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भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक । Famous Indian Scientist

Famous Indian Scientist


भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक

 सुश्रुत:- 
सुश्रुत संहिता (Book)
• सर्वप्रथम शल्य चिकित्सा का परिष्कृत ज्ञान दिया।
• शल्य चिकित्सा के 101 यंत्रों का ज्ञान कराया।
• अपूति (Asepsis) दोष का विचार किया।
• ऑपरेशन से पहले उपकरणों को गर्म करना चाहिए।
• रक्त का थक्का जमने से रोकने के लिए विषहीन जोंकों का इस्तेमाल किया।
• प्लास्टिक सर्जरी का पिता कहते हैं।

कणाद:- परमाणुवाद का सिद्धांत दिया।
बौधायन:- पाइथोगोरस प्रमेय।
ब्रह्मगुप्त:- खगोलशास्त्री एवं गणितज्ञ।
• Book - ब्रह्मस्फूट सिद्धांत & खण्डनखाद्य।
भास्कर I :-त्रिकोणमिति सूत्रों पर काम।
भास्कराचार्य (भास्कर II):- बीजगणित पर काम।
• Book - सिद्धांत शिरोमणि।
 चरक:- अर्थ - चलना।
• चरक संहिता (आयुर्वेद की जानकारी)
• सर्वप्रथम पाचन,उपापचय और शरीर की प्रतिरक्षा की अवधारणा दी।
• शरीर में तीन दोष होते है - पित्त, कफ एवं वायु। 
इनमें असंतुलन होने पर बीमारी होती है।
• बच्चों में आनुवांशिक दोषों (लंगडापन व अंधापन) का कारण मां या पिता में किसी अभाव या त्रुटि को बताया।
• हृदय को शरीर का नियंत्रण केंद्र बताया।
• Doctor और Medical Science के छात्रों के लिए दिशा-निर्देश दिए - रोगियों से किसी दशा में शत्रुता नहीं रखनी चाहिए। रोगी की घर की बातों को बाहर नहीं बताना चाहिए।
 आर्यभट्ट:-
• आर्यभट्ट प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने कहा कि पृथ्वी गोल है तथा अपनी धुरी पर घूमती है, जिससे दिन एवं रात उत्पन्न होते हैं। 
• चंद्रमा और पृथ्वी की परछाई पड़ने से ग्रहण होता है। 
• ग्रहों की अनियमित गति को समझाने के लिए उन्होंने अधिचक्र सिद्धांत का उपयोग किया।
• π (पाई) का सन्निकट मान 3.1416 बताया।
• तीन ग्रंथ:- दशगीतिका,आर्यभट्टीय तथा तंत्र।
• भारत का प्रथम उपग्रह - आर्यभट्ट
 वराहमिहिर:- मिहिर का अर्थ - सूर्य।
• खगोल विज्ञान एवं ज्योतिष के ज्ञाता।
• ये प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने कहा कि कोई ऐसी शक्ति है जो वस्तुओं को जमीन से बांधे रखती है। (गुरूत्वाकर्षण)
• मिट्टी को उपजाऊ बनाने, खाद बनाने, फल-फूलों की अधिक उपज प्राप्त करने तथा उन्नत बीज उत्पन्न करने की विधियों का उल्लेख किया।

सर सीवी रमन
• सीवी रमन ने रमन प्रभाव की खोज की‌।
• रमन प्रभाव (रमन प्रकीर्णन):-जब प्रकाश किसी पारदर्शी माध्यम से गुजरता है, तो प्रकीर्णन के कारण उसकी आवृत्ति में परिवर्तन आ जाता है।
आवृत्ति में होने वाले अति सूक्ष्म परिवर्तनों से माध्यम की आंतरिक अणु संरचना का पता लगाया जा सकता है।
• 1930 ई में उन्हें भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला।
• विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले वे पहले एशियाई और पहले गैर-श्वेत थे।
• 1954 में भारत रत्न तथा वैज्ञानिक शांतिपूर्ण कार्यों के लिए लेनिन शांति पुरस्कार से सम्मानित।
• रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में 28 फरवरी को विज्ञान दिवस मनाया जाता है।

डॉ होमी जहांगीर भाभा:-
• कॉस्मिक किरणों व परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में विशेष अनुसंधान किए।
• नाभिक में उपस्थित मेसॉन कणों की खोज की।
• 1948 में परमाणु शक्ति आयोग के अध्यक्ष बने।
• इन्हें भारत के नाभिकीय कार्यक्रम का जनक कहा जाता है।
• इनके निर्देशन में अप्सरा, सायरस व जरलीना रिएक्टर की स्थापना की गई।
• 1963 में देश के पहले परमाणु बिजलीघर का निर्माण तारापुर में शुरू हुआ।
• उनके नाम पर भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर (BARC) स्थापित है।
• भाभा के अनुसार कॉस्मिक किरण वे सूक्ष्म कण है, जो बाहरी अंतरिक्ष से वायुमंडल में आते हैं तथा वायु कणों से क्रिया करके इलेक्ट्रॉन के समान कणों का फव्वारा उत्पन्न करते हैं।

डॉ प्रफुल्ल चंद्र राय:-
• 1892 ईस्वी में बंगाल केमिकल एंड फार्मास्यूटिकल वर्क्स का कार्य आरंभ किया। यह भारत की पहली दवा कंपनी थी।
• मेघनाद साहा और शांति स्वरूप भटनागर जैसे सुप्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक इनके छात्र रहे।

डॉ पंचानन माहेश्वरी (1904-1966):-
• जन्म - जयपुर   • वनस्पति विज्ञानी थे।
• डॉ माहेश्वरी ने पादप भ्रूण विज्ञान पर विशेष कार्य किया।
• फूलों के विभिन्न भागों की कृत्रिम पोषण द्वारा वृद्धि कराने में सफलता प्राप्त की।
• टिशु कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना तथा टेस्ट ट्यूब कल्चर पर शोध के लिए लंदन की रॉयल सोसाइटी ने इन्हें अपना फेलो बनाकर सम्मानित किया।

डॉ सलीम अली:- (Birdman of India)
• भारत के पहले व्यक्ति जिन्होंने व्यवस्थित रूप से पक्षियों का सर्वे किया।
• भरतपुर पक्षी अभयारण्य (केवलादेव नेशनल पार्क) के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
• पीले गले की गौरेया की पहचान की।
• आत्मकथा - The fall of a Sparrow.
• 1990 में भारत सरकार ने कोयंबटूर में सलीम अली सेंटर फॉर आर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री (SACON) की स्थापना की।

विक्रम साराभाई (1919):-
• कॉस्मिक किरणों पर उनके अनुसंधान के लिए कैंब्रिज विश्वविद्यालय ने 1947 में उन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान की।
• अंतरिक्ष किरणों और बाह्य अंतरिक्ष किरणों के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना की।
(गुलमर्ग, तिरुअनंतपुरम तथा कोडाईकनाल में भी प्रयोगशाला स्थापित की।)
• भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की स्थापना में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी। इसलिए इन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का जनक कहा जाता है।
• उन्होंने प्रथम भारतीय उपग्रह आर्यभट्ट के निर्माण एवं प्रक्षेपण की परियोजना की शुरुआत की।
• 1975-76 में सेटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीविजन एक्सपेरिमेंट (SITE) कार्यक्रम, जिसका लक्ष्य 2400 भारतीय गांवों तक शिक्षा पहुंचाना था, का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। (50 लाख लोगों को शिक्षा मिली)
• उन्होंने कपड़ा उद्योग के आधुनिकीकरण हेतु भारतीय प्रबंध संस्थान(IIM), अहमदाबाद की स्थापना की।
• बच्चों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए अहमदाबाद में सामुदायिक विज्ञान केंद्र की स्थापना की।
• 31 दिसंबर 1971 को मात्र 52 वर्ष की अल्पायु में उनका देहांत हो गया।
• विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) का नामकरण उनके सम्मान में किया गया है।
• अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ ने उनके सम्मान में चंद्रमा में एक क्रेटर का नाम इनके नाम पर रखा।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम (1931):-
• कलाम को थुम्बा स्थित उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV = Satellite Launching Vehicle ) परियोजना का निदेशक बनाया गया। जहां उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान SLV-3 के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे1980 में रोहिणी उपग्रह सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था।
• 1983 में शुरू किए गए इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के तहत कलाम के नेतृत्व में स्वदेशी तकनीक पर आधारित पांच मिसाइलों: पृथ्वी, नाग, त्रिशूल, आकाश एवं अग्नि के सफल परीक्षण किए गए।
आज इन मिसाइलों के कारण भारतीय सेना का आत्मविश्वास बढ़ा है। (मिसाइल मैन ऑफ इंडिया)
• उनकी देखरेख में 1998 पोकरण में भारत ने अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया। इस परीक्षण के पश्चात भारत परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रो की सूची में शामिल हो गया।
• जुलाई 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे।

अन्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक:-

सत्येंद्र नाथ बोस:- बोस आइंस्टीन थ्योरी दी।
राजा रमन्ना:- भारत में परमाणु बम का जनक।
अनिल काकोदकर:- भारत में हाइड्रोजन बम का जनक। 

अपडेट जारी...

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