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राजस्थान में औद्योगिक विकास । राजस्थान आर्थिक समीक्षा 2023-24

 
राजस्थान में औद्योगिक विकास



राजस्थान में औद्योगिक विकास 2023-24

Industrial development in Rajasthan.

उद्योग क्षेत्र के अंतर्गत खनन-उत्खनन, विनिर्माण, विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाएं तथा निर्माण क्षेत्र शामिल हैं।

उद्योग क्षेत्र का सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA) में योगदान 2023-24:-
1. स्थिर कीमतों पर (आधार वर्ष 2011-12):-
• ₹2.33 लाख करोड़ (4.57% वृद्धि)
2. प्रचलित कीमतों पर:-
• ₹4.03 लाख करोड़ (9.45% वृद्धि)
उद्योग क्षेत्र का योगदान प्रचलित मूल्य पर 28.21%

उद्योग क्षेत्र में उप-क्षेत्रों का योगदान (प्रचलित कीमत)

 उप-क्षेत्र
प्रचलित कीमतों पर योगदान 
 स्थिर कीमतों (2011-12) पर वृद्धि दर 
 विनिर्माण
 42.27%
   19.57%
 निर्माण
 35.26%
     3.47%
 खनन-उत्खनन
 11.99%
     5.41%
 अन्य 
 10.48% विद्युत, गैस, जलापूर्ति व अन्य
    10.02%

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक
(IIP = Index of Industrial Production)
• प्रतिमाह जारी किया जाता है।
• आधार वर्ष:- 2011-12
• जारीकर्ता:- केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO)
• 3 आधार:- विनिर्माण, खनन, विद्युत

भारत में 8 मुख्य उद्योग है (Core Industry):-
भारांश के घटते क्रम में -
1. रिफाइनरी उत्पाद 2. विद्युत Electricity 3. स्टील
Trick - RES
4. कोयला    5. कच्चा तेल  6. प्राकृतिक गैस
7. सीमेंट      8. उवर्रक

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम औद्योगिक इकाईयां (MSME):-
MSME:- micro, small and medium enterprises.

 MSME
 सूक्ष्म
 लघु
 मध्यम
 निवेश
 < 1 करोड़
 < 10 करोड़
 < 50 करोड़
 टर्नओवर
 < 5 करोड़
 < 50 करोड़
 < 250 करोड़
 
उद्यम पंजीकरण पोर्टल (URP =Udyam Registration Portal):-
• एमएसएमई का ऑनलाइन पंजीकरण करने हेतु 1 जुलाई 2020 से शुरू किया गया।

MSME को बढ़ावा देने हेतु राजस्थान सरकार के प्रयास:-
1. URP के द्वारा एमएसएमई का पंजीकरण।
2. राजस्थान सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (फैसिलिटेशन ऑफ एस्टेब्लिशमेंट एंड ऑपरेशन) अधिनियम 2019
• 17 जुलाई 2019 को लागू।
• उद्देश्य:- एमएसएमई की बाधारहित स्थापना को प्रोत्साहित करना।
• 12 जून 2019 को राज उद्योग मित्र पोर्टल की शुरूआत की गई।
• इंटेंट की घोषणा (डिक्लेरेशन ऑफ इंटेंट) प्रस्तुत करने पर नोडल एजेंसी एमएसएमई को 'पावती प्रमाण पत्र' जारी करती है।
पावती प्रमाण पत्र जारी होने की तिथि से 3 साल तक एमएसएमई को राज्य के सभी कानूनों के तहत अनुमोदन (Approval) और निरीक्षण (Inspection) से छूट दी जाती है।
3. मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना (MLUPY)
• 13 दिसंबर 2019 को शुरू।
• उद्देश्य:- एमएसएमई को ऋण सुविधा उपलब्ध करवाना। (₹10 करोड़ तक)
• ₹25 लाख तक के ऋण पर 8%, ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 6% तथा ₹10 करोड़ तक के ऋण पर 5% ब्याज सब्सिडी सरकार दे रही है।
4. सुविधा केंद्र का निर्माण -
• सभी जिला उद्योग केंद्रों पर एमएसएमई निवेशक सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है। 

5. राजस्थान एमएसएमई नीति 2022
• 17 सितंबर 2022 को जारी।
• उद्देश्य:- सभी श्रेणी के उद्योगों का विकास, निवेश प्रोत्साहन और रोजगार के अवसर बढ़ाना।
• इस नीति के अंतर्गत उद्योगों के लिए भूमि, बुनियादी सुविधाओं का विकास, स्मार्ट इंडस्ट्रियल एरिया, एमएसएमई क्लस्टर्स विकास, उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार, विपणन व्यवसाय विकास में सहायता, निर्यात प्रोत्साहन और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले उद्यमों को प्रोत्साहन/पुरस्कार देने के प्रावधान शामिल किया किए गए हैं।
साथ ही महिला, SC, ST और निशक्तजन उद्यमियों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।

राजस्थान में निर्यात:-

राजस्थान द्वारा निर्यात (Export):-
• राजस्थान में मुख्यतः 16 उत्पादों का निर्यात किया जाता है।
• राजस्थान के निर्यात में 65% से अधिक योगदान देने वाली शीर्ष पांच वस्तुएं निम्नलिखित हैं:-
1. इंजीनियरिंग वस्तुएं > 2. जवाहरात एवं आभूषण > 3. मेटल (धातु) > 4. टेक्सटाइल (वस्त्र) > 5. हैंडीक्राफ्ट (हस्तशिल्प)  

राजस्थान में निर्यात को प्रोत्साहन देने हेतु किए गए प्रयास:-
1. निर्यात संवर्धन, प्रक्रिया एवं दस्तावेजीकरण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना (2012)
• उद्देश्य:- राज्य के ऐसे उद्यमियों को जानकारी प्रदान करना जो निर्यात प्रक्रिया दस्तावेजों एवं बाजार की जानकारी के अभाव में अपनी वस्तुओं का प्रत्यक्ष रूप से निर्यात करने में असमर्थ हैं और बिचौलियों के माध्यम से अपने वस्तुओं का निर्यात कर रहे हैं।

2. अंतरराष्ट्रीय विदेशी व्यापार मेलों में भाग लेने पर प्रतिपूर्ति योजना (2012-13)
• इस योजना को मार्च 2025 तक बढ़ाया गया है।
• इस योजना के तहत विदेशों में आयोजित होने वाले अनुमोदित व्यापार मेलों में भाग लेने वाली इकाइयों को उनके द्वारा भुगतान किए गए भूमि किराए का 50% की दर से अधिकतम ₹1 लाख तक पुनर्भरण किया जाता है।

3. एक जिला एक उत्पाद (ODOP)
• उद्देश्य:- प्रत्येक जिले से निर्यात क्षमता वाले उत्पादों की पहचान करना और उन्हें बढ़ावा देना।
• सभी जिलों में जिला कलेक्टरों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय निर्यात प्रोत्साहन समितियों (DEPC) का गठन किया गया है।
• एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित उत्पाद:-
PBF
जैसलमेर - पीला मार्बल स्लेब्स
बाड़मेर - ब्लॉक प्रिंटिंग वस्तुएं 
कशीदाकारी 
जोधपुर - र्नीचर एवं हस्तकला उत्पाद

SMS
भरतपुर - हद, खाद्य ते
धौलपुर - मिल्क पाउडर
करौली - सेंडस्टोन

KSL
श्रीगंगानगर - किन्नू
हनुमानगढ़ - कृषि उत्पाद (चावल, कपास)
बीकानेर - सिरेमिक उत्पाद
बीकानेरी नमकीन, ऊनी कारपेट यार्न।
चूरू - लकड़ी के उत्पाद

झुंझुनू - लकड़ी के उत्पाद
सीकर - र्नीचर-एंटिक

GST
उदयपुर - ग्रेनाईट एवं मार्बल
डूंगरपुर - ग्रेनाईट एवं मार्बल
बांसवाड़ा - ग्रेनाईट एवं मार्बल
सिंथेटिक यार्न एवं फेबरिक
प्रतापगढ़ - थेवा कला

बूंदी - चावल
बारां - कृषि उत्पाद (सोयाबीन)
कोटा - कोटा डोरियां 
झालावाड़ - संतरा

जयपुर - जेम्स एंड ज्वैलरी
सेवाओं का निर्यात 
अलवर - ऑटोमोबाइल पार्टस
दौसा - दरी (गलीचे) व पत्थर उत्पाद

नागौर - हाथ के उपकरण
अजमेर - ग्रेनाईट एवं मार्बल
चित्तौड़गढ़ - ग्रेनाईट एवं मार्बल
पाली - मेहंदी
भीलवाड़ा - वस्त्र
जालोर - ग्रेनाइट स्लेब एवं मोजडी जूती

राजसमंद - टेराकोटा
सवाई माधोपुर - पर्यटन
सिरोही - मार्बल वस्तुएं 
टोंक - स्लेट स्टोन टाइल्स

अनुपगढ़:- कॉटन बॉल्स
बालोतरा:- वस्त्र 
ब्यावर:- क्वार्टज एवं फेल्सपार पाउडर
डीडवाना-कुचामन:- मकराना मार्बल एवं ग्रेनाइट 
डीग:- पत्थर संबंधी उत्पाद 
दूदू:- ब्लू पॉटरी 
गंगापुर सिटी:- खीर मोहन 
जयपुर (ग्रामीण):- ब्लॉक प्रिंटिंग वस्तुएं
कृषि उपकरण
जोधपुर (ग्रामीण):- बलुआ पत्थर नक्काशी उत्पाद 
केकड़ी:- ग्रेनाइट एवं मार्बल 
खैरथल-तिजारा:- ऑटोमोबाइल पार्ट्स 
कोटपूतली-बहरोड:- ऑटोमोबाइल पार्ट्स
नीम का थाना:- फेल्सपार खनिज 
फलौदी:- नमक एवं सेन्ना/सोनामुखी उत्पाद
सलूंबर:- मार्बल
सांचौर:- मसाले 
शाहपुरा:- फड चित्रकला

राजस्थान में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग:-
• 36 जिला उद्योग केंद्र
• 8 उप-केंद्र
• सभी जिला उद्योग केंद्रों पर एमएसएमई निवेशक सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है।
• विवाद निवारण तंत्र समिति
राज्य स्तर पर चेयरमैन - मुख्य सचिव
जिला स्तर पर अध्यक्ष - जिला कलेक्टर
• सूक्ष्म एवं लघु उद्यम के विलंबित भुगतान के मामलों के निराकरण के लिए 14 सुविधा परिषदों का गठन किया गया है।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)
उद्देश्य:- ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में औद्योगिक सेवा एवं वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर उत्पन्न करना।

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2022
• 7 अक्टूबर 2022 को लागू।
उद्देश्य:- 
• विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों का 15% की वार्षिक वृद्धि दर से विकास।
• संतुलित और समावेशी क्षेत्रीय विकास।
• वर्ष 2027 तक 10 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसरों का सृजन।
• हरित हाइड्रोजन, वैकल्पिक ऊर्जा, चिकित्सा उपकरण आदि जैसे नवीन क्षेत्रों को अतिरिक्त प्रोत्साहन ।
• पर्यावरण संरक्षण प्रयासों को प्रोत्साहित करना।
प्रावधान:-
• प्राथमिक 8 श्रेणियों के लिए कस्टमाईज्ड लाभ।
• थ्रस्ट सेक्टर, सनराईज सेक्टर, पिछड़े क्षेत्रों, SC, ST और महिला उद्यमियों को अतिरिक्त परिलाभ।
• विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र में ₹50 करोड़ से अधिक निवेश पर प्रोत्साहन पैकेज:-
1. परिसंपत्ति निर्माण प्रोत्साहन:- एसजीएसटी प्रतिपूर्ति अथवा पूंजीगत अनुदान अथवा टर्नओवर लिंक्ड इंसेंटिव (TLI) में से एक चुनने का विकल्प।
2. विशेष प्रोत्साहन:- रोजगार सृजन पर अतिरिक्त परिलाभ, हरित प्रोत्साहन।
3. छूट:- विद्युत शुल्क, मंडी शुल्क, भूमि कर में 7 वर्षों के लिए 100% छूट।

मुख्यमंत्री लघु वाणिज्यिक वाहन स्वरोज़गार योजना
• 11 अक्टूबर 2022 को अधिसूचित।
• उद्देश्य:- 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के आवेदकों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना।
• बजट:- ₹20 करोड़ 
• इस योजना के अंतर्गत प्रदेश भर के आवेदकों को ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर लाभ दिया जाएगा।
• योजना के तहत ₹15 लाख तक के लघु वाणिज्यिक वाहन (स्मॉल कमर्शियल व्हीकल) खरीदने पर वाहन की ऑन रोड कीमत का अधिकतम 10% अथवा ₹60 हजार (दोनों में से जो भी कम हो) का अनुदान राज्य सरकार द्वारा तथा समकक्ष/अधिक अनुदान संबंधित वाहन निर्माता कंपनी द्वारा दिया जावेगा।
• पात्रता:- राजस्थान निवासी जिसकी उम्र 18 वर्ष से 45 वर्ष के मध्य हो।
• योजना के लिये तीन वाहन कंपनियों-टाटा मोटर्स, अशोका लीलैंड और महिंद्रा एंड महिंद्रा को पात्र बनाया गया है।

डॉ. भीमराव अंबडेकर राजस्थान दलित, आदिवासी उद्यम प्रोत्साहन योजना-2022
• 8 सितंबर 2022 को अधिसूचित 
• उद्देश्य:- राज्य के गैर-कृषि क्षेत्रों (विनिर्माण, सेवा एवं व्यापार) के विकास में SC-ST वर्गों की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करना।
• इस योजना के तहत ब्याज अनुदान:-
1. ₹25 लाख तक के ऋण पर 9%, 
2. ₹5 करोड़ तक के ऋण पर 7% 
3. ₹10 करोड़ तक के ऋण पर 6%  
 प्रोजेक्ट लागत का 25% अथवा ₹25 लाख तक की मार्जिन मनी अनुदान राशि देय होगी।
• योजना के अंतर्गत दलित इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) और कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) आदि के सहयोग से दलित एवं आदिवासी युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 
इसके लिए इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना होगी।
• योजना के तहत दलित एवं आदिवासी वर्ग के उद्यमियों द्वारा लगाई जाने वाली इकाइयों के राज्य वस्तु एवं सेवा कर (SGST) का 7 वर्ष तक के लिए 100% पुनर्भरण  किया जाएगा।

मुख्यमंत्री युवा उद्यम प्रोत्साहन योजना:-
• 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक लागू। (बाद में 31 जुलाई 2024 तक बढ़ाया गया)
• राज्य के 18 से 35 वर्ष तक की आयु वर्ग के न्यूनतम स्नातक शिक्षित युवा उद्यमियों को अपना नवीन उद्यम (विनिर्माण, सेवा व व्यापार) प्रारंभ करने के लिए बैंक द्वारा ऋण।
इस योजना के तहत 5 वर्ष तक ब्याज अनुदान:-
1. ₹25 लाख तक के ऋण पर 8%, 
2. ₹1 करोड़ तक के ऋण पर 6% 
• ब्याज अनुदान के अतिरिक्त योजना में पुरुष उद्यमियों को 10% वह महिला उद्यमियों को 15% एकमुश्त मार्जिन मनी अनुदान भी 5 लाख तक देय है। 

राजस्थान की औद्योगिक नीतियां:-
राजस्थान में अभी तक 7 औद्योगिक नीति जारी की जा चुकी हैं -
1 जुलाई 2019 को राजस्थान की नई औद्योगिक विकास नीति 2019 जारी की गई। (7वीं)
पहली औद्योगिक विकास नीति:- 1978

उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग राज्यों के लिए ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग जारी करता है।

कार्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) राजस्थान:-
• कंपनी एक्ट 2013 की धारा 135 के तहत ऐसी कंपनी जिसका वार्षिक शुद्ध लाभ 5 करोड़ या कुल नेटवर्थ 50 करोड़ अथवा टर्नओवर 1,000 करोड़ रुपए हो अपने पिछले 3 वर्ष के कुल लाभ के औसत का 2% CSR  गतिविधियों में खर्च करेंगी।
• 6 नवंबर 2019 को CSR प्राधिकरण का गठन किया गया।

राजस्थान में निवेश प्रोत्साहन से संबंधित संगठन:-

1. निवेश संवर्द्धन ब्यूरो (BIP)
BIP - bureau of investment promotion.
• स्थापना - 1991
• उद्देश्य:- बड़े उद्योगों की स्थापना हेतु निवेश को प्रोत्साहित करना।
• अध्यक्ष - मुख्य सचिव***
• घरेलू एवं विदेशी निवेश को आकर्षित करती है।
• BIP केवल बड़े निवेश प्रस्तावों पर कार्य करती है। (10 करोड़ से अधिक के)

• सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम:- 
BIP द्वारा शुरू।
16 विभागों की 135 सेवाएं एक ही स्थान पर प्रदान की जा रही है।
उद्देश्य:- बड़े उद्योगों को समयबद्ध तरीके से लाइसेंस, अनुमति व अनुमोदन दिलाना।

• वन स्टॉप शॉप सिस्टम:-
16 सितंबर 2020 को अधिसूचना जारी।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक निवेश बोर्ड का गठन किया गया है।
मौजूदा सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम को और अधिक सुदृढ़ करने एवं वृहद निवेश प्रस्ताव को अधिक प्रभावी रूप से अनुमोदन प्रदान करने हेतु शुरू। 
इसके तहत क्लीयरेंस प्रदान करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल 'राज निवेश पोर्टल' कार्यरत है। 

नोट:- BIP मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित निवेश बोर्ड (बोर्ड का इन्वेस्टमेंट) और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित स्टेट एंपावर्ड कमेटी के लिए सचिवालय के रूप में कार्य करता है।

2. राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (RIICO):-
Rajasthan State Industrial development and investment corporation limited.
• औद्योगिक विकास हेतु शीर्ष संस्था।
• स्थापना:- 1980
• कार्य:- तीव्र औद्योगिक विकास करना, लघु एवं मध्यम ऋण, तकनीकी सलाह, मर्चेंट बैंकिंग का कार्य।

रीको द्वारा निम्नलिखित का विकास किया गया है -
• वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान रीको द्वारा राज्य में 10 औद्योगिक क्षेत्र:- 
ओसियां (जोधपुर), उमरिया (झालावाड़), राजास (नागौर), कुंजबिहारीपुरा (जयपुर), माल की टूस (उदयपुर), मालवा का चौरा (उदयपुर), नैनवा (बूंदी), वरकाना (पाली), नाडोल (पाली), धर्मपुरा (बाड़मेर) को विकसित किया गया है।

वित्तीय सहायता:- रीको राजस्थान में औद्योगिक विकास हेतु उद्योगों एवं औद्योगिक विकास की अन्य परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

रीको द्वारा विकसित विशेष जोन/पार्क:-

• चार एग्रो फूड पार्क:- बोरानाडा (जोधपुर), कोटा, अलवर, श्रीगंगानगर (BKASG)

 कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र (AFPA) - तिंवरी (जोधपुर) [Trick - कृषि क्रांति]

• जापानी पार्क:-
नीमराना (अलवर)
घिलोठ (अलवर) 
• विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ):-
रीको द्वारा राजस्थान में 2 सेज (वर्तमान में बहुउत्पाद सेज) संचालित है।
जेम्स एंड ज्वेलरी I&II - सीतापुरा (जयपुर)
• महिंद्रा वर्ल्ड सिटी (बहुउत्पाद सेज):- जयपुर

मेड टेक मेडिकल डिवाइसेज पार्क:- बोरानाडा (जोधपुर)

इंटीग्रेटेड रिसोर्स रिकवरी पार्क:-
रीको ने प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए जयपुर के जमवारामगढ़ ,थौलाई औद्योगिक क्षेत्र में विकसित किया है। 

स्पोर्ट्स गुड्स एवं टॉयज जोन:- औद्योगिक क्षेत्र खुशखेडा-भिवाड़ी-II में।

सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र (जयपुर) में जेम्स बोर्न की स्थापना की जा रही है।

इंडिया स्टोनमार्ट 2024 (12वां संस्करण)
• 1-4 फरवरी  2024 को जेईसीसी, सीतापुरा, जयपुर में आयोजित।
• आयोजन:- सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ स्टोंस (सीडॉस) द्वारा फिक्की के साथ राज्य सरकार एवं रीको के सहयोग से।

माइक्रो स्मॉल एंटरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम योजनाएं:- लघु उद्योगों के विकास के लिए ग्रामीण तथा विकसित क्षेत्रों में एकीकृत संरचना प्रदान करने के लिए माइक्रो स्मॉल एंटरप्राइजेज क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम योजनाए प्रारंभ की गई है।

3. राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड (Rajsico):-
Rajasthan Small Industries Corporation Limited 
• स्थापना:- 3 जून 1961
• 1 फरवरी 1975 को राजसिको को पब्लिक लिमिटेड कंपनी का दर्जा दिया गया। (REET Mains L1 2022)
• कार्य:- यह लघु उद्योगों एवं कारीगरों के लिए कार्य करता है।
लघु इकाईयों को कच्चा माल, साख (Credit), तकनीकी सलाह, उद्यमियों को प्रशिक्षण तथा वस्तुओं के विपणन (Marketing) की सुविधा प्रदान करना।
प्रदर्शनी, सेमिनार तथा व्यापार मेलों का आयोजन करना।
• हस्तशिल्प वस्तुओं का जयपुर, उदयपुर, दिल्ली एवं कोलकाता में स्थित 'राजस्थली' नामक विक्रय केंद्रों के माध्यम से विपणन (Marketing) करता है।
• आयात-निर्यात के लिए राजसिको द्वारा जयपुर, जोधपुर, भीलवाड़ा शुष्क बंदरगाह (इनलैण्ड कंटेनर डिपो) बनाए गए हैं।
• हवाई मार्ग से आयात-निर्यात के लिए सांगानेर एयरपोर्ट, जयपुर पर एयर कार्गो कॉम्पलेक्स बनाया गया है।

राजस्थान हस्तशिल्प नीति 2022
• 17 सितंबर 2022 को उद्योग मंत्री शकुंतला रावत द्वारा राजस्थान की प्रथम हस्तशिल्प नीति जारी की गई।
• मार्च 2026 तक लागू रहेगी।
• उद्देश्य:- विलुप्त होती परंपरागत हस्तकलाओं को पुनर्जीवित करना।
• आगामी 5 वर्षों में 50,000 से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाएं जाएंगे।

4. राजस्थान वित्त निगम (RFC):-
Rajasthan Financial Corporation.
• स्थापना:- 1955
• उद्देश्य:- नए उद्योगों को स्थापित करना व पुराने उद्योगों का विस्तार करना।
• इसके द्वारा 20 करोड़ तक के ऋण प्रदान किए जाते हैं। (नोट:- BIP ऋण नहीं देता)
RFC द्वारा संचालित कुछ योजनाएं:-
• सरल योजना • गोल्ड कार्ड योजना
• प्लेटिनम कार्ड योजना • फ्लेक्सी ऋण योजना 
• एकल खिड़की योजना • सेवा क्षेत्र हेतु योजना 
• स्विच ओवर ऋण योजना 
• युवा उद्यमिता प्रोत्साहन योजना (YUPY):-
2013-14 में शुरू।
युवाओं (अधिकतम 45 वर्ष की आयु) को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना।
राज्य सरकार द्वारा ₹1.5 करोड़ तक के ऋण पर 6% ब्याज अनुदान दिया जा रहा है।
सरकार ने 1,000 औद्योगिक इकाइयों को वित्तीय सहायता का लक्ष्य निर्धारित किया है।

दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DMIC):-
• उद्देश्य:- नए औद्योगिक शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना तथा बुनियादी ढांचे का निर्माण करना। (रेल व सड़क मार्ग)
• इसमें 6 राज्य तथा 1 केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली शामिल है। (उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र)
• दादरी (यूपी) से जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह (मुंबई) के बीच इस डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है।
• कुल लंबाई:- 1,504 किमी
• फ्रेट कॉरिडोर के दोनों तरफ 150 किमी क्षेत्र में DMIC का प्रभाव रहेगा।
• इस प्रोजेक्ट का विकास जापान की सहायता से किया जा रहा है।

राजस्थान में:-
• राजस्थान में इसकी लंबाई कुल लंबाई की लगभग   38% है। 
DMIC प्रोजेक्ट राजस्थान के 22 जिलों तथा 60% क्षेत्र को प्रभावित करता है।
• इसके तहत राजस्थान में 5 नोड बनाए जा रहे हैं।
प्रथम चरण -
1. खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र
2. जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र
इन दोनों के विकास हेतु 15 मार्च 2022 को राजस्थान इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन (RIDCO) की स्थापना की गई।
दूसरा चरण -
3. अजमेर-किशनगढ़ निवेश क्षेत्र
4. जयपुर-दौसा औद्योगिक क्षेत्र
5. राजसमंद-भीलवाड़ा औद्योगिक क्षेत्र

खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र (Investment Region):-
• 165 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल।
• अलवर के 43 गांव शामिल।

जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र (Industrial Area):-
• 154 वर्ग किमी क्षेत्र शामिल।
• 9 गांव शामिल।
• 12 अक्टूबर 2020 को विशेष निवेश क्षेत्र (SIR - Special Investment Region) घोषित किया गया।

राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र अधिनियम:-
• 26 अप्रैल 2016 को अधिसूचित।
• राजस्थान विशेष निवेश क्षेत्र बोर्ड का गठन किया गया।
• 'भिवाड़ी इंटीग्रेटेड टाउनशिप' (BIT) को पहला विशेष निवेश क्षेत्र (SIR) घोषित किया गया। 
BIT में अलवर जिले के 363 गांव शामिल है।
• दूसरा SIR - जोधपुर-पाली-मारवाड़ औद्योगिक क्षेत्र।

राजस्थान में खनन

• राजस्थान को खनिजों का अजायबघर कहा जाता है।
यहां 81 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं, इनमें से 58 प्रकार के खनिजों का खनन किया जा रहा है।

• खनन की अनुमति ई-नीलामी द्वारा दी जाती है।

राजस्थान की खनिज उत्पादन में स्थिति:-

एकमात्र उत्पादक (Sole Producer)
• सीसा • जस्ता • सेलेनाईट • वॉलेस्टोनाईट

Trick - सीसा जैसी वॉल

लगभग पूरा उत्पादन (90-95%)
• चांदी  • केल्साइट • जिप्सम

उत्पादन में अच्छी स्थिति (Prominent Position)
• मार्बल 
• सेंड स्टोन
• ग्रेनाइट
प्रमुख उत्पादक (Leading Producer)
अर्थात निम्नलिखित का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता है -
• बॉल क्ले Ball Clay
• फॉस्फोराइट Phosphorite
• हरमच/गेरु Ochre 
Trick - बी पी 0
• फेल्सपार Felspar
• फायर क्ले Fire Clay
Trick - फेल होने के बाद फायर
• स्टेटाइट Steatite
• सीमेंट ग्रेड व स्टील ग्रेड लाइमस्टोन 

राजस्थान राज्य खनिज अन्वेषण न्यास:- जयपुर 

राजस्थान राज्य खनिज लिमिटेड (RSML):-
• स्थापना - 30 अक्टूबर 1974
• राज्य सरकार का उपक्रम (PSU)
• उद्देश्य:- 
खनिजों का वैज्ञानिक रूप से अन्वेषण/उत्खनन करना।
खनिज विपणन (Marketing) का कार्य।
लागत प्रभावी (Cost effective) तकनीक का प्रयोग करना।
खनन क्षेत्रों के निकट स्थान का विकास करना।
• चार केंद्र:-
1. रॉक फास्फेट - झामरकोटडा (उदयपुर)
2. जिप्सम - बीकानेर
3. लाइमस्टोन (चूना पत्थर) - जोधपुर
4. लिग्नाईट - जयपुर

डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाऊंडेशन ट्रस्ट (DMFT):-
• भारत सरकार द्वारा 2015 में स्थापित।
• खनन कार्यों से प्रभावित जिलों के विकास हेतु।
• राज्य सरकार द्वारा 31 मई 2016 को डीएफएमटी नियम 2016 अधिनियमित किया गया।

मैन्युफैक्चर्ड सैंड नीति 2020
• 25 जनवरी 2021 को जारी।
• मैन्युफैक्चर्ड सैंड का निर्माण - ग्रेनाइट से
• मैन्युफैक्चर्ड सैंड:- यह बजरी का विकल्प है, जिसके उपयोग से नदियों से निकलने वाली बजरी पर हमारी निर्भरता खत्म होगी और साथ ही प्रदेश के खनन क्षेत्रों में खानों से निकलने वाले वेस्ट (कचरे) की समस्या का भी समाधान होगा और बड़ी संख्या में एम-सैंड इकाइयां लगने से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

तेल एवं प्राकृतिक गैस (Oil and natural gas)
• अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। 
भारत में विश्व का लगभग 5.3% कच्चा तेल खपत होता है। 
अमेरिका> चीन > भारत

• भारत कुल घरेलू खपत का 12.6% तेल उत्पादित जबकि शेष 87.4% आयात करता है।
• भारत के कुल कच्चे तेल उत्पादन 30 MMTPA (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) में राजस्थान का योगदान 4.39 MMTPA (14.95%) है।
• बॉम्बे हाई (40%) के बाद राजस्थान दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है।

• राजस्थान में हाइड्रोकार्बन का उत्पादन 4 बेसिन से किया जाता है, जो कि राज्य के 1.5 लाख वर्ग किमी क्षेत्र (14 जिलों) में विस्तृत है -

1. जैसलमेर बेसिन (1 जिला)
• प्राकृतिक गैस का सर्वाधिक उत्पादन।
• प्राकृतिक गैस उत्पादन की शुरुआत - 1994
• कंपनी:- फोकस एनर्जी, ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL)
• प्रमुख क्षेत्र:- बाघेवाला, साधेवाला, तनोट, चिन्नेवाला, गमानेवाला, बकरीवाला, घोटारू
• बाघेवाला से भारी तेल का उत्पादन भी किया जाता है।
बाघेवाला क्षेत्र से 2023-24 के दोरान लगभग 1,66,936 बैरल कच्चे तेल का दोहन किया गया है। 
वर्तमान में 570 बैरल प्रतिदिन भारी तेल का उत्पादन किया जा रहा है।

2. बाड़मेर-सांचोर बेसिन (2 जिला)
• तेल का सर्वाधिक उत्पादन।
• यहां 182 मिलियन बैरल तेल के भंडार मिले है।
• 38 तेल क्षेत्र मिलें हैं, परंतु उत्पादन 16 क्षेत्रों से किया जा रहा है। 79000-81000 बैरल खनिज तेल का प्रतिदिन उत्पादन किया जा रहा है।
• प्रमुख तेल कुएं:- मंगला, शक्ति, भाग्यम, ऐश्वर्या, बायतु, गुडामालानी, शहीद तुकाराम, सरस्वती, कामेश्वरी, रागेश्वरी।
• सर्वप्रथम 29 अगस्त 2009 को मंगला तेल क्षेत्र से खनिज तेल का व्यवसायिक उत्पादन शुरू हुआ।

नोट:- यहां से गैस उत्पादन भी किया जा रहा है।
• कंपनियां:- केयर्न इंडिया लिमिटेड, फोकस एनर्जी, ONGC, OIL

3. बीकानेर-नागौर बेसिन (5 जिलें)
Trick- हजन सिंह चेन्नई वाला + नागौर
हनुमानगढ़, बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू + नागौर
• प्रमुख क्षेत्र - पूनम 

4. विंध्यन बेसिन (6 जिलें)
• हाड़ौती - कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़
 BC - भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़

राजस्थान रिफाइनरी प्रोजेक्ट:-
• क्षमता:- 9 MMTPA
• यह पचपदरा (बालोतरा) में स्थित देश का पहला पेट्रोकेमिकल कॉन्प्लेक्स है जिसकी शुरुआत 16 जनवरी 2018 को की गई।
• हिस्सेदारी:- राज्य सरकार (26%) और HPCL (74%)
• लागत:- ₹72,937 करोड़
• ऋण इक्विटी अनुपात:- 2:1 (2 भाग ऋण लिया जाएगा 1 भाग सरकार लगाएगी)
• यह रिफाइनरी बीएस-6 मानक के उत्पादों का उत्पादन करेगी।

खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड (1955)
• असंगठित क्षेत्र के कारीगरों को रोजगार प्रदान करना।
• उच्च गुणवत्तायुक्त उत्पादों के उत्पादन में सहायता प्रदान करना।
• दस्तकारों को प्रशिक्षण प्रदान करना।
• ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार
इसके द्वारा क्रियान्वित योजनाएं:- 

खादी कामगार आर्थिक प्रोत्साहन योजना
• 13 जुलाई 2022 से लागू।
• लगभग 20,000 खादी कामगारों को लाभान्वित किया जाएगा और इस हेतु ₹18 करोड़ का व्यय अनुमानित है।

प्रधानमंत्री ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम
लघु खादी परियोजना 

छूट:- 2 अक्टूबर  से 30 जनवरी तक खादी उत्पादों पर 50% छूट दी जाती है।

श्रम (Labour)
• 1 जुलाई 2021 से श्रमिकों के लिए राजस्थान सरकार द्वारा न्यूनतम मजदूरी की दरें:-
अकुशल श्रमिक:- ₹259
अर्द्धकुशल श्रमिक:- ₹271
कुशल श्रमिक:- ₹283
उच्च कुशल श्रमिक:- ₹333

भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक कल्याम मण्डल द्वारा निर्माण श्रमिकों हेतु संचालित योजनाएं:-

प्रसूति सहायता योजना:-
• लड़के के जन्म पर ₹20,000
• लड़की के जन्म पर ₹21,000

सिलिकोसिस पीड़ित हिताधिकारियों हेतु सहायता योजना:-
• सिलिकोसिस पीड़ित को ₹3 लाख 
• पीड़ित की मृत्यु पर उसके आश्रित को ₹2 लाख

निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट सहायता योजना:-
औजार /टूलकिट की खरीद पर ₹2000 या वास्तविक लागत, जो भी कम हो के अनुसार सहायता राशि दी जाती है।

निर्माण श्रमिक सुलभ आवास योजना:- 
घर क्रय करने एवं स्वयं के आवास निर्माण हेतु अधिकतम ₹1.50 लाख का अनुदान दिया जाता है।

निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना:-
सामाजिक सुरक्षा हेतु निर्माण श्रमिकों द्वारा जमा कराये गये अंशदान पर बोर्ड द्वारा 50-100% तक सहायता दी जाती है।

शुभ शक्ति योजना:-
पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की वयस्क अविवाहित पुत्रियों को तथा महिला लाभार्थियों को उद्यमिता विकास के माध्यम से आत्म-निर्भरता के द्वारा सशक्तिकरण हेतु ₹55,000 प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

• ब्याज पुनर्भरण योजना:- निर्माण श्रमिकों को व्यवसाय हेतु वित्तीय संस्थाओं द्वारा अधिकतम ₹5 लाख तक के ऋण पर ब्याज का पुनर्भरण, मण्डल करेगा।

• सिविल सेवाओं में Pre पास करने पर प्रोत्साहन योजना:-
निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा सिविल सेवाओं की प्रारंभिक प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
IAS Pre:- ₹1 लाख
RAS Pre:- ₹50,000

• ट्यूशन फीस पुनर्भरण योजना:- 
निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों द्वारा IIT/IIM में प्रवेश पाने पर ट्यूशन फीस का पुनर्भरण मण्डल द्वारा किया जाएगा।

• निर्माण श्रमिक एवं उनके आश्रित बच्चों को अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं हेतु प्रोत्साहन राशि:-
भाग लेने पर:- ₹2 लाख
कांस्य पदक जीतने पर:- ₹5 लाख
रजत पदक जीतने पर:- ₹8 लाख
स्वर्ण पदक जीतने पर:- ₹11 लाख

• निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना:-  निर्माण श्रमिकों के आश्रित बच्चों को कक्षा 6 से उच्चतर अध्ययन हेतु ₹8,000 से ₹25,000 की छात्रवृत्ति दी जाती है एवं मेधावी बच्चों को ₹4,000 से ₹35,000 (पात्रता के अनुसार) प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

ई-श्रम पोर्टल
• 26 अगस्त 2021 को लॉन्च।
• असंगठित श्रमिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने के लिए ई-श्रम पोर्टल विकसित किया गया है जिसे आधार के साथ जोड़ा जाएगा।
उद्देश्य:- असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का एकीकरण।
भविष्य में कोविड-19 जैसे संकट से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को एक व्यापक राष्ट्रीय डेटाबेस प्रदान करना।
• पोर्टल पर पंजीकरण की पात्रता:-
आयु:- 16-59 वर्ष के मध्य।
ESIC या EPFO योजना या NPS का सदस्य नहीं।

रोजगार (Employment)

मुख्यमंत्री युवा संबल योजना (2019)
• 1 जनवरी 2022 से नए दिशा-निर्देशों के साथ लागू।
• पुरुष:- ₹4,000 बेरोजगारी भत्ता।
• महिला, दिव्यांग और ट्रांसजेंडर:- ₹4,500 बेरोजगारी भत्ता।
• बेरोजगारी भत्ता अधिकतम 2 वर्षों अथवा स्व-रोजगार या रोजगार प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, दिया जाता है।
• भत्ता प्राप्त करने के लिए कम से कम 3 महीने का कौशल प्रशिक्षण एवं विभिन्न विभागों में प्रतिदिन 4 घंटे की इंटर्नशिप अनिवार्य रूप से करनी होगी।

मॉडल करियर सेंटर (MCC)
• 16 मॉडल करियर सेंटर शुरू।
• उद्देश्य:- करियर संबंधी परामर्श देना।

राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC):-
• 17 अगस्त 2010 को गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में राजस्थान मिशन ऑन लाइवलिहुड बनाया गया।
आजीविका पर मिशन शुरू करने वाला राजस्थान भारत का पहला राज्य है।
• 2012 में इस मिशन को राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम (RSLDC) के रूप में परिवर्तित कर दिया गया।
RSLDC द्वारा क्रियान्वित योजनाएं:-

(A) राजस्थान सरकार द्वारा पोषित योजनाएं -

रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम:-
इसका नाम बदलकर रोजगार आधारित जन कौशल विकास कार्यक्रम (राजक्विक) कर दिया गया है।
उद्देश्य:- बेरोजगार युवाओं को बाजार मांग के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार के अवसर प्रदान करना।
यह भर्ती-प्रशिक्षण-तैनाती (रिक्रूट-ट्रेन-डिप्लॉय) मॉडल पर आधारित है।

नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम:-
इस योजना का नाम बदलकर इसे दो भागों में बांट दिया गया है -
a. स्वरोजगार आधारित कौशल शिक्षा महाअभियान (सक्षम)
Swarojgar Aadharit Kaushal Shiksha Mahabhiyan (SAKSHM):-
• स्वरोजगार उत्पन्न करना।
• महिला और युवाओं के लिए।
• उपयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा स्वरोजगार के अवसरों से जोड़कर स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन करना।
• प्रशिक्षण - फ्री

b. समर्थ (SAMARTH):-
• सबसे गरीब, वंचित समुदाय, भिखारियों, दलितों, कैदियों को स्वरोजगार की संभावना वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों द्वारा आत्म निर्भर बनाना। ‌

प्रश्न.सक्षम और समर्थ योजनाएं संबंधित है ? - कौशल विकास से।

मुख्यमंत्री युवा कौशल योजना:-
• 7 नवंबर 2019 को शुरू।
• कॉलेज स्तर पर कौशल विकास करना।
• यह एक अंब्रेला योजना है, जिसके तहत राजक्विक, सक्षम, समर्थ तीनों योजनाओं का संचालन किया जा रहा है।
• संचालन:- RSLDC और कॉलेज शिक्षा विभाग।

(B) भारत सरकार द्वारा पोषित योजनाएं -

1. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDU-GKY):- 
• कौशल प्रशिक्षण और नियोजन कार्यक्रम।
• ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा शुरू।
• उद्देश्य:- ग्रामीण गरीब युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके रोजगार उपलब्ध कराना।
• इस योजना का शुभारंभ भारत के प्रथम कौशल विकास केंद्र के रूप में 16 अगस्त 2014 को उदयपुर में किया गया।

2. प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY):-
• कौशल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू।

3. संकल्प योजना:-
Skill Acquisition and Knowledge Awareness for Livelihood Promotion.
• विश्व बैंक द्वारा समर्थित।
• केंद्र (60) : राज्य सरकार (40)
• यह कार्यक्रम कौशल विकास पहलों की गुणवत्ता एवं बाजार प्रासंगिकता में सुधार करेगा तथा कौशल विकास कार्यक्रमों में महिलाओं, SC, ST, दिव्यांग प्रतिभागियों व समाज के अन्य वंचित समूहों की भागीदारी में भी वृद्धि करेगा।

प्रवासन सहायता केन्द्र:-
• RSLDC द्वारा प्रशिक्षित युवाओं को उनके गृह नगर से बाहर प्रवास के दौरान स्वयं की नौकरी बनाये रखने में सहायता करने हेतु 5 प्रवासन सहायता केन्द्र की स्थापना की गई है। 
• इन केन्द्रों के द्वारा प्रशिक्षित युवाओं को 90 दिनों के लिए निःशुल्क आवासीय सुविधा संकल्प प्रोजेक्ट के अन्तर्गत प्रदान की जा रही है।

(C) विशेष योजनाएं:-
• भिक्षुक अभिविन्यास एवं पुनर्वास (भोर) कार्यक्रम-भिक्षुक मुक्त शहर:- RSLDC द्वारा पुलिस आयुक्तालय, जयपुर के समन्वय से रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों के माध्यम से भिक्षुकों के पुनर्वास हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ किये हैं।
योजनान्तर्गत लाभार्थियों को ₹225 प्रतिदिन की दर से वेतन हानि क्षतिपूर्ति का प्रावधान किया गया।
 इंदिरा महिला शक्ति - कौशल समृद्धि योजना (2020-21)

विश्व युवा कौशल दिवस:- 15 जुलाई
पहली बार 15 जुलाई 2015 को मनाया गया।

पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षण हेतु सिंगापुर के सहयोग से उदयपुर में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है।

स्किल आइकॉन ऑफ़ द मंथ:- 
स्किल आइकोन को एक प्रमाण पत्र व ट्रॉफी के साथ 11000₹

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