आरबीआई का राहत पैकेज मार्च 2020
25- 27 मार्च के बीच बुलाई गई RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा समिति (एमपीसी) की बैठक में निम्न निर्णय लिए गए -1. रेपो रेट को 5.15 % से घटाकर 4.40% किया गया है, जो कि RBI के इतिहास की सबसे कम रेपो रेट है।
इससे पहले वर्ष 2009 में वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान सबसे कम रेपो रेट 4.75 % रखी गई।
रेपो रेट क्या है ?
RBI जिस दर पर बैंकों को अल्पकालीन ऋण /उधार देती है, वह दर रेपो रेट कहलाती है।
रेपो रेट कम करने से बैंकों को पूंजी सस्ती मिलती है, जिससे वे ग्राहकों को भी सस्ती दरों पर ऋण दे पाते हैं अर्थात रेपो रेट कम करने से ऑटो लोन, होम लोन सस्ते हो जाते हैं और बाजार में तरलता बढ़ती है।
2. रिवर्स रेपो रेट को 4.90% से घटाकर 4% किया गया है।
रिवर्स रेपो रेट क्या है ?
जिस दर पर बैंक, RBI को उधार /ऋण देते हैं।
अथवा बैंक आरबीआई में जब अपने पैसे रखते हैं तो उस पर उन्हें जो ब्याज मिलता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है।
रिवर्स रेपो रेट कम होने पर बैंक RBI को ऋण ना देकर ग्राहकों को ऋण देते हैं, जिससे बाजार में तरलता बढ़ती है।
3. कैश रिजर्व रेशियो को 4% से घटाकर 3% किया गया है।
इससे बाजार में 1.37लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त उपलब्ध होंगे।
Cash Reserve Ratio पर RBI किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं देती है।
4. मोरटोरियम
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर TERM LOAN के अंतर्गत EMI जमा कराने में तीन महाने की छूट प्रदान की गई है।
इन तीन महीनों के दौरान नहीं होने वाले भुगतान से बैंक के वित्तीय प्रदर्शन (NPA) और ग्राहकों की क्रेडिट रेटिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
ये सभी निर्णय 25- 27 मार्च के बीच बुलाई गई RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा समिति (एमपीसी) की बैठक में लिए गए।
प्रभाव
1. कोरोना के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
2. बाजार में तरलता बढ़ेगी।
मौद्रिक नीति समीक्षा समिति (MPC)
कुल सदस्य = 6 (अध्यक्ष सहित)
अध्यक्ष = RBI का गवर्नर
बैठक प्रति = 2 माह में।
मौद्रिक नीति समीक्षा समिति (एमपीसी) का गठन किस समिति की सिफारिश पर किया गया - उर्जित पटेल
एलटीआरओ क्या है ?
यह आर्थिक मंदी से उबारने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा अपनाया जाने वाला उपकरण है, जिसके तहत बैंकों को 1 से 3 साल के लिए प्रभावी रेपो रेट पर धन उपलब्ध करवाया जाता है।
LTRO = Long Term Repo Operation.
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