राजस्थान वन रिपोर्ट 2021
• रिपोर्ट का नाम - भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021• यह रिपोर्ट भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) - देहरादून (1981) द्वारा प्रत्येक 2 वर्ष में तैयार की जाती है।
वनावरण या वन क्षेत्र या Forest cover
वह सभी भूमि जिसका क्षेत्रफल 1 हेक्टेयर से अधिक हो और वृक्ष घनत्व 10 % से अधिक हो वनावरण कहलाता है। भूमि का स्वामित्व व कानूनी दर्जा इसे प्रभावित नहीं करता है। यह आवश्यक नहीं है कि इस प्रकार की भूमि अभिलेखित वन में सम्मिलित हो।
वृक्षावरण या वृक्षों से आच्छादित क्षेत्र या Tree cover
इसमें अभिलेखित वन क्षेत्र के बाहर 1 हेक्टेयर से कम आकार के वृक्ष खंड आते हैं।
वृक्ष आवरण में सभी प्रकार के वृक्ष आते हैं, जिनमें छितरे हुए वृक्ष भी सम्मिलित हैं।
राजस्थान में वन
• राज्य में वनों एवं वृक्षों से आच्छादित कुल क्षेत्रफल 25,388 वर्ग किमी है जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 7.4% है।
वनावरण Forest cover | ||
वृक्षावरण Tree cover | ||
कुल वनावरण एवं वृक्षावरण |
• राजस्थान में कुल वनावरण 16,654.96 वर्ग किमी है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 4.87% है। (16,655 वर्ग किमी)
• राजस्थान में 2019 के आकलन की तुलना में कुल वनावरण में 25.45 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है।
• राजस्थान में कुल वनावरण 8,733 वर्ग किमी है, जो राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.56% है।
• राज्य के 19 जिलों में वनों में वृद्धि हुई है, जबकि 14 जिलों में कमी हुई है।
• राज्य में गैर वन क्षेत्र (Non Forest Area) राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 93.72% है।
वनावरण क्षेत्र 4.87%
झाड़ी क्षेत्र 1.41%
नॉन फॉरेस्ट एरिया 93.72%
राज्य में घनत्व के आधार पर वनों की स्थिति:-
अति सघन वन (VDF)
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78.15 वर्ग किमी
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0.02%
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मध्यम सघन वन (MDF)
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4,368.65 वर्ग किमी
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1.28%
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खुले वन (OF)
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12,208.16 वर्ग किमी
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3.57%
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कुल वनावरण
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16,654.96 वर्ग किमी
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4.87%
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कुल झाड़ी क्षेत्र (Scrub)
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4,808.51वर्ग किमी
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1.41%
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अति सघन वन में परिवर्तन नहीं हुआ है, मध्यम सघन वन में 27 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है तथा खुले वनों में 2 वर्ग किमी की कमी हुई है।
राज्य के कुल वन क्षेत्र में सर्वाधिक एवं न्यूनतम वन क्षेत्र वाले जिले:-
जिलों के भौगोलिक क्षेत्रफल के प्रतिशत के अनुसार सर्वाधिक एवं न्यूनतम वन क्षेत्र वाले जिले:-
वन स्थिति रिपोर्ट 2019 की तुलना में वनावरण क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि एवं सर्वाधिक कमी वाले जिले:-
2753.39 वर्ग किमी | 77.69 वर्ग किमी | ||
1195.91 वर्ग किमी | |||
1033.77 वर्ग किमी | 109.25 वर्ग किमी | ||
जिलों के भौगोलिक क्षेत्रफल के प्रतिशत के अनुसार सर्वाधिक एवं न्यूनतम वन क्षेत्र वाले जिले:-
वन स्थिति रिपोर्ट 2019 की तुलना में वनावरण क्षेत्र में सर्वाधिक वृद्धि एवं सर्वाधिक कमी वाले जिले:-
सर्वाधिक एवं न्यूनतम झाड़ी क्षेत्र वाले जिले:-
बांस संसाधन:-
• राजस्थान में 1555 वर्ग किमी बांस क्षेत्र है, जो देश के बांस क्षेत्र का 1.04% है।
• राज्य में बांस कल्म की संख्या:- 382 मिलियन।
कार्बन स्टॉक:-
• राजस्थान में कुल कार्बन स्टॉक 110.77 मिलियन है, जो देश के कुल कार्बन स्टॉक का 1.54% है।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:-
राजस्थान में शिकार एक्ट घोषित करने वाली प्रथम रियासत - टोंक (1901)
• स्वतंत्रता से पूर्व राजस्थान में पेड़ों की कटाई पर प्रतिबंध हेतु 1910 में जोधपुर रियासत में वन संरक्षण योजना लागू की गई।
• राजस्थान में 1949-50 में वन विभाग की स्थापना की गई। इसका मुख्यालय जयपुर में है।
• राजस्थान में 1949-50 में वन विभाग की स्थापना की गई। इसका मुख्यालय जयपुर में है।
• राजस्थान में सर्वप्रथम अलवर रियासत ने वन अधिनियम 1935 बनाया था। जिसे आजादी के बाद 1953 में पारित कर राजस्थान वन अधिनियम बनाया गया।
• 42वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा वनों को समवर्ती सूची में शामिल किया गया। इससे पहले वन राज्य सूची का विषय था।
• 42वें संविधान संशोधन 1976 के द्वारा वनों को समवर्ती सूची में शामिल किया गया। इससे पहले वन राज्य सूची का विषय था।
खेजड़ी (प्रोसेपिस सिनैरेरिया)
• 1983 में इसे राज्य वृक्ष घोषित किया गया।• खेजड़ी का वैदिक नाम शमी है तथा इसे राजस्थानी भाषा में जांटी कहते हैं।
• विजयादशमी के दिन खेजड़ी के वृक्ष की पूजा की जाती है।
• दीर्घायु वनस्पति होने के कारण इसे राजस्थान का कल्पवृक्ष भी कहते हैं।
• खेजड़ी की फली को सांगरी तथा पत्तियों को लूम कहते हैं।
• राजस्थान में सर्वाधिक खेजड़ी वृक्ष की अधिकता जोधपुर जिले में है।
खेजड़ली बलिदान
1730 में जोधपुर रियासत के खेजड़ली गांव में अमृता देवी के नेतृत्व में विश्नोई समाज के 363 व्यक्तियों ने खेजड़ी वृक्षों की रक्षा में प्राणोत्सर्ग किया। इस समय जोधपुर के राजा अभयसिंह थे।
इस घटना की याद में खेजड़ली गांव में भाद्रपद शुक्ल दशमी को मेला लगता है।
पंचकूटा:- कैर, कुमटिया, गोंदा, सांगरी, लाल मिर्च।
रोहिड़ा (टिकोमेला अण्डुलेटा)
• 1983 में इसे राज्य पुष्प का दर्जा दिया गया।• रोहिडा को मरुस्थल का सागवान, मरू शोभा, मारवाड़ का टीक भी कहते हैं।
• इस पर केसरिया रंग के फूल आते हैं।
राजस्थान में सर्वाधिक वन किस जिले में है ? - उदयपुर।
राजस्थान में न्यूनतम वन किस जिले में है ? - चुरू।
किसी भी प्रकार की अपडेट के लिए वेबसाइट DevEduNotes.com देखें।
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