राजस्थान में अन्य सामाजिक सेवाएं 2023-24
जलापूर्ति
जल जीवन मिशन
• घोषणा:- 15 अगस्त 2019
• उद्देश्य:- 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन प्रदान करना।
• जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संचालित।
• गोवा 100% घरों को नल से जलापूर्ति प्रदान करने वाला देश का पहला राज्य बना।
• इस मिशन के तहत वर्षा जल संग्रहण, भूमि जल पुनर्भरण और घरों से निकले अपशिष्ट जल का पुन:उपयोग करने पर भी बल दिया जा रहा है।
• वित्त पोषण:-
(i) हिमालय और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए - केंद्र सरकार 90 : राज्य सरकार 10
(ii) अन्य राज्यों के लिए - 50:50
(iii) केंद्र शासित राज्यों के लिए - 100% केंद्र सरकार द्वारा।
राजस्थान में जल जीवन मिशन:-
• राजस्थान में 1.01 करोड़ ग्रामीण घर हैं।
• 50.99 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। (मार्च, 2024 तक)
मिड डे मील योजना
• लागू:- 1995 में
• उद्देश्य:- नामांकन, प्रतिधारण और उपस्थिति को बढ़ाना तथा विद्यार्थियों की पोषण स्थिति में सुधार करना।
• लाभार्थी:- सर्व शिक्षा अभियान के तहत सरकारी, स्थानीय निकाय, सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों, विशेष प्रशिक्षण केंद्रों (STC), मदरसों की कक्षा 1 से 8 में पढ़ने वाले विद्यार्थी।
• लाभ:- कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन (100 ग्राम चावल/गेहूं) और कक्षा 6 से 8 के विद्यार्थियों को 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटीन (150 ग्राम चावल/गेहूं) प्रदान किया जा रहा है।
• 2021 में नाम बदलकर पीएम पोषण योजना किया गया।
मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना
• शुभारंभ:- 29 नवंबर 2022
• इस योजना के तहत प्रदेश में मिड डे मील योजना से जुडे़ राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों, मदरसों एवं विशेष प्रशिक्षण केंद्रों में कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को सप्ताह में 6 दिन दूध उपलब्ध करवाया जाएगा।
• कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को 15 ग्राम दूध एवं कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को 20 ग्राम दूध पाउडर वितरित किया जाएगा।
• राजस्थान कोऑपरेटिव डेयरी फाउंडेशन (RCDF) से पाउडर मिल्क की खरीद की जाएगी।
Integrated Child Development Services (ICDS):-
समेकित बाल विकास सेवा योजना:-
• 2 अक्टूबर 1975 को बांसवाड़ा जिले की गढ़ी पंचायत समिति में समेकित सेवाएं प्रारंभ की गई।
• उद्देश्य:- बच्चों एवं महिलाओं को बेहतर जीवन की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना।
• आंगनबाड़ियों के माध्यम से क्रियान्वित।
(राजस्थान में कुल आंगनबाड़ी = 62,020)
• यह एक छत्रक (Umbrella) योजना है, जिसके अंतर्गत अनेक सेवाएं/योजनाएं संचालित की जा रही है। जैसे -
(i) ऑंगनबाड़ी केंद्रों पर सेवाएं
सेवाएं | लाभार्थी |
1. पूरक पोषाहार | 6 माह से अधिक तथा 6 वर्ष तक की आयु के बच्चे, गर्भवती - धात्री महिलाएं एवं 11 से 14 वर्ष की किशोरी बालिकाएं (विद्यालय नहीं जाने वाली) |
2. बचपन और शाला पूर्व शिक्षा | 3-6 वर्ष तक की आयु के बच्चे |
3. पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा | 15-45 वर्ष की महिलाएं एवं किशोरी बालिकाएं |
4. टीकाकरण | 0-6 वर्ष के बच्चे एवं गर्भवती महिलाएं |
5. स्वास्थ्य जांच | 0-6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती- धात्री महिलाएं एवं किशोरी बालिकाएं |
6. संदर्भ (रेफरल) सेवाएं | 0-6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती तथा धात्री महिलाएं |
(ii) किशोरी बालिका योजना (SAG)
• 1 अप्रैल 2022 से राज्य के 5 आकांक्षी जिलों (करौली, धौलपुर, बारां, सिरोही व जैसलमेर) में शुरू।
• 14-18 आयु वर्ग की किशोरी बालिकाओं को ऑंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषण एवं गैर-पोषण सेवाओं से लाभान्वित करना।
(iii) बाल संरक्षण सेवा/मिशन वात्सल्य योजना (Child protection services):- देश में बालकों/
बालिकाओं हेतु संरक्षित परिवेश तैयार करना।
• केंद्र (60) : राज्य (40)
(iv) राष्ट्रीय शिशुगृह योजना (National Creche Scheme):- कामकाजी महिलाओं के लिए कार्य स्थल पर शिशु गृह की स्थापना।
राजस्थान में बाल अधिकारिता विभाग की स्थापना कब की गई ? - वर्ष 2013 में।
पोषण अभियान
• शुरू:- पर 8 मार्च 2018 झुंझुनू (राजस्थान) से।
• नोडल एजेंसी:- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
• उद्देश्य:- आँगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से माताओं एवं शिशुओं के पोषण सुधार करना।
• लक्ष्य:-
(i) 0-6 वर्ष के बच्चों में ठिगनेपन (Stunting), अल्प पोषण (Under nutrition) से बचाव एवं इसमें कुल 6%, प्रति वर्ष 2% की दर से कमी लाना।
(ii) कम वजन के साथ जन्म (Low birth weight) लेने वाले बच्चों की संख्या में कुल 6% ,प्रति वर्ष 2% की दर से कमी लाना।
(iii) 6 से 59 माह के बच्चों में एनीमिया (Anemia) के प्रसार में कुल 9%, प्रति वर्ष 3% की दर से कमी लाना।
(iii) 15 से 49 वर्ष की किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री माताओं में एनीमिया के प्रसार में कुल 9%, प्रति वर्ष 3% की दर से कमी लाना।
Trick - SULA
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना:-
• इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और हाल ही में मां बनी महिलाओं को पहले बच्चे के लिए 2 किश्तों में ₹5000 की आर्थिक मदद दी जाती है।
• केवल बैंक या डाकघर से भुगतान।
• यह सहायता गर्भावस्था, सुरक्षित प्रसव और स्तनपान की अवधि के दौरान की जाती है।
नोट:- राजस्थान सरकार ₹6,500 की आर्थिक मदद दे रही है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत राजस्थान सरकार द्वारा 27 सितंबर 2018 को अधिसूचना जारी करके निम्नलिखित प्रावधान किए गए -
(i) अंत्योदय अन्न योजना कार्डधारक परिवार को ₹1 प्रति किलो के हिसाब से कुल 35 किलो गेहूं मिलेगा।
(ii) बीपीएल/राज्य बीपीएल कार्डधारक परिवार के प्रत्येक व्यक्ति को ₹1 प्रति किलो के हिसाब से 5 किलो गेहूं मिलेगा।
(iii) सहरिया (बारां), कथौडी व खैरवा (उदयपुर) जनजाति को प्रतिमाह प्रति सदस्य 250 मि.ली. घी, 500 मि.ली. खाद्य तेल तथा 500 ग्राम दाल निःशुल्क मिलेगी।
• मृतक राशन डीलर के आश्रितों को उचित मूल्य दुकान का आवंटन किया जायेगा।
• लाभार्थियों का PoS मशीन से बायोमेट्रिक सत्यापन किया जा रहा है।
• वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत राज्य का कोई भी नागरिक अन्य राज्य से तथा अन्य राज्य का नागरिक राजस्थान से अपना राशन प्राप्त कर सकता है।
रसोई गैस सिलेंडर सब्सिडी योजना:-
• 1 जनवरी, 2024 से लागू
• इसके तहत BPL तथा पीएम उज्ज्वला योजना में शामिल निम्न आय वर्ग के परिवारों को वर्ष में 12 गैस सिलेंडर ₹450 में उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।
Rajasthan State Food and Civil Supplies Corporation Ltd. (RSFCSCL):-
राजस्थान राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम लि.
• 2010 में स्थापित
• यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चीनी के वितरण के लिए राज्य की नोडल एजेंसी है।
सामान्य न्याय एवं अधिकारिता:-
मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना
• शुरू:- जून 2021
• प्रतिभावान पात्र विद्यार्थियों को विभिन्न प्रोफेशनल कोर्स एवं प्रतियोगी परीक्षाओं की उत्कृष्ट तैयारी के लिए ‘मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना’ लागू की गई है।
(1) UPSC, RPSC, SI, RSSMB, REET
(2) 2400 ग्रेड पे या इससे ऊपर की सभी परीक्षा
(3) इंजीनियरिंग, मेडिकल एवं क्लेट परीक्षा
• इस योजना में SC, ST, OBC, MBC, अल्पसंख्यक एवं EWS वर्ग के वे विद्यार्थी पात्र होंगे, जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख प्रतिवर्ष से कम है व माता-पिता राजकीय सेवा में हो, जिनका पे मैट्रिक्स लेवल 11 तक का हो पात्र है।
• परीक्षार्थियों की मेरिट का निर्धारण 12वीं अथवा 10वीं के प्राप्तांकों के आधार पर किया जाएगा।
• संचालन:- ST वर्ग के लिए योजना का संचालन जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग एवं SC, OBC, MBC और EWS वर्ग के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा अल्पसंख्यक वर्ग के लिए अल्पसंख्यक मामलात विभाग द्वारा किया जाएगा।
• अपना आवास छोड़कर अन्य शहर के प्रतिष्ठित संस्थान से कोचिंग प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भोजन एवं आवास के लिए ₹40,000 प्रतिवर्ष अतिरिक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
• नोडल विभाग:- सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग
• किसी भी छात्र-छात्रा को इस योजना का लाभ केवल 1 वर्ष की अवधि के लिए देय होगा।
• योजना में प्रयास होगा कि 50% लाभ छात्राओं को दिया जा सके।
अम्बेडकर डीबीटी वाउचर योजना
• 23 मई 2021
• इस योजना के तहत जिला मुख्यालयों पर संचालित सरकारी कॉलेजों में पढ़ने वाले SC, ST, OBC, MBC तथा EWS वर्ग के विद्यार्थियों को अपने घर से दूर शहरी क्षेत्रों में रहने के लिए भोजन एवं आवासीय सुविधा हेतु ₹2,000 प्रतिमाह (प्रतिवर्ष अधिकतम 10 महीने) दिए जाते हैं।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना
• इस योजना को सहयोग और उपहार योजना के स्थान पर शुरू किया गया।
• लाभार्थी:- SC/ST/Minority की BPL लड़की
कन्या की शादी (18+) पर:- ₹31,000
कन्या दसवीं पास है तो अतिरिक्त:- ₹10,000
कन्या स्नातक (Graduation) है तो अतिरिक्त:- ₹20,000
• लाभार्थी:- शेष वर्गों की BPL लड़की
कन्या की शादी (18+) पर:- ₹21,000
कन्या दसवीं पास है तो अतिरिक्त:- ₹10,000
कन्या स्नातक (Graduation) है तो अतिरिक्त:- ₹20,000
उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति:-
SC/ST/OBC/MBC/EBC के लिए।
पात्रता:- वार्षिक पारिवारिक आय ₹2.5 लाख तक।
मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा के विद्यार्थियों के अभिभावकों की वार्षिक आय ₹5 लाख तक।
छात्रावास सुविधा:-
SC/ST/OBC/MBC/EWS के लिए।
इनमें भोजन, आवास, पोशाक, कोचिंग की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाती है।
आवासीय विद्यालय:-
SC/ST/OBC/MBC/EBC के लिए 37 आवासीय विद्यालय संचालित।
पात्रता:- पारिवारिक आय ₹8 लाख तक।
सामाजिक सुरक्षा एवं पेंशन योजनाएं:-
लाभार्थी:- 60 वर्ष व अधिक आयु के BPL Kingdom • सभी आयु के पेंशनर को रु1000 प्रतिमाह | |
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना | • 40-75 आयु:- 1000 प्रतिमाह • 75+ आयु:- ₹1500 प्रतिमाह |
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना 24 नवंबर 2009 • केंद्र सरकार द्वारा | • 18-75 आयु:- 1000 प्रतिमाह • 75+ आयु:- ₹1250 प्रतिमाह |
• 55+ आयु महिला:- ₹1000 प्रतिमाह • 58+ आयु पुरुष:- ₹1000 प्रतिमाह | |
मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना | • 18-75 आयु:- ₹1000 प्रतिमाह • 75+ आयु:- ₹1500 प्रतिमाह |
मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना | • 75 आयु से कम:- ₹1000 प्रतिमाह • 75+ आयु:- ₹1250 प्रतिमाह • कुष्ठ रोग :- ₹2500 प्रतिमाह • सिलिकोसिस पीड़ित:- ₹1500 प्रतिमाह |
पालनहार योजना (2004)
• पालनहार योजना 10 श्रेणियां के अंतर्गत रहने वाले बच्चों को सहायता प्रदान करने के लिए राजस्थान सरकार की एक प्रमुख नकद हस्तांतरण योजना है।
• उद्देश्य:- कठिन परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों को सहायता प्रदान करना।
• यह योजना अनाथ बच्चों, माता-पिता में से एक की मृत्यु हो गई हो तथा एक आजीवन कारावास की सजा काट रहा हो, कुष्ठ रोग/एड्स रोग से पीड़ित माता-पिता के बच्चों, परित्यक्ता/तलाकशुदा महिला के बच्चों के लिए शुरू की गई है।
• अनाथ बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी लेने वाले व्यक्ति को पालनहार कहा गया है तथा उसे सहायता दी जाती है।
• 0-6 वर्ष के आंगनबाड़ी में दाखिल बच्चों को ₹1,500 प्रतिमाह एवं 6-18 वर्ष के विद्यालय जाने वाले अनाथ बच्चों को ₹2,500 प्रतिमाह दिए जाते हैं।
• अन्य श्रेणियों में 0-6 वर्ष के बच्चों को ₹7,50 प्रतिमाह और 6-18 वर्ष के बच्चों को ₹1,500 प्रतिमाह दिए जाते हैं।
मुख्यमंत्री हुनर विकास योजना
• सरकारी एवं अनुदानित बाल गृह के बालकों तथा पालनहार योजना के अंतर्गत लाभान्वित बालकों को मुख्यधारा में लाने एवं स्वावलम्बी बनाने हेतु शुरू की गई।
• तकनीकी प्रशिक्षण एवं उच्च शिक्षा की सुविधा दी जाती है।
डॉक्टर सविता बेन अम्बेडकर अंतरजातींय विवाह
• उद्देश्य:- अस्पृश्यता निवारण
• अनुसूचित जाति (SC) और सवर्ण हिन्दू के द्वारा शादी करने पर प्रति युगल (Couple) ₹10 लाख दिए जाते हैं।
अंत्येष्टि अनुदान योजना
लावारिस शवों के अंतिम संस्कार हेतु NGO को ₹5,000 दिए जाते हैं।
वृद्ध कल्याण योजना
राज्य के 32 जिलों में 58 वृद्धाश्रम संचालित।
नवजीवन योजना (2009)
• उद्देश्य:- हथकढ़ शराब से जुड़े परिवारों का पुनर्वास करना।
अवैध शराब निर्माण, भंडारण, बिक्री से सम्बन्धित कार्यों में संलिप्त परिवारों को समाज की मुख्यधारा में लाया जा शुरू रहा हैं।
• इस योजना में 30 जातियों को शामिल किया गया है।
विधवा विवाह उपहार योजना
• पेंशन योजना में हकदार विधवा महिला शादी करती है तो राज्य सरकार द्वारा उपहार स्वरूप ₹51,000 दिए जाते हैं।
उज्ज्वला योजना
• देह व्यापार में लिप्त महिलाओं एवं उनके बच्चों का पुनर्वास कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने हेतु शुरू की गई।
स्वाधार गृह योजना
• 2001-02 में भारत सरकार द्वारा शुरू।
• उद्देश्य:- विपरीत परिस्थितियों में जीवन यापन करने वाली महिलाओं को आश्रय प्रदान करना।
नोट:- वर्ष 2022-23 से स्वाधार गृह और उज्ज्वला योजना का विलय कर शक्ति सदन योजना नाम किया गया है।
मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना:-
• 25 जून 2021 से संपूर्ण राज्य में लागू।
• उद्देश्य:- कोविड-19 महामारी के कारण राज्य में अनाथ हुए बच्चों, विधवा महिलाओं एवं उनके बच्चों को आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षणिक संबल प्रदान करना।
• बच्चों के लिए प्रावधान:-
प्रत्येक अनाथ बालक/बालिकाओं को तत्कालिक सहायता के रूप में ₹1 लाख की एकमुश्त सहायता, 18 वर्ष की आयु तक ₹2,500 प्रतिमाह एवं ₹2,000 वार्षिक देय है।
18 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर ₹5 लाख की सहायता राशि देय है।
साथ ही इन बच्चों को कक्षा 12 तक निःशुल्क शिक्षा, छात्रावासों में प्राथमिकता से प्रवेश, कॉलेज में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिये आवासीय सुविधाओं हेतु अम्बेडकर डी.बी.टी. योजना का लाभ एवं मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अन्तर्गत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने वाले लाभ प्राथमिकता से देय है।
• विधवा महिलाओं के लिए प्रावधान:-
विधवा महिला को ₹1 लाख की तत्कालिक सहायता के साथ ही ₹1500 प्रतिमाह पेंशन देय है, साथ ही विधवा के बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक ₹1,000 प्रतिमाह एवं ₹2,000 वार्षिक देय हैं।
गाड़िया लोहार भवन निर्माण अनुदान सहायता योजना
• गाड़िया लोहारों को स्थायी रूप से बसाने हेतु राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में 150 वर्गगज एवं शहरी क्षेत्र में 50 वर्गगज भूमि आवंटन करने का प्रावधान किया है।
• महाराणा प्रताप भवन निर्माण योजना के तहत गाड़िया लोहार परिवारों को भवन निर्माण हेतु स्वयं का भूखण्ड होने पर तीन किश्तों में ₹1.20 लाख देने का प्रवधान है।
गाड़िया लोहार कच्चा माल क्रय अनुदान सहायता योजना
गाड़िया लोहारों को स्वावलंबी बनाने हेतु उनके व्यवसाय के लिए राज्य सरकार द्वारा कच्चा माल क्रय करने हेतु जीवन में एक बार अनुदान के रूप में राशि ₹10,000 दिने का प्रावधान है।
विशेष योग्यजन हेतु राजस्थान सरकार के प्रयास
• 2011 में विशेष योग्यजन हेतु विभाग बनाया गया।
• विशेष योग्यजन छात्रवृत्ति योजना
राजकीय मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं में नियमित अध्ययनरत विशेष योग्यजन छात्रों को जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हो, छात्रवृत्ति दी जाती है।
• मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन स्वरोजगार योजना
ऐसे विशेष योग्यजन जिनके परिवार की वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हैं, को ₹5 लाख तक का ऋण दिया जाता हैं।
राज्य सरकार द्वारा ₹50,000 अथवा ऋण राशि का 50%, जो भी कम हो अनुदान दिया जाता हैं।
• सुखद दाम्पत्य योजना
विशेष योग्यजन को विवाह पश्चात ₹50,000. की वित्तीय सहायता एवं आयोजक को ₹20,000 की सहायता प्रदान की जाती है।
80% दिव्यांगता वाले विशेष योगदान को जीवनसाथी बनाने पर ₹5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
• कृत्रिम अंग/उपकरण हेतु आर्थिक सहायता
गैर आयकर दाता विशेष योग्यजनों को इसके लिए ₹10,000 तक की आर्थिक सहायता दी जाती हैं।
सिलिकोसिस नीति 2019
• 3 अक्टूबर 2019 को लॉन्च।
• इसके अन्तर्गत सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्ति को आर्थिक मदद के साथ-2 ऐसे कार्य स्थल एवं श्रमिकों की पहचान, पुर्नवास, बीमारी की रोकथाम व नियंत्रण के उपाय अपनाये जाएंगे।
• सिलिकोसिस पीड़ित के पुनर्वास के लिए ₹3लाख जबकि उसकी मृत्यु होने पर उसके आश्रित को ₹2लाख की सहायता प्रदान की जाती है।
• पीड़ित को ₹1,500 प्रतिमाह सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जाती है।
• मृतक की विधवा को उसकी आयु वर्ग के अनुसार ₹1,150 से ₹1,500 तक की विधवा पेंशन प्रदान की जाती है।
• पीड़ित परिवार को अंतिम संस्कार के लिए ₹10,000 की आर्थिक सहायता देने का प्रावधान है।
सिलिकोसिस क्या है ?
सिलिकोसिस फेफड़ों की एक लाइलाज बीमारी है, जो सिलिका के छोटे-2 कणों के साँस के माध्यम से शरीर के भीतर प्रवेश करने से होती है।
स्थायी शारीरिक विकलांगता प्रदान करने की क्षमता के कारण सिलिकोसिस को लाइलाज बीमारी के रूप में देखा जाता है।
यह प्रायः खनन क्षेत्र, काँच निर्माण, भवन निर्माण उद्योग आदि क्षेत्रों में कार्यरत लोगों में होती हैं।
आस्था योजना
ऐसे परिवार जिनमें दो या दो से अधिक व्यक्ति 40% से अधिक विशेष योग्यजन है, उन परिवारों को आस्था कार्ड जारी किए जाते हैं, जिससे उन्हें BPL के समान सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सके।
राजस्थान दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2018
• दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के क्रियान्वयन हेतु राजस्थान राजपत्र में 24 जनवरी 2019 को राज्य सरकार द्वारा इस नियम को प्रकाशित किया गया।
• इसके तहत दिव्यांगजन को सरकारी सेवाओं में आरक्षण 3% से बढ़ाकर 4% किया गया।
यूनिक डिसएबिलिटी आई.डी. कार्ड योजना
• विशेष योग्यजनों की सभी 21 श्रेणियों के विशेष योग्यजनों के सशक्तिकरण एवं कल्याण हेतु उन्हें चिन्हित कर निशक्तता प्रमाणीकरण का कार्य किया जा रहा है।
पदोन्नति में आरक्षण:- 21 अक्टूबर 2021 से विशेष योग्यजन कार्मिकों को पदोन्नति में 4% आरक्षण एवं सीधी भर्ती में अधिकतम आयु सीमा में 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट एवं अंकों में 5% अंकों की छूट का प्रावधान किया गया है।
दो दिव्यांग विश्वविद्यालय
1.बाबा आमटे दिव्यांग विश्वविद्यालय:- जामडोली (जयपुर)
2.महात्मा गांधी दिव्यांग विश्वविद्यालय:- जोधपुर
कंपोजिट रीजनल सेंटर:- जामडोली (जयपुर)
अल्पसंख्यकों के लिए राजस्थान सरकार के प्रयास
• राज्य में 78.18 लाख अल्पसंख्यक समुदाय की जनसंख्या है, जो राज्य की कुल जनसंख्या 6.85 करोड़ का 11.4% है। (जनगणना 2011 के अनुसार)
• अल्पसंख्यक मामलात विभाग का गठन
• उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति:- अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थी जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हो एवं गत परीक्षा में कम से कम 50% अंक अर्जित किए को उच्च शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
• मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति योजना:- अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थी जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हो एवं गत परीक्षा में कम से कम 50% अंक अर्जित किए को उच्च/तकनीकी/ व्यवसायिक शिक्षा हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
• मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना:- पारिवारिक वार्षिक आय ₹2 लाख से कम हो
• छात्रावास सुविधा:-
• प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम
अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में विकास के क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने के लिए 16 जिलों में आर्थिक, चिकित्सा, शैक्षणिक एवं कौशल विकास के कार्य करवाये जाते हैं।
• राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC) के माध्यम से अल्पसंख्यकों को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
मदरसा आधुनिकीकरण योजना
• उद्देश्य:- पंजीकृत मदरसों की आधारभूत संरचना का विकास एवं आवश्यकतानुसार भौतिक सामग्री उपलब्ध करवाना।
• प्राथमिक स्तर के मदरसों के लिए अधिकतम राशि ₹15 लाख का प्रावधान।
• उच्च प्राथमिक स्तर के मदरसों के लिए अधिकतम राशि ₹25 लाख का प्रावधान।
• राज्य सरकार (90) : मदरसा (10)
पीएम अजय (PM AJAY)
• वर्ष 2022-23 में केंद्र प्रायोजित विशेष केंद्रीय सहायता का नाम बदलकर प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना कर दिया गया।
• SC के युवाओं को स्वरोजगार (समूह आधारित आजीविका परियोजनाओं) के लिए अधिकतम ₹10,000 तक की अनुदान सहायता प्रदान की जाती है।
• इस योजना में वार्षिक आय की कोई सीमा नहीं है।
महिला सशक्तिकरण संबंधित प्रयास:-
महिला विकास कार्यक्रम
साथिन (मानदेय महिला कार्यकर्ता)
• कार्य:- महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना तथा उन्हें सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ लेने हेतु सशक्त बनाना।
• प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सभा द्वारा एक साथिन का चयन किया जाता है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना
• उद्देश्य:- बाल विवाह, दहेज प्रथा एवं व्यक्तिगत विवाहों पर होने वाले व्यय को कम करना।
• राज्य सरकार द्वारा ₹25,000 प्रति जोड़े की दर से अनुदान दिया जाता हैं। (₹21,000 वधू को तथा ₹4,000 आयोजनकर्ता संस्था को)
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना
• शुरूआत:- 22 जनवरी, 2015
• मुख्य उद्देश्य:- लड़कियों को सशक्त करना और उनकी शिक्षा को बढ़ावा देना, बालिका के जन्म से पहले और बाद में होने वाले भेदभाव का विरोध करना।
• 8 मार्च 2018 से यह योजना राजस्थान के सभी जिलों में चलाई जा रही हैं।
जेंडर प्रकोष्ठ:- लैगिक परिप्रेक्ष्य में विभिन्न विभागों के बजट की समीक्षा हेतु सचिवालय के रूप में कार्य करता हैं।
महिला संरक्षणः- महिला संरक्षण प्रकोष्ठ द्वारा निम्न कार्यक्रम क्रियान्वित किए जा रहे हैं-
1. महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र
2. 181 महिला हेल्पलाईन
3. घरेलू हिंसा महिला संरक्षण अधिनियम, 2005
4. महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध एवं सुधार) से संरक्षण अधिनियम 2013
5. राजस्थान डायन प्रताड़ना निवारण अधिनियम, 2015 एवं 2016
6. सखी वन स्टॉप सेंटर
7. त्रि-स्तरीय महिला समाधान समिति
मुख्यमंत्री राजश्री योजना
• शुरू:-1 जून 2016
• उद्देश्य:- बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करना, उन्हें शिक्षित एवं सशक्त बनाना।
इस योजना के तहत बालिका के जन्म से लेकर कक्षा 12वीं तक उसकी पढ़ाई, स्वास्थ्य एवं देखभाल के लिए अभिभावक को 6 किश्तों में ₹50,000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
पात्रता:-
• 1 जून 2016 के बाद जन्मी बालिकाएं।
• उनको भी लाभ मिलेगा जिनकी तीसरी संतान बालिका हो।
पहली किश्त:- बेटी के जन्म पर ₹2,500
दूसरी किश्त:- 1 वर्ष का टीकाकरण होने पर ₹2,500
तीसरी किश्त:- पहली कक्षा में प्रवेश लेने पर ₹4,000
चौथी किश्त:- कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर ₹5,000
पांचवी किश्त:- कक्षा 10 में प्रवेश लेने पर ₹11,000
छठी किश्त:- कक्षा 12 उत्तीर्ण करने पर ₹25,000
आई एम शक्ति फंड (इंदिरा महिला शक्ति निधि)
• 18 दिसंबर 2019
• राशि:- ₹1,000 करोड़
• उद्देश्य:- महिला सशक्तिकरण
• इस फंड के तहत मुख्य रूप से तीन कार्य किए जाएंगे -
(i) उद्यम हेतु ऋण अनुदान
(ii) कौशल संवर्धन एवं प्रशिक्षण
(iii) जागरूकता
आई एम शक्ति फंड के अंतर्गत संचालित योजनाएं:-
• इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना
इसके तहत महिलाओं एवं स्वयं सहायता समूह (SHG) को ₹1 करोड़ तक का ऋण प्रदान किया जा सकता हैं।
• इंदिरा महिला शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवर्धन योजना:- 75,000 महिलाओं और युवतियों को निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण।
इंदिरा महिला शक्ति उड़ान योजना
• शुभारम्भ:- 19 दिसम्बर 2021
• राज्य भर में प्रजनन आयु की लड़कियों और महिलाओं को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन प्रदान करना।
योजना के प्रमुख घटक:-
• लड़कियों और महिलाओं में मासिक धर्म स्वास्थ्य और
स्वच्छता प्रबंधन के बारे में जागरूकता पैदा करना।
• सेनेटरी नैपकिन की उपलब्धता।
• दूसरा चरण:- 26 अगस्त 2022 से शुरू।
इंदिरा महिला एवं बाल विकास शोध संस्थान
• महिला एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं कल्याण से संबंधित विषयों पर शोध कार्य करना।
अमृता हाट:- महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शन एवं विपणन (Marketing) के अवसर प्रदान करना।
• उद्देश्य:- महिलाओं का आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण करना।
मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क योजना
• शुरू:- 26 अगस्त 2022
• उद्देश्य:- महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम कर अपने परिवार की आजीविका में योगदान के अवसर प्रदान करना।
मिशन शक्ति
• यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समन्वित महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षण एवं उनके सशक्तिकरण हेतु अंब्रेला योजना है।
• इसके तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से राज्य में संचालित केंद्र प्रवर्तित योजनाओं का क्रियान्वयन एवं पर्यवेक्षण किया जाएगा।
• केंद्र (60) : राज्य (40)
• संचालित योजनाएं:- वन स्टॉप सेंटर, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, शक्ति सदन योजना आदि।
बीस सूत्री कार्यक्रम (बीसूका):- 2006
• बीस सुत्री कार्यक्रम 1975 में प्रारम्भ किया गया तथा वर्ष 1982, 1986 एवं 2006 में संशोधित किया गया।
• यह कार्यक्रम 1 अप्रैल 2007 से लागू किया गया।
• इसके तहत गरीबी उन्मूलन, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, परिवार कल्याण, पर्यावरण संरक्षण संबंधी, शहरी निर्धन परिवारों को सहायता आदि कार्यक्रम चलाए जाते हैं।
• बीस सूत्री कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (1 अप्रैल 2013) की मॉनिटरिंग की जा रही है।
SAVE WATER
0 Comments