प्रोत्साहन योजना:-निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा सिविल सेवाओं की प्रारंभिक प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।IAS Pre:- ₹1 लाखRAS Pre:- ₹50,000
शुभ शक्ति योजना:-• पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की वयस्क अविवाहित पुत्रियों को तथा महिला लाभार्थियों को उद्यमिता विकास के माध्यम से आत्म-निर्भरता के द्वारा सशक्तिकरण हेतु ₹55,000 प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
ई-श्रम पोर्टल• 26 अगस्त 2021 को लॉन्च।• असंगठित श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया गया है जिसे आधार के साथ जोड़ा जाएगा।उद्देश्य:- असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण।• पोर्टल पर पंजीकरण की पात्रता:-आयु:- 16-59 वर्ष के मध्य।
राजस्थान एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (AVGC-XR) पॉलिसी 2024• उद्देश्य:- राज्य को AVGC-XR का प्रमुख केंद्र बनाना।• AVGC-XR में निवेश आकर्षित कर राजस्थान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना।• बुनियादी ढांचा, वित्तीय प्रोत्साहन और कौशल विकास के माध्यम से स्टार्टअप्स, उद्यमों और शिक्षाविदों का समर्थन करना।• वित्तीय प्रोत्साहन:- उत्पादन अनुदान (30% तक प्रतिपूर्ति), कर लाभ और स्टार्टअप के लिए वित्तपोषण करना।• बुनियादी ढांचे का विकास:- अटल इनोवेशन स्टूडियो, एक्सेलेटर, इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना।• कौशल विकास:- कुशल कार्यबल बनाने के लिए विश्वविद्यालयों और प्रशिक्षण संस्थानों के साथ साझेदारी।• व्यापार करने में आसानी:- एकल खिड़की पोर्टल।• सांस्कृतिक संवर्धन:- राजस्थानी लोकगीतों पर आधारित सामग्री के लिए प्रोत्साहन और मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म के साथ सहयोग।
रोजगार (Employment)
मुख्यमंत्री युवा संबल योजना (2019)• 1 जनवरी 2022 से नए दिशा-निर्देशों के साथ लागू।• पुरुष:- ₹4,000 बेरोजगारी भत्ता।• महिला, दिव्यांग और ट्रांसजेंडर:- ₹4,500 बेरोजगारी भत्ता।• बेरोजगारी भत्ता अधिकतम 2 वर्षों अथवा स्व-रोजगार या रोजगार प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, दिया जाता है।• भत्ता प्राप्त करने के लिए कम से कम 3 महीने का कौशल प्रशिक्षण एवं विभिन्न विभागों में प्रतिदिन 4 घंटे की इंटर्नशिप अनिवार्य रूप से करनी होगी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)• संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से तीन योजनाएं चलाई जा रही है।1. कर्मचारी भविष्य निधि योजना (1952)2. कर्मचारी पेंशन योजना (1995)3. कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (1976)
आजीविका का संवर्द्धन
राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC):-• 2010 में राजस्थान आजीविका मिशन की स्थापना की गई।उद्देश्य:- गरीब और कमजोर लोगों के लिए आजीविका बढ़ाने के लिए अभिनव रणनीति विकसित करना।• 2012 में इस मिशन को राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC) के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।RSLDC द्वारा क्रियान्वित योजनाएं:-
(A) केंद्र प्रायोजित योजनाएं:-
1. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY):- • 16 अगस्त 2014 को उदयपुर में लॉन्च।• उद्देश्य:- गरीब ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना और उन्हें न्यूनतम सीमा से ऊपर नियमित वेतन के साथ रोजगार सुरक्षित करना।• इसमें लाइफ-मनरेगा पहल को भी शामिल किया गया है।
2. संकल्प योजना:-Skill Acquisition and Knowledge Awareness for Livelihood Promotion.• 19 नवंबर 2018 को लॉन्च।• विश्व बैंक द्वारा समर्थित।• केंद्र (60) : राज्य सरकार (40)• उद्देश्य:- महिलाओं, Sc-ST, दिव्यांगजन और समाज के अन्य वंचित समूहों की भागीदारी को बढ़ाते हुए कौशल विकास कार्यक्रमों की गुणवत्ता और बाजार प्रासंगिकता में सुधार करना।
(B) राज्य प्रायोजित योजनाएं:-
1. रोजगार आधारित जन कौशल विकास कार्यक्रम (राजकेविक)उद्देश्य:- बेरोजगार युवाओं को बाजार मांग के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार के अवसर प्रदान करना।• यह भर्ती-प्रशिक्षण-तैनाती (रिक्रूट-ट्रेन-डिप्लॉय) मॉडल पर आधारित है।
2. नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम:-इस योजना का नाम बदलकर इसे दो भागों में बांट दिया गया है -a. स्वरोजगार आधारित कौशल शिक्षा महाअभियान (सक्षम)Swarojgar Aadharit Kaushal Shiksha Mahabhiyan (SAKSHM):-• महिला और युवाओं के लिए।• उपयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा स्वरोजगार के अवसरों से जोड़कर स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार सृजन करना।
b. समर्थ योजना:-• सबसे गरीब, भिखारियों, दलितों, आदिवासियों, कैदियों और समाज के अन्य वंचित समुदायों को स्वरोजगार की संभावना वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा आत्म निर्भर बनाना।
3. मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना:-• 7 नवंबर 2019 को शुरू।• कॉलेज स्तर पर कौशल विकास करना।• यह एक अंब्रेला योजना है, जिसके तहत राजकेविक, सक्षम, समर्थ तीनों योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
(C) विशेष योजनाएं:-भिक्षुक अभिविन्यास एवं पुनर्वास (भोर) कार्यक्रम-उद्देश्य:- भिक्षावृत्ति में लगे लोगों को सम्मानजनक आजीविका की ओर बढ़ाना।• यह कार्यक्रम RSLDC द्वारा जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।• लाभार्थियों को ₹225 प्रतिदिन की दर से वेतन हानि क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है।
RSLDC में एक CSR प्रकोष्ठ का गठन किया गया है, जो राजस्थान कौशल विकास कोष हेतु धनराशि एकत्रित करता है।
राज्य में बाजार अनुरूप रोजगार सुनिश्चित करने के लिए रिक्रूट-ट्रेन-डिप्लॉय (RTD) मॉडल अपनाया गया है, जिसमें RSLDC उद्योग संघों के साथ मिलकर कार्य करता है।
पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षण हेतु सिंगापुर के सहयोग से उदयपुर में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है।
SAVE WATER
डिजिटल स्वास्थ्य मिशन
• राजस्थान सरकार द्वारा डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का उद्देश्य स्वास्थ्य रिकॉर्ड्स को डिजिटाइज करना और प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा की आपूर्ति में सुधार करना है।
आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABDM)
• यह आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा लॉन्च किया गया एक डिजिटल हेल्थ आईडी है जिसका उद्देश्य व्यक्तियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड के लिए एक केंद्रीकृत रिपोजिटरी बनाना है, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच चिकित्सा जानकारी के निर्बाध पहुंच और साझाकरण की सुविधा मिलती है।
• उद्देश्य:- स्वास्थ्य सेवा वितरण की दक्षता को बढ़ाना, रोगी परिणामों में सुधार करना और स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता को बढ़ावा देना।
• दिसंबर 2024 तक राजस्थान में 6 करोड़ से अधिक आभा आईडी बनाई गई है।
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
मातृ मृत्यु दर (MMR) (वर्ष 2018-2020)
• राजस्थान:- 113 (प्रति लाख जीवित जन्मों पर)
• भारत:- 97
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (MAA) योजना:-
• शुरूआत:- 1 मई 2021
• उद्देश्य:- सभी लोगों को बिना वित्तीय कठिनाइयों का सामना किए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू की गई है।
• इस योजना के तहत प्रति परिवार प्रतिवर्ष ₹25 लाख तक का सरकारी एवं निजी अस्पतालों में कैशलेस उपचार प्रदान किया जा रहा है, जिसमें ₹5 बीमा मोड पर ₹5 लाख तक और ट्रस्ट मोड पर ₹20 लाख तक कवरेज प्रदान किया जाता है।
• अस्पताल में भर्ती होने के 5 दिन पूर्व एवं 15 दिवस पश्चात का खर्च शामिल है।
• प्रति परिवार प्रतिवर्ष 1965 रुपए की प्रीमियम राशि का भुगतान किया जाता है।
• योजना के अंतर्गत 1,819 उपचार पैकेज शामिल हैं, जिसमें 1761 पैकेज बीमा मोड पर एवं 58 पैकेज ट्रस्ट मोड पर शामिल है।
• अंग प्रत्यारोपण के विशेष पैकेज भी शामिल हैं।
जैसे:- कॉक्लियर इंप्लांट, बोन मैरो ट्रांसप्लांट, किडनी प्रत्यारोपण, लिवर प्रत्यारोपण, हृदय प्रत्यारोपण आदि।
• अन्य राज्यों में प्रतिपूर्ति विकल्प भी उपलब्ध है।
• कैंसर उपचार के 73 डे-केयर पैकेज भी योजना में शामिल है।
• वर्तमान में इस योजना में लगभग 1.33 करोड़ परिवार
पंजीकृत है।
• लाभार्थी:-
1. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA)
2. सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना (SECC)
3. संविदा श्रमिक एवं छोटे व सीमांत किसान
4. कोविड-19 से प्रभावित व्यक्ति
5. EWS परिवार और वरिष्ठ नागरिक (70Yr+)
6. शेष आबादी ₹850 प्रति परिवार वार्षिक प्रीमियम का भुगतान देकर इस योजना में शामिल हो सकती हैं, शेष प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।
राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (RGHS)
• शुरूआत:- 1 जुलाई 2021
• उद्देश्य:- जनप्रतिनिधि/कर्मचारियों/पेंशनरों को कैशलेस और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करना।
इसमें राज्य के मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, अखिल भारतीय सेवा के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी, सरकारी सेवारत कर्मचारी और पेंशनभोगी, राज्य स्वायत्त निकाय के सेवारत कर्मचारी और पेंशनभोगी और आश्रित शामिल हैं।
• RGHS लगभग 13.65 लाख परिवारों को कवर कर रही है।
• RGHS पूर्ण रूप से ऑनलाइन स्वचालित, पेपरलेस प्रणाली है।
• लाभार्थियों के लिए सभी ऑनलाइन सुविधाओं को सुगम बनाने के लिए मोबाइल ऐप RGHS कनेक्ट भी लॉन्च किया गया है।
• पंजीकृत लाभार्थी ई-कार्ड डाउनलोड कर राज्य के सभी सरकारी, 740 से अधिक निजी सूचीबद्ध अस्पतालों तथा राज्य के बाहर 35 से अधिक निजी सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस ओपीडी/आईपीडी/डे-केयर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
• इसमें आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्धा के तहत उपचार शामिल हैं।
आयुष्मान वय वंदन योजना
• शुरुआत:- 29 अक्टूबर 2024
• उद्देश्य:- 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों को ₹5 लाख तक का कवरेज प्रदान करते हुए कैशलेस उपचार प्रदान करना।
आदर्श प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्र
(मॉडल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र योजना)
• उद्देश्य:- ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना।
शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान
• 15 फरवरी 2024 से चलाया जा रहा है।
• उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराना।
• मिलावटखोरों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही हेतु।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम
• उद्देश्य:- स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच को बढ़ाना और मरीजों के लिए समर्थन प्रदान करना।
राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम
• राजस्थान के सभी जिलें फ्लोरोसिस से प्रभावित है।
• राजस्थान के 30 जिलों में राष्ट्रीय फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम कार्यक्रम संचालित है।
राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम
• 2014-15 में भारत सरकार द्वारा शुरू
• उद्देश्य:- मुख स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देना और ग्रामीण और शहरी आबादी के बीच दंत सेवाओं की पहुंच में असमानता को कम करना।
कर्मचारी राज्य बीमा योजना (ESI)
• यह एक सामाजिक सुरक्षा योजना है।
• उद्देश्य:- भारत में कर्मचारियों और उनके परिवारों को व्यापक चिकित्सा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना।
• यह योजना कारखानों, होटलों और शैक्षणिक संस्थानों सहित विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारियों को कवर करती है, जहां काम से कम 10 कर्मचारी कार्यरत है और जिनका वेतन ₹21,000 प्रति माह से अधिक नहीं है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)
उद्देश्य:- व्यक्तिगत, परिवार, समुदाय एवं विशेष रूप से स्वास्थ्य प्रणाली के स्तरों पर विभिन्न हस्तक्षेपों के माध्यम से प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना।
उपमिशन:-
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (2005)
आशा सहयोगिनी
• यह एक समुदाय स्तर की कार्यकर्त्ता होती है, जो स्वास्थ्य के बिन्दुओं पर जागरूकता उत्पन्न करने के लिए समुदाय और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं।
• ये स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं के साथ मिलकर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाना, टीकाकरण एवं संस्थागत प्रसव में समन्वयक एवं राष्ट्रीय रोग नियंत्रण कार्यक्रमों (मलेरिया, टी.बी.) में सहयोग के कार्य करती हैं।
• आशा का चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है।
• वह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच संयुक्त कार्यकर्ता होती है।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम
• उद्देश्य:- 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों में जन्म दोष और विकास में देरी जैसे 40 पूर्व निर्धारित स्वास्थ्य समस्याओं की शीघ्र पहचान और उपचार सुनिश्चित करना।
• राज्य में स्कूलों और समुदायों में स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करने के लिए मोबाइल स्वास्थ्य टीमों को लगाया गया है।
राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यकम
• उद्देश्य:- विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों और वंचित क्षेत्रों में 10-19 वर्ष की आयु के किशोरों के समग्र विकास को बढ़ावा देना।
• राज्य के 15 जिलों में लागू।
• कार्यक्रम के तहत 332 किशोर मैत्री स्वास्थ्य क्लीनिक- “उजाला क्लीनिक” स्थापित किए गए हैं।
• इन पर किशोर-किशोरियों को परामर्श एवं चिकित्सकीय सेवाएं प्रदान की जा रही है।
जननी एक्सप्रेस सेवा
• शुरू:- 2 अक्टूबर 2012
• जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस के जरिए ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं और 30 दिन के नवजात शिशुओं को निकटतम चिकित्सा संस्थानों तक ले जाने एवं वापिस घर लाने की सुविधा निःशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है।
• जननी एक्सप्रेस की सेवाएं 104 और 108 सुविधा पर कॉल करके प्राप्त की जा सकती है।
108 टोल फ्री एम्बुलेंस सेवा योजना
• शुरुआत:- सितंबर 2008
मोबाइल मेडिकल सेवा योजना
• शुरूआत:- 2008-09
• उद्देश्य:- राजस्थान के दूर दराज के क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना।
• इस योजना के तहत हर महीने 20 फ्री मेडिकल कैंपों का आयोजन किया जाता है, जो रेगिस्तानी, आदिवासी, अविकसित गांवों, क्षेत्रों, ब्लॉकों में होते हैं।
ग्राम स्वास्थ्य और स्वच्छता समिति
• सरपंच/वार्डपंच की अध्यक्षता में अध्यक्षता में 43,440 ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समितियों का गठन किया गया हैं।
• समिति के अन्य सदस्य आशा सहयोगिनी, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, एएनएम, NGO, SHG एवं महिला स्वास्थ्य संघ आदि के प्रतिनिधि हैं।
राष्ट्रीय आयुष मिशन
• परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथी) के द्वारा बीमारियों के इलाज को बढ़ावा दिया जा रहा है।
• राजस्थान आयुष नीति 2021
• अजमेर में राजस्थान राज्य आयुष अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है।
A - आयुर्वेद:- प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति। Y - योग:- भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास। U - यूनानी:- ग्रीक (यूनान) की चिकित्सा पद्धति। S - सिद्धा:- दक्षिण भारत की चिकित्सा पद्धति। H - होम्योपैथी |
आयुष्मान आरोग्य मंदिर:-
• आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सभी उप स्वास्थ्य केंद्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
• उद्देश्य:- प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं को सुदृढ़ करना। जैसे:-
- गर्भावस्था एवं बच्चों के जन्म के समय देखभाल।
- नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं।
- बाल्यकाल एवं किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं।
- परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक सेवाएं।
- संचारी एवं गैर-संचारी रोगों का प्रबंधन।
- मुख स्वास्थ्य सेवाएं।
शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर
• पुराना नाम:- जनता क्लिनिक
टेलीमेडिसिन:-
ई-संजीवनी HWC टेलीकन्सलटेशन पोर्टल
• इसके तहत निम्न श्रेणी के चिकित्सा संस्थान उच्च श्रेणी के चिकित्सा संस्थान से टेली-परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।
• इसे हब एण्ड स्पोक मॉडल (Model) भी कहा जाता है।
श्रम
|
राजस्थान
|
भारत
|
|
54.1 |
|
|
|
|
|
|
3.5 3.4 3.5
|
निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं:-
निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना:-
• निर्माण श्रमिकों के आश्रित बच्चों को कक्षा 6 से उच्चतर अध्ययन हेतु ₹8,000 से ₹25,000 की छात्रवृत्ति दी जाती है एवं मेधावी बच्चों को ₹4,000 से ₹35,000 (पात्रता के अनुसार) प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट सहायता योजना:-
• औजार/टूलकिट की खरीद पर ₹2000 या उपकरणों की वास्तविक लागत, जो भी कम हो, की वित्तीय सहायता दी जाती है।
प्रसूति सहायता योजना:-
• लड़के के जन्म पर ₹20,000
• लड़की के जन्म पर ₹21,000
सिलिकोसिस सहायता योजना:-
• सिलिकोसिस पीड़ित को ₹3 लाख।
• पीड़ित की मृत्यु पर उसके आश्रित को ₹2 लाख।
निर्माण श्रमिक जीवन भविष्य सुरक्षा योजना:-
• सामाजिक सुरक्षा हेतु निर्माण श्रमिकों द्वारा जमा कराये गये अंशदान पर बोर्ड द्वारा 50-100% तक सहायता दी जाती है।
सिविल सेवाओं में Pre पास करने पर प्रोत्साहन योजना:-
निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा सिविल सेवाओं की प्रारंभिक प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
IAS Pre:- ₹1 लाख
RAS Pre:- ₹50,000
शुभ शक्ति योजना:-
• पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की वयस्क अविवाहित पुत्रियों को तथा महिला लाभार्थियों को उद्यमिता विकास के माध्यम से आत्म-निर्भरता के द्वारा सशक्तिकरण हेतु ₹55,000 प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
ई-श्रम पोर्टल
• 26 अगस्त 2021 को लॉन्च।
• असंगठित श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया गया है जिसे आधार के साथ जोड़ा जाएगा।
उद्देश्य:- असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण।
• पोर्टल पर पंजीकरण की पात्रता:-
आयु:- 16-59 वर्ष के मध्य।
राजस्थान एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और एक्सटेंडेड रियलिटी (AVGC-XR) पॉलिसी 2024
• उद्देश्य:- राज्य को AVGC-XR का प्रमुख केंद्र बनाना।
• AVGC-XR में निवेश आकर्षित कर राजस्थान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना।
• बुनियादी ढांचा, वित्तीय प्रोत्साहन और कौशल विकास के माध्यम से स्टार्टअप्स, उद्यमों और शिक्षाविदों का समर्थन करना।
• वित्तीय प्रोत्साहन:- उत्पादन अनुदान (30% तक प्रतिपूर्ति), कर लाभ और स्टार्टअप के लिए वित्तपोषण करना।
• बुनियादी ढांचे का विकास:- अटल इनोवेशन स्टूडियो, एक्सेलेटर, इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना।
• कौशल विकास:- कुशल कार्यबल बनाने के लिए विश्वविद्यालयों और प्रशिक्षण संस्थानों के साथ साझेदारी।
• व्यापार करने में आसानी:- एकल खिड़की पोर्टल।
• सांस्कृतिक संवर्धन:- राजस्थानी लोकगीतों पर आधारित सामग्री के लिए प्रोत्साहन और मीडिया स्ट्रीमिंग प्लेटफार्म के साथ सहयोग।
रोजगार (Employment)
मुख्यमंत्री युवा संबल योजना (2019)
• 1 जनवरी 2022 से नए दिशा-निर्देशों के साथ लागू।
• पुरुष:- ₹4,000 बेरोजगारी भत्ता।
• महिला, दिव्यांग और ट्रांसजेंडर:- ₹4,500 बेरोजगारी भत्ता।
• बेरोजगारी भत्ता अधिकतम 2 वर्षों अथवा स्व-रोजगार या रोजगार प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, दिया जाता है।
• भत्ता प्राप्त करने के लिए कम से कम 3 महीने का कौशल प्रशिक्षण एवं विभिन्न विभागों में प्रतिदिन 4 घंटे की इंटर्नशिप अनिवार्य रूप से करनी होगी।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)
• संगठित क्षेत्र के कार्यबल को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से तीन योजनाएं चलाई जा रही है।
1. कर्मचारी भविष्य निधि योजना (1952)
2. कर्मचारी पेंशन योजना (1995)
3. कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (1976)
आजीविका का संवर्द्धन
राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC):-
• 2010 में राजस्थान आजीविका मिशन की स्थापना की गई।
उद्देश्य:- गरीब और कमजोर लोगों के लिए आजीविका बढ़ाने के लिए अभिनव रणनीति विकसित करना।
• 2012 में इस मिशन को राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC) के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।
RSLDC द्वारा क्रियान्वित योजनाएं:-
(A) केंद्र प्रायोजित योजनाएं:-
1. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY):-
• 16 अगस्त 2014 को उदयपुर में लॉन्च।
• उद्देश्य:- गरीब ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना और उन्हें न्यूनतम सीमा से ऊपर नियमित वेतन के साथ रोजगार सुरक्षित करना।
• इसमें लाइफ-मनरेगा पहल को भी शामिल किया गया है।
2. संकल्प योजना:-
Skill Acquisition and Knowledge Awareness for Livelihood Promotion.
• 19 नवंबर 2018 को लॉन्च।
• विश्व बैंक द्वारा समर्थित।
• केंद्र (60) : राज्य सरकार (40)
• उद्देश्य:- महिलाओं, Sc-ST, दिव्यांगजन और समाज के अन्य वंचित समूहों की भागीदारी को बढ़ाते हुए कौशल विकास कार्यक्रमों की गुणवत्ता और बाजार प्रासंगिकता में सुधार करना।
(B) राज्य प्रायोजित योजनाएं:-
1. रोजगार आधारित जन कौशल विकास कार्यक्रम (राजकेविक)
उद्देश्य:- बेरोजगार युवाओं को बाजार मांग के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार के अवसर प्रदान करना।
• यह भर्ती-प्रशिक्षण-तैनाती (रिक्रूट-ट्रेन-डिप्लॉय) मॉडल पर आधारित है।
2. नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम:-
इस योजना का नाम बदलकर इसे दो भागों में बांट दिया गया है -
a. स्वरोजगार आधारित कौशल शिक्षा महाअभियान (सक्षम)
Swarojgar Aadharit Kaushal Shiksha Mahabhiyan (SAKSHM):-
• महिला और युवाओं के लिए।
• उपयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा स्वरोजगार के अवसरों से जोड़कर स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार सृजन करना।
b. समर्थ योजना:-
• सबसे गरीब, भिखारियों, दलितों, आदिवासियों, कैदियों और समाज के अन्य वंचित समुदायों को स्वरोजगार की संभावना वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा आत्म निर्भर बनाना।
3. मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना:-
• 7 नवंबर 2019 को शुरू।
• कॉलेज स्तर पर कौशल विकास करना।
• यह एक अंब्रेला योजना है, जिसके तहत राजकेविक, सक्षम, समर्थ तीनों योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
(C) विशेष योजनाएं:-
भिक्षुक अभिविन्यास एवं पुनर्वास (भोर) कार्यक्रम-
उद्देश्य:- भिक्षावृत्ति में लगे लोगों को सम्मानजनक आजीविका की ओर बढ़ाना।
• यह कार्यक्रम RSLDC द्वारा जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के सहयोग से संचालित किया जा रहा है।
• लाभार्थियों को ₹225 प्रतिदिन की दर से वेतन हानि क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है।
RSLDC में एक CSR प्रकोष्ठ का गठन किया गया है, जो राजस्थान कौशल विकास कोष हेतु धनराशि एकत्रित करता है।
राज्य में बाजार अनुरूप रोजगार सुनिश्चित करने के लिए रिक्रूट-ट्रेन-डिप्लॉय (RTD) मॉडल अपनाया गया है, जिसमें RSLDC उद्योग संघों के साथ मिलकर कार्य करता है।
पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षण हेतु सिंगापुर के सहयोग से उदयपुर में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है।
SAVE WATER
0 Comments